Ep 3 - she is bold



सुबह चिड़ियों की चिलचिलाहट के साथ शान्विक की नींद खुली उसने अपनी काली और गहरी आखों से अपने आस-पास देखा लेकिन उसे Vayola कहीं भी दिखाई नहीं दी. लेकिन उसे बाथरूम के अंदर से पानी की आवाज साफ सुनाई दे रही थी। शान्विक समझ गया था की वो लड़की अभी बाथरूम में हैं और उसके बाहर आने का वेट करने लगा वो बस रात की घटना को याद करके मुस्कुरा रहा था। तभी उसने देखा की Vayola बाथरूम से निकल कर सीधे ही बाहर की तरफ जा रही थी तो उसने पीछे से उसे आवाज लगाईं हैं।

शान्विक ने कहा, " तुम कहा जा रही हो? "

Vayola थोड़ी डरी हुई थी इसलिए उसने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया था। और वो सोचने लगी की अब वो क्या करे और जल्दी ही उसने अपने आप को संभाला लिया। और एक लम्बी सांस लेने के बाद वो पीछे मुड़ी शान्विक उसे ही देखा रहा था इसलिए उन दोनों की नज़र आपस में जा टकराई। Vayola अपने डर को छुपाते हुए सीधे शान्विक की आखों में देखने लगी। और उसने अपनी सारी हिम्मत जुटा  कर पुछा, " तुम मुझसे शादी कब कर रहे हो ?”

शान्विक ने जब यह सुना तो वो थोड़ा हैरान हो गया था। और सोचा की "सच में लड़की काफी बोल्ड हैं मैं जब भी बात करता हूँ ये हर बार मुझे हमेशा सरप्राइज कर देती हैं।"

उसने अपने होठो पर एक व्यंग से भरी स्माइल के साथ कहा, " और मुझे तुमसे शादी क्यों करना चाहिए ?”

Vayola ने कहा, " because you slept with me ! और हमने साथ में पुरी रात बितायी हैं, इसलिए आपको मुझसे शादी करनी चाहिए. और आपको एक जिम्मेदार आदमी होने का फर्ज निभाना चाहिए।"

जब Vayola ये सब कह रही थी उसकी आँखों में शर्मिंदगी साफ़ नजर आ रही थी जिसे छुपाने के लिए उसने अपना सर निचे कर लिया था|

Vayola की बात सुनकर शान्विक उसके चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लग और कहा, " its you, WHO slept with me last night ! ( पिछली रात को, मैं नहीं वो तुम थी जो मेरे साथ सोई थी।)"

यह सुनते ही Vayola सोचने लगी " वैसे तो यह सच बोल रहा है लेकिन,,,"

और उसने कहा, " अच्छा ! बस मैं आपके साथ नहीं सोई थी आप भी मेरे साथ ही सोये थे। in short हम दोनों साथ में सोये थे, इसलिए आपको मुझसे शादी करनी चाहिए। "

यह सुनकर शान्विक ने आगे कुछ नहीं कहा। और वो अपने ऊपर से ब्लैंकेट को हटा कर बिस्तर से उठ कर खड़ा हो गया और Vayola को ignore करते हुए वो बाथरूम की ओर आगे बढ़ने लगा।

यह देख कर Vayola बहुत परेशान हो गयी थी। और उसके बड़ी-बड़ी आखों से आसु बहने लगे थे। फिर भी उसने जल्दी से अपने आप को संभाला और उसने फिर एक लम्बी साँस ली और कहा, “ आह ! क्या तुम्हे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं ? तुम एक नम्बर के बदमाश हो। "

Vayola के पास से गुजरते हुए शान्विक ने जब यह सुना तो वो मुस्कुराया और उसने कहा, " जिसने कल रात मेरे साथ रात गुजारी वो मुझसे भी बड़ी बदमाश हैं। "

Vayola जवाब में कुछ कहना चाहती थी लेकिन उसे कुछ समझ में ही नहीं आया इसलिए उसने बस इतना ही कहा, " मैं वो ........ "

फिर Vayola ने उसको इग्नोर करके शान्विक से आगे कहा, " ठीक हैं ! आज से नहीं-नहीं बल्कि अभी से, तुम्हे मैं अपना पति मानती हूँ। और अब जब तुम मेरे पति हो तो तुम्हे मेरी और मेरी फैमिली का ध्यान रखना होगा। "

यह सुनते ही शान्विक एकदम से रुक गया और वो पीछे मुड़ा उसके हैंडसम से चेहरे पर परेशानी आ गयी थी। और उसने Vayola को देखते हुए कहा, “ओह ! तो इसलिए तुम कल रात यहां आयी थी। और मुझे seduce किया था। "

यह सुनते ही Vayola डर गयी थी और उसने आपने हाथो की मुठी बना ली थी। उसने बस छोटा सा जवाब दिया और कहा , "हां "

जब शान्विक ने यह देखा की वो इस बात से राजी थी तो उसे सोचा की ये लड़की कितनी disgusting हैं। उससे गुस्सा आ गया था और उसकी आखें गुस्से से पूरी लाल हो गयी थी। शान्विक ने कहा, " मैं कभी भी तुम्हारे जैसी किसी बेशर्म लड़की से शादी नहीं करूँगा। तुम यहां से चली जाओ”।

Vayola ने सोचा,  "कैसे भी हो मुझे बस अपने डैड को बचाना है।"

Vayola ने शान्विक की आँखों में देखते हुए कहा, “ तुम मेरे साथ सोये थे। और तुम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हो। "

शान्विक Vayola के करीब आया और उसकी चीन को पकड़ कर ऊपर किया और वो उसकी नीली आखों में देखते हुए अपनी कोल्ड आवाज में कहने लगा, " तुम्हारे पास अभी भी एक चांस हैं और तुम खुद यहाँ से बाहर जा सकती हो। और अगर मेरे बाहर आने के बाद भी तुम यहां से नहीं गयी तो मैं तुम्हे यहां से धक्के मारकर बाहर निकाल दूंगा ”।

इतना कहते ही शान्विक बाथरूम के अंदर चला गया।

Vayola ने उसका पीछा किया लेकिन इससे पहले की वो वहाँ तक पहुंच भी पाती शान्विक ने उससे पहले ही दरवाजा बंद कर दिया था। वो वहीं खड़ी होकर कुछ देर तक दरवाजे को खटखटाने लगी लेकिन बहुत देर तक में भी दरवाजा नहीं खुला। Vayola बहुत उदास हो गयी थी और उसने अपने मन में सोचा, " वो मेरी मदद नहीं करेगा। जब की हम दोनों ने साथ में रात भी बितायी हैं। "

" मैं इसे ऐसे ही जाने नहीं दे सकती! मैंने अपने डैड को प्रॉमिस किया है की किसी भी हाल में उनको बचा लुंगी। मेरे इतना सब करने का भी कोई मतलब नहीं हुआ।"

कुछ देर बाद बाथरूम का दरवाजा खुला और शान्विक वहां से अपने गीले बालो को पोछते हुए बाहर आया| उसने अपने कमर पर एक टॉवेल लपेटा हुआ था। लेकिन उसकी ऊपर की बॉडी पूरी नेकेड थी जिससे उसकी कॉलर बोन साफ़ दिखाई दे रही थी। उसकी बॉडी शेप एकदम परफेक्ट थी और जिसे देखकर Vayola ब्लश करने लगी थी। उसके गाल लाल हो चुके थे|

शान्विक ने जब देखा की Vayola अब भी उसके कमरे से गयी नहीं थी। तब उसके एक्सप्रेसन्स एकदम से बदल गए थे और उसकी आखे गहरी हो गयी थी।  उसने वही टेबल पर रखा फोन उठाया और किसी को कॉल करने लगा। कॉल के पिक होते ही शान्विक ने कहा, "दो सिक्योरिटी गार्ड्स को यहां तुरंत भेजो। "

Vayola ने जब यह सुना तो उससे बहुत गुस्सा आया और वो गुस्से में ही चिल्लाते हुए कहने लगी, " तुम्हे मुझसे शादी करनी होगी। "

शान्विक ने Vayola को इग्नोर करते हुए अपने कपड़ो को अलमीरा से निकल कर उसे पहनने लगा। जैसे ही उसने अपने कपड़े पहन लिए उसके रूम के दरवाजे पर किसी ने NOCK किया।

"knok, knok "

शान्विक आगे बढ़ा और उसने दरवाजा खोला उसके सामने दो गार्ड्स खड़े हुए थे जैसे ही उन लोगो ने शान्विक को देखा उन्होंने उसको ग्रीड किया. शान्विक ने भी जवाब में अपना  सिर हिला दिया। और कहा, "इस लड़की को यहां से बाहर निकालो। "

 

 

शान्विक ने जब दोनों गार्ड्स को यह कहा तो उन दोनों गार्ड्स कन्फ्यूज्ड होकर एक-दूसरे की तरफ देखने लगे । लेकिन जैसे ही उनकी नज़र शान्विक के कठोर एक्सप्रेसन पर पड़ी वो समझ गए कि उन्हें क्या करना हैं। जल्द ही वो दोनों अंदर आ गए और उन्होंने Vayola को उसकी दोनों बाँहों से पकड़ लिया। Vayola अपने आप को उनसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी। लेकिन वो अपने आपको उनसे नहीं छुड़वाने में असमर्थ थी। क्युकी वो बस एक लड़की ही थी। और वो उन दो गाड्स का सामना नहीं कर सकती थी। जैसे ही गार्ड्स ने उसे उठाया Vayola ने शान्विक से चिल्लाकर कर कहा, " तुम ऐसा नहीं कर सकते। "

 

 

शान्विक ने Vayola की बातों पर कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। और उसने गार्ड्स की देखकर अपना काम करने का इशारा किया। Vayola को इग्नोर करके वहा से चला गया। गार्ड्स Vayola को खींचते हुए होटल से बाहर लेकर गए। और उसे रोड के किनारे धक्का दे दिया।

 

 

उस धक्के की वजह से Vayola वही जमीन पर गिर गयी थी और उसके दोनों घुटने में काफी गहरी चोट भी आयी थी। वो धीरे से उठ कर खड़ी हो गयी। लेकिन उसे अब भी उसके घुटने में दर्द महसूस हो रहा था। और उसे चलने में काफी परेशानी हो रही थी। Vayola बहुत उदास नज़र आ रही थी उसकी दोनों आखों से आंसू  बह निकले थे। उसने पलट कर उस दिशा में देखा। 

 

 

Vayola सोचने लगी , " मैं फिर से हार गयी। और मैं किसी को भी ढूंढ नहीं पायी जो मेरी इस सिचुएशन में मदद कर सके। अब मैं अपने पापा की कैसे हेल्प कर  सकती हूँ ? मैंने उन्हें बचाने के लिए इतना कुछ किया लेकिन फिर भी मैं उन्हें नहीं बचा पायी। अब और मैं क्या कर सकती हूँ जिससे मैं अपने पापा को वहाँ से बाहर निकाल सकु। " यही सब सोचते -सोचते वो वहा से रोते हुए ही चली गयी।

 

 

Vayola बेख़याली में बस सड़क पर लाचारी से घूम रही थी। उसके पास कोई घर नहीं था जहां वो जा सके क्युकी उसका घर बैंक करप्सी में जप्त हो गया था इसलिए वो अब बेघर हो गयी थी और उसके पास रहने के लिए कोई ठिकाना भी नहीं था।

 

 

Vayola बहुत कमजोर नज़र आ रही थी। उसकी पूरी बॉडी में बहुत दर्द भी हो रहा था। सबसे ज्यादा उसकी दोनों टांगो के बिच में दर्द हो रहा था। और तो और वो ढंग से चल भी नहीं पा रही थी। इसलिए वो पास के एक चेयर में जाकर बैठ गयी थी। उसका पूरा चेहरा पीला पड़ चूका था।

 

 

Vayola ने अपने दोनों हाथों को पेट पर रख लिया था दर्द के कारण उसे ऐसा लग रहा था की अब तो उसकी जान निकल ही जाएगी लेकिन किसी तरह उसने अपने आप को संभाला। वो उठ कर खड़ी हुयी और हिम्मत कर के धीरे धीरे अपने कदम बढ़ते हुए रस्ते पर चली जा रही थी।

 

 

Vayola चलते हुए ही मन में ही शान्विक को गालियां निकल रही थी। वो सोचने लगी, " मैं उसके साथ सोई थी। लेकिन उसने इस बात से साफ़ इंकार कर दिया और रिस्पॉन्सबिलिटी लेने से भी उसने मना कर दिया। और तो और उसने मुझे वहां से धक्के देकर बाहर भी निकाल दिया। "

 

 

Vayola जब यह सब सोच रही तभी उसका फोन अचानक से बजने लगा। उसने अपने पैकेट से मोबाइल को बाहर निकाल कर देखा की उसे किसने कॉल किया था। कॉलर आईडी देखर वो सोचने लगी की ये तो लिनीमा का कॉल हैं। इस समय बस यही हैं जिसे मेरी चिंता हैं और उसने वो कॉल अटेंड कर ली। फोन उठाते ही उसने कहा, "हेलो।"

 

 

लिनीमा, Vayola की क्लासमेट थी और वो दोनों बचपन से ही साथ में बड़े हुए थे। और दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी थे। लिनीमा Vayola के बारे में बहुत कुछ जानती थी। और वो Vayola की काफी परवाह भी करती थी।

 

 

लिनीमा ने Vayola से कहा, तुम कैसी हो ? क्या सब ठीक हैं ?

 

 

Vayola ने जवाब दिया, " नहीं ! तुम्हे तो सब पता ही हैं ना। "

 

 

इतना कहते ही वो चुप हो गयी। इससे ज्यादा और कुछ कहने की उसकी हिम्मत ही नहीं हुई।

 

 

लिनीमा ने कुछ सोचा और Vayola का मूड ठीक करने के लिए उससे कहा, " मेरे कुछ दोस्त सनसाइन क्लब में मिल रहे क्यों न तुम भी वहीँ आ जाओ। हमारा मिलना भी हो जयेगा और तुम्हे थोड़ा अच्छा भी लगेगा। "

 

 

Vayola ने उसे मना करते हुए जवाब दिया, " मुझे वहां बुलाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया ! लेकिन मेरे पास कुछ और काम हैं और मैं वहां नहीं आ सकती हु। तुम सब मिलकर वहां एन्जॉय करो। "

 

 

Vayola को मनाने के लिए लिनीमा ने आगे कहा, " वहां मेरी कोई भी दोस्त नहीं होगी बस एक ही फ्रेंड हैं और वो भी आने से मना कर रही हैं। वहां आने वाले लड़कियों में एक ऐसी लड़की भी है जो मजिस्ट्रेट की बेटी हैं। तुम एक बार उससे मिल लो। इसी बहाने शायद तुम उसे अपनी मदद के लिए राजी भी कर लो। और वो शायद तुम्हारी बात मान कर अपने पापा से तुम्हारे पापा के केस को लेकर कुछ बात कर ले। और क्या पता इससे तुम्हे कोई अनएक्सपेक्टेड हेल्प भी मिल जाये? "

 

 

यह सुनते ही Vayola कुछ सोचने लगी और उसने कहा, " ठीक हैं ! मैं जल्दी ही वहां पहुँचती हूँ। "

 

 

Vayola ने फिर जल्दी से एक टैक्सी को हाथ देकर रोका और लिनीमा के दिए एड्रेस के लिए निकल गयी।

 

 

सनसाइन क्लब एक बहुत ही फेमश क्लब हैं जहा अक्सर हाई सोसाइटी के लोग अपनी पार्टी किया करते थे। इस क्लब में सबकी प्राइवेसी का खास ख्याल रखा जाता था। और वहां की सुंदरता ऐसी थी की उसे देखते ही किसी का भी मन खुश जाये । 

 

 

जैसे ही Vayola सनसाइन क्लब पहुंची, उसने देखा की लिनीमा बाहर ही खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थी। Vayola जल्दी से उसके पास गयी।

 

 

उसे देख लिनीमा ने कहा, " ओह! फाइनली तुम यहां आ ही गयी। चलो अंदर चलते हैं। "

 

 

Vayola ने अपना सर हां में हिलाया और उसके पीछे जाने लगी। दोनों क्लब के अंदर आये और लिफ्ट लेकर 7 फ्लोर पर गए। लिफ्ट से निकल कर दोनों लेफ्ट साइड में कुछ दूर तक चलते हुए गए और एक कमरे के आगे जा कर रुक गए। और लिनीमा ने बाहर से दरवाजे को खटखटाया, "knock - knock "

 

 

अंदर से आवाज आयी, " अंदर आ जाओ। "

 

यह सुनते ही दोनों अंदर चले गए।

 

 

अंदर जाते ही Vayola ने देखा की एक लड़की रेड कलर के बिकिनी पहने, बाथ टब में बैठी थी। उसके बाल उसके कंधे तक आ रहे थे । और उसने अपने  हाथों में रेड वाइन पकड़ी हुयी थी। उसकी आखे किसी बिल्ली के तरह तेज़ और काली थी। और उसके आप-पास कुछ और लड़कियां भी थी। जो उसे खुश करने की कोशिश कर रही थी। 

 

उस लड़की ने जब लिनीमा और Vayola देखा को देखा तो उसे कहा, " आख़िरकार तुम लोग यहां आ ही गए। "

 

लिनीमा ने भी उसे हेलो कहा और फिर दोनों का आपस में परिचय करवाते हुए कहने लगी, " समायरा ये हैं Vayola। Vayola ये समायरा है और हमारे collage में इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की यह सबसे प्रिटी गर्ल हैं। "

 

Vayola ने उसकी तरफ देखा और कहा, "हेलो समायरा। "

 

क्या समायरा Vayola की हेल्प करेगी? क्या होगा आगे जानने के लिए बने रहिये @मनचली के साथ  

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