मीरा इस आलीशान घर में कैदी जैसा महसूस कर रही थी...अपनी मरजी से ना तो कुछ खा सकती थी और ना ही कुछ पहन सकती थी।

‘’यह आर्यन जब से मिला है तब से हुकुम पर हुकुम चलाए जा रहा है, मैं इसकी बंधुआ मजदूर नहीं हूं, माना कि मैं हैसियत में इनके आगे कुछ भी नहीं हूं, पर इसका मतलब यह तो नहीं कि ये मेरे साथ अपने घर के नौकरों जैसा सुलूक करेगा…..बेचैन मीरा कमरे में इधर-से उधर टहल रही थी। 

एक अनजान इंसान जो कि बहुत ही जिदृी किस्‍म का है, उसके घर जहां की हर चीज उसके लिए अनजान है, वहां नींद कैसे आ सकती है। मीरा ने रूम की खिड़की खोली, सामने चारों ओर बड़ी बड़ी  बिल्‍डिगें जगमगा रही थी, इन्‍हीं के बीच में आर्यन का बंगला बना था। 

‘’आखिर मैं किस जगह पर हूं?‘’ मीरा ने आसपास का एरिया ध्‍यान से देखकर मन ही मन बोला।

दूर एक बिल्‍डिंग के नीचे लगे एक पोस्‍टर को मीरा ने ध्‍यान से पढ़ने की कोशिश की। 

पोस्‍टर में सबसे नीचे बांद्रा लिखा था...

‘’ओह माई गॉड मैं बांद्रा में हूं....मुंबई के मंहगे जगहो में से एक….बॉलीवुड के कई सारे सुपरस्‍टार बांद्रा में तो रहते हैं। यहां पर घर लेना मेरे जैसे लोगों के लिए तो एक सपना है….हां अगर पापा की इल्‍लीगल कमाई मिल जाए तो बांद्रा तो क्‍या कहीं भी घर ले सकती हूं।‘’ 

मीरा ने खुद को ही कोसा...यह मैं क्‍या सोच रही हूं? किसी की जान लेकर कमाए हुए पैसे से घर लेने के बजाय मैं पूरी जिंदगी अपनी कमाई से झोपड़पट्टी में ही रहना पसंद करूंगी…नहीं चाहिए मुझे ऐसी लग्‍जरी घर और लाइफ।

मारिया ने मुझे कोई मैसेज नहीं किया....आगे क्‍या करना है.? वह चीफ कब और कहां मिलेगा..? कुछ तो पता चले...उसका चेहरा तो मुझे अच्‍छे से याद है....अगर मेरे सामने आ गया तो मैं उसे मार-मारकर…अरे नहीं मीरा…तुम्‍हें ऐसा कुछ नहीं करना है, सच तो यह है कि तुम उस तक पहुंच भी नहीं सकती, उसे वही सिक्‍योरिटी मिली है जो देश के प्रेसिडेंट को मिलती है जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी। हर महीने अपनी सिक्‍योरिटी में करोड़ों रूपए बरबाद कर देता है। उस चीफ की कोई और फोटो मारिया ने नहीं दिखाई….चीफ के बारे में कुछ और डिटेल बता देती तो अच्‍छा था।

मारिया का नंबर तो है मेरे पास….उसे फोन करती हूं। सोचकर मीरा ने अपना फोन उठाया तो देखा कि यह तो डिस्‍चार्ज हो चुका था। 

‘’ओह नो, चार्जर तो घर पर है, पर क्‍या पता यहां मिल ही जाए? आर्यन के पास होगा, पर वह तो पता नहीं कौन सा ब्रांडेड फोन यूज करता होगा? तो फिर इतना सारा स्‍टाफ है, उनमें से किसी के पास मेरे मोबाइल का चार्जर तो मिल ही जाएगा।‘ 

ये सोचकर मीरा नीचे उतर आई…वह घर की दूसरी सर्वेंट विभा से टकरा गई...…जो मीरा को देखकर बोली, ‘’अरे मैडम आप, अभी आप सोई नहीं?‘’ 

मीरा ने वाल क्‍लाक में टाइम देखकर कहा, ‘’अभी तो दस ही बज रहे हैं, मैं इतनी जल्‍दी नहीं सोती।’’ 

‘’लेकिन मैडम इस घर का रूल है कि दस बजे तक हर हाल में सबको अपने बेड पर होना है, हम भी सोने की तैयारी कर रहे हैं, आप भी जाकर सो जाइए।‘’ 

‘’मैंने कहा ना, मुझे इतनी जल्‍दी नींद नहीं आती...वैसे भी मेरे मोबाइल का चार्जर घर पर छूट गया है, तुम्‍हारे मालिक या सर वो जो भी हैं, उनके कारण मैं घर नहीं जा पाई, मेरा फोन डिस्‍चार्ज हो गया है, मुझे एक चार्जर चाहिए।‘’ 

‘’अब इतनी रात को चार्जर ढूंढना तो मुश्‍किल है‘’ विभा ने कहा।

‘’ढूंढकर ले आओ, नहीं तो तुम्‍हारे साहब या जो भी हों, उनसे मेरी बात करवाओ।‘’

‘’आप आर्यन सर की तरह हमारे ऊपर धौंस क्‍यों जमा रही हैं?‘’ 

विभा को मीरा का इतना अकड़कर बात करना अच्‍छा नहीं लग रहा था, मीरा ऐसा जानबूझकर कर रही थी ताकि आर्यन उसे घर से जाने दे...मीरा अब हर हाल में इस आर्यन से पीछा छुड़ाना चाहती थी। 

‘’क्‍योंकि तुम्‍हारे मालिक मुझे यहां बिना मेरी मरजी के लेकर आए हैं, तो मेरी सारी जरूरतें और ख्‍वाहिशें पूरा करना उनका फर्ज़ है, अब फौरन जाओ और उनसे मेरी डिमांड के बारे में बात करो, वरना मैं पूरी रात न तो सोउंगी और ना ही यहां किसी को सोने दूंगी।‘’

मीरा ने मन ही मन खुद से कहा, ‘’मीरा यह कुछ ज्‍यादा ही हो रहा है…आर्यन को तुम नहीं जानती हो कि वह चीज क्‍या है..? पर मुझे यहां से जाना है, किसी भी कीमत पर, मुझे सोने के पिंजरे में रहने वाली चिड़िया समझने की भूल न करे आर्यन।‘’

विभा चली गई.....मीरा हॉल का मुआयना करने लगी, उसी समय मीरा की नजर हाल के एक कोने में पड़ी....वहां एक लड़की अपना मेकअप कर रही थी, मीरा उसके पास चलकर आई। 

उस लड़की ने मीरा को देखा, हल्‍के से मुस्‍कुराई और फिर से मेकअप करने में जुट गई। वह आंखो का मेकअप कुछ ज्‍यादा ही कर रही थी, मस्‍कारा, आई शैडो, आई लाइनर, और काजल से आंखों को कुछ ज्‍यादा ही रंग लिया था। 

‘’यह कौन है, इतनी रात को इतना मेकअप क्‍यों कर रही है, होगी कोई मुझे इससे क्‍या? ‘’

दस मिनट बाद विभा लौटी, उसके हाथ में एक बड़ी सी प्‍लास्‍टिक की ट्रे थी, उसमें करीब एक दर्जन चार्जर रखे हुए थे। 

विभा ने वो ट्रे मीरा के सामने रखते हुए कहा, ‘’हमें नहीं पता कि आपके मोबाइल में कौन सा चार्जर लगेगा इसलिए आर्यन सर ने सारे स्‍टाफ के मोबाइल के चार्जर इसमें रखवाकर आपको भेजे हैं, अब आप देख लीजिए कि कौन सा लगेगा, किसी और चीज की जरूरत हो तो प्‍लीज बताइएगा।‘’ 

इस बार विभा के स्‍वर में नरमी थी, लगता है आर्यन ने इसे डांटा है। 

‘’मुझे क्‍या कुछ भी करे..?’ 

‘’वे अभी जाग रहे हैं क्‍या...?’’ मीरा तुम्‍हें ऐसा नहीं पूछना चाहिए...वे मेरे क्‍या लगते हैं कुछ नहीं।

विभा ने कहा, ‘’हां वे काम कर रहे हैं।‘’ 

फिर विभा ने उस मेकअप कर रही लड़की से पूछा, ‘’निशी तुम रेडी हो तो फौरन निकलो, आर्यन सर ने तुम्‍हें तुरंत काम पर जाने के लिए कहा है।‘’ 

‘’हां मैं निकल रही हूं।‘’ 

कहकर वह लड़की निशी, मीरा को तिरछी स्‍माइल देती हुई बाहर चली गई। 

‘’सबको दस बजे सुलाने का रूल बनाया है और खुद अभी तक काम पर लगे हुए हैं, क्‍या उनके बनाए रूल खुद अपने ऊपर नहीं लगते है?‘’  मीरा ने उन चार्जरों में से अपने मोबाइल में लगने वाले एक चार्जर को उठाते हुए विभा से पूछा। 

विभा बोली,’’वे दस बजे तक अपने रूम में बंद हो जाते हैं, इसका मतलब यही मान लिया जाता है कि वे सो गए, जैसा मैंने आपको बताया कि जब तक कोई इमरजेंसी न हो उन्‍हें परेशान नहीं किया जाता है, वैसे भी वे बहुत कम सोते हैं, शायद चार से पांच घंटे ही, इस समय वे किसी बहुत इंपॉर्टेंट काम में लगे हैं, शायद आज रात भर काम करें, सुबह तक उन्‍हें अपना प्रोजेक्‍ट हर हाल में कम्‍पलीट करना है।‘’

मीरा को इन सब बातों से कोई मतलब नहीं था, वह आर्यन जागे चाहे सोए या कुछ भी करे, पर कम से कम मुझसे तो ऐसा बर्ताव न करे। स्‍विच में चार्जर और मोबाइल लगाकर मीरा बाहर की ओर जाने लगी। 

‘’आप कहां जा रही हैं, आपका रूम तो इधर ऊपर है?‘’ विभा ने मीरा से पूछा। 

‘’बाहर वॉक करने।

‘’पर यह तो सोने का टाइम है जैसा मैंने आपको बताया कि इस समय आपको सोना चाहिए।‘’

‘’पर मुझे इतनी जल्‍दी नींद नहीं आती है और आज तो यहां बिल्‍कुल नहीं आने वाली.....अभी मेरा मोबाइल भी चार्ज हो रहा है आधे घंटे में ठीकठाक चार्ज हो जाएगा तो मैं वापस आ जाऊंगी।‘’

विभा ने कहा, ‘’मैम आप अपने रूम में जाइए, रात दस बजे के बाद जब तक कोई इमरजेंसी न हो घर से बाहर कोई नहीं निकलता, जब मोबाइल चार्ज हो जाएगा तो इसे मैं आपके रूम में पहुंचा दूंगी।’

मीरा झुंझलाते हुए बोली, ‘’यह कुछ ज्‍यादा ही हो रहा है, आप लोग मुझसे बुरा बर्ताव कर रहे हैं, मुझे अंदर घुटन और बेचैनी हो रही है, मुझे बाहर जाना है प्‍लीज….तुम अपने सर से कहो कि यह बहुत हुआ….बेहतर होगा कि मुझे मेरे घर छोड़ दें।‘’ 

 

तभी टीना वहां आ गई.....उसने विभा को एक इशारा किया, विभा मीरा को घूरते हुए वहां वे निकल गई।

‘’सॉरी मैम, हम मजबूर है, सर के आर्डर के खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकते…..बस एक रात की तो बात है, आप प्‍लीज जाकर सो जाइए, आप अपना मोबाइल रूम में ले जा सकती हैं, या कहिए तो मैं ही पहुंचा दूं।‘’

‘’इट्स ओके, इसकी कोई जरूरत नहीं है।‘’

मीरा ऊपर चढ़ते हुए बड़बड़ाने लगी...मजाक बनाकर रख दिया है इन लोगों ने मेरा....ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई खिलौना हूं।

 

कुछ देर मीरा यूं ही बैठी रही....काश मैं निहारिका के पास जा पाती, अगर अपने घर में होती तो चली भी जाती…..यहां तो एक कदम घर के बाहर भी निकलना मुश्‍किल हो रहा है। 

यहां किसी से बात भी नहीं कर सकती....अमित के कारण निका के सारे वर्कर परेशान हैं, भगवान जाने यह सब कब खत्‍म होगा और सबसे जरूरी चीज, मैम कब तक ठीक हो पाएंगी?

मीरा ने फोन देखा…महज दस मिनट के अंदर वह पचास परसेंट तक चार्ज हो गया था। 

‘’बहुत ही अच्‍छा चार्जर भेजा है उस मेंटल बिजनेसमैन ने, अगर यह ऐसे जोर जबरदस्‍ती से पेश न आए तो कोई भी लड़की इसके प्‍यार में पागल हो सकती है.…शायद इसे पता भी नहीं होगा कि लड़कियों का दिल कैसे जीता जाता है, उन्‍हें लग्‍जरी कार में बैठाकर, आलीशान घर में लाकर ब्रांडेड कपड़े पहनाकर थोड़ी ना इम्‍प्रेस किया जाता है।‘’

अरे नहीं, मैं यह सब क्‍यों सोच रही हूं? मैम की फैमिली उन्‍हें घर ले जाए और निका ब्रांड से जुड़ी सारी प्राब्‍लम सॉल्‍व हो जाए तो मैं फिर आगे के बारे में सोचूं, शांतनु ने मुझे जो कुछ बताया वह बहुत ही बुरा था….इस प्राब्‍लम से हम बाहर कैसे निकलेंगे।‘’ 

तभी मीरा के दिमाग में एक ख्‍याल आया, ‘’यह आर्यन भी तो एक बिजनेस मैंन है, शायद उस अमित बजाज से भी ज्‍यादा पॉवरफुल, यह अगर चाहे तो अमित से निका ब्रांड को वापस निहारिका मैम को दिलवा सकता है, पर उसका क्‍या फायदा..? मैम को इतनी गहरी मानसिक चोट लगी है कि शायद उन्‍हें उनका सबकुछ मिल भी जाए पर पहले जैसे नार्मल होने में बहुत समय लगेगा। 

यह धोखा मैम बर्दाश्‍त नहीं कर पाई.….शायद मैं भी न कर पाऊं....नहीं मुझे फिर से प्‍यार के चक्‍कर में पड़ना ही नहीं है। मैं किसी से प्‍यार कर ही नहीं सकती हूं, और वैसे भी ऊपर वाले कि दया है कि मैं करोड़ो की प्रापर्टी की मालकिन भी नहीं हूं, हर महीने सैलेरी कमाकर गुजारा करने वाली इंसान हूं, और सम्‍पत्‍ति के नाम पर भी कुछ खास नहीं…. कभी कभी दौलतमंद न होना भी कितना अच्‍छा होता है, कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, टेंशन कम रहती है और आगे बढ़ने पर ज्‍यादा से ज्‍यादा पैसे कमाने की होड़ भी नहीं रहती है।’’ 

मीरा ने फोन चार्जर से हटा दिया, मन किया कि नीचे जाए और चार्जर वापस कर दे, क्‍या पता जिसका होगा उसे जरूरत पड़े...? मैं नहीं जाऊंगी…उस विभा या टीना की गरज होगी तो वे खुद ही आकर ले लेंगी।‘’ 

 

मीरा को इस ब्‍लैक ड्रेस में उलझन हो रही थी, इसे पहनकर तो वह सो नहीं सकती थी….मेरा वो ड्रेस जो मैं पहनकर आई थी वह तो टीना ने धो दिया, सुबह तक ही सूख पाएगा। 

मीरा ने ड्रेस चेंज करने के लिए अलमारी खोली, नाइट सूट जैसा कुछ नहीं दिखा, बहुत ढूंढने पर एक ढीली टीशर्ट और शार्टस मिला…नाइट सूट के नाम पर यह पहनने में कुछ बुरा नहीं था, पर सुबह उठते ही मैं अपनी ड्रेस पहन लूंगी। 

कपड़े चेंज कर के मीरा फोन देखने लगी, ‘’मुझे मारिया से बात करनी होगी...आगे क्‍या प्‍लान किया है वो पूछना होगा....वो कब तक मेरी हेल्‍प कर पाएगी, जब वो मुझसे एकदम कट हो जाएगी तो उस सिचुएशन में मुझे क्‍या करना होगा...?’’ 

कई सारी बातें सोचते-सोचते मीरा को नींद आ गई। 

 

सुबह ढेर सारी चिड़ियों की मिलीजुली चहचहाहट से मीरा की नींद खुली….खुली हुई खिड़की से फूलों की सुगंध अंदर आ रही थी, कई दिनों की मानसिक और शारीरिक थकान खत्‍म हो गई। वह बहुत ही तरोताज़ा और अच्‍छा महसूस कर रही थी, कमरे को देखते ही वह जैसे होश में आई…वह तुरंत खड़ी हो गई.…मैं तो आर्यन देशमुख के घर पर हूं। 

मैं ऐसे चैन से कैसे सो सकती हूं...किसी ने मुझे जगाया नहीं, आर्यन के घर में सुबह उठाने का कोई रूल नहीं है क्‍या? टाइम क्‍या हुआ? सोचकर मीरा ने मोबाइल देखा, सुबह के आठ बज रहे थे।

‘’गुडमार्निंग मैम.….ये रहा आपका लेमन वाटर, आप फ्रेश हो जाइए, मैं अभी थोड़ी देर में आपके लिए ब्‍लैक काफी बनाकर लाती हूं।‘’

‘’तुम्‍हें कैसे पता कि मैं सुबह नींबू पानी पीती हूं और उसके बाद ब्‍लैक काफी?‘’ मीरा ने पूछा

टीना मुस्‍कुरा दी और नीचे चली गई...वह भूल गई कि वह आर्यन के घर में है जिसके लिए किसी के बारे में कोई जानकारी हासिल करना खेल के जैसा है।

क्‍या उसने मेरे घर पर किसी को भेजा था? पक्‍का उसने मेरी मेड से यह सब बातें पता किया होगा, उसके अलावा मेरे घरवालों को ही मेरी पसंद पता है। मीरा को याद आया कि आर्यन ने कहा था सुबह न्‍यूज देख लेना।

मीरा ने नींबू पानी हाथ में लेकर टीवी ऑन किया, न्‍यूज चैनल लगाकर वह पानी पीने लगी.…एकाएक मीरा के मुंह से नींबू पानी छलक गया, सामने न्‍यूज ही कुछ ऐसी थी। 

अविश्‍वसनीय खबर, ‘’यह रातों-रात कैसे हो गया...कल की सिचुएशन से एकदम अलग यह तो धमाका हो गया।

मीरा सुखद आश्‍चर्य से भर उठी, उसी समय मीरा का फोन बजा….शांतनु का फोन था। मीरा ने कान में फोन लगाकर हैलो कहा, कल शांतनु जितना टेंशन में था आज उतना ही चहक रहा था। 

‘’मीरा.....मीरा तुमने न्‍यूज देखी क्‍या..यह तो चमत्‍कार हो गया।’’ 

 

 

आखिर ऐसा क्‍या हो गया कि मीरा इतनी हैरान हो गई? 

मारिया, मीरा को चीफ तक पहुंचाने के लिए आगे क्‍या करेगी? 

आर्यन मीरा को कब आजाद करेगा? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए ‘बहरूपिया मोहब्‍बत।’

 

 

 

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