श्रेया का प्लेटफार्म देखकर, नीना हैरान थी. उसने कई बार कोशिश की थी, उसने हजारो लोगों की टीम hire की थी, लेकिन ऐसा प्लेटफार्म कभी बन ही नहीं पाया था। श्रेया उसे प्लेटफार्म के बारे में बताये जा रही थी. नीना ने गहरी सांस ली और श्रेया की बातों को गौर से सुना। उसे श्रेया के इस प्लेटफार्म पर भरोसा होने लगा था। लेकिन अब एक और बड़ी समस्या थी — नीना को जेल से बाहर निकालना। श्रेया जानती थी कि जब तक नीना जेल में है, तब तक वे इस प्लेटफार्म को पूरी तरह से लॉन्च नहीं कर पाएंगी।
नीना : “श्रेया, यह सब तो बहुत अच्छा है, लेकिन मुझे जेल से बाहर कैसे निकाला जाएगा? जब तक मैं यहां हूँ, तब तक हम इस प्रोजेक्ट को आगे कैसे बढ़ाएंगे?”
श्रेया : "मैंने इसके बारे में सोचा है, नीना। हम तुम्हें यहां से बाहर निकालने के लिए कानून का सहारा लेंगे। मैं तुम्हारे केस को फिर से खोलने की कोशिश करूंगी। तुम्हारे खिलाफ जितने भी आरोप लगाए गए हैं, उनमें से कई गलत हैं, और हम इसे साबित कर सकते हैं।"
नीना ने श्रेया की बातों को सुना और उसे एक नई उम्मीद महसूस हुई। श्रेया की योजना ने नीना के दिल में एक बार फिर से उम्मीद जगा दी थी। उसे लग रहा था कि शायद वह इस मुश्किल स्थिति से बाहर निकल सकती है और श्रेया के साथ मिलकर फिर से अपने सपनों को साकार कर सकती है।
श्रेया की कोशिशें लगातार जारी थीं। उसने नीना को जेल से बाहर निकालने के लिए हर मुमकिन तरीका आजमाया, लेकिन कोई भी वकील उसके केस को लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। नीना के खिलाफ आरोप इतने गंभीर थे कि वकील भी डरे हुए थे। सरकार और जनता का भारी दबाव था, और इस स्थिति में कोई भी नीना के पक्ष में खड़ा होना नहीं चाहता था। ऐसे में श्रेया निराश हो गयी।
श्रेया (खुद से): "इतनी कोशिशों के बाद भी कोई वकील मदद करने को तैयार नहीं है। क्या नीना को यूं ही जेल में सड़ने देना पड़ेगा?"
श्रेया ने हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन हर जगह से उसे ना ही सुनने को मिला। उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार वह कैसे नीना को इस मुश्किल से बाहर निकाल सकती है। शाम को जब वह घर में अकेली बैठी थी, अचानक उसके दिमाग में एक आईडिया आया। वह जानती थी कि ये आइडिया नीना कभी नहीं मानेगी।
श्रेया ने तय किया कि वह नीना से फिर से मिलने जाएगी और अपनी योजना उसके सामने रखेगी। यह योजना नीना के लिए कठिन हो सकती थी, लेकिन उसे यकीन था कि यह ही एक रास्ता है जो नीना को जेल से बाहर निकाल सकता है। अगले ही दिन, श्रेया जेल में नीना से मिलने चली गई। जेल के कमरे में जैसे ही नीना और श्रेया आमने-सामने आईं, श्रेया ने नीना को देखकर गहरी सांस ली। वह जानती थी कि जो बात वह कहने वाली है, वह नीना के लिए झटका साबित हो सकती है।
श्रेया (धीरे से): “नीना, मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन तुम्हें बाहर निकालना आसान नहीं है। कोई भी वकील तुम्हारा केस लेने को तैयार नहीं है।”
नीना : “मुझे पता था, श्रेया। यहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। मैं यहां हमेशा के लिए फंस चुकी हूं।”
श्रेया : “नहीं, ऐसा नहीं है। एक रास्ता है।”
नीना : “क्या? कौन सा रास्ता?”
श्रेया : “तुम्हें वेव को क्लार्क को बेच देना होगा।”
नीना यह सुनते ही चौंक गई। उसके चेहरे पर चिंता की लकीर बन गई। वेव उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना था, उसकी मेहनत का फल था। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसे अपनी कंपनी को इस तरह बेचना पड़ेगा, खासकर क्लार्क जैसे व्यक्ति को।
नीना (गुस्से में): “तुम मुझसे ये क्या कह रही हो, श्रेया? वेव को क्लार्क को बेचना? यह असंभव है! अगर मैंने वेव को बेच दिया, तो मैं फिर कभी नया बिजनेस भी शुरू नहीं कर पाऊंगी।”
श्रेया : “नीना, मैं जानती हूँ कि यह सुनना तुम्हारे लिए कितना कठिन है। लेकिन एक बार सोचा कि अगर तुम वेव को बेच देती हो, तो क्लार्क तुम्हें जेल से बाहर निकालने में मदद करेगा। इसके अलावा, मैंने एक और scheme सोची है।”
नीना : “क्या scheme है?”
श्रेया : “अगर तुम वेव बेच देती हो, तो मैं एक नया सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनाऊंगी। और उसमें तुम CEO रहोगी। इस तरह से तुम्हें एक नई शुरुआत मिलेगी। तुम्हारे पास फिर से अपनी जिंदगी को सही दिशा देने का मौका होगा, और क्लार्क के बिना भी हम उसे हराने का तरीका ढूंढ लेंगे।”
नीना : “लेकिन श्रेया, अगर मैंने वेव बेच दिया, तो मेरा नाम हमेशा के लिए खत्म नहीं हो जाएगा? लोग तो यही सोचेंगे कि मैंने अपनी मेहनत को आसानी से बेच दिया। और क्लार्क के साथ डील करना... मैं नहीं जानती, क्या यह सही होगा?”
श्रेया : “मैं समझती हूँ, नीना। लेकिन अभी तुम्हारे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। जेल में रहकर तुम कुछ भी नहीं कर पाओगी। अगर तुम वेव बेच देती हो, तो कम से कम तुम बाहर आकर अपनी आजादी वापस पा सकती हो। और जब तुम बाहर होगी, तो हम एक नई शुरुआत कर सकते हैं।”
नीना गहरी सोच में पड़ गई। वह जानती थी कि श्रेया सही कह रही थी, लेकिन वेव को बेचना उसके लिए बहुत बड़ी कुर्बानी थी। वह उस कंपनी को अपने दिल से चाहती थी, लेकिन अब वह ऐसी स्थिति में थी जहां उसे अपनी आजादी और अपने सपने के बीच एक मुश्किल चुनाव करना था।
नीना : “क्या तुम्हें लगता है कि मैं यह कर पाऊंगी, श्रेया? क्या मुझे खुद से समझौता करना चाहिए?”
श्रेया : “तुम्हें यह समझना होगा, नीना। यह सिर्फ एक बिज़नेस डिसीजन नहीं है। यह तुम्हारी आजादी की बात है। और जब तुम बाहर आ जाओगी, तो तुम्हारे पास फिर से लड़ने का मौका होगा। अभी हम क्लार्क के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते, लेकिन एक बार जब तुम बाहर आ जाओगी, तो हम मिलकर उसे मात देंगे।”
नीना : "ठीक है, श्रेया। मैं यह करने के लिए तैयार हूँ। मैं वेव को बेच दूंगी, लेकिन सिर्फ इसलिए क्योंकि मुझे अपनी आजादी वापस चाहिए।"
श्रेया ने राहत की सांस ली। उसे पता था कि यह फैसला नीना के लिए आसान नहीं था, लेकिन यह एकमात्र तरीका था जिससे नीना जेल से बाहर आ सकती थी और फिर से अपनी जिंदगी को सही दिशा में ले जा सकती थी।
श्रेया :"तुमने सही फैसला लिया है, नीना। मैं जानती हूँ कि यह कठिन है, लेकिन यह तुम्हारे भविष्य के लिए सबसे अच्छा कदम होगा। और एक बार ये प्लान काम कर गया तो हम वेव को वापिस ले ही आयेंगें।"
नीना :"श्रेया, मुझे तुम पर पूरा भरोसा है। हम एक नई शुरुआत करेंगे, और इस बार मैं क्लार्क को बिल्कुल नहीं छोडूंगी।"
नीना को समझाने के बाद श्रेया, आरव को देखने के लिए हॉस्पिटल चली गयी। वो सीधे आरव के कमरे में चली गयी, आरव अभी भी कोमा में ही था। उसने उसका हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया। और उसे बताने लगी कि उसे उसकी कितनी जरुरत महसूस हो रही है। थोड़ी देर उसे बताने के बाद श्रेया वहां से उठकर घर आ गयी।
दूसरी ओर नीना ने आखिरकार वो फैसला कर लिया था जिसे लेना उसके लिए सबसे कठिन था। उसने वेव को क्लार्क को बेचने का निर्णय कर लिया, लेकिन एक शर्त के साथ। यह एक ऐसा कदम था, जो उसकी आजादी के लिए जरूरी था। उसने अपने अंदर उठ रहे सवालों और अपने सपनों की कुर्बानी के दर्द को दबाकर, क्लार्क को एक मैसेज भेजा। संदेश में सिर्फ इतना लिखा था -
नीना - " मैं तुम्हारी शर्त पर बात करने के लिए तैयार हूँ।"
क्लार्क, जो पहले से ही वेव को पूरी तरह से हथियाने का सपना देख रहा था, यह मैसेज पाकर बेहद खुश हुआ। उसे लगा कि उसकी योजना सफल हो गई है। अब नीना उसके सामने झुकी हुई थी, और वह वेव के साथ-साथ उसके सारे क्लाउड कंप्यूटिंग के एल्गोरिदम को भी अपने कब्जे में कर सकता था। वह अपने ऑफिस में बैठा मुस्कुरा रहा था, और बिना देरी किए जेल जाने की तैयारी कर रहा था। उसने तुरंत अपने वकील से एक कॉन्ट्रैक्ट तैयार करवाया, जिसमें वेव को खरीदने और उसके सारे एल्गोरिदम का हक भी मिलने की शर्तें साफ-साफ लिखी गई थीं।
क्लार्क खुशी-खुशी जेल पहुंचा। उसकी मुस्कान अब पूरे चेहरे पर फ़ैल चुकी थी। नीना के सेल के पास पहुंचते ही उसने उसे देखा। वह जानता था कि उसने अब नीना को पूरी तरह से शिकस्त दे दी है। नीना, जो कभी उसकी सबसे बड़ी कॉम्पिटिटर थी, अब उसकी शर्तों पर झुकने को मजबूर हो चुकी थी।
क्लार्क (मुस्कुराते हुए): “नीना, मुझे पता था कि आखिरकार तुम यही करोगी। मैंने कहा था न, कि कोई भी मेरे ConnectMe का मुकाबला नहीं कर सकता। अब ये खेल पूरी तरह मेरे हाथ में है।”
नीना : “मैं यहां तुम्हारी शर्तों पर बात करने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मेरी भी कुछ शर्तें हैं, क्लार्क।”
क्लार्क : “शर्तें? नीना, अब तुम्हारी शर्तें मायने नहीं रखतीं। तुम बस दस्तखत करो, और मैं तुम्हें इस जेल से बाहर निकालने में मदद करूंगा।”
क्लार्क ने अपनी फाइल से कॉन्ट्रैक्ट पेपर्स निकाले और उन्हें नीना के सामने रख दिया। उसने हर एक शब्द बड़े ध्यान से लिखा था। यह कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ वेव को खरीदने का नहीं था, बल्कि नीना के क्लाउड कंप्यूटिंग एल्गोरिदम का भी था, जिसके जरिए क्लार्क को वेव की सारी टेक्निक का अधिकार मिल जाता। नीना ने कागजों की ओर देखा, और फिर एक गहरी सांस ली।
नीना : “क्लार्क, मैं वेव को बेचने के लिए तैयार हूँ। लेकिन मैं यहां सिर्फ वेव को बेचने का सौदा करुँगी, क्लाउड कंप्यूटिंग एल्गोरिदम का नहीं।”
क्लार्क : “क्या? नीना, तुम क्या कह रही हो? यह एल्गोरिदम ही वेव की असली ताकत है। तुम्हें यह सब कुछ मुझे सौंपना होगा, तभी मैं तुम्हें जेल से बाहर निकालने की बात करूंगा।”
नीना : "नहीं, क्लार्क। मैं वेव को बेच रही हूँ, और यह दस्तखत मैं आज करूंगी। लेकिन एल्गोरिदम का सौदा तब तक नहीं होगा जब तक मेरा केस खत्म नहीं हो जाता यह मेरी शर्त है।"
क्लार्क थोड़ी देर तक नीना को घूरता रहा। उसकी मुस्कान धीरे-धीरे गायब हो रही थी। उसे उम्मीद थी कि नीना पूरी तरह से झुक जाएगी और उसके सामने सारी शर्तें मान लेगी, लेकिन नीना ने उसे चौंका दिया था। वह वेव को बेचने के लिए तैयार थी, लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग के एल्गोरिदम को बेचने से उसने मना कर दिया।
क्लार्क : “ठीक है, नीना। मैं तुम्हें बाहर निकालूंगा, लेकिन याद रखना, यह तुम्हारा आखिरी मौका है। अगर तुमने कोई और चाल चली, तो मैं तुम्हें कभी बाहर नहीं आने दूंगा।”
नीना : "मैंने अपनी शर्तें साफ कर दी हैं, क्लार्क। अब यह तुम पर है कि तुम क्या करना चाहते हो।"
क्लार्क को समझ में आ गया था कि नीना अब भी पूरी तरह हार मानने के लिए तैयार नहीं थी। उसने अपने गुस्से को दबाकर कॉन्ट्रैक्ट को नीना के सामने रखा। नीना ने बिना किसी हिचकिचाहट के वेव को बेचने वाले कागजों पर दस्तखत कर दिए। क्लार्क के चेहरे पर फिर से हल्की मुस्कान लौट आई, लेकिन वह जानता था कि असली जीत तब होगी जब उसे वेव के क्लाउड कंप्यूटिंग के एल्गोरिदम मिलेंगे।
क्लार्क : “वेल played, नीना। लेकिन अब देखना, जब तुम बाहर आओगी, तो सबकुछ मेरे पास होगा। तुमने वेव को खो दिया है, और जल्द ही मैं तुम्हारे एल्गोरिदम को भी हासिल कर लूंगा।”
नीना : "तुम जैसा सोच रहे हो, वैसा होगा या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा, क्लार्क। अभी के लिए, तुमने वेव हासिल कर लिया है। लेकिन जब तक मैं बाहर नहीं आती, तुम्हारे पास वेव की पूरी ताकत नहीं होगी।"
क्लार्क ने कॉन्ट्रैक्ट पेपर्स वापस अपने बैग में रख लिए और नीना को एक आखिरी बार घूरते हुए कहा,
क्लार्क - "जल्द ही हम फिर मिलेंगे, नीना। और तब तक, मैं देखता हूँ कि तुम्हें बाहर कैसे निकाला जा सकता है।"
क्लार्क वहां से चला गया, उसके मन में अब भी एक तूफान चल रहा था। वह खुश था कि उसने वेव को अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन नीना की शर्तों ने उसकी जीत को अधूरा बना दिया था। उसे अब नीना को जेल से बाहर निकालना होगा, ताकि वह उसके क्लाउड एल्गोरिदम को भी हासिल कर सके।
नीना ने क्लार्क के जाने के बाद गहरी सांस ली। वह जानती थी कि उसने अपने सपने को बेच दिया है, लेकिन यह उसकी आजादी की कीमत थी। अब उसकी नजरें श्रेया की योजना पर टिकी थीं। वह जानती थी कि एक बार वह जेल से बाहर निकल आए, तो श्रेया के साथ मिलकर वह क्लार्क को चुनौती दे सकेगी।
पर क्या नीना की चाल कामयाब हो पायेगी, या क्लार्क खेल जायेगा कोई खेल?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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