अनिका ने कमरे में घुसते ही उसके  हाथ में कुछ तस्वीरें थमा दीं थी।। मीरा ने हैरान होकर अनिका से पूछा

मीरा- ये क्या है?

अनिका- मैंने तुझसे कहा था न, अर्जुन और अमन हमसे कुछ छिपा रहे हैं। वो भरोसे के लायक नहीं हैं। देख, ये देख, अब खुद ही देख ले!

मीरा अनिका की बात सुनकर shocked रह गई, उसने फटाफट वो तस्वीरें देखनी शुरू की, और अचानक उसके चेहरे का रंग उड़ गया। पहली तस्वीर में अर्जुन jack को अपनी गोद में लिए मगन की दुकान के बाहर छोड़ कर गया था। फिर उसने दूसरी तस्वीर देखी। इस तस्वीर में अर्जुन एक बार में शराब पी रहा था और उसके सामने राकेश खड़ा था, तीसरी में अर्जुन और राकेश एक गाड़ी में बैठकर कहीं जा रहे थे। तस्वीरों को देखकर मीरा का दिल अंदर से टूटने लगा। अर्जुन, जिसपर वो अपनी जिंदगी में सबसे ज़्यादा भरोसा करती थी, वो शायद कुछ छिपा रहा था। मीरा ने धीमी आवाज़ में कहा

मीरा- "ये सारी तस्वीरें अर्जुन की हैं यानि जो हो रहा था, वो भ्रम नहीं था। बस मुझे भ्रम दिखाया जा रहा था... लेकिन क्यों?"

अनिका- “मीरा, उन दोनों भाइयों का कोई न कोई बड़ा मकसद है। अर्जुन और अमन हमारी ज़िंदगियों में सिर्फ़ इसीलिए आए हैं। कुछ तो है, जो वो हमसे चाहते हैं।”

मीरा अनिका की बात सुन रही थी, लेकिन उसका ध्यान उस दर्द पर था जो इस वक्त उसके दिल में उठ रहा था। उसने मन ही मन सोचते हुए कहा

मीरा- क्या अर्जुन ने उसे कभी सच में प्यार किया था, या ये बस वो मेरा इस्तेमाल....

मीरा खुद को संभालते हुए बेड से उठी, और उस शर्ट को उठाया। वो उसके पापा की शर्ट थी।  अपनी उंगलियों से शर्ट के कपड़े को सहलाया, और फिर उसे अपने सीने से लगा लिया। और फिर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी, उसके आँसू अब रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। अनिका भी जानती थी कि वह शर्ट मीरा के लिए कितनी खास थी। उसने आगे बढ़कर मीरा को गले लगा लिया। मीरा ने रुंधी हुई आवाज में कहा

मीरा- पापा के बाद अर्जुन वो पहला आदमी था, जिसपर मैंने भरोसा किया था। लेकिन वो कुछ और ही निकला।"

अनिका ने धीरे से मीरा के आंसू पोंछे और उसकी आंखों में देखते हुए कहा,

अनिका-  "अब इस सबका जवाब अर्जुन को देना होगा। तुम उसे कल मिलोगी। उसे सच बताना ही पड़ेगा।"

जहां एक तरफ अर्जुन का सच जानकर मीरा का दिल टूट चुका था। वहीं दूसरी तरफ बार के कोने में एक टेबल पर अकेला बैठा अर्जुन अपने फोन में खोया हुआ था। उसकी नजरें फोन की स्क्रीन पर जमी हुई थीं, जहां कुछ पुरानी तस्वीरें नजर आ रही थीं। उन्हें देखते हुए उसकी आंखों में एक अजीब सी उदासी तैरने लगी थी, लेकिन उसने फौरन उस उदासी को छिपा लिया। फोन को बंद किया और एक गहरी सांस लेते हुए अपने सामने रखे beer के ग्लास से एक लंबे घूंट में खाली कर दिया। उसके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं, मानो किसी अनसुलझी पहेली सुलझाने की कोशिश कर रहा हो। तभी अचानक उसकी टेबल के पास शेरा आकर खड़ा हो गया। शेरा ने गंभीर आवाज़ में कहा, "भैया, लड़की का पता चल गया है। ये रही उसकी तस्वीर।" शेरा ने एक कागज की फाइल अर्जुन की तरफ बढ़ाई। अर्जुन ने फाइल खोली, और जैसे ही उसकी नजर तस्वीर पर पड़ी, उसका चेहरा सफेद पड़ गया। शेरा ने आगे कहा पिछले आठ महीनों से ये विनय से पैसे ले रही थी। मीरा, अनिका, और कई और लड़कियों के बारे में जानकारी देती रही है। शायद D से भी मिली है... पर उसका कोई पुख्ता सबूत है नहीं। नाम ज्योति है। अपने मां-बाप से अलग रहती है। कल वो बहुत देर से घर पहुंची, और उसके पीछे-पीछे दो आदमी आए थे। मकान मालिक ने बताया कि वो सुबह किराया देने आई और अपना सामान लेकर चली गई।

अर्जुन ने बिना कुछ कहे सुने, बस शेरा की बातों को ध्यान से सुना। उसके चेहरे पर अब भी गहरी चिंता छाई हुई थी पर शेरा की पूरी बात सुनने के बाद, अर्जुन की आँखों में गुस्सा उतर आया था, उसने अपने दांत भींचते हुए शेरा से कहा

अर्जुन- “उसका पता क्या है? मैं अभी वहीं जाऊंगा। मैं अब तक इसे एक normal लड़की समझ रहा था। ”

शेरा ने अर्जुन के सवाल पर किसी को call किया और बाहर चला गया। कुछ देर बाद शेरा वापस आया, और अर्जुन की ओर बढ़ते हुए बोला, भाई, पता चल गया है। ज्योति एक नए ठिकाने पर है, और हम उसके बारे में और जानकारी जुटा रहे हैं।अर्जुन ने सिर हिलाया और शेरा को जाने का इशारा किया। उसने अपनी जेब से चाबी निकाली और तेजी से बार से बाहर निकल गया। उसकी गाड़ी बार के बाहर खड़ी थी। गाड़ी में बैठते ही अर्जुन ने ज्योति की तस्वीर कोएक बार फिर से देखते हुए कहा

अर्जुन- “ये अब जल्दी ही मीरा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगी, मुझे इसे रोकना होगा”

अर्जुन ने रातभर मीरा को कई बार फोन किया, लेकिन मीरा ने एक भी बार फोन नहीं उठाया। अगली सुबह मीरा अपने कमरे में उदास बैठी हुई थी, उसकी आंखों में रातभर की बेचैनी साफ झलक रही थी। अनिका उसके पास आकर बैठी और गहरी सांस लेते हुए बोली,

अनिका- मीरा, उसे इग्नोर करने से कुछ नहीं होगा। तुझे उससे सवाल करने होंगे। उसे जवाब देना होगा कि वो क्या कर रहा है, और उनका असली प्लान क्या है?

मीरा ने थोड़ी देर अनिका की तरफ देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली। कुछ देर बाद मीरा और अनिका तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल पड़ीं। रास्ते में दोनों खामोश थीं। लेकिन जैसे ही वे सड़क के मोड़ पर पहुंचीं, मीरा ने अर्जुन को खड़ा देखा… और उसे देखते ही नजरअंदाज कर दिया। हालाँकि, अर्जुन ने मीरा को देखकर थोड़ी राहत महसूस की, लेकिन उसे समझ में आ गया था कि कुछ गड़बड़ है। वो घबराया हुआ था, मगर उसने फिर भी मुस्कुराकर मीरा की तरफ बढ़ने की कोशिश की। अर्जुन मीरा के पास जाकर बोला,

अर्जुन- "क्या हो गया है, मीरा? रात भर फोन नहीं उठाया अब ignore कर रही हो?”

मीरा ने उसकी तरफ बिना देखे कहा,

मीरा- हाँ, कर रही हूँ। मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी। तुम धोखेबाज़ हो, थे और हमेशा रहोगे। तुम जानते हो तुमने क्या किया है।"

अर्जुन ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और कहा  

अर्जुन- “क्या बकवास है ये, मीरा? अगर तुम बोलोगी नहीं तो मुझे कैसे पता चलेगा कि क्या हुआ है?”

मीरा ने अर्जुन की ओर गुस्से से देखा और फिर बहुत गुस्से में उसने अपने बैग को खोला और उसमें से वे तस्वीरें निकालकर अर्जुन के मुंह पर फेंक दीं, जो अनिका ने उसे दिखाई थीं। तस्वीरें ज़मीन पर बिखर गईं, और अर्जुन हक्का-बक्का रह गया। अर्जुन ने जब तस्वीरों को देखा, तो वो चौंक गया। उसकी आंखों में एक पल के लिए घबराहट और हैरानी दोनों दिखी। लेकिन इससे पहले कि वो कुछ बोल पाता, मीरा ने एक तीखा सवाल दागा,

मीरा- “अब भी तुम्हें कुछ कहना है?”

अर्जुन कुछ भी नहीं बोल सका। वह चुपचाप खड़ा रहा, उसकी आंखों में बस पछतावा और असमंजस थी। मीरा ने अर्जुन के चेहरे को नफरत और दर्द भरी नजरों से देखा और फिर अनिका का हाथ पकड़कर आगे बढ़ गई। अर्जुन फिर से उसके पीछे भागते हुए बोला,

अर्जुन- मीरा, मेरी बात सुनो! तुम्हारी जान को खतरा है! तुम्हारी COUSIN ज्योति..."

अर्जुन अभी इतना ही बोल पाया था कि मीरा एकदम से रुकी और बिना कुछ सोचे पलटकर अर्जुन के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मार दिया। उसकी आंखों में अब आंसू और गुस्सा दोनों थे। वो चिल्लाई,

मीरा- एक और शब्द नहीं! मैं जानती हूँ तुम अब कोई और कहानी लेकर आए हो। पहले अनिका के बारे में, फिर अपने भाई के बारे में, और अब ज्योति के बारे में! क्या साबित करना चाहते हो अब? कि ये जो तस्वीरें हैं झूठी हैं?? jack को तुम मगन चाचा की दुकान पर छोड़कर गए थे, ये बात क्यों नहीं बताई मुझे? इसे भी एक इत्तेफाक कह दो, कि तुम उन सभी लोगों से मिल रहे थे जिनका ताल्लुक मेरे और अनिका के साथ था पर तुम्हें कुछ भी नहीं पता था। वो आदमी जिसकी लाश उस नदी में मिली, जिसने मुझे ना जाने क्यों harass करने की कोशिश की उसके साथ तुम क्या कर रहे थे?? तुमने ही मारा ना उस आदमी को?

अर्जुन ने मीरा को हैरानी से देखा और कहा  

अर्जुन- मीरा, ये क्या कह रही हो? मैंने किसी की जान नहीं ली, हाँ मैं उसे सबक सिखाना चाहता था लेकिन.....

मीरा ने अर्जुन को बीच ही में रोक दिया और कहा

मीरा- लेकिन, लेकिन, लेकिन.... कोई आदमी अपनी बात में इतना लेकिन नहीं बोलता जितना तुम बोलते हो। खैर मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी, मेरा पीछा मत करना अब, ना ही मुझे call करना। अभी तक मैं कुछ चीज़ों का लिहाज कर रही हूँ, पर ज्यादा देर तक नहीं कर पाऊँगी।

मीरा ने ये कहते हुए अनिका का हाथ कसकर पकड़ा और तेज़ी से आगे बढ़ गई। लेकिन अनिका को अर्जुन के मुंह से ज्योति का नाम सुनकर कुछ अजीब लगा। उसकी चाल धीमी पड़ गई। उसे महसूस हुआ कि इस पूरी situation में कुछ तो था जिसे वो समझ नहीं पा रही थी। अर्जुन का यूं अचानक ज्योति का नाम लेना, और उसका चेहरा देखकर उसके भीतर एक संशय पैदा हो गया था। अनिका ने मीरा को रोकने की कोशिश की, उसका हाथ थोड़ा खींचा, मगर उसने कुछ नहीं कहा। उसके भीतर जो सवाल उठ रहे थे, उसने उन्हें दबा लिया। मीरा ने पीछे मुड़कर देखा और कहा

मीरा- “क्या हुआ अनिका? चलो, हमें देर हो रही है।”

अनिका ने अपने मन की उलझनों को दबाते हुए सिर हिलाया और मीरा के साथ आगे बढ़ गई। अर्जुन अब भी सड़क के उस मोड़ पर खड़ा था, उसकी आंखों में माफी और लाचारी दोनों साफ झलक रही थीं, लेकिन मीरा ने उसकी तरफ एक बार भी मुड़कर नहीं देखा। कॉलेज का पूरा दिन मीरा और अनिका के बीच बिना किसी बातचीत के बीत गया।आखिरी क्लास के बाद, जब दोनों कैंटीन में बैठीं, कैंटीन में हल्की हलचल थी, लेकिन मीरा और अनिका के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही थी। अनिका की नजरें आसपास घूम रहीं थीं, जैसे वो किसी को तलाश रही हो। उसने अचानक मीरा की तरफ मुड़कर कहा,

अनिका- मीरा, ज्योति क्यों नहीं आई आज? कहीं दिखी भी नहीं।

मीरा ने सिर पकड़ा हुआ था, उसकी आँखों में थकान और चिढ़ साफ दिख रही थी। उसने अनमने अंदाज में चारों तरफ देखा और फिर बेमन से जवाब दिया,

मीरा- छोड़ ना, लगी होगी किसी के साथ, कुछ दिन पहले बता रही थी कि उसने कोई नई ऑनलाइन डेटिंग साइट जॉइन की है।

मीरा ने ये कहते हुए एक हल्की हंसी दिखाई, जो उसकी चिंता को छिपाने की एक कोशिश थी। लेकिन जैसे ही उसने ये कहा, उसके फोन पर अर्जुन का एक वॉइस नोट आया। मीरा ने फोन की स्क्रीन देखी और तुरंत अपना मुँह बनाते हुए फोन को दूर फेंकने जैसा इशारा किया। अनिका ने मीरा की ओर देखा, उसकी निगाहों में चिंता और सवाल दोनों थे। उसने मीरा से कहा, “

अनिका- तूने उसकी बात कितनी बार इग्नोर कर दी, मीरा। चल, इस बार उसकी आखिरी बात सुन ले। हो सकता है, कुछ साफ-साफ पता लग जाए

मीरा ने थोड़ा झिझकते हुए अनिका की तरफ देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली। अनिका ने बिना और कुछ कहे मीरा का फोन उठा लिया और वो वॉइस नोट चला दिया। अर्जुन की आवाज़ में गहरी चिंता और हताशा थी,

अर्जुन- मीरा, बस एक आखिरी बार मेरी बात सुन लो। मैं तुम दोनों को पूरा सच बताने वाला हूँ। मैं तुम्हें एक एड्रेस भेज रहा हूँ, प्लीज़ वहां आना... अनिका के साथ। आज तुम दोनों को सब पता चल जाएगा कि आखिर क्या हो रहा है और क्यों। और तुम इस खेल में क्या हो? प्लीज, मीरा, आखिरी बार मेरी बात मान लो।

वॉइस नोट खत्म होते ही अनिका ने मीरा की तरफ देखा। मीरा ने अपनी आँखें मूँद लीं, जैसे वो हर चीज़ से बचने की कोशिश कर रही हो। उसकी साँसें तेज़ हो गईं थीं, और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना चाहिए। उसने गुस्से से कहा,

मीरा- मैं कहीं नहीं जा रही हूँ। मुझे अब उसकी किसी बात पर यकीन नहीं है।

अनिका ने मीरा की आँखों में देखा और गंभीर आवाज़ में कहा,

अनिका- आखिरी बार, मीरा। उसकी बात मान ले। अगर ये सच में आखिरी मौका है, तो हमें उसे सुनना चाहिए।

मीरा थोड़ी देर तक खामोश रही। अनिका के शब्द उसके दिल में गहरे उतर चुके थे, और कहीं न कहीं उसे भी ये महसूस हो रहा था कि शायद वो अर्जुन से ये आखिरी बात सुनने से खुद को रोक नहीं पाएगी। थोड़ी देर बाद उसने अनिका की तरफ देखा और धीरे से सिर हिला दिया, जैसे वो तैयार हो गई हो। कुछ ही देर बाद, दोनों अर्जुन के दिए हुए पते की तरफ चल पड़ीं। जैसे-जैसे रास्ता आगे बढ़ रहा था, रात गहराती जा रही थी। आसमान में बादल घिरे हुए थे, और हल्की-हल्की ठंड महसूस हो रही थी। रास्ता वीरान था, दूर-दूर तक कोई इंसान नजर नहीं आ रहा था। तभी मीरा की नजर अर्जुन की कार पर पड़ी। कार एक सुनसान जगह पर खड़ी थी, और उसकी लाइट्स ऑन थीं।

मीरा : "अर्जुन ने जो पता दिया था, वो तो अभी दूर है, पर अर्जुन की कार यहाँ कैसे???


क्यों खड़ी थी अर्जुन की कार वहाँ? क्या अर्जुन ने चली है कोई नई साजिश या हुआ है वो खुद किसी की साजिश का शिकार?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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