पिछले एक घंटे से मुंबई के कोलाबा में एक छोटे से कैफे में बैठी भूमिका रोए जा रही थी| कैफ़े में मौजूद बाकी लोग उसे देख कर हंस रहे थे| वो सोच रहे थे कि ये कौन बेवकूफ लड़की है जो पब्लिक प्लेस में पागलों की तरह रो रही है| कैफ़े का ओनर काफी देर से भूमिका को चुप करवाने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो रोना बंद ही नहीं कर रही थी। जब पानी सिर के ऊपर चला गया तो कैफे ओनर ने भूमिका से चिढ़ते हुए कहा, “अरे मैम! अब बहुत हो गया| न चुप होने का नाम ले रही हो और न ही रोने की वजह बता रही हो| आपकी वजह से बाकी कस्टमर्स डिस्टर्ब हो रहे हैं| प्लीज़ अब आप तमाशा बनाना बंद करिए और जाइए यहाँ से..”
भूमिका ने रोते हुए कहा, “ऐसे कैसे चली जाऊं? मेरी फ्रेंड ने एक्स्ट्रा पैसे देकर टेबल बुक किया है| वो आती ही होगी|”
कैफ़े ओनर फिर भी उसके पीछे पड़ा रहा कि वो कैफ़े से बाहर चली जाए| तभी भूमिका की नज़र कैफ़े से बाहर उसकी दोस्त वान्या पर गयी| वो कैफ़े की ओर ही आ रही थी| उसके लम्बे खुले बाल हवा में लहरा रहे थे| धूप से बचने के लिए उसने काले रंग के गॉगल्स पहने हुए थे| कैफ़े में आकर उसने गॉगल्स निकाले और भूमिका को ढूँढने लगी| वहाँ मौजूद हर कोई बस वान्या को ही देख रहा था। वान्या की आँखें छोटी-छोटी थीं लेकिन उनमें लगा काजल, उन्हें आकर्षक बना रहा था और उसकी नोज़ रिंग तो उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रही थी। कुल मिलाकर वान्या किसी बॉलीवुड हीरोइन से कम नहीं लग रही थी| भूमिका ने अपना हाथ ऊपर किया और वान्या को आवाज़ लगायी| वान्या भूमिका की आवाज़ सुन कर उसके पास गयी| कैफ़े ओनर वान्या से भूमिका की शिकायत करने लगा, “तो आप हैं इनकी फ्रेंड? ये कब से रोए जा रही हैं| मेरे कैफे के माहौल का तो आज इन्होंने सत्यानाश ही कर दिया।”
वान्या – इस टेबल को मैंने पूरे दिन के लिए बुक किया है। मेरी फ्रेंड रोए, हँसे या कुछ भी करे.. अपना मुंह बंद रखो और दफा हो यहां से।
वान्या के तेवर देख कर कैफे ओनर वहाँ से चल गया और वान्या, भूमिका को घूरने लगी। भूमिका कुछ बोलती उस से पहले ही वान्या उसे डांटने लगी..
वान्या (डांटते हुए) – बोलते वक्त आँखों में से एक आंसू नहीं टपकना चाहिए| यहाँ का माहोल देख कर लग रहा है कि तुमने पहले ही बहुत तमाशा कर लिया है| अब बताओ ये सब ड्रामा किस लिए? क्यों मुझे ऑफिस की मीटिंग छोड़ कर आने को कहा?
भूमिका अपने आँसू कंट्रोल करते हुए बोली, “मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे चीट किया है| मैं अभी-अभी उस से ब्रेकअप कर के आ रही हूँ| मैंने उस से इतना प्यार किया था फिर भी उसने मुझे धोखा दिया| वान्या, तुम यकीन नहीं करोगी वो मुझसे कहता था कि ऑफिस के काम में बिजी हूँ लेकिन पूरा दिन किसी दूसरी लड़की के साथ घूमता रहता था| एक महीना और 10 दिन का रिलेशनशिप होने के बाद भी उसने मुझे धोखा दिया।”
भूमिका ने अपनी पूरी आपबीती वान्या को सुनाई| वान्या एक टक गुस्से में उसे देखती रही। फिर वो भूमिका पर अपनी भड़ास निकालते हुए बोली,
वान्या (भड़ास निकालते हुए) – क्या हो गया है तुम लड़कियों को? इसमें तुम्हारे बॉयफ्रेंड की नहीं बल्कि तुम्हारी गलती है| मैंने तुमको हज़ार बार बोला है कि इन लड़कों के चक्कर में मत पड़ा करो लेकिन तुम मेरी बात सुनती कहाँ हो? अब जो भी हुआ उसे भूल जाओ और आज के बाद कभी भी किसी लड़के के चक्कर में मत पड़ना, समझी?
भूमिका के चेहरे के एक्सप्रेशन्स देख कर लग रहा था कि वो वान्या की बात से खुश नहीं थी| दरअसल, वान्या रायज़ादा अपना कीमती वक्त रिलेशनशिप में बर्बाद करने की जगह करियर में इन्वेस्ट करने में बिलीव करती है| वो देश के एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन मिस्टर गौतम रायज़ादा की एकलौती बेटी है| वान्या ने बचपन में ही अपनी माँ को एक गंभीर बीमारी के चलते खो दिया था| इस वजह से वो अपने पापा के बहुत करीब है| मिस्टर रायज़ादा ने भी पूरी दुनिया को उसके क़दमों में लाकर रख दिया| वान्या को आज तक किसी भी चीज़ की कमी नहीं होने दी|
वान्या का कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा। इसकी एक वजह तो ये है कि उसके पापा ही उसके लिए सबकुछ हैं और दूसरी वजह है लड़कों की चीटिंग के किस्से, जो वो अपनी हर दूसरी फ्रेंड से सुनती आई है। इस वजह से उसे प्यार और रिलेशनशिप से नफरत हो गयी| अपने पापा के अलावा वो किसी भी मर्द पर भरोसा नहीं करती। पापा की आँखों का तारा होने के बावजूद, वान्या ने कभी भी अपने पापा के प्यार का गलत फायदा नहीं उठाया| वो टैलेंटेड और इंडिपेंडेंट लड़की है जो अपने पापा की बिज़नस में हेल्प भी करती है|
वान्या भूमिका को फिर से लेक्चर देने लगी कि उसे प्यार में टाइम वेस्ट करने की जगह अपनी फ़ैमिली और जॉब के बारे में सोचना चाहिए लेकिन भूमिका उसकी बात से सहमत नहीं थी| वो बोली, “वान्या, तुम जैसा सोचती हो वैसा नहीं होता है| लाइफ में लड़के नहीं होंगे तो लाइफ बोरिंग हो जाएगी, बिल्कुल तुम्हारी तरह। मुझे तो ये समझ नहीं आता कि तुम्हें आज तक किसी से प्यार क्यों नहीं हुआ? मैं तो कल से ही नया लड़का ढूंढना शुरू कर दूंगी| वरना मैं डिप्रेशन में चली जाऊँगी। वैसे मेरा एक स्कूल फ्रेंड है जिसने मुझे पिछले महीने प्रपोज़ किया था| मैं आज ही उस से बात करुँगी|”
वान्या – जब तुझे यही सब करना था, तो मेरे सामने रोने का सीन क्यों क्रियेट किया? अपनी कितनी इम्पॉर्टन्ट मीटिंग छोड़ के आई हूँ मैं, सिर्फ तेरे लिए और तू है कि... खैर, मुझे आज तक किसी से भी प्यार इसलिए नहीं हुआ क्योंकि कोई भी लड़का मेरे पापा की तरह नहीं होता है और ना ही कभी हो सकता है| सारे लड़के एक जैसे होते है| पहले लड़कियों को यूज़ करेंगे, फिर उनसे ब्रेकअप कर लेते हैं। मुझे तो लड़कों के पास जाने में ही घिन आती है| तुम्हें भी अपने उस स्कूल फ्रेंड से बात करने की कोई जरुरत नहीं है| अभी भी मौका है, संभल जाओ भूमिका।
भूमिका के प्यार मोहब्बत और लड़कों के ऊपर लाख बातें बनाने पर भी उसका असर वान्या पर नहीं हुआ। वान्या अब भूमिका की बकवास और नहीं सुनना चाहती थी इसलिए वो कैफ़े में यहां वहां देखने लगी। कैफ़े में मौजूद सभी लड़के उसे ही घूर रहे थे। वान्या ने उन्हें इग्नोर करते हुए कॉफी ऑर्डर की और फिर कॉफी पीते-पीते अपना फोन चलाने लगी। भूमिका अभी भी अपनी पटर-पटर में लगी हुई थी, “मैं तुम्हारी सारी बातें मान रही हूँ वान्या, लेकिन ये नहीं मानूँगी कि सारे लड़के एक जैसे होते है| जिस दिन तुम्हारी लाइफ में कोई someone special आएगा उस दिन तुम्हारी ये ग़लतफहमी दूर हो जाएगी|
वान्या – तुम्हारा boyfriend जो अब ex-boyfriend बन चुका है, वो भी तो तुम्हारे लिए someone special ही था न? फिर भी उसने तुम्हें चीट किया| मेरी कितनी सारी फ्रेंड्स है जिनको उनके बॉयफ्रेंड ने चीट किया है| तुम हज़ार बार भी मुझ से कहोगी, फिर भी मैं तुम्हारी बात नहीं मानने वाली| तुम्हारे लिए भी यही अच्छा होगा कि तुम अपने बॉयफ्रेंड को याद कर के रोना बंद करो।
वान्या अब भूमिका के साथ बहस नहीं बढ़ाना चाहती थी, इसलिए उसने कॉफी का पेमेंट किया और वहाँ से निकलने लगी। तभी उसे मिस्टर रायज़ादा के पीए का कॉल आया| जैसे ही उसने कॉल उठाया सामने से मिस्टर रायज़ादा का पीए हड़बड़ाते हुए बोला, “वान्या, जल्दी से सिटी प्लस हॉस्पिटल आ जाओ| बॉस आईसीयू में हैं|”
पीए की बात सुनकर वान्या हैरान हो गयी|
वान्या (पैनिक होकर) – पापा आईसीयू में हैं? क्या हुआ उनको? सुबह तो अच्छे भले ऑफिस गए थे| अचानक से क्या हो गया उनको?
पीए ने वान्या को फोन पर कुछ भी नहीं बताया, बस उसे जल्दी हॉस्पिटल पहुँचने के लिए कहा। भूमिका भी वान्या के साथ हॉस्पिटल के लिए निकली। वान्या अपने पापा को इतना प्यार करती थी कि उन्हें छोटी सी भी चोट लगने पर पैनिक करने लग जाती थी| आज अपने पापा के हॉस्पिटल में एडमिट होने की बात सुनकर उसकी सांस ही फूल गयी थी| कुछ ही देर में वान्या और भूमिका सिटी प्लस हॉस्पिटल पहुंचे| वहां मिस्टर रायज़ादा के पीए पहले से ही खड़े थे।
वान्या (कांपते हुए) – क्या हुआ पापा को? उन्हें आईसीयू में क्यों एडमिट किया है?
पीए ने बताया कि ऑफिस में रिनोवेशन के काम की वजह से बिजली की एक वायर खुली पड़ी थी| बॉस रेनोवेशन का काम चेक कर रहे थे तभी उनका पैर उस वायर पर पड़ गया और उन्हें करंट लगा| स्टाफ उन्हें जल्दी से हॉस्पिटल ले आया| हालत ज़्यादा खराब थी इसलिए आईसीयू में लाया गया है। डॉक्टर ट्रीटमेंट कर रहे हैं।”
वान्या काफी घबराई हुई थी| डर के मारे उसके हाथ-पैर काँप रहे थे| वो मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगी।
वान्या (डरते हुए) – भूमिका, बहुत डर लग रहा है| पापा को कितनी बार कहा था कि रिनोवेशन का काम मैं देख लूंगी लेकिन उन्होंने एक बार भी मेरी बात नहीं सुनी| जब तक मैं पापा को सही-सलामत नहीं देख लेती तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा| भगवान प्लीज़ पापा को जल्द से जल्द ठीक कर दो|
वान्या की ज़िन्दगी में उसके पापा ही सब कुछ हैं। जब कभी मिस्टर रायज़ादा काम से बाहर जात थे तो वान्या उन्हें दिन में दस बार कॉल कर के उनके हालचाल पूछती थी| आज उसे अपने पापा के लिए डर लगने लगा है। कुछ देर बाद आईसीयू से डॉक्टर बाहर आये|
वान्या (हडबडाते हुए) – डॉक्टर, पापा ठीक तो है ना? मैं उनसे मिल सकती हूँ क्या?
डॉक्टर अच्छे से जानते थे कि वो मिस्टर रायज़ादा का इलाज कर रहे थे, जो देश के बड़े बिज़नसमैन हैं| डॉक्टर के ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी थी| वो अपना सिर झुका कर बोले, “वान्या जी, मिस्टर रायज़ादा के पैरों में करंट लगने की वजह से उनके पैर पैरालाइज्ड हो गए हैं| मुझे अफसोस है कि अब वो चल नहीं पाएंगे| हमने पूरी कोशिश की लेकिन उनके पैर के nerves करंट लगने की वजह से पूरी तरह से डैमेज हो गयी हैं।”
डॉक्टर का जवाब सुनकर वान्या के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी| उसके लिए ये सोचना भी मुश्किल हो रहा था कि उसके पापा आज के बाद कभी भी चल नहीं पाएंगे| वान्या की आँखों से आंसू बहने लगे| तभी मिस्टर रायज़ादा के पीए ने कहा, “ओह नो! अब उस लंदन वाली deal का क्या होगा? हमारे एम्प्लॉईज़ की मेहनत वेस्ट हो जाएगी।”
क्या मिस्टर रायज़ादा कि हालत में कोई सुधार होगा? क्या वह कभी चल पाएंगे? वान्या कैसे संभालेगी खुद को और बिज़नस को? क्या सच में वान्या को कभी होगा किसी लड़के से प्यार?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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