(सेंट टेरेसा कॉलेज हॉस्टल, लंदन)

"तुम पागल हो गई हो! यहाँ क्यों आई हो? और आखिर क्यों तुम सबके सामने खुद का और मेरा तमाशा बनाने पर तुली हो?" आर्यन ने चारों तरफ़ देखते हुए कहा, उसकी आँखों में गुस्सा और बेचैनी साफ़ झलक रही थी।

"बहुत हो गया अब आर्यन। आज चाहे जो हो जाए, मुझे मेरा जवाब चाहिए।" ध्रुवी ने दृढ़ता से कहा, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी जिद थी, जैसे वह आज किसी भी हाल में हार मानने वाली नहीं थी।

"देखो ध्रुवी, मेरे पास तुम्हारी इन फ़िज़ूल बातों के लिए वक़्त नहीं है," आर्यन ने ठंडे स्वर में कहा, "तुम्हें जो सुनना है वो मैं पहले ही कह चुका हूँ—मैं तुम्हें प्यार नहीं करता। अब प्लीज़ जाओ यहाँ से!"

"झूठ!" ध्रुवी ने तीखे स्वर में कहा, "मैं तुम्हारी आँखों में झूठ नहीं पढ़ सकती, आर्यन। तुम मुझसे प्यार करते हो, बस इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे!"

नीचे ग्राउंड में जमा हुए छात्रों की भीड़ उत्सुकता से ऊपर देख रही थी। कुछ लोग फोन निकालकर वीडियो बना रहे थे, तो कुछ सिर्फ़ इस ड्रामे का आनंद ले रहे थे। आखिरकार, बॉयज़ हॉस्टल में ध्रुवी सिंघानिया का इस तरह आना कोई मामूली बात नहीं थी। ध्रुवी सिंघानिया कोई आम लड़की नहीं, बल्कि लंदन के प्रसिद्ध बिलिनियर और सिंघानिया इंडस्ट्रियल की इकलौती वारिस और साथ ही इस कॉलेज के स्वामी, रजत सिंघानिया की बेटी। उसकी ज़िंदगी किसी राजकुमारी से कम नहीं थी। आर्यन खूबसूरत, गठीला, और आकर्षक था और कोई भी उसकी शख्सियत पर आसानी से मोहित हो सकता था। मगर आर्यन की ज़िंदगी सिर्फ़ किताबों और अपने सपने को पूरा करने की जद्दोजहद तक ही सीमित थी। उसे सिर्फ़ अपना लक्ष्य दिखता था। ध्रुवी ने जब पहली बार आर्यन को देखा था, तभी उसका दिल धड़क उठा था, और बीते अरसे में आर्यन के लिए उसकी भावनाएँ दिन पर दिन और ज़्यादा प्रबल होती गई थीं। और यह कॉलेज में इन लोगों का आखिरी साल था। मगर इस बीते वक्त में आर्यन ने हमेशा ध्रुवी और खुद के प्रति उसकी भावनाओं को नकारा और सिर्फ़ अनदेखा किया था। ध्रुवी भी नहीं जानती थी कि आखिर आर्यन के दिल में उसे लेकर क्या भावनाएँ हैं। उसने काफ़ी कोशिश की थी कि उसके मन की बात जान सके, मगर हमेशा नाकाम रही थी। ध्रुवी को कभी-कभी आर्यन के व्यवहार से लगता था कि शायद उसे लगता था कि ध्रुवी उन बिगड़ैल अमीर लड़कियों में से है जो किसी भी हद तक अपनी ज़िद पूरी करने पर तुली रहती हैं, और वह कभी ऐसी लड़की के सामने नहीं झुकेगा, चाहे जो हो। मगर अब ध्रुवी का सब्र टूट रहा था, और आज आखिरकार वह आर्यन से उसका जवाब जानने के लिए उसके हॉस्टल में पहुँच गई थी।

“आखिर कौन सी  सच की बात कर रही हो तुम? यू नो व्हाट, तुम पूरी  तरह से पागल हो गई हो! पागल अपने ही अहंकार में, अपनी ज़िद में। तुम से यह बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा की कोई इतनी सुंदर और करोड़ों की वारिस को कोई लड़का कैसे ठुकरा सकता है, है ना?” आर्यन ने चिड़चिड़ाहट भरे भाव से कहा।

ध्रुवी कुछ बोलने जी वाली थी की तभी आर्यन ने उसे चुप करते हुए अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं और अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बोला- "तुम्हारी यही समस्या है, ध्रुवी। तुम सोचती हो कि तुम्हारी हर जिद पूरी होनी चाहिए। लेकिन मैं तुम्हारे पिता के पैसों या तुम्हारे रुतबे से प्रभावित नहीं होता। मैं वो नहीं हूँ जिसे तुम समझ रही हो!"

ध्रुवी की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन उसने खुद को संभाला। "तुम गलत हो, आर्यन। मैंने कभी अपने पैसे या नाम का इस्तेमाल तुम्हें पाने के लिए नहीं किया। मैंने तो बस... तुम्हारा दिल जीतना चाहा।"

"बहुत दुख हो रहा है मुझे कि तुम ऐसा सोचते हो मेरे बारे में!" ध्रुवी ने व्यथित भाव से कहा।

"मैं ऐसा सोचता नहीं हूँ, बल्कि यही सच है। इसे जितनी जल्दी स्वीकार्य करोगी उतना ही तुम्हारे लिए भी अच्छा होगा।" आर्यन ने कहा।

"आर्यन अगर यह सच है, तो क्यों मुझे तुम्हारी आँखों में खुद के लिए उमड़ते जज़्बात नज़र आते हैं? क्यों तुम मुझ जैसी अभिमानी लड़की को दूसरों के सामने बचाते हो जब वे पीठ पीछे उसे भला-बुरा कहते हैं? क्यों तुमने मुझ जैसी ज़िद्दी लड़की की ज़िंदगी बचाई? क्यों मेरे लिए तुम्हारे नफ़रत भरे शब्दों का एहसास तुम्हारी आँखों तक ना पहुँचकर सिर्फ़ तुम्हारी ज़ुबान तक सीमित रह जाते हैं? बोलो है तुम्हारे पास मेरे इन सवालों का जवाब?" ध्रुवी ने लगभग चिल्लाकर पूछा। आर्यन यह सुनकर खामोश रहता है मानो जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी गई हो। ध्रुवी समझ गई थी की वह अगर कुछ बोलेगा तो उसकी दिल की सच्चाई जुबान पर आ जाएगी इसलिए वह जानबूझकर खामोश था।

“नहीं है ना तुम्हारे पास कोई जवाब! मगर मैं जानती हूँ, क्योंकि तुम मुझसे बेहद प्यार करते हो और मेरी तरह इश्क़ में मरने की चाह रखते हो! लेकिन नया जाने क्यों इस दुनिया के सामने एक्सेप्ट करने से घबराते हो?”

"ध्रुवी जस्ट शट अप! ऐसा कुछ नहीं है, और मैंने तुम्हारे लिए जो कुछ भी किया वह मैं किसी भी लड़की के लिए करता हूँ। तो अपनी इस गलतफ़हमी को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी दूर कर लो!" आर्यन ने चिढ़कर कहा।

आर्यन ने एक पल के लिए ठहरकर ध्रुवी की तरफ देखा फिर सख्ती से बोला, "बात खत्म हुई, ध्रुवी। अब जाओ।"

"नहीं... आज मैं यहाँ से तब तक नहीं जाऊँगी जब तक तुम्हारे मुँह से सच ना सुन लूँ। और अब बहुत हुआ, मुझे अभी इसी वक़्त सच जानना है वरना…" ध्रुवी ने ज़िद भरे लहजे से कहा और कहते कहते रुक गई मानो जैसे वह कोई बड़ा फैसला मन ही मन ले चुकी हो।

"वरना क्या?” आर्यन ने भी ताव से अपनी भौंहें ऊपर चढ़ते हुए बोला, “मुझे अपने बाप के पैसों के डैम पर किडनैप करवाओगी?"

"मैं अभी इसी वक़्त यहाँ से नीचे कूद जाऊँगी!" ध्रुवी ने आर्यन की आँखों में देखते हुए कहा।

"बहुत अच्छा मज़ाक था। फ़िलहाल आज के लिए तुमने मेरा और अपना बहुत तमाशा बना लिया और अब मेरे पास तुम्हारे साथ बर्बाद करने के लिए और वक़्त नहीं है!" आर्यन ने तंज भरी हँसी के साथ कहा।

"देखो आर्यन, मैं मज़ाक नहीं कर रही हूँ!" ध्रुवी ने आँखों में गंभीरता लिए कहा।

"यू नो व्हाट, जो करना है करो, आई रियली डोंट केयर!" आर्यन ध्रुवी के करीब आकर बोला।

"अब जब तुमने मुझे परमिशन दे ही दिया है तो अब देखो मैं क्या करती हूँ।" ध्रुवी ने कॉरिडोर की रेलिंग की ओर कदम बढ़ाया। "अब तुम यह स्वीकार्य कर चुके और बात दिया की मुझे नहीं चाहते, तो अब मेरी ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं। मैं यहाँ से कूद के यह खेल हमेशा के लिए खत्म कर दूँगी।"

आर्यन ने उसकी ओर देखा, उसके चेहरे पर अविश्वास था। "ये बचकानी धमकियाँ बंद करो। तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी। इआस करने के लिए इंसान के अंडर गट्स होना चाहिए, ये खून बहाना तुम अमीर लोगों के बस की बात नहीं होती।"

"तुम्हें यकीन नहीं ना लेकिन आज तुम्हें यकीन दिलाने के लिए मैं कुछ भी करूंगी।" ध्रुवी ने रेलिंग पर चढ़ते हुए कहा था लेकिन तब तक आर्यन उस जगह से पीछे मूड़ कर जाने लगा था की तभी उसे लोगों के चीखने और चिल्लाने का शोर तेजी से सुनाई देने लगी। आर्यन जल्दी से पीछे पलटा मगर पूरा कॉरिडोर खाली था और ध्रुवी का कोई नामोनिशान तक वहाँ नहीं था।

एक झटके के साथ ध्रुवी ने खुद को रेलिंग से नीचे गिरा दिया था। नीचे भीड़ में से किसी की चीख़ सुनाई दी। अब आर्यन की साँसें तेज हो गईं थी वो जोर से चीखा, "ध्रुवी, रुको—"

लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

"नहीं!" आर्यन का चीखता हुआ स्वर पूरे कॉरिडोर में गूँज उठा।

वह तेजी से रेलिंग के पास पहुँचा और नीचे झाँका। ध्रुवी नीचे जमीन पर पड़ी थी, उसके चारों ओर खून फैल रहा था। भीड़ हड़बड़ाहट में इधर-उधर भागने लगी, कुछ लोग चिल्ला रहे थे, कुछ मदद के लिए आगे बढ़े।

आर्यन का दिल धड़कना बंद हो गया। उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। "मैंने क्या कर दिया...?"

आर्यन काँपते कदमों से कॉरिडोर की रेलिंग तक गया था और नीचे ध्रुवी को उसके ही खून के तालाब में पड़ा देख वह घबराहट से दंग रह गया था। उसके होश उड़ गए। उसका दिमाग बिल्कुल सुन्न पड़ गया था, और उसे कुछ होश ही नहीं रहा कि आखिर वह इस स्थिति में क्या और कैसे प्रतिक्रिया करेगा।

जानने के लिए पढिए कहानी का अगला भाग.…

 

 

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