भागदौड़ और हलचल से भरे मुंबई शहर की रफ़्तार कभी कम नहीं होती… इसकी रात भी उतनी ही हलचल भरी होती है जितनी कि इसकी सुबह।  एक शहर, जो हर किसी की कहानी अपने अन्दर समेटे हुए है।  उसी शहर में इस वक्त समंदर किनारे बने सिल्वर स्पून होटल में, म्यूजिक की धुन और अंदर लगी झिलमिलाती लाइट्स ने वहां के माहौल को रंगीन बना दिया था। रेस्टोरेंट की खिड़की के पास एक टेबल पर बैठा था एक नौजवान, भूषण, और उसके ठीक सामने बैठी थी, प्रिया, जो अपनी अदाओं से भूषण को रिझाने की कोशिश कर रही थी।  भूषण ने डार्क ब्लू ब्लेज़र और सफेद शर्ट पहनी थी, वहीं प्रिया ने वाइन रेड रंग की खूबसूरत ड्रेस पहनी थी और वह मंद-मंद मुस्कुराते हुए भूषण को देख रही थी। प्रिया की नज़रें सिर्फ उस पर थीं, लेकिन भूषण की नज़रें कहीं और ही उलझी हुई थीं। वह खिड़की से बाहर, लॉन में हो रही प्राइवेट पार्टी की तरफ़ ही देख रहा था। उस को यूँ खोया हुआ देख मुस्कुराते हुए बोली , “लगता है मैं तुम्हें बोर कर रही हूँ, तभी तुम्हें मुझसे ज़्यादा इंटरेस्ट उस पार्टी में आ रहा है...  तुम यहाँ होकर भी यहाँ नहीं हो।”  उस की बात सुनकर भूषण ने कुछ पल के लिए अपनी नज़रें पार्टी से हटाई और उस की तरफ देखते हुए बोला, ‘’आज-कल मेरे साथ अक्सर ऐसा हो रहा है, मैं कहीं होकर भी वहां नहीं होता, इसमें तुम्हारी या तुम्हारी बातों की कोई ग़लती नहीं।''

भूषण ने इतना कहते हुए वापस लॉन में चल रही पार्टी की तरफ देखना शुरू कर दिया। प्रिया ने उसकी बात सुनकर अपने ग्लास से एक घूँट भरा और तंज भरी मुस्कान के साथ बोली, “तुम और तुम्हारी अजीब बातें, मुझे नहीं लगता तुम्हारी कभी कोई गर्लफ्रेंड भी रही होगी..” भूषण ने यह बात सुनकर प्रिया की तरफ तीखी नजर से देखा तो प्रिया ने झेंपते हुए कहा, “कम ऑन भूषण! यूँ नाराज़ मत हो, देखो न रात जवां है, इसे और हसीन और एक्साइटमेंट से भरा बनाते हैं…” प्रिया की बात सुनकर भूषण के होंठों पर हल्की मुस्कान आ गयी। उसने प्रिया की तरफ देख मुस्कुराते हुए अपने ब्लेज़र से एक गन निकाली और उसे प्रिया की तरफ करके टेबल पर रखते हुए बोला, ‘’सही कहा, एक्साइटमेंट तो होना ही चाहिए…अरे तुम तो घबरा गयी…क्या हुआ? इतना एक्साइटमेंट काफ़ी नहीं है।।रुको…थोड़ा और हसीन बनाते हैं इस रात को…''

भूषण की आँखों में खतरनाक चमक थी, जिसे देख प्रिया की आँखों में डर उतर आया। उसने हकलाते हुए भूषण से कहा “य  य य यह क क क्या कर रहे हो भू..भूषण…” प्रिया को डरते देख भूषण के चेहरे पर एक रहस्यमयी मुस्कान आ गई और आँखों में हल्की कठोरता।  प्रिया को यूँ कांपते देख, भूषण की आँखों के सामने कुछ घंटे पहले का वह लम्हा आ गया, जब भूषण अपनी ज़िन्दगी और मौत के बीच की लक्ष्मण रेखा पर खड़ा था…  ठीक प्रिया की ही तरह वह भी असहाय महसूस कर रहा था।

 

उस वक्त, ढलती शाम का आसमान सफ़ेद और लाल बादलों से ढका हुआ था, अपने ऑफिस की 60 मंज़िला इमारत की रेलिंग पर भूषण अपनी जीवन-लीला खत्म करने की चाहत में खड़ा था। पेशे से गेम डेवलपर, भूषण, आज अपनी ज़िंदगी के एक ऐसे खेल में उलझ गया था जिसे हम सब प्यार के नाम से जानते हैं। प्यार… एक ऐसा जुआ, जो जीत गए तो ज़िंदगी खुशनुमा लगती है, लेकिन अगर हार गए तो ज़िंदगी से बड़ी सज़ा कुछ नहीं होती।  कुछ ऐसे ही एहसास अपने दिल में लिए, भूषण उस जगह खड़ा था जहां एक कदम का फासला, ज़िंदगी और मौत के बीच की दूरी तय कर सकता था। चारों तरफ से चलती तेज़ हवा भूषण को छूकर निकल रही थी। नीचे थी एक अनजान गहराई, जिसे देखकर भूषण ने कहा, ‘’यहाँ से दुनिया कितनी छोटी लग रही है…  शायद उतनी ही छोटी, जितनी मेरी ज़िंदगी की अहमियत है।''

 

भूषण ने आँखें बंद की तो ज़िंदगी के सारे दर्द भरे लम्हें उसके सामने घूम गए। घबरा कर उसकी नज़र अनंत आकाश की ओर उठी, जैसे वह अपने सवालों के जवाब उस अनंत तक फैले आसमान में ढूँढना चाहता हो। जवाब नहीं मिलने पर भूषण नीचे देखने लगा, जहाँ मीलों दूर तक गाड़ियों की लाइट्स दिखाई देना शुरू हो रही थीं। नीचे की उस भीड़-भाड़ को देखकर उसे अपनी ज़िंदगी बेमानी लगने लगी थी, जिसे वह जी तो रहा था, पर सिर्फ दिखाने के लिए। बार-बार अपने मन में उठ रहे सवालों के जाल में उलझता, खुद से ही बातें करने लगता, ‘कहाँ हैं सुकून इस शहर में, कौन-सी दुकान पर मिल जाता है? मिल भी जाता तो मैं तो यही कहता कि सुकून तो उसी दिन चला गया था, जब रिनी ने मुझसे एक मैसेज पर ब्रेकअप कर लिया, 9 साल का रिश्ता और पाँच शब्द.. आई एम डन विद यू ..’

भूषण की आँखों में दर्द उभर आया। रिनी,  जो कभी उसकी ज़िन्दगी थी, अब एक याद बन चुकी थी…  एक ऐसी याद जो भूषण के दिल में टीस पैदा कर रही थी, क्योंकि रिनी इस वक्त इसी शहर में मौजूद थी, लेकिन अब वह भूषण के साथ नहीं थी। उसके जाने के बाद भूषण का दिल किसी अँधेरे में खो सा गया था। अब उसकी हर सुबह और रात में एक खालीपन था, जो उसे चैन से जीने नहीं दे रहा था।  इसी अकेलेपन ने उस खतरनाक ऊंचाई पर भी, भूषण को यादों में कुछ वक्त पीछे, उस पल में खींच लिया, जब वह और रिनी एक-दूसरे की बाहों में थे और जब रिनी ने  भूषण की आँखों में झाँककर, उसके माथे को चूमते हुए कहा था, ‘’तुम जानते हो, मैं सबसे ज़्यादा खुशकिस्मत हूँ। तुमसे बेहतर मेरे लिए और कोई नहीं हो सकता, भूषण। तुम मेरे साथ हो तो मुझे कुछ नहीं चाहिए…''

रिनी की इस बात को सुनकर भूषण मुस्कुराया और फिर उसे छेड़ते हुए बोला, ‘’लेकिन अगर तुम्हें मुझसे बेहतर कोई मिल गया तो क्या करोगी?''

रिनी(नाराज़गी से)- मैंने कहा न तुमसे बेहतर कोई नहीं…और अगर ऐसा कोई हुआ भी तो मैं उस तरफ से नज़रें फ़ेर लूंगी…

भूषण(छेड़ते हुए)- और अगर मुझे कोई और मिल गयी तो क्या करोगी?

भूषण के सवाल पर रिनी ने उसके हाथ को एक तरफ झटका और गुस्से से उसकी तरफ देखा।  फिर तेज़ क़दमों के साथ बालकनी में गयी और रेलिंग पर हाथ रखकर बोली, ‘’अगर ऐसा हुआ तो मैं यहीं से कूदकर अपनी जान दे दूंगी। उसके बाद तुम ख़ुशी-ख़ुशी अपनी नयी गर्लफ्रेंड से शादी करना…''

रिनी को गुस्सा होते देख,भूषण मुस्कुराते हुए अपनी जगह से उठा और फिर अपने कान पकड़कर रिनी के पास गया। रिनी ने थोड़ी नाराज़गी दिखाई लेकिन फिर भूषण ने गुदगुदी करते हुए उसे अपनी बाहों में भर लिया,  जिसके बाद रिनी और भूषण की हंसी की आवाज़ें कमरे में गूंजने लगी।  भूषण के दिल में आज भी वह लम्हा ज़िंदा था, जो उसे कुछ देर के लिए आज की हकीकत से दूर ले जाता था,  लेकिन भूषण ज़्यादा देर तक इस हकीक़त को नकार नहीं सका… उसे यादों से हकीक़त में लाने का काम किया, फ़ोन की घंटी की आवाज़ ने। घंटी सुनकर भूषण के मन में एक उम्मीद की किरण जगी, उसे लगा कि शायद रिनी का फ़ोन होगा लेकिन फ़ोन हाथ में लेते ही उसकी यह खुशफ़हमी भी दूर हो गयी, क्योंकि फ़ोन उसके दोस्त और ऑफिस कलीग अविनाश का था।  उसने एक लंबी साँस ली और फ़ोन उठाते हुए बुझी हुई आवाज़ में कहा, ‘’हैलो! अविनाश…''

भूषण आगे कुछ कहता, उससे पहले अविनाश ने बिना समय गँवाए कहा, “भाई, तू कहाँ है? यहाँ दिक्कत हो गई है! जल्दी आ, क्लाइंट आने वाला है और काव्या ने लास्ट मोमेंट पर प्रोब्लम क्रिएट कर दी है। संजीव ने कहा है कि प्रजेंटेशन तुझे ही देनी होगी। प्लीज़ भाई, जल्दी आ जा!” भूषण ने थकी हुई आवाज़ में जवाब दिया, ‘’अविनाश, मैं…आई ऍम नॉट फ़ीलिंग गुड…आज रिनी की सगाई है…''

अविनाश ने फिर से भूषण की बात काट दी और झल्लाते हुए कहा, “अरे! रिनी को गोली मार यार, अभी के लिए उसे भूल जा वरना हम सब प्रॉब्लम में आ जायेंगे। क्लाइंट के सामने प्रजेंटेशन जरूरी है, तेरे बिना मुझसे ये नहीं होगा। कम ए एस ए पी” भूषण अपने दिल का हाल उससे बताना चाहता था, पर अविनाश के पास वक्त नहीं था।  भूषण ने हामी भरते हुए फ़ोन काट दिया और  गहरी साँस ली। उसने एक बार फिर से नीचे की ओर सड़क पर नज़र डाली, जहाँ अब गाड़ियाँ रुकी हुई दिखाई दे रही थीं। भूषण ने अविनाश को मन ही मन गालियाँ देते हुए  कहा, ‘’कैसे दोस्त हैं..चैन से मरने भी नहीं देते आदमी को…काम ज़्यादा ज़रूरी है इसके लिए।''

भूषण अपने आपको संभालते हुए रेलिंग से नीचे उतरा और फिर आँखें बंद कर ढलते सूरज की ओर मुँह उठाकर बुदबुदाया, ‘काश! फ़ीलिंग्स भी किसी सॉफ्टवेयर की तरह होती, जब चाहो इनस्टॉल करो, और जब चाहो डिलीट कर दो।। काश, मैं इन्हें कह सकता कि प्लीज लीव माइ हार्ट ए एस ए पी…'

भूषण ने अपने दिल में उठ रहे दर्द को एक तरफ  किया, और अपने ऑफिस की तरफ चल पड़ा। अंदर जाते हुए उसने खुद को नॉर्मल दिखाने की पूरी कोशिश की, अपने चेहरे पर एक नकली मुस्कान ओढ़ ली,  लेकिन उसके दिल में चल रहे तूफान से सिर्फ वही वाकिफ़ था। उसके प्रजेंटेशन रूम में पहुंचते ही अविनाश ने एक राहत की सांस ली।।भूषण ने प्रेजेंटेशन देना शुरू किया। उसकी आवाज़ में आत्मविश्वास था, चेहरे पर मुस्कान थी। बखूबी प्रेजेंटेशन देकर कहा, ‘’दैट इज़ ऑल फ्रॉम ऑउर साइड … अगर कोई सवाल है तो आप पूछ सकते हैं…''

किसी के पास कोई सवाल नहीं था, क्लाइंट्स ने प्रेजेंटेशन की  तारीफ़ की और डील साइन कर दी। पूरे ऑफिस में भूषण के लिए तालियाँ बज रही थी, लोग खुशियाँ मना रहे थे, पर भूषण की खुशी कहीं गुम थी। सबके बीच होने के बावजूद, वह बिल्कुल अकेला महसूस कर रहा था। कुछ देर बाद अविनाश और भूषण ऑफिस की बालकनी में खड़े थे, भूषण ने एक लंबी साँस लेकर कहा, इस दिन का मैं और रिनी ना जाने कब से इंतज़ार कर रहे थे। यह  दिन तो आ गया, लेकिन रिनी नहीं है। एक महीने पहले जब बॉस ने मुझे कहा था कि यह डील अगर साइन हो गई तो मुझे टीम लीड बनाएंगे, तो मैंने सबसे पहले ये बात रिनी को बताई थी, क्योंकि मैं उसी दिन उसे प्रपोज़ करना चाहता था। उसने लेकिन उसी दिन मुझे बताया कि वह मुझसे नहीं, बल्कि क्षितिज से प्यार करती है.. इतनी आसानी से उसने यह कह दिया था और आज….

भूषण किसी टूटे दिल आशिक की तरह बोलता ही जा रहा था, उसके शब्दों में गहरी तकलीफ़ छुपी हुई थी, लेकिन अविनाश की आँखों में भूषण के लिए हमदर्दी के साथ-साथ गुस्सा भी था। वह भूषण को जल्द से जल्द इस उदासी से बाहर लाना चाहता था, इसलिए उसने भूषण की बात को बीच में काट दिया और अपना माथा रगड़ते हुए बोला, “भूषण, ये सब क्यों सोच रहा है यार? कब तक ये सब बातें लेकर बैठा रहेगा? तुझे रिनी से बेहतर लड़कियाँ मिल जाएँगी।” अविनाश की बात सुनकर भूषण ने एक तंज भरी मुस्कान के साथ उसे देखा और फिर आसमान को देखने लगा। यहीं पर अविनाश ने दोबारा बात छेड़ते हुए कहा, “याद है प्रिया, वह IIMC वाली प्रिया मेहता, वह तो मुझसे हमेशा तेरे बारे में पूछती रहती है..अब उससे बात कर, वह बहुत हॉट हो गई है यार, अब बड़ी जर्नलिस्ट बन गयी है, और अभी मुंबई में ही है।।चल, आज मैं तेरी डेट फिक्स करता हूँ। आज खुशी का दिन है, तो खुश होकर बिता, दिन भी और रात भी..समझा न…”। भूषण ने अविनाश को ना करने की कोशिश की लेकिन अविनाश उसकी ओर आँख मारते हुए ऑफिस से निकल गया। भूषण एक बार फिर अपने ख़यालों के साथ अकेला रह गया, लेकिन अभी मुश्किल से पांच मिनट ही हुए थे कि भूषण के पास अविनाश का कॉल आया।।भूषण ने हैरानी से फ़ोन उठाया और कॉल उठते ही अविनाश ने हंसते हुए कहा, “तू वाकई किस्मत वाला है भाई! प्रिया का आज ऑफ है… तेरी डेट सेट है, होटल सिल्वर स्पून में, ठीक  8 बजे पहुँच जाना।”

भूषण पहले अविनाश को मना करने वाला था, लेकिन जब अविनाश ने होटल का नाम लिया तो भूषण ने चौंकते हुए पूछा, ‘’कौन सा होटल बताया?''

भूषण के सवाल पर अविनाश ने अपनी बात पर ज़ोर डालते हुए कहा “सिल्वर स्पून ..टाइम से पहुंचना।” अविनाश की बात सुनकर भूषण के होंठों पर रहस्यमयी मुस्कान आ गयी।

ठीक वैसी ही मुस्कान के साथ इस वक्त भूषण, प्रिया को देख रहा था। प्रिया के ज़ेहन में कई सवाल थे, उसने हिम्मत करते हुए भूषण से पूछा “भूषण क्या हो गया है तुम्हें? मज़ाक मत करो, प्लीज। यह गन लेकर डेट पर क्यूँ आए हो तुम? अगर तुम्हें मैं पसंद नहीं, तो तुम मुझसे मिलने यहाँ आये ही क्यों?” प्रिया के सवाल पर भूषण ने हंसते हुए कहा, ‘’तुम कह रही थी न  कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं  रही होगी…  वह बाहर चल रही पार्टी देख रही हो, वहां मेरी एक्स -गर्लफ्रेंड की सगाई हो रही है…सोचा उसे सरप्राइज़  दे दूँ…''

भूषण ने इतना कहते हुए गन को लोड किया और प्रिया की तरफ तान दिया॥।

 

क्या है भूषण का सरप्राइज?

क्या भूषण वाकई करेगा प्रिया पर हमला?

क्या होगा भूषण की इस हरकत का अंजाम?

जानने के लिए पढ़िए अगला भाग…  

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