Ep 1 - Kidnap 

 

खुद से उलझी हुई, खुद से ही अनजान हु मैं!

गलतफहमी हैं लोगो की, बहुत समझदार हूँ मैं!

मंजिल का अता -पता नहीं, रास्तो से भटकी हूँ मैं !

बहु सोचते हैं लोग मेरे बारे मे, मगर सबकी सोच से बाहर हूँ मैं !

ज़माने से थी दोस्ती मेरी, लेकिन अब तो अकेली हूँ मैं।

 

उम्मीद टूटने से इंसान भी टूट जाता हैं। कुछ यही हाल है मेरा भी और वो क्यों? ये तो आपको मेरे बारे जानकर ही समझ आएगा। तो चलिए चलते है.... 

मैं हूँ व्योला गोयल। मेरा जन्म उदयपुर राजस्थान में हुआ। मेरा परिवार शहर के अमिर परिवारों में से एक था। और मैं अपने पापा की आँखों का तारा थी। एक दिन अचानक ही मेरे मंगेतर विशाल ने मेरे पिता को फ्रेम कर हमसे हमारा सब कुछ छीन लिया। 


सेंट्रल जेल

उदयपुर राजस्थान

व्योला जेल के बाहर खड़ी थी। ये वही जगह थी जहाँ उसके पापा को रखा गया था। व्योला ने अपना सर उठा कर जेल की गेट को देखा और अंदर चली गयी। अंदर जाते ही उसे सामने जेलर बैठे दिखाई दिया, और उसने अपने सामने बैठे जेलर को देख कर उसे अपने आने की वजह बताई। जिसे सुनकर जेलर उसे एक तरफ बने कमरे में ले गया। जहा उसने देखा की सामने उसके पापा मिस्टर राजेंद्र गोयल बैठे हुए थे। वो जाकर उसके सामने बैठ गयी। जब व्योला ने अपनी नजर उठा कर अपने पापा की तरफ देखा तो एक पल के लिए वो पूरी तरह से शौक हो गयी। उसके पापा के चेहरे पर जगह जगह लाल निशाल थे और कई सिरों पर निल पड़ चूका था। जिसे देख कर व्योला की आंखे भर आयी और भरी आँखों से अपने पिता से कहने लगी "डैड आप मुझपर भरोसा कीजिये। मैं आपके गुनाहगारों को जल्दी ही सब के सामने लाऊंगी और आपको यहाँ से बाहर निकालने का रास्ता भी ढूंढ लुंगी। मैं आपसे वादा करती हूँ। "


उसके पिता ने अपना सर निचे किया और बोले "व्योला मुझे अकेला छोड़ दो। तुम इंडिया छोड़कर अपनी आंटी के पास चली जाओ। यहाँ हमारी सारी कंपनी अब सीज़ कर दी गयी है। और तुम यहाँ नहीं रह सकती हो और तुम अगर यहाँ रही तो तुम खुद के खर्चे नहीं उठा पाओगी। और मुझे अच्छे से पता है की गवर्नमेंट ने हमारे बैंक एकाउंट्स भी सीज़ कर दिये है। और जब तक.....!"

ये सुनकर व्योला चिढ़कर अपने चेयर से उठी और कहने लगी "नो डैड, मैं आपको छोड़कर कर कहीं नहीं जाने वाली । मैं यही उदयपुर में रहूंगी और..... " ऐसा बोलते हुए व्योला ने अपना हाथ टेबल पर रखा और झुककर कहने लगी "कुछ भी हो जाये मैं आपको निर्दोष साबित करके रहूंगी।"


इस वक्त उसकी आँखों में अलग सी चमक थी। वो चलकर टेबल से थोड़ी दूर गयी और कहने लगी "मैं ये केस जरूर जीतूंगी और आपको इस जगह से बाहर निकाल लुंगी वो भी बहुत जल्द। "

ये बोलकर व्योला कमरे से बाहर जाने लगी।


उसे जाते देख मिस्टर गोयल मन ही मन सोचने लगे "बचपन से लेकर अब तक मैंने तुम्हे किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी। तुम्हे बहुत ही प्यार से बड़ा किया है। तुम इस क्रूर दुनिया का अकेले सामना कैसे करेगी? तुम्हे बाहरी दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं पता है।"

यह सोचते ही उनकी आखों में पानी आ गए वो गुस्से से बोले, "जिस तरह से विशाल खुराना ने मेरे साथ धोका किया और मेरे दुश्मनों के साथ मिलकर मुझे आज इस जगह पर लाकर रख दिया है। मैं चाह कर भी तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर सकता।"

उन्होंने व्योला की पीठ को देखा और धीरे से कहने लगे "तुम्हें अब बहुत ज्यादा स्ट्रांग बनना होगा व्योला। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। इस दुनिया में तुम्हे बहुत से लोग मिलेंगे जो सिर्फ तुम्हारा फायदा उठाएंगे, तुम उनसे जरा सम्भलकर रहना। और जब तुम थक जाओ तो अपनी आंटी के पास चली जाना। "

व्योला ने उनकी बातों को सुना और वो तेजी से बाहर निकल गयी। क्योंकि अगर वो एक पल भी वहां रूकती तो वो अपने आंसुओ को बहने से रोक नहीं पाती। व्योला जेल से बाहर निकली और टैक्सी लेकर अपने फ़ेवरेट प्लेस के लिए निकल गयी। जंहा उसे शांति मिलती थी।

कुछ देर बाद


फतेह सागर झील

उदयपुर के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक बहुत ही शानदार झील है। अरावली पहाड़ियों से घिरा यह झील उदयपुर में यह दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। यह झील अपने शांत वातावरण और अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती है। यह एक अद्भुद शांति का एहसास कराती है। जिसकी अभी व्योला को खास जरूरत है। व्योला उस जगह पर बैठ गयी और शांति से नज़ारे का आनंद लेने लगी। वो बस पानी को देखे जा रही थी। कुछ देर बाद उसने अपना फ़ोन लिया और अपने कांटेक्ट लिस्ट में से जानने वालों को कॉल करने लगी। लेकिन किसी ने भी उसका कॉल नहीं उठाया। वो अपने मन में सोचने लगी "मैंने अब तक कितने  लोगो को कॉल करने की कोशिश की लेकिन मेरे किसी दोस्त ने मेरे कॉल आंसर करने की जेहमत नहीं उठाई। जब से उन्हें पता चला है की मेरे डैड जेल में है सभी ने मेरा साथ एक पल में छोड़ दिया। ऐसा लग रहा है की जैसे मैं उन्हें जानती ही नहीं हूँ। "


व्योला ने अपना मोबाइल लिया और अपने डैड के दोस्त प्रदीप सिंघानिया को कॉल करने लगी। जैसे ही दूसरी तरफ से कॉल अटेंड हुआ वैसे ही व्योला ने कहा "हेलो अंकल मैं....... "

वो आगे कुछ कह पाती उससे पहले ही दूसरी तरफ से आवाज आयी, "तुम्हारे कारण अब मेरे पति को कोई भी काम नहीं मिल रहा है और तुम वापस से उन्हें कांटेक्ट करने की कोशिश कर रही हो। दोबारा कभी इस नंबर पर कॉल किया या उनसे मिलने की कोशिश भी की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। "

और कॉल काट दिया गया।

व्योला ने अपने मोबाइल की तरफ देखा और कुछ बून्द आंसू उसके गालों से लुढ़क कर निचे गिर गए। कुछ देर बाद उसने अपने मोबाइल से बाकि लोगो को भी कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन सभी ने उसे एक सिरे से नकार दिया और किसी किसी ने तो उसे ऐसे ट्रीट किया जैसे अब वो कुछ भी नहीं है। कुछ लोगो ने तो उसे अपनी मिस्ट्रेस बनने का ऑफर दिया जिसे सुन कर व्योला ने अपनी मुठ्ठी कस कर भींच ली। वो खुद से कहने लगी "कोई बात नहीं अब मेरे पास सिर्फ यही एक रास्ता बचा हुआ है। "

ये बोलकर उसने अपने पर्स की तरफ देखा और बचे पैसे देखने लगी। उसने देखा अभी उसके पास सिर्फ 2000 ही रह गए थे। वो उठी और अपने होटल के लिए निकल गयी आज उसका आखिरी दिन था उस होटल में क्युकी अब उसके पास बिल्कुल भी पैसे नहीं बचे थे। उसकी गाड़ी एक बड़े से लक्सुरियस होटल के सामने रुकी।

जहाँ बड़े बड़े शब्दों में लिखा हुआ था "द लीला पैलेस"

ये होटल बहुत ही महँगी और टॉप की होटल हैं। ये पहली होटल थी जिसे फाइव स्टार रेटिंग मिली हुई थी। जो की एशिया में 3 नंबर पर थी। व्योला होटल के अंदर गयी तो सामने बहुत भीड़ थी। कुछ लोग एक जैसे काले कपड़े पहने एक तरफ लाइन में खड़े हुए थे जैसे किसी का इंतजार कर रहे हो। लेकिन व्योला ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और रिसेप्शन में चली गयी। उसने अपना बुकिंग डिटेल दिया और कार्ड लेकर अपने रूम की तरफ जाने लगी। व्योला कुछ दूर ही चली थी की तभी पीछे से उसने एक जानी पहचानी आवाज सुनी।


"प्राची चलो पहले कमरे में चलते है मुझसे तो कण्ट्रोल ही नहीं हो रहा है। "

"विशाल तुम भी न।"

“ठीक है बबा हम रूम में चलते है उसके बाद तुम अपनी मनमानी कर लेना।”

जब व्योला ने पीछे देखा तो सामने उसका मंगेतर विशाल खुराना एक कमरे के बाहर खड़ा हुआ था। और उसकी बाँहों में कोई और नहीं बल्कि व्योला की रूममेट प्राची थी। पहले तो व्योला को यकीन ही नहीं हुआ। और वो उनकी बातें सुनने के लिए वॉल के पीछे छुप गयी। व्योला को उसके पापा की कही बातें याद आयी तो उसने गुस्से से अपनी मुठ्ठी भींच ली। जिससे उसके नाख़ून उसकी हथेली में चुभने लगे थे। उसका मन कर रहा था की वो जाये और विशाल को एक जोरदार थप्पड़ लगा दे। लेकिन व्योला ने खुद को कण्ट्रोल किया और उस जगह पर खड़ी रही।


जब विशाल उस लड़की को लेकर अंदर चला गया तो व्योला का दिल पूरी तरह से टूट गया। और उसके आँखों से आंसू बहने लगे।


वो सोचने लगी "मैंने कितना भरोसा किया था विशाल पर, 3 साल से हम लोग रिलेशनशिप में थे लेकिन आज वो मुझे एक अजनबी की तरह लग रहा है।"

व्योला ने खुद को सम्हाला और लिफ्ट से अपने फ्लोर के लिए चली गयी। जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा खुला सामने वही काले कपड़े पहने हुए लोग खड़े हुए थे। वो लोग दिखने में बहुत स्ट्रांग और मस्कुलर थे। और उन्होंने एक जैसे कपड़े पहन रखे थे जिन पर एक लोगो भी लगा हुआ था। दिखने में वो लोग प्रोफ़ेशनल बॉडीगॉर्ड लग रहे थे।

एक आदमी ने व्योला की तरफ देखा और फिर सीधा खड़ा हो गया। व्योला भी उसके सामने से होते हुए अपने कमरे की तरफ चली गयी। रूम नंबर 312 के सामने रुकी और अपना कार्ड स्वाइप करके दरवाजा खोल दिया। वो अंदर जाने ही वाली थी की बगल वाले कमरे का दरवाजा खुला और किसी ने उसे अपने कमरे के अंदर खींच लिया। व्योला कुछ बोल पाती उससे पहले ही किसी ने उसे क्लोरोफॉर्म सुंघा कर बेहोश कर दिया।



5 मिनट बाद


कमरे का दरवाजा खुला और एक क्यूट और हैंडसम सा लड़का कमरे से बाहर निकला। उसकी बाँहों में व्योला बेहोश थी। उसने उन Bodyguard की तरफ देख कर पूछा "क्या सब कुछ ठीक है ?"

Bodyguard ने उसे देख कर सर झुकाया और हाँ में सर हिला दिया। लड़का लिफ्ट की तरफ बढ़ गया। उसके पीछे वही बॉडीगार्ड था जिसने व्योला को ऊपर से निचे देखकर भी कुछ नहीं कहा था। लड़का लिफ्ट के पास आकर रुक गया। बॉडीगार्ड आगे आया और लिफ्ट को ओपन कर दिया। ये एक स्पेशल लिफ्ट थी जिसे सिर्फ VIP गेस्ट ही इस्तेमाल कर सकते थे। लड़का लिफ्ट के अंदर चला गया और बॉडीगार्ड भी उसके पीछे हो लिया। उसने लास्ट फ्लोर का बटन प्रेस किया। कुछ ही देर में लिफ्ट रुकी और गार्ड ने गोल्डन कार्ड स्वाइप किया और दरवाजा खुल गया।


सामने एक बड़ा सा हॉल था या ये कहें की ये एक सुईट रुम था। दोनों कमरे के अंदर गए और व्योला को बेड पर लिटा दिया गया। उस लड़के ने कहा "लिओ, क्या भाई यहाँ पर आ चुके हैं ?"


बॉडीगार्ड ने हाँ में सर हिलाया और कहने लगा "he is on the way सर। वो कुछ ही समय में यहाँ पर आने वाले है।"


"कितना वक्त है हमारे पास ?" लड़के ने बेसब्री से पूछा।


लियो ने कहा "लगभग 40 मिनट "

"ठीक है तुम जाकर किसी फीमेल वर्कर को बुला लाओ।"

इतना बोलकर वो पीछे मुड़ा और तेजी से कमरे से बाहर चला गया। वो हॉल में गया और वहां कुछ शॉपिंग बैग्स रखे थे उन्हें लेकर कमरे में रख दिया। तभी लिओ एक फीमेल स्टाफ के साथ वापस आ गया। लड़के ने लिओ की तरफ देख कर उसे कमरे से बाहर जाने का इशारा किया और उस लड़की से व्योला के कपड़े बदलने के लिए बोलकर खुद भी हॉल के सोफे में आकर बैठ गया।


सामने लिओ सर झुकाये खड़ा हुआ था जिसे देखकर लड़के ने पूछा "क्या तुमने भाई के अस्सिस्टेंट से पूछा की वो कब तक फ्री होंगे ?"

लिओ ने जवाब दिया "जी सर, उन्होंने अभी-अभी मुझे मैसेज किया है की बॉस 10 मिनट में ऊपर आने वाले हैं। "

लड़के ने सर हिलाया। तभी रूम का दरवाजा खुला और फीमेल स्टाफ कमरे से बाहर निकल आयी। लड़के ने उसे कुछ पैसे दिए और एक परफ्यूम लेकर उसे कमरे में छिड़क कर आने को कह दिया। उस स्टाफ ने लड़के के कहे मुताबिक काम किया और वहां से चली गयी।


लड़के ने अपनी घड़ी की तरफ देखा और बोला "एक घंटा हो गया है कुछ ही देर में उन्हें होश आ जायगा। अब हमें यहाँ से चलना चाहिए, भाई भी आते ही होंगे।"

इतना बोल कर दोनों उस कमरे से चले गए।


आखिर कौन थे वो लोग? और क्यों किया था व्योला का किडनैप?   

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