भूषण अपने हाथ में गन लिए प्रिया की तरफ देख रहा था। अंधेरा होने की वजह से किसी का ध्यान भूषण और प्रिया की तरफ नहीं था। गन प्रिया के माथे को छू  रही थी, प्रिया के माथे पर पसीने की बूँदें  थी और भूषण के चेहरे पर नफ़रत और उदासी का अजीब सा सैलाब था, जैसे वह किसी तूफ़ान को ख़त्म या शुरू करने वाला हो। भूषण ने तंज भरी मुस्कान के साथ कहा, ‘’क्या हुआ प्रिया..मुझसे डर लग रहा है?”

भूषण के सवाल पर प्रिया ने उसकी तरफ़ देखा. उसने कुछ दूरी पर बैठे लोगों के पास मदद के लिए जाने की कोशिश की, लेकिन भूषण ने गन को उसके और क़रीब ले जाते हुए कहा, ‘’ना....ऐसा करने की सोचना भी मत...क्योंकि अगर तुमने ऐसा कुछ भी किया तो मैं सच में तुम्हें गोली मार दूंगा”

भूषण ने इतना कहते हुए पिस्तौल को नीचे किया । प्रिया ने एक राहत की सांस ली, और अपने माथे से पसीने को पोंछा। वहीं भूषण ने उसकी तरफ देखकर हँसते हुए कहा, “कितना डर लगता है न, जब मौत बिल्कुल सामने हो.. पर मुझे नहीं लगा था। आज मैं भी मौत से बस एक कदम के फ़ासले पर था, लेकिन देखो, ज़िंदगी ने मुझे फिर से अपनी बाहों में खींच लिया। जानती हो मुझे इस बात से बिल्कुल खुशी नहीं हुई। खैर, मैं यह सब तुम्हें क्यों बता रहा हूँ क्योंकि तुम तो यहाँ अपने टाइमपास के लिए आई थी। तुम्हें क्या फ़र्क पड़ेगा अगर मुझे कोई प्रॉब्लम हो रही हो? क्या फर्क पड़ेगा मेरे होने या न होने से? लेकिन जानती हो, उसे फ़र्क पड़ेगा। वह जो लड़की लहंगा पहने वहाँ खड़ी है, उसे फ़र्क पड़ेगा।  देखना चाहोगी?''

प्रिया अब पूरी तरह से हैरान थी, भूषण के इस अजीब बर्ताव ने उसे सकते  में डाल दिया था। भूषण ने अपनी गन अपने ब्लेज़र की पॉकेट में डाली। प्रिया ने उसे टोकते हुए कहा” भूषण, क्या कर रहे हो तुम, यह सही नहीं है।” भूषण ने प्रिया की बात को नज़रंदाज़ किया और उसके हाथ को कसकर पकड़ते हुए कहा, “अब सप्राइज़ की बारी मेरी  है प्रिया, चलो... मेरे साथ”।

प्रिया ने भूषण से खुद को छुड़ाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह ऐसा नहीं नहीं कर पाई। भूषण ने तेज़ कदमों से लाउन्ज से लॉन तक का रास्ता पार किया। वह दोनों पार्टी में मौजूद लोगों के बीच से गुजरते हुए रिनी के पास जा रहे थे। रिनी स्टेज के पास मौजूद लोगों से बातचीत कर रही थी। रिनी भूषण की मौजूदगी से बेख़बर थी, लेकिन वह ज़्यादा देर तक इस बात से अनजान न रह सकी। भूषण तेज़ी से रिनी के पास पहुंचा और रिनी के कंधे पर हाथ रखकर बोला, ‘’रिनी?''

भूषण की आवाज़ सुनकर रिनी ने पीछे मुड़कर देखा, और उसके चेहरे का रंग उड़ गया। वह समझ ही नहीं पाई कि क्या सच में भूषण उसके सामने था, रिनी ने हैरान होकर कहा.

रिनी(हैरान)- भूषण, तुम यहाँ?

रिनी के चेहरे पर हैरानी के साथ-साथ डर भी था। रिनी को यूँ हैरान देख उसके साथ खड़ी एक औरत ने सवाल करते हुए कहा,” अरे! रिनी यह कौन है”? रिनी ने खुद को संभालते हुए नकली मुस्कान के साथ उस औरत को देखा और फ़िर झिझक भरी आवाज़ में कहा, ‘’यह मेरे दोस्त हैं, व्हाट अ प्लेसेन्ट सप्राइज़, भूषण ..तुमने बताया ही नहीं तुम आने वाले हो.. और यह कौन है? मैंने इन्हें पहचाना नहीं..''

रिनी के चेहरे पर नकली मुस्कान थी, और उसकी आँखों में एक ही सवाल कि आखिर भूषण यहाँ क्या कर रहा था? रिनी उसे और प्रिया को हाथ पकड़कर, मेहमानों के पास से थोड़ा दूर ले गई, लेकिन प्रिया ने रास्ते में ही अपना हाथ छुड़ा लिया। भूषण ने उसे जाने दिया, क्योंकि इस वक्त उसकी नज़र सिर्फ और सिर्फ रिनी पर थी। रिनी ने एक जगह रुककर भूषण की तरफ देखा और फ़िर दाँत भींचते हुए बोली, ‘’भूषण, तुम्हारा दिमाग खराब है? आखिर तुम यहाँ कर क्या रहे हो? और यह… अरे, वह लड़की कहाँ गई..''

रिनी ने इधर-उधर देखा लेकिन प्रिया उसे नज़र नहीं आई। उसने एक बार फ़िर अपना सवाल दोहराते हुए कहा, ‘’बोलो…आखिर तुम यहाँ क्या कर रहे हो?''

भूषण(करीब जाकर)- तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती हो, रिनी? तुम तो मेरे साथ शादी करने वाली थी..

रिनी ने गुस्से से भूषण को देखा, तभी उसकी नज़र सामने से आ रहे क्षितिज पर पड़ी। क्षितिज रिनी का होने वाला पति था। भूषण और उसे साथ देखकर वह नाराज़गी के साथ उनके पास आया और बोला “ क्या तमाशा हो रहा है यहाँ, रिनी? यह यहाँ क्या कर रहा है? इससे कहो, अभी के अभी यहाँ से जाए। यहाँ हमारे मेहमान हैं।” इतना कहते हुए क्षितिज ने भूषण की तरफ़ देखा, लेकिन भूषण ने बिना उसकी तरफ देखे कहा, ‘’जब तक मुझे मेरे सवालों के  जवाब नहीं मिल जाते , मैं यहाँ से नहीं जाऊँगा। तुम यहाँ कुत्ते की  तरह हमारे पीछे क्यों  आए.. जाओ  जाकर संभालो अपने मेहमान।''

भूषण की बात सुनकर क्षितिज की आँखों में गुस्सा उभर आया, वह भूषण की तरफ बढ़ा लेकिन  रिनी ने क्षितिज के सीने पर हाथ रखकर उसे शांत करते हुए कहा, ‘’काम डाउन, बेबी... मैं इसे संभाल लूँगी।''

रिनी ने इतना कहते हुए भूषण का हाथ पकड़ा और उसे लॉन से बाहर ले गई। रिनी ने बाहर पहुंचते ही बहुत तेज़ी से भूषण का हाथ झटका और गुस्से से बोली, ‘’आर यू मैड? यहाँ क्या कर रहे हो तुम? क्या हो गया है तुम्हें? कुत्ता क्षितिज नहीं, तुम हो, जो हड्डी देखकर कहीं भी दुम हिलाता हुआ चला आता  है। तुम ऐसी हरकत करोगे, मैंने सोचा भी नहीं था।''

भूषण(आँखों में आँसू लिए)- मैंने भी कभी नहीं सोचा था कि तुम मेरे साथ ऐसा करोगी, मुझसे सगाई तोड़कर किसी और से शादी करोगी, रिनी! 9 साल का रिश्ता था हमारा...मैं तुमसे प्यार करता हूँ, रिनी! वह आदमी तो तुम्हें डिजर्व भी नहीं करता, पहले ही डिवोर्स ले चुका है, उसके दो बच्चे हैं, तुमसे बड़े।  

रिनी(बीच में बात काटकर)- तो क्या हुआ? जानते हो ना, क्षितिज कपूर कौन है? तुम उसके नाखून के बराबर भी नहीं...

रिनी की बात सुनकर भूषण को अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ। उसने माथे पर  शिकन लाकर कहा, ‘’जानती हो तुम किस तरह की  बात कर रही हो? एक गोल्ड डिगर की तरह..“

रिनी(हँसते हुए)- “कम से कम मुझे सोने और तांबे में फ़र्क तो पता है। तुम्हारी इन घटिया बातों का मुझपर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि मैं जानती हूँ, मैं क्या कर रही हूँ... क्षितिज और तुम में ज़मीन आसमान का अंतर है। तुम तो कभी उस छोटे शहर वाले भूषण से बाहर नहीं आए, जो सब्जीवाले से दाम पूछता था... 10 रुपए के धनिए पर लड़ता था... तो तुम मुझसे क्या उम्मीद करते हो? . मुझे ऐसा इंसान चाहिए जो मुझे सब कुछ दे, दौलत, शोहरत, और वक्त…”

रिनी की खरी-खोटी बात पर भूषण चुप था, उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह वही लड़की थी जिससे उसने प्यार किया। रिनी की  आँखों में उसके लिए कुछ नहीं था, न हमदर्दी न प्यार, था तो सिर्फ नफरत और घमंड का सैलाब। आखिरकार भूषण ने अपमान का कड़वा घूंट पीते हुए कहा, ‘’मैं यह जान ही नहीं पाया कि तुम मेरे बारे में यह सब सोचती हो.. लेकिन एक बात बताओ.. अगर क्षितिज ने कल तुम्हें छोड़ दिया फिर क्या करोगी?''

भूषण की बात पर रिनी ने पहले भूषण को ऊपर से नीचे तक देखा और फिर हँसते हुए बोली, ‘’पहली बात, तो ऐसा होगा नहीं और अगर ऐसा हुआ भी, तब भी मैं तुम्हारे पास नहीं आऊँगी।आई लाइक विनर्स, नॉट लूज़र्स लाइक यू ... और हाँ, मैं क्षितिज के पीछे ऐसे नहीं भागूँगी, जैसे तुम मेरे पीछे  भाग रहे हो… लाइक अ क्रीप !''

रिनी यह बात कहकर हंस पड़ी, उसे अंदाजा भी नहीं था की उसका हर शब्द किस तरह भूषण के दिल में नासूर बन कर चुभ रहा था। भूषण ने रिनी को देखा और फ़िर अपने ब्लेज़र को टटोलने लगा। रिनी ने उससे चौंकते हुए पूछा, ‘’क्या कर रहे हो?''

भूषण(नफ़रत भरी मुस्कान के साथ) - तुम्हें दिखा रहा हूँ, एक क्रीप क्या कर सकता है।

भूषण ने इतना कहते हुए अपनी गन निकाली और रिनी की तरफ तान दी। भूषण की आँखों में अफ़सोस था, लेकिन रिनी की आँखों में न तो डर था, न कोई घबराहट। उसकी आँखें एक ठंडक से भरी हुई थीं, वह बड़े आराम से भूषण की ओर बढ़ी, और बिना किसी हिचकिचाहट के गन को अपने माथे पर लगाते हुए बोली, ‘’चलाओ गोली...''

रिनी की बात सुनकर भूषण की आँखों में एक पल के लिए उलझन और डर की झलक आई, उसने अगले ही पल गन को वापस खींच लिया। उसे यूँ सहमा देख, रिनी ने हँसते हुए कहा, ‘’वन्स अ लूज़र, आलवेज़ अ लूज़र!''

रिनी की यह बातें भूषण के दिल में एक गहरी चुभन छोड़ गईं। उसने तिलमिलाते हुए रिनी को देखा और रुँधे हुए गले से कहा, ‘’तुम सही कह रही हो, मैं तुम्हें नहीं मार सकता... क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ। लेकिन जानती हो, मैं खुद को तो मार सकता हूँ।''

इतना कहते हुए भूषण ने अपनी गन को अपनी कनपटी पर रख लिया। उसकी उंगलियाँ ट्रिगर पर थीं, वह अपनी आँखें मीचे हुए खड़ा था। उसने एक बार आँखें खोलकर रिनी को देखा, लेकिन रिनी की आँखों में अब भी वही ठंडापन था। पल भर के बाद, अचानक एक गोली की आवाज़ गूंजी। आवाज़ इतनी तेज़ थी कि सभी मेहमान हैरान होकर बाहर आ गए। क्षितिज भी दौड़ता  हुए वहां पहुंचा। उसने देखा कि कि भूषण के हाथ में गन है, जिसका मुंह आसमान की तरफ़ था। भूषण के पास अविनाश खड़ा था, जो भूषण के हाथ को कसकर पकड़े खड़ा था। अविनाश ने भूषण से गन लेने की कोशिश करते हुए कहा “तू पागल हो गया है? क्या कर रहा है?” अविनाश ने किसी तरह गन को भूषण के हाथ से छीन लिया और उसे नीचे फेंक दिया। भूषण ने बेकाबू होकर कहा, ‘’यह क्या किया तूने? क्यों आया तू बीच में, खत्म करने दे मुझे खुद को.. मेरे जीने का अब क्या फ़ायदा? मैं किसके लिए ज़िंदा रहूँ? रिनी को देखो, उसे ज़रा भी फ़र्क नहीं पड़ता मेरे होने न होने से, देखो अविनाश...''

अविनाश ने भूषण को झिंझोड़ते हुए कहा, “पागल मत बन भूषण”। अविनाश भूषण को समझाने की कोशिश कर रहा था कि तभी रिनी क्षितिज के पास गई और भूषण की तरफ देख चिल्लाते हुए बोली, ‘’नहीं फ़र्क पड़ता मुझे… क्या इसमें मेरी गलती है कि तुम मूव ऑन नहीं कर पा रहे? मुझे बिल्कुल फ़र्क नहीं पड़ता, मेरी तरफ़ से तुम कल के मरते आज मर जाओ...''

रिनी के शब्दों ने भूषण का दिल तोड़ दिया। क्षितिज ने भूषण को पकड़ने के लिए सिक्युरिटी को बुलाया। अविनाश ने भूषण को सिक्युरिटी से छुड़ाया, और क्षितिज की तरफ़ मुड़कर बोला “मैं भूषण की तरफ़ से माफ़ी माँगता हूँ, लेकिन इस बात को यहीं खत्म करते हैं”। अविनाश किसी तरह भूषण को गाड़ी की ओर लेकर बढ़ा। उन्हें जाता हुआ देख क्षितिज ने रिनी से कहा “इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगा तुम्हें भूषण”। क्षितिज की बात से अनजान अविनाश ने भूषण को गाड़ी में बैठाते हुए कहा  “क्या कर रहा था तू, बेवकूफ? वह तो अच्छा हुआ कि प्रिया ने मुझे कॉल कर दिया वरना … अविनाश की बात को अनसुना करते हुए भूषण ने खिन्न होकर जवाब दिया, ‘’बस कर यह बकवास.., तू भी मतलब के लिए साथ है। मतलब निकल जाएगा तो...''

भूषण ने अपनी बात पूरी भी नहीं की थी कि तभी अविनाश ने उसकी बात बीच में काटते हुए गुस्से से कहा “मन तो कर रहा है तुझे छोड़ ही दूँ।  मैं मतलबी हूँ? जानता है, आज जब तू यह मौत का खेल खेल रहा था, तब मेरी ज़िंदगी में क्या हो रहा था। आज मेरी बेटी ने अपना पहला शब्द बोला था, पापा.. और यह शब्द सुनने  के लिए मैंने चार घंटे  इंतजार किया था, और उसने बोला भी लेकिन तब, जब मैं तुझे लेने आ रहा था, तब उसने पापा कहा.. मैंने वह मोमेंट तेरे लिए मिस कर दिया। ” भूषण ने अविनाश की बातें सुनीं और चुप रहा, उसके पास कोई जवाब नहीं था। वैसे भी उसे अविनाश की बातें एकदम बकवास लग रही थी, । भूषण को यूँ चुपचाप देखकर अविनाश ने अपनी गाड़ी के ग्लव कम्पार्ट्मन्ट से एक कार्ड निकाला और कहा “यह ले, कॉल कर इन्हें। तुझे समझना और समझाना शायद मेरे बस की बात नहीं। बहुत हो गया, तू किसी की मदद ले..” भूषण ने कार्ड की तरफ़ एक बार भी नहीं देखा। जिसके बाद अविनाश ने ज़बरदस्ती कार्ड को उसकी पॉकेट में डाल दिया। अविनाश आगे कुछ बोलने ही वाला था कि एक तेज़ रफ़्तार कार ने अचानक उनकी कार को ओवरटेक किया, और कुछ दूर जाकर उनके सामने रुक गई। अविनाश ने बहुत तेज़ी से ब्रेक लगाए, जिसकी वजह से भूषण का सिर आगे डैश्बोर्ड से टकराया, अविनाश ने भूषण को देखकर फ़िक्र के साथ कहा “भूषण तू ठीक है...?” भूषण ने अपना सिर सहलाते  हुए अविनाश को देखा, लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कह पाता, सामने रुकी कार से एक आदमी उतरा जिसे देखकर भूषण हैरान रह गया, उसने चौंकते हुए कहा, ‘’मलिक..''

 

आखिर कौन है मलिक?

अविनाश ने कौन सा कार्ड दिया है भूषण को?

क्या होने वाला है भूषण के साथ?

जानने के लिए पढ़िए अगला भाग।

 

 

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