उस हादसे में अपनी मां को खोने के बाद से ही अमृता हर छोटे बड़े हादसे से बहुत  ज्यादा डरने लगी। उसे हमेशा ही अपनों को खोने का डर सताने लगा।

वैभव अमृता की बात सुनने के बाद उसको गले लगाना चाहता था। वो चाहता था कि वो उससे कह सके कि वो उसके साथ है पर वो ये भी जानता था कि ये सब सही नहीं। वैभव अन्दर ही अंदर एक अलग ही दुविधा में फंस गया।

वैभव ( मन में) – ये सब क्या सोच रहा है वैभव! तू होश में तो है!

ये सोचते हुए जैसे ही उसने अमृता की तरफ देखा और उसके आंसू देखे, उसने उसके आंसुओं को पोंछा और उसके हाथ को ज़ोर से पकड़ लिया। अमृता कुछ देर वहां रोती रही और वैभव ने भी उसे, नॉर्मल  होने के लिए  समय देना ही सही समझा। थोड़ी देर बाद जैसे ही अमृता अपनी इस दर्दनाक याद से बाहर आई तो उसने वैभव के हाथ में अपना हाथ देख कर तुरंत एक झटके से अपने हाथ को उसके हाथ से बाहर निकाल लिया।

अमृता को मन ही मन बहुत  अजीब लग रहा था। वो ऐसा नहीं करना चाहती थी पर आज इस situation की वजह से वो वैभव के सामने कमज़ोर पड़ गई और उसे सब सच बता बैठी।

जैसे ही वो चुप हुई, वैभव ने slow speed से गाड़ी शुरू की और धीरे धीरे ही गाड़ी को चलाकर अमृता के होटल के पास पहुँच गया। इस बीच दोनों चुप बैठे रहे।  

होटल देखकर अमृता ने अपना पर्स उठाया और गाड़ी के बाहर निकलने लगी। वो बिना वैभव को bye बोले ही वहां से जाने लगी। वैभव को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था तो उसने अपनी गाड़ी वापस घर की ओर मोड़ ली। जैसे ही वैभव ने गाड़ी मोड़ी, अमृता पलट कर वैभव की गाड़ी के पास जल्दी से आई, और उसने वैभव से कहा,

अमृता – वैभव, वो तुम मिलने के लिए कह रहे थे ना? हम परसों मिल सकते हैं क्या?  

वैभव अमृता की मिलने वाली बात सुनकर खुश हो ही रहा था कि अमृता ने इसके आगे ये कह दिया कि वो शायद उसके बाद भोपाल से चली जाएगी। वैभव को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे जिससे अमृता रुक जाए यहीं, भोपल में ही। उसे अभी भी Elsie के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था और ऊपर से अमृता जाने की बात कर रही थी। वैभव ने अमृता को जवाब दिया,

वैभव – हां अमृता ,हम परसो चलते है कहीं पर तुम जा क्यों रही हो? भोपाल पसंद नहीं आया क्या?

अमृता ने इसके जवाब में कहा कि वो भोपाल एक पुराने काम को खत्म करने के लिए आई थी। अब उस काम में जितना समय लग जाएगा उस हिसाब से ही वो ये तय करेगी कि वो भोपाल रुके या नहीं। फिलहाल उसे ये लग रहा था कि वो काम परसों तक हो जाएगा इसलिए वो वैभव को परसों के बाद मिलने की कोई गैरेंटी नहीं दे सकती।

वैभव को ये सुनकर थोड़ा धक्का लग गया। फिर भी उसने उसे मुस्कुराकर कहा,

वैभव – ठीक है फिर परसो मिलते है अमृता!

अमृता – thank you वैभव आज जो तुमने मेरे लिए किया! मैं  हमेशा याद रखूंगी।

इस बात को सुनकर वैभव मुस्कुराया और फिर अमृता Bye बोलकर वहां से चली गई। वैभव ने भी अपनी कार चालू की और वहां से बड़े तालाब की रोड से होते हुए अपने घर की तरफ निकल गया।

घर पर रेणुका की अलग ही दुनिया चल रही थी। वो अब कैसे भी करके जल्दी जल्दी अमृता को अपनी बहू  बनाकर घर ले आना चाहती थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अब वो कौनसे कुएं में से नई योजना ढूंढ कर ले आए पर जब उसे कोई रास्ता नज़र  नहीं आया तो फिर उसने सोचा कि वो शायद अपनी खास दोस्त और किटी पार्टी की जान सुनीता और ऋद्धि मलहोत्रा से इस matter में बात करके कोई रास्ता ढूंढ सकती है। वो जानती थी कि उनके पास कोई न कोई अच्छा रास्ता तो होगा ही जिससे वैभव जल्दी से घोड़ी चढ़ जाए!

रेणुका ने सुनीता और ऋद्धि को कॉन्फ्रेंस कॉल किया और उसके बाद उन्हें अमृता के बारे में बताया,

रेणुका – सुनीता ,ऋद्धि! मैं तुम दोनों को इस बारे में बहुत  पहले ही बताना चाहती थी पर मैं अमृता को लेकर पहले पूरी तरह से निश्चित होना चाहती थी। तुम दोनों को तो पता ही है कि इससे पहले जब मैं ने उस लड़की को  वैभव के लिए चुना था तो क्या हुआ था।

रेणुका ऋद्धि के घर की शादी में मिली उस लड़की के बारे में बात कर के सुनीता और ऋद्धि को अपनी गलती के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी पर ऋद्धि और सुनीता ने रेणुका से थोड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने रेणुका से कहा कि वैभव उनके भी बेटे जैसा है पर रेणुका ने तो उन्हें पराया महसूस करा दिया। कुछ देर रेणुका, उन दोनों को मनाने में लग गई और finally वो दोनों मान भी गईं। हालांकि रेणुका ने सुनीता और ऋद्धि से अभी अमृता से जुड़ी कोई भी बात अपनी किटी पार्टी के बाकी दोस्तो को बताने से साफ मना कर दिया था। वो नहीं चाहती थी कि अभी वैभव और अमृता को गलती से भी किसी की बुरी नज़र  लगे।

ऋद्धि और सुनीता भी इस बात को समझ रहीं थीं, इसलिए उन्होंने भी रेणुका की बात पर हामी भर दी। बाकी जब रेणुका ने ऋद्धि और सुनीता को ये बताया कि अमृता उसे कितनी पसंद है और वो किसी भी कीमत पर उसे जल्द से जल्द घर बहू  बना कर लाना चाहती है, तो उन दोनों ने अपना दिमाग चलाना शुरू कर दिया। उन्होंने रेणुका से पहले अमृता की पसंद नापसंद की जानकारी ली ताकि वो एक ऐसा plan बना सके जिससे अमृता रेणुका को पसंद करने लगे।

भई, अगर होने वाली बहू को होने वाली सास ही पसंद नहीं आएगी, तो आगे बात कैसे बनेगी?

कुछ देर तीनों ही फोन पर बात करतीं रहीं पर उन्हें कोई अच्छा सुझाव समझ आ नहीं रहा था। बहुत  देर के बाद ऋद्धि ने रेणुका से कहा कि उसे व्रत करने चाहिए क्योंकि अमृता धार्मिक लड़की है और ये देख कर वो रेणुका से और ज्यादा impress हो जाएगी पर व्रत का नाम सुनते ही जैसे रेणुका के पसीने छूट गए। वो अमृता को बहू  तो बनाना चाहती थी पर उससे हमेशा से ही व्रत उपवास नहीं किए जाते थे।  इसी वजह से वो धार्मिक कार्यक्रमों से थोड़ा दूर ही रहती थी क्योंकि वो जानती थी कि अम्मा या फिर कोई और उसे व्रत करने के लिए मजबूर करेगा।

… लेकिन, ऋद्धि ने जब अमृता के लिए व्रत करने को कहा तो रेणुका सोचने लगी। सुनीता ने तो रेणुका से कहा कि वो अमृता को उसके favorite हीरो की फिल्म दिखाने ले जाए। इसी बहाने दोनों के बीच शायद tuning बैठ जाए और रेणुका को ये वाला idea व्रत वाले idea से बेटर लगा। अब सवाल ये है कि अमृता के favorite हीरो की movie के लिए रेणुका को फिर से अमृता को कॉल करना पड़ेगा और अब वो बार बार कॉल करने का बहाना नहीं ढूंढ पाएगी। इसलिए बिना दिमाग का दही किए उसने कठिन रास्ता चुन लिया और अगले ही दिन व्रत करने का फैसला कर लिया।

रेणुका ने तय किया कि वो व्रत करने के बाद अमृता को फोन लगा कर उससे व्रत से जुड़ी बातें करेगी। ताकि अमृता उसकी धार्मिक side जान कर उससे impress हो जाए।

रेणुका ने फौरन कॉल disconnect किया और व्रत की तैयारियों में जुट गई। उसने तय किया कि वो अम्मा को अपने इस व्रत के बारे में ज्यादा नहीं बताएगी वरना अम्मा उस से हर साल व्रत की उम्मीद कर बैठेगी और ऐसा वो हर बार नहीं कर पाएगी। इसलिए उसने internet से वीडियो देख कर  व्रत के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी की और फिर एक डायरी में सब कुछ लिख लिया। असल में रेणुका, एक खास तरह का व्रत करने वाली है, ये व्रत लोग मनचाहा वर पाने के लिए करते हैं लेकिन रेणुका की situation में उसने मन चाही बहू पाने के लिए व्रत को ही तोड़ मरोड़ लिया।

अपने कमरे में वो व्रत की तैयारी में लगी थी और वैभव अमृता को छोड़कर वापस  घर आ गया था। वो घर आते ही सीधा अपने कमरे में चला गया। रास्ते भर वो बस अमृता के बारे में ही सोचता रहा।

इस Elsie ढूंढो अभियान में ऐसा पहली बार हुआ था जब वैभव ने भगवान से अमृता के Elsie न होने की दुआ मांगी। जब उसने अमृता के दर्द को महसूस किया तो वो बस एक ही चीज़ की उम्मीद करने लगा कि Elsie उस दर्द से कभी न गुजरे। वैभव और Elsie अपनी निजी जिंदगी के बारे में ज्यादा बातचीत तो नहीं करते थे पर वैभव को ये पता था कि Elsie अपनी मां से बहुत  प्यार करती थी और वो अपने पापा से ज्यादा जुड़ी हुई नहीं थी। जैसे ही वैभव इस बारे में सोचने लगा उसकी रूह कांप उठी। उसकी आंखों में बड़े बड़े आंसू थे और वो उन आंसुओं के साथ ही अपने कमरे की खिड़की के पास जाकर बैठ गया। उसने सोचा कि वो अमृता को मैसेज करे पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो उससे आखिर कहेगा क्या? वैभव के पास अमृता को संभालने के लिए कोई शब्द नहीं थे। इसलिए वो बार बार कुछ type करने की कोशिश करता रहा पर उसे मिटाकर वो हर बार फोन साइड में पटक देता।

वैभव के मन से ये बात नहीं जा रही थी। उसका बस चलता तो वो अमृता को अभी के अभी दुनिया की सारी खुशियां दे देता। उसने भी अपने पापा  को खोया है पर अमृता ने जिस दर्द में अपनी मां को आखिरी समय देखा था वो किसी बच्चे के लिए आसान नहीं और ये बात वैभव समझ रहा था। बहुत  देर इस बात को वो सोचता रहा पर फिर वो हिम्मत करके अपने दिमाग को दूसरी बातों में फंसाने लगा ताकि वो इस बात से बाहर निकल जाए।

वैभव हमेशा से ही दिल का बहुत  साफ रहा है। उसे दूसरे का दर्द सिर्फ नज़र  नहीं आता बल्कि वो उनके दर्द को अपने अंदर महसूस करने लगता है। इसलिए उसके लिए थोड़ा मुश्किल हुआ पर जैसे ही वो ये सोचने लगा कि परसों वो अमृता से मिलने वाला है, उसकी घबराहट थोड़ी कम हो गई।

वैभव सोचने लगा कि वो अमृता के साथ ऐसी कौनसी जगह जा सकता है जिसके बारे में रेणुका को पता न चले पर ये सोचते सोचते वो वापस  अमृता के ख्यालों में ही खो गया। बस इस बार वो अमृता के दुख की जगह, उस पल के बारे में सोचने लगा जब अमृता उसके गले लग गई थी और कैसे वो उसे छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी।  वैभव उस पल को भूल नहीं पा रहा था। वो समझ नहीं पा रहा था कि जब वो अमृता के लिए कुछ भी महसूस नहीं करता तो उसके गले लगते ही उसको ऐसा क्यों लगा जैसे उसका दिल धड़कना बंद हो गया हो? वो बार बार बस यही सोच रहा था कि आखिर क्यों वो अमृता को अपनी बाहों से नहीं जाने देना चाहता था?

 

क्या वैभव अमृता से प्यार करने लगा है या ये सिर्फ sympathy का हिस्सा है? क्या रेणुका अमृता के लिए व्रत करने में सफल होगी?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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