यह सुनते ही शान्विक को ऐसा लगा जैसे अब उसके कान से खून निकलने वाला हो। उसे और भी ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होने लगी। उसने खुद से कहा, तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे खिलाफ जाने की और इस तरह मुझसे बात करने की?” 

उसने व्योला से कंफ्यूज होते हुए कहा, “लेकिन तुम हमेशा वही कहती रहती हो। जो मुझे बहुत irritate करता हैं।”  

फिर ऐसे दिखाया की जैसे वो काफी गुस्सा है। और आगे बोला, “कहो क्या कहना चाहती हो।” 

Vayola ने hesitant होते हुए कहा, "क्या…. क्या तुम मुझे थोड़े पैसे उधर दे सकते हो…?”

“प्लीज ! मुझे 5000 दे उधर दे दो, पक्का मैं उन्हें तुम्हे कुछ दिनों में ही return कर दूंगी "

शान्विक ने पूछा, “और मैं तुम्हे इतने पैसे क्यों दूँ?”

यह सुनकर व्योला को गुस्सा आ गया उसने कहा, "ठीक है! बिल्कुल ठीक है!" वो चीखी। "नहीं चाहिए मुझे तुम्हारे अमीरी के पैसे! कंजूस कहीं का! मक्खीचूस! तुम्हारी अमीरी तुम्हारे साथ ही दफन हो जाए!"

इतना कहते ही वो मुड़ी और जाने लगी। 

"कंजूस... मक्खीचूस..." यह शब्द शान्विक के कानों में बार-बार गूंजते रहे। जैसे किसी ने उसके दिल पर न सिर्फ तीर चलाया हो बल्कि जहर बुझा तीर चलाया हो। पहली बार जिंदगी में किसी ने उसे यह कहा था। हमेशा लोग उसकी चापलूसी करते थे!

"रुको!" उसकी आवाज में अजीब सी बेचैनी और परेशानी थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसके अंदर तूफान चला रहा हो।

वो अपने आप से बुदबुदाई, "इस घमंडी, अहंकारी और बेवकूफ आदमी से मदद मांगने के बजाय मैं सड़क के किसी कोने में सो जाती। कम से कम इज्जत तो बची रहती। मैंने इसे अपना सब कुछ दिया था और यह मुझे थोड़े से पैसे भी नहीं दे सकता। वाह!  क्या आदमी हैं! मैंने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली।"

व्योला यह सोचते हुए ही उसे इग्नोर कर वहा से जाने लगी। कि तभी उसने सुना, “मैं तुम्हे 5 लाख देता हूँ”

व्योला फिर भी नहीं रुकी तो शान्विक ने आगे कहा, “ तुम्हे उसे वापस करने की भी जरुरत नहीं हैं।”

व्योला की आंखों में अचानक हीरे की तरह चमक आ गई। ऐसा लगा जैसे अंधेरे में अचानक बिजली का बल्ब जल गया हो। वो तुरंत पलटी, हैरानी से आंखें फाड़कर बोली, "सच में? यह बात सच है? तुम मजाक तो नहीं कर रहे?"

शान्विक ने गहरी सांस ली, और कहा, "हां व्योला... बिल्कुल सच कह रहा हूं... लेकिन एक छोटी सी शर्त है।"

"कौन सी शर्त? जल्दी बताओ!" व्योला की आवाज़ में उत्सुकता और बेचैनी दोनों थी।

शान्विक ने कहा, “तुम्हे मुझे बताना होगा की तुम्हें पैसे क्यों चाहिए।” 

शान्विक के मन में आया, "इस लड़की की हरकतें देखकर लगता है कि यह सिर्फ पैसों के लिए ही मेरे पास आई है। कितनी लालची और materialistic है!"

व्योला की आंखों में अचानक आंसुओं का तूफान आ गया। आवाज़ ऐसे कांप रही थी जैसे ठंड में कोई बच्चा रो रहा हो। "खाने के लिए... और रहने के लिए। हमारा पूरा बैंक अकाउंट freeze हो गया है। बैक corrupcy की वजह से।  cards काम नहीं कर रहे। मेरे पास तो अब रहने के लिए घर तक नहीं है सिर  ढकने के लिए छत।"

 

शान्विक ने हैरानी से कहा, “रहने लिए के लिए भी कोई जगह नहीं हैं।” 

उसने व्योला को देखा तो उसने भी अपना सर “हां” में हिलाया ऐसा लग रहा था जैसे अब रोने ही वाली है और आखों में भी पानी भर आया था। जिसे देखकर उसे अजीब सा फील होने लगा। 

व्योना ने आगे कहा, “मेरे पास जितने भी पैसे थे वो सब मैंने अपने पापा को बचाने के लिए खर्च कर दिए। और मैं कंगाल हो गयी हूँ।”

"चाहे कोई उम्मीद न हो, चाहे पूरी दुनिया मेरे खिलाफ हो जाए, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी। अपने पापा को बचाकर ही रहूंगी। मरूंगी लेकिन हार नहीं मानूंगी!"

“ह.....! यू अरे सो annoying.”

इतना कहते ही वो वहां से जाने लगा। जिसे देखते ही व्योना ने आगे कहा, "रुको! तुम अपनी बात से मुकर नहीं सकते! तुमने वादा किया है!"

शान्विक ने कुछ जवाब नहीं दिया और वो सीधा उस होटल से बाहर निकल गया उसके साथ ही व्योला लियो और बाकि के बॉडी गॉर्डस भी। 

जब शान्विक आया तो उसने देखा की कार main door के पास ही खड़ी है और ड्राइव उसका वेट कर रहा था। 

लियो ने कार का door open किया और कहा, "सर, प्लीज बैठिए।"

शान्विक ने कुछ नहीं कहा और कार के अंदर बैठ गया। 

शान्विक कुछ कहे बिना कार में बैठ गया। यह देखकर व्योला का दिल बुरी तरह टूट गया और वो निराशा से वहां से जाने लगी।

तभी शान्विक ने कहा, “तुम कहा जा रही हो? कार में बैठ जाओ।”

व्योला ने हैरानी से उसे घुरा। शान्विक ने थोड़ी irritation के साथ समझाया, “तुम्हे पैसे चाहिए थे न? उसके लिए हमे मेरे घर जाना होगा।”

यह सुनते ही वो और ज्यादा हैरान हो गयी उसने पूछा,  "तुम्हारे घर क्यों? तुम तो इतने अमीर हो! एक phone call में करोड़ों रुपए मंगवा सकते हो। तो घर जाने की क्या जरुरत है?”

उसकी आवाज़ में शक था, "कहीं तुम मुझे घर ले जाकर कुछ गलत तो नहीं करोगे? मैं अकेली लड़की हूं..."

शान्विक ने irritate होते हुए कहा, “ठीक हैं ! अगर तुम्हे पैसे नहीं चाहिए तो मत आओ। गाड़ी चलाओ।”

इससे पहले की गाड़ी वहा से निकली अचानक ही व्योला गाड़ी के सामने आ गयी और कहा, “ रुको मैं चलती हु तुम्हारे साथ।”

वो quickly शान्विक के पास आकर बैठ गई। कार चल पड़ी और अंदर एक अजीब सी तनावभरी खामोशी छा गई।

****

कुछ देर बाद ही वो शान्विक के घर पहुँच गए। उसका घर काफी बड़ा और laxurious था। बहुत से स्पोर्ट्स कार पार्क थी वहां जिसे देखते ही व्योला ने मन में सोचा, "हे भगवान ये सब क्या हैं! इसे कहते हैं असली अमीरी! राजा-महाराजाओं वाली lifestyle! इनके सामने तो हमारी पूरी family एक छोटी सी मछली के बराबर है। काश हमारी शादी हो जाती, तो मैं आसानी से पापा को बचा लेती। अब तो वो dream भी टूट गया।"

कार main door के पास आकर रुकी और शान्विक बाहर आया तभी सभी  servants ने एक साथ grand style में स्वागत किया, "वेलकम बैक सर!"

जब उनकी नज़र व्योला पर पड़ी तो सभी के चेहरे पर ऐसी हैरानी छा गई जैसे कोई alien दिख गया हो। सभी लोगो के रिएक्शन को इग्नोर कर वो अंदर चले गए। 

उनके अंदर जाने के बाद कुछ लड़कियां आपस में excited होकर फुसफुसाने लगीं:

"अरे यार! क्या यह सर की secret girlfriend है?" 

"यह कैसे possible है? सर तो girls के नाम से ही भागते हैं!"  

"कल तक तो सर completely single थे! अचानक यह कहां से आ गई?" 

"लगती तो बहुत simple है... कहीं gold digger तो नहीं?"

मीरा के मन में जलन की आग जल गई। "यह चुड़ैल अचानक कहां से आ गई मेरे शान्विक के जीवन में? अब मेरे सारे plans का क्या होगा? मैं तो सालों से उसे impress करने की कोशिश कर रही हूं। इस बेकार लड़की को यहां से निकालना ही होगा। वो भी permanently!"

शान्विक ने अंदर आते ही काका से कहा, “ इसे रूम में ले जाओ ताकि वो थोड़ा रेस्ट कर सकते।”

व्योला ने पूछा, "तुम्हारा मतलब क्या है? मुझे आराम की जरूरत नहीं है। मैं यहां घूमने नहीं आई हूं। और तुम मुझे रेस्ट करने के लिए क्यों कह रहे हो।”

शान्विक ने उसे इग्नोर किया और आगे बढ़ गया जिसे देख व्योला desperate होकर उसके पीछे जाने लगी लेकिन काका ने respectfully उसे रोक लिया।

"मिस, प्लीज मेरे साथ चलिए। शान्विक बेटा के orders हैं।"

व्योला कुछ कहना चाहती थी लेकिन चुप रह गई और helplessly काका के पीछे हो ली।

काका उसे एक बेहद शानदार और luxurious कमरे में ले गए। कमरा इतना सुंदर था जैसे किसी 5-star hotel का presidential suite हो।

"आपको कुछ चाहिए? Designer कपड़े या branded jewelry? कुछ भी!"

व्योला shocked होकर बोली, "खाना-पीना तो समझ आता है, लेकिन कपड़े-jewelry क्यों? मैं यहां permanently रहने नहीं आई हूं। सिर्फ पैसे लेने आयी हूँ।"

काका ने diplomatically कोई जवाब नहीं दिया।

व्योला ने politely कहा, "ठीक है! मैं directly सर से ही पूछ लूंगी कि वो कब पैसे देंगे ताकि मैं जल्दी यहां से चली जाऊं।"

काका के मन में आया, "यह बहुत interesting है! शान्विक बेटा कभी किसी अजनबी के साथ इतना close नहीं होते, खासकर लड़कियों के साथ। यह तो पहली बार है जब उन्होंने किसी लड़की को घर लाया है। वो तो हमेशा लड़कियों  से 100 गज दूर भागते हैं। कुछ तो special बात है इस लड़की में।"

“मुझे लगा था आप दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते होंगे तभी तो वो वापस आते ही आपको यहाँ लेकर आये। लेकिन शायद मैं गलत था। आप तो यहां सिर्फ पैसों के लिए आई हैं। मुझे शान्विक से ऐसी उम्मीद नहीं थी।” 

उन्होंने कहा, “ठीक है मिस! कुछ जरूरत हो तो बेझिझक बताइएगा। जब शान्विक बेटा कहेंगे तब मैं आपको लेने आ जाउंगा तब तक के लिए आप इसी रूम में आराम करिये।”

व्योला बोली, "जी हां! Thank you!"

काका चले गए। 

वहीँ व्योला उस शानदार king-size bed पर बैठ गई। 2-3 घंटे हो गए लेकिन शान्विक का कोई पता नहीं था। अब व्योला के पेट में चूहे marathon दौड़ रहे थे। उसने सुबह से कुछ नहीं खाया था और आज जो कुछ भी उसके साथ हुआ उन सबके कारण उसे ध्यान ही नहीं रहा। 

"हे भगवान! काका जी ने पूछा था तो खाने के लिए कुछ मंगवा लेती। लेकिन मैंने तो गर्व में आकर मना कर दिया। कितनी बेवकूफी की!"

भूख की वजह से अब उसके पेट में दर्द होने लगा था। 

“और कितना समय लगेगा। अब मैं और बर्दाश नहीं कर पाऊँगी मुझे लगता है भूख से मैं मर जाउंगी इससे पहले की मैं मरने के कगार पर पहुंचू मुझे यहाँ से निकलना होगा।”

“मुझे ही उन्हें ढूँढना होगा” 

वो उठकर कमरे से बाहर निकली। इधर-उधर किसी को ढूंढने लगी लेकिन कोई नज़र नहीं आया। Corridor में जाकर उसे एक pretty maid दिखी।

"Excuse me मिस! मिस्टर ग्रेवाल कहां मिलेंगे?"

मीरा रुकी। व्योला को देखकर अंदर से गुस्से की आग जल गई लेकिन चेहरे पर sweet smile चिपका ली। मन में सोचा, "perfect! बेवकूफ लड़की! तूने मेरे प्यारे शान्विक को मुझसे छीन लिया है। रुक अभी तुझे सबक सिखाती हूं।"

वो बड़ी innocent आवाज में मुस्कुराकर बोली, "ओह! सर तो अभी नीचे एक important meeting के लिए गए हैं। वो बहुत busy हैं। तब तक आप चाहें तो उनके room में उनका wait कर सकती हैं। यहां से सीधे जाइए, corridor के end में आपको उनका room मिल जाएगा।"

उसके चेहरे पर एक devilish मुस्कान थी। मन में evil laugh के साथ बोली, "अब मजा आएगा! तविष सर बहुत बड़े neat freak और short-tempered हैं। जब वो तुम्हें अपने room में देखेंगे तो गुस्से से आग-बबूला हो जाएंगे और तुम्हें इस घर से permanently निकाल देंगे। Bye bye व्योला!"

व्योला मीरा के dangerous plans से बिल्कुल अनजान उस दिशा में गई और दरवाज़ा खटखटाया। कोई response नहीं आई लेकिन दरवाज़ा अजीब तरीके से खुल गया। पहले झिझकी फिर अंदर चली गई और comfortable sofa पर शान्विक का इंतज़ार करने लगी।

तभी अचानक bathroom का दरवाज़ा खुला और एक extremely handsome, well-built लड़का सिर्फ तौलिया लपेटे हुए बाहर आया। Abs perfectly carved थे, hair से पानी टपक रहा था। यह तविष था - शान्विक का छोटा भाई, जो काफी ज्यादा attractive था।

उसे इस shocking condition में देखकर व्योला की चीख निकली, "आह... ओह माई गॉड!"

और तुरंत मुंह फेर लिया। Heart beat इतनी तेज हो गई कि लगा अभी बाहर आ जाएगा। दोबारा देखने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

अपने room में अजनबी लड़की को देखकर तविष का mood completely off हो गया। वो गुस्से से बोला, "कौन हो तुम? यहां क्या कर रही हो? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी privacy invade करने की?"

व्योला panic में बोली, "सॉरी सॉरी! So sorry! गलत जगह आ गई। मुझे माफ कर दीजिये ...

जाने लगी तो तविष ने stern voice में कहा, "रुको! इतनी जल्दी कहां जा रही हो? जाने से पहले जहां-जहां अपने गंदे कदम रखे हैं वो सब जगह साफ करो। और जिस sofa पर बैठी थीं वो भी properly sanitize करो।"

व्योला ने हैरानी से कहा, “क्या? ये आप क्या कह रहे हैं? यह कुछ ज्यादा नहीं हो रहा?"

तविष ने आगे कहा, “पहले इस रूम को क्लीन करो उसके बाद तुम इस घर से जा सकती हो”   

व्योला ने "यह तो हद हो गई! क्या तुम्हें girls से normally बात करना नहीं आता? इतना rude behavior!"

व्योला सोचने लगी “कैसे इंसान है ये और इस घर के लोग कैसे झेलते होंगे इससे।”   

तविष का गुस्सा और बढ़ गया, "मेरी पूरी जिंदगी में आज तक किसी ने मुझसे इस तरह बात नहीं की! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? आखिर हो तुम कौन? कोई maid या servant ही न? Get out of my room right now!"

व्योला को भी गुस्सा आ गया उसने कहा, “अगर मैं नहीं गयी तो क्या कर लोगे?”

यह सुनकर तविष completely shocked रह गया। यह पहली बार था की कोई लड़की उससे इतनी boldly बात कर रही थी। गुस्से में उसने व्योला को दीवार के corner में pin कर दिया। और बोला, "तुम exactly क्या करने की कोशिश कर रही हो?"

व्योला panic करके चिल्लाई, "छोड़ो मुझे! हाथ हटाओ! तुम क्या कर रहे हो?  तुम बहुत गंदे और बुरे हो!"

 

क्या होगा आगे? कैसे बचाएगी खुद को व्योला? जानने के लिए बने रहिये मेरे यानि @मनचली के साथ।  

  

 

  

 

       

 

   

 

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