(सेंट टेरेसा कॉलेज हॉस्टल, लंदन)

 

पूरे हॉस्टल में आज हलचल मची हुई थी। सभी छात्र ग्राउंड में जमा थे, और ऊपर हॉस्टल के तीसरे माले पर सभी की निगाहें और साँसें अटकी हुई थीं। होती भी क्यों नहीं? आखिर बॉयज़ हॉस्टल में एक लड़की आ गई थी—वह भी खुल्लम-खुल्ला, और वह भी कोई आम लड़की नहीं, बल्कि ध्रुवी—ध्रुवी सिंघानिया! लंदन के प्रसिद्ध बिलिनियर और सिंघानिया इंडस्ट्रियल की इकलौती वारिस, और साथ ही इस कॉलेज के स्वामी, रजत सिंघानिया की बेटी। उसकी ज़िंदगी किसी राजकुमारी से कम नहीं थी। उसने कभी ज़मीन पर पैर नहीं रखा था। हर चीज़ जो उसने चाही, वह उसके माँगने से पहले ही उसके लिए हाज़िर हो जाती थी। अगर वह ज़िद पर आ जाती, तो उसकी ज़िद के आगे खुद ज़िद को भी झुकना पड़ता था। अपनी ज़िद पूरी करने के लिए वह कुछ भी कर गुज़रने को तैयार रहती थी। हालाँकि ऐसा नहीं था कि उसकी अमीरी उसके सर चढ़ी हुई हो। नहीं, बल्कि उसने कभी अपने नाम और रुतबे का सहारा नहीं लिया था। मगर जब लोग उसका नाम और पहचान सुनते थे, तो उनके सिर उसके आगे झुक जाते थे। किसी की उसके आगे बोलने की हिम्मत नहीं होती थी, खासकर उसके गुस्से में। उसका गुस्सा बवंडर होता था। उसके आस-पास रहने वाले लोग हमेशा उसके गुस्से से बचने की कोशिश करते थे। हालाँकि, अगर वह गुस्से में नहीं होती थी, तो उससे ज़्यादा मज़ेदार और प्यारा कोई नहीं हो सकता था। दूसरों की मदद करना उसके लिए आम बात थी, मगर उसका यह रूप बहुत कम लोग जानते थे। वह बाहर से जितनी सख्त थी, अंदर से उतनी ही नर्म थी। लड़के तो उसके दीवाने थे—पहला उसके धन की वजह से, और दूसरा उसकी खूबसूरती की वजह से। मगर ध्रुवी इन दोनों ही वजहों को समझती थी, और उसे लगता था कि हर कोई ऐसा ही है। कोई ऐसा नहीं है जो उसे सिर्फ़ ध्रुवी समझकर चाहे, उसके नाम या खूबसूरती से नहीं। और ध्रुवी की यह आकांक्षा अधूरी सी पूरी हुई जब आर्यन मल्होत्रा उसकी ज़िंदगी में आया। अधूरी इसीलिए क्योंकि यह प्रेम एकतरफ़ा था। आर्यन ने कभी ध्रुवी की तरफ़ ध्यान नहीं दिया था।

 

आर्यन एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से था, और सिर्फ़ अपनी कड़ी मेहनत और छात्रवृत्ति के सहारे यहाँ तक पहुँचा था। उसकी ज़िंदगी का सिर्फ़ एक ही लक्ष्य था—एक दिन कामयाबी के उस शिखर तक पहुँचना जहाँ वह उन उभरते सितारों में से एक हो, जिसका नाम इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा, और लोग उसकी एक झलक के लिए कतार में खड़े रहें। आर्यन खूबसूरत, गठीला, और आकर्षक था, और कोई भी उसकी शख्सियत पर आसानी से मोहित हो सकता था। मगर आर्यन की ज़िंदगी सिर्फ़ किताबों और अपने सपने को पूरा करने की जद्दोजहद तक ही सीमित थी। लोगों के बारे में उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था। उसे सिर्फ़ अपना लक्ष्य दिखता था। ध्रुवी ने जब पहली बार आर्यन को देखा था, तभी उसका दिल धड़क उठा था, और बीते अरसे में आर्यन के लिए उसकी भावनाएँ दिन पर दिन और ज़्यादा प्रबल होती गई थीं। और यह कॉलेज में इन लोगों का आखिरी साल था। मगर इस बीते वक्त में आर्यन ने हमेशा ध्रुवी और खुद के प्रति उसकी भावनाओं को नकारा और सिर्फ़ अनदेखा किया था। ध्रुवी भी नहीं जानती थी कि आखिर आर्यन के दिल में उसे लेकर क्या भावनाएँ हैं। उसने काफ़ी कोशिश की थी कि उसके मन की बात जान सके, मगर हमेशा नाकाम रही थी। ध्रुवी को कभी-कभी आर्यन के व्यवहार से लगता था कि शायद उसे लगता था कि ध्रुवी उन बिगड़ैल अमीर लड़कियों में से है जो किसी भी हद तक अपनी ज़िद पूरी करने पर तुली रहती हैं, और वह कभी ऐसी लड़की के सामने नहीं झुकेगा, चाहे जो हो। मगर अब ध्रुवी का सब्र टूट रहा था, और आज आखिरकार वह आर्यन से उसका जवाब जानने के लिए उसके हॉस्टल में पहुँच गई थी।

 

"तुम पागल हो गई हो! यहाँ क्यों आई हो? और आखिर क्यों तुम सबके सामने खुद का और मेरा तमाशा बनाने पर तुली हो?" आर्यन ने चारों तरफ़ देखते हुए कहा।

"बहुत हो गया अब आर्यन। आज चाहे जो हो जाए, मुझे मेरा जवाब चाहिए। और आज मैं अपना जवाब लिए बगैर यहाँ से हरगिज नहीं जाऊँगी।" ध्रुवी ने बिना किसी की परवाह किए कहा।

"देखो ध्रुवी, मेरे पास तुम्हारी इन फ़िज़ूल बातों को सुनने का वक़्त नहीं है। बिना किसी ड्रामे के यहाँ से चली जाओ, क्योंकि मेरा जवाब आज भी वही है जो हमेशा से था—मैं तुम्हें प्यार नहीं करता। अब प्लीज़ जाओ यहाँ से, बहुत तमाशा कर लिया तुमने!" आर्यन ने निराशा भरे भाव से कहा।

"मैं सच सुने बिना यहाँ से हरगिज नहीं जाऊँगी, क्योंकि मैंने देखा है तुम्हारी आँखों में कि तुम भी मुझे चाहते हो, बस तुम इस सच को स्वीकार नहीं करना चाहते!" ध्रुवी ने दृढ़ता के साथ कहा।

"कौन से सच की बात कर रही हो तुम आखिर? (एक पल रुक कर) यू नो व्हाट, तुम पागल हो गई हो पूरी! पागल अपने अहंकार में, अपनी ज़िद में। तुम बस हारना नहीं चाहती, और ना ही यह बात तुम्हारे अहंकार को सहन कर पा रही है कि जिस अमीर और अभिमानी लड़की के पीछे पूरा कॉलेज दीवाना है, जिसके एक इशारे पर सब उसके जूते के नोक पर आ सकते हैं, उस लड़की के अहंकार को एक मामूली से लड़के ने अपनी ना से तोड़ दिया। असल में बस यही बात तुम्हें सहन नहीं हो रही है!" आर्यन ने चिड़चिड़ाहट भरे भाव से कहा।

"बहुत दुख हो रहा है मुझे कि तुम ऐसा सोचते हो मेरे बारे में!" ध्रुवी ने व्यथित भाव से कहा।

"मैं ऐसा सोचता नहीं हूँ, बल्कि यही सच है!" आर्यन ने कहा।

"अगर यह सच है, तो क्यों मुझे तुम्हारी आँखों में खुद के लिए उमड़ते जज़्बात नज़र आते हैं? क्यों तुम मुझ जैसी अभिमानी लड़की को दूसरों के सामने बचाते हो जब वे पीठ पीछे उसे भला-बुरा कहते हैं? क्यों तुमने मुझ जैसी ज़िद्दी लड़की की ज़िंदगी बचाई? क्यों मेरे लिए तुम्हारे नफ़रत भरे शब्दों का एहसास तुम्हारी आँखों तक ना पहुँचकर सिर्फ़ तुम्हारी ज़ुबान तक सीमित रह जाते हैं? बोलो, है तुम्हारे पास मेरे इन सवालों का जवाब? " ध्रुवी ने लगभग चिल्लाकर पूछा। (आर्यन यह सुनकर खामोश रहता है) “नहीं है ना तुम्हारे पास कोई जवाब! मगर मैं जानती हूँ, क्योंकि तुम मुझसे बेहद प्यार करते हो और मेरी तरह इश्क़ में मरने की चाह रखते हो!”

"जस्ट शट अप! ऐसा कुछ नहीं है, और मैंने तुम्हारे लिए जो कुछ भी किया वह मैं किसी भी लड़की के लिए करता हूँ। तो अपनी इस गलतफ़हमी को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी दूर कर लो!" आर्यन ने चिढ़कर कहा।

"आज मैं यहाँ से तब तक नहीं जाऊँगी जब तक तुम्हारे मुँह से सच ना सुन लूँ। और अब बहुत हुआ, मुझे अभी इसी वक़्त सच जानना है, वरना…" ध्रुवी ने ज़िद भरे लहजे से कहा।

"वरना क्या? (अपनी भौंहें ऊपर करते हुए) मुझे किडनैप करवाओगी?" आर्यन ने पूछा।

"मैं अभी इसी वक़्त यहाँ से नीचे कूद जाऊँगी!" ध्रुवी ने आर्यन की आँखों में देखते हुए कहा।

"बहुत अच्छा मज़ाक था। फ़िलहाल, आज के लिए तुमने मेरा बहुत वक़्त बर्बाद कर लिया, और अब मेरे पास तुम्हारे साथ बर्बाद करने के लिए और वक़्त नहीं है!" आर्यन ने तंज भरी हँसी के साथ कहा।

"आर्यन, मैं मज़ाक नहीं कर रही हूँ!" ध्रुवी ने आँखों में गंभीरता लिए कहा।

"यू नो व्हाट, जो करना है करो, आई रियली डोंट केयर!" आर्यन ध्रुवी के करीब आकर बोला।

 

इतना कहकर आर्यन वापस जाने के लिए पीछे मुड़ा, और कुछ कदम ही चला था कि तभी उसे लोगों के चिल्लाने और शोर की आवाज़ नीचे से सुनाई देने लगी। आर्यन जल्दी से पीछे पलटा, मगर पूरा कॉरिडोर खाली था, और ध्रुवी का कोई नामोनिशान तक वहाँ नहीं था। आर्यन काँपते कदमों से कॉरिडोर की रेलिंग तक गया, और नीचे ध्रुवी को उसके ही खून के तालाब में पड़ा देख वह घबराहट से दंग रह गया। उसके होश उड़ गए। उसका दिमाग बिल्कुल सुन्न पड़ गया था, और उसे कुछ होश ही नहीं रहा कि आखिर वह इस स्थिति में क्या और कैसे प्रतिक्रिया करेगा।

 

 

#फ़री_की_कलम_से….✍️

 

 

(हेलो डियर रेीडर्स….तो कैसी लगी आपको इस कहानी की पहली झलक??….. आई प्रेॉमिस की आपको ये रोॉलर कॉास्टर वाली कहानी बेहद पसंद आएगी…. क्योंकि मैं यहां नई हूं और यहां ये मेरी पहली कहानी है तो आप लोगों से उम्मीद करती हूं कि आपका सपोर्ट और भरपूर प्यार मुझे यहां मिलेगा…. सो कीप लविंग….कीप सपोर्टइंग…. शुक्रिया💕!!!!)

 

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