मीरा उस बॉडीगार्ड को अपलक देख रही थी…उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि अभी जो कुछ उसने देखा और महसूस किया वह एक सपना था।
उस बॉडीगार्ड ने मीरा से फिर कहा, ‘मैडम जी, आपको अंदर चलना होगा, आप ऐसे बिना किसी सिक्योरिटी के बाहर नहीं घूम सकती हैं, चलिए जल्दी अंदर।‘
मीरा उस बॉडीगार्ड के कहने पर उसके पीछे-पीछे जाने लगी, वह खुद की बेवकूफी पर हंस रही थी। दिन में खड़े-खड़े ऐसे अचानक से सपना देख लिया और इस बॉडीगार्ड की आवाज को आर्यन समझ लिया....हे भगवान यह कैसा भ्रम था? मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हूं? क्या हो गया था मुझे?
मीरा मेन गेट के रास्ते से बंगले के अंदर आ गई…किचन में कुछ खटपट हो रही थी...मीरा ने बॉडीगार्ड से पूछा, ‘’क्या आपके साहब अंदर किचन में हैं?‘’
‘’नहीं मैडम, वे तो दो घंटे पहले ही यहां से निकल गए,’’ कहकर बॉडीगार्ड ने मीरा को डायनिंग टेबल पर बैठने का इशारा किया।
‘’फिर किचन में कौन है? पूछकर मीरा ने किचन में देखने की कोशिश की….
‘’एक शेफ है जो आपके लिए ब्रेकफास्ट बना रहा है’’
‘’ओह केवल मेरे लिए, पर आपके साहब को इतनी जल्दी सुबह-सुबह कहां जाना था?
‘’हमें डिटेल नहीं पता है, पर कुछ अर्जेंट था उन्होंने कहा था कि जब आप उठ जाएं तो आपको ब्रेकफास्ट करवाकर सुरक्षित आपके घर भेज दिया जाए।‘’
मीरा को अपने अंदर ही अंदर जैसे कुछ चुभा...यह कैसा आदमी है? अगर मेहमाननवाजी करेगा तो हद से ज्यादा बढ़कर और फिर कैसे अचानक बॉडीगार्ड से…मैंने तो सोचा था कि आज संडे है वह मेरे लिए कुछ स्पेशल करेगा।’’
मीरा ने अपना सिर झटका, वह मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है, मेरे लिए स्पेशल क्यों करेगा? जब देखो तब मुझे जबरदस्ती उठाकर अपने घर ले आता है, अब तो लगता है कि मुझे यह जॉब ही चेंज करनी होगी। मैं यहां से बहुत दूर चली जाउंगी....उसी पल मीरा को इतना गुस्सा आ गया कि अनजाने में ही उसने ढेर सारे फैसले ले डाले।
कहीं ना कहीं वह आर्यन को अपना मानने लगी थी, मीरा को आर्यन की जोर जबरदस्ती वाली हरकतें अच्छी लगने लगी थी, और आज जब वह सच में पूरे दिल से, मन से, आर्यन के साथ समय बिताना चाहती थी तो वह छोड़कर चला गया।
‘’मैडम आपका ब्रेकफास्ट...’’ एक शेफ मीरा के सामने ट्रे में वेजिटेबल चीज सैंडविच और स्ट्राबेरी शेक लेकर खड़ा था।
मीरा ने उसे थैंक्यू कहकर नाश्ता टेबल पर रखने के लिए कहा।
सैंडविच का एक पीस उठाते हुए मीरा ने उस बॉडीगार्ड से पूछा,’’आपके साहब को संडे के दिन भी काम करना होता है, वे इस दिन न तो खुद ही छुट्टी पर रहते हैं और ना ही आप सभी को छुट्टी देते हैं।‘’
बॉडीगार्ड ने कहा,’’मैम, सर का बिजनेस इतना फैला हुआ है कि उनके लिए संडे क्या और मंडे क्या? उन्होंने अगर एक दिन भी छुट्टी ले ली तो करोड़ों का नुकसान हो जाएगा, वैसे वे इस समय किसी बिजनेस से रिलेटेड नहीं बल्कि अपने एक एमप्लाई को देखने गए हैं, आज एकदम सुबह ही उसका एक्सीडेंट हो गया।‘
मीरा के हाथ जहां थे वहीं रूक गए और फिर खुद को ही कोसने लगी। कुछ भी कहने या सोचने से पहले सोच तो लेना चाहिए, एक्सीडेंट जैसी चीजें कितनी सीरियस और सेंसेटिव होती हैं, ऐसे में तो कुछ सोचना ही नहीं चाहिए, तुरंत चले जाना चाहिए।‘’
मीरा ने नाश्ता करना बंद कर दिया था क्योंकि अनजाने में ही उसने आर्यन के बारे गलत सोच लिया था।
‘’मैडम आप ब्रेकफास्ट कीजिए, आपको जल्दी घर भी पहुंचाना है।‘’
मीरा ने नाश्ता करते हुए फिर से पूछा, ‘अब वो एम्प्लाई कैसा है?’
हमें नहीं पता मैडम, सर हमें कुछ नहीं बताते…बस इतना पता है कि वह सीरियस है।
‘’ओह‘’ अब मीरा के वहां रूकने की कोई वजह नहीं थी, उसने बेमन से जल्दी-जल्दी नाश्ता खत्म किया, रूम में जाकर अपने कपड़े उठा लिए जो वह कल पहनकर आई थी। अपना पर्स उठाया और नीचे उतरकर बॉडीगार्ड के साथ बंगले के बाहर आ गई।
बंगले के बाहर कई सारे बॉडीगार्ड घूम रहे थे, सबके चेहरे पर कुछ अजीब सी टेंशन और अजीब सी हलचल थी। मीरा की समझ में कुछ नहीं आया, वह आर्यन का फोन नंबर लेना चाहती थी, कम से कम एक बार बात कर के उस आदमी का हालचाल तो ले लेती, इन बॉडीगार्ड के पास तो जरूर होगा।
बॉडीगार्ड ने मीरा के लिए कार का दरवाजा खोलकर उसे अंदर बैठने के लिए कहा, और कार में बैठते हुए मीरा ने उससे पूछा ’क्या मुझे आपके सर का नंबर मिल सकता है?
वह बॉडीगार्ड जो ड्राइविंग सीट के बगल वाली सीट पर बैठ ही रहा था उसने चौंककर मीरा को देखा, ‘सॉरी मैडम, पर हमारे पास सर का नंबर नहीं है, एक्चुली उनके जो पर्सनल बॉडीगार्ड हैं उन्हीं के पास सर का नंबर है, सर को अगर हमसे कुछ काम रहता है तो सर अपने उन्हीं पर्सनल बॉडीगार्ड को कहते हैं और वे पर्सनल बॉडीगार्ड हमें ऑर्डर देते हैं, हम डायरेक्ट सर से न तो कुछ कहते हैं और ना ही सर डायरेक्ट हमसे कुछ कहते हैं।
‘’ओके ठीक है, कोई बात नहीं अगर किसी तरह आपका सर से कान्टेक्ट हो जाए तो उनसे कहना मैं बात करना चाहती हूं, मुझे उस आदमी के बारे में जानना है।‘’
‘’जी मैडम, बिल्कुल।‘’
कार स्टार्ट हो गई, मीरा ने अपना मोबाइल फोन ऑन किया, उसने कल से ही अपने मैसेज चेक नहीं किए थे, आर्यन के साथ रहकर जैसे वह सबकुछ भूल गई थी।
उसकी मां नीता का मैसेज आया था, वे प्रतापगढ़ जा रही हैं, दो चार दिन में लौट आएंगी, पापा का भी मैसेज था, कल रात मुंबई में जमकर बारिश हुई थी, जिससे जगह जगह जाम हो गया था, उन्होंने केवल इतना ही पूछा था कि तुम ठीक हो ना? जिसे पढ़कर मीरा ने बुरा सा मुंह बनाया।
मुझे पता है वे केवल यही जानना चाहते होंगे कि मैं जिंदा तो हूं ना, मैं उनका इतना घिनौना सच जानती हूं फिर भी वे इतने बेशर्म हैं कि मुझे मैसेज कर रहे हैं, मेरी मां को धोखा देने वाले इंसान को तो मैं कभी माफ नहीं कर सकती और मां को तो न केवल पापा से बल्कि अनुज मामा से भी धोखा मिल रहा है, पता नहीं उनका और अनन्या का क्या चक्कर चल रहा है, राघव के गायब होने में पता नहीं उनका भी कुछ हाथ था क्या?
अचानक मीरा को मारिया का ध्यान आ गया, उसने माउंट आबू जाने के बाद मुझे फोन नहीं किया, वह ठीक तो होगी ना? वह एक खतरनाक इंसान के अतीत के बारे में पता करने गई थी, घर पहुंचकर फोन करती हूं। वह मेरे पापा को बचाने के लिए इतना बड़ा रिस्क ले रही है, और मैं इधर आर्यन के चक्कर में पड़ी हूं। चलो एक तरह से अच्छा ही हुआ कि आर्यन ने मुझे घर पहुंचवा दिया, वरना उसके घर में रहकर मैं कई सारे काम कर ही नहीं पाती।
‘’मैडम आपका घर आ गया…’’
मीरा का ध्यान भंग हो गया, वह अपनी सोसाइटी की बिल्डिंग के बाहर खड़ी थी…वैसे तो दस से ऊपर हो गए थे। पर सोसाइटी में सन्नाटा पसरा था, संडे का दिन होने के कारण बहुत से लोग अभी तक सो ही रहे थे, मुंबई जैसे शहर में छ: दिन की भागमभाग के बाद यही एक दिन तो मिलता था जब यहां के लोग अपनी नींद पूरी करते थे।
मीरा कार से उतरी, बॉडीगार्ड ने झुककर उसका अभिवादन किया और वापस कार में बैठ गया, कार सोसाइटी के बाहर निकल गई।
वह लिफ्ट से तो नहीं जाना चाहती थी, क्योंकि उसका घर तो फर्स्ट फ्लोर पर ही था लेकिन उसे रजनीश का ख्याल डरा रहा था, क्या पता वह फिर से सीढ़ियों पर मिल जाए? वैसे भी पूरी रात अपने नाइट बार में बिताकर शराब पीकर सीढ़ियों पर पड़ा रहता है।
मीरा लिफ्ट की ओर बढ़ी ही थी कि एक अधेड़ कपल मीरा के सामने आकर खड़े हो गए, उनके चेहरे डरे और घबराए हुए थे...मीरा ने उन्हें अपनी सोसाइटी में ही कभी-कभी वॉक करते देखा था, पर वे कौन थे यह मीरा नहीं जानती थी। सामने खड़ी अधेड़ उम्र की वह औरत मीरा से बोली, ‘’बेटी तुम्हारा नाम मीरा है ना?
भौंचक्की सी मीरा ने हां में सिर हिलाया और मन ही मन कहा, ‘’हे भगवान अब क्या हो गया?‘’
‘’हम रजनीश के माता पिता हैं बेटा, परसों रात से वह घर नहीं लौटा है। उसके डांस बार में ही किसी ने उसे उठवा लिया था, रजनीश को उठाने वाले किसी डॉन के आदमी थे, वे रजनीश से कह रहे थे कि तूने उस लड़की को छेड़कर बहुत गलत किया, अब तू जिंदा नहीं बचेगा, मीरा बेटा कहीं तुमने उसके खिलाफ कोई कम्पलेन तो नहीं की थी, क्या तुम्हारा किसी अंडरवर्ल्ड डॉन से…?‘’
स्तब्ध मीरा उस अधेड़ कपल को देखने लगी, उसने ना में सिर हिलाते हुए कहा, नहीं आंटी जी, मैंने रजनीश के खिलाफ कोई कम्पलेन नहीं की….मुझे नहीं पता वह कहां है? मेरा किसी अंडरवर्ल्ड डॉन से कोई कनेक्शन नहीं है, यह आप क्या कह रही हैं?‘’
‘’कल रात को तुम घर क्यों नहीं आई थी, हम तुम्हारे घर आए थे।‘’
मीरा ने कहा, ‘कल रात को मैं अपनी एक फ्रेंड के घर थी, उसकी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी….इसलिए मैं उसके पास रूक गई।‘’ मीरा ने झूठ कहा, पर वह सच भी तो नहीं बता सकती थी।
‘’बेटा प्लीज कुछ करो, माना की मेरा बेटा बिगड़ैल है, बदतमीज है, पर मुझे पता है कि उसे समझाबुझा कर सही रास्ते पर लाया जा सकता है।‘’
मीरा खीज उठी, ‘’हां आंटी जी मैं जानती हूं, पर आपको पुलिस के पास जाना चाहिए, वहां रिपोर्ट लिखवाइए….वे रजनीश को ढूंढेगें।‘’
‘’हम पुलिस के पास गए थे बेटा, वे लोग बोल रहे थे कि अगर आपके बेटे को अंडरवर्ल्ड के किसी गैंग ने उठाया है तो हम लोग कुछ खास मदद नहीं कर सकते।‘’
‘तो आंटी जी इसमें मैं क्या कर सकती हूं? आप थोड़ा वेट कर लीजिए हो सकता है कि रजनीश आ ही जाए, अब प्लीज मुझे जाने दीजिए, मैं थक गई हूं मुझे रेस्ट करना है और घर में भी सारा काम पड़ा है।’ कहकर मीरा रजनीश के मां बाप को वैसे ही परेशान छोड़कर लिफ्ट में घुस गई।
अपने फ्लैट में आकर मीरा सोफे पर धंस गई…परसों रात को कौन ले गया रजनीश को? हो सकता है कि उसकी किसी से दुशमनी हो, डांस बार का मालिक था, ऐसी जगहों पर तो अंडरवर्ल्ड के लोग आते ही रहते हैं, किसी से पंगा हो गया होगा, हो सकता है कि किसी का पैसा लिया हो, दिन रात तो शराब पीता रहता था, सोसाइटी में भी लोगों से लड़ने के लिए तैयार बैठा रहता था, किसी ने उठा लिया होगा, इन सबमें मैं कहां से आ गई, रजनीश तो इस सोसाइटी की कितनी लड़कियों पर भददे कमेंट करता था, छेड़छाड़ करता था, उसके मां बाप वहां क्यों नहीं जा रहे हैं, मेरा भला किसी डॉन वान से कैसा कनेक्शन?
तभी मीरा के दिमाग में जैसे बिजली दौड़ गई , ‘’कहीं यह आर्यन का तो काम नहीं है, जब निहारिका के हसबैंड अमित बजाज ने उन्हें धोखा दिया था तो कैसे तुरंत एक्शन लेते हुए रातों रात आर्यन ने उसे जेल भिजवा दिया था, और जब धैर्य ओबेरॉय ने हमारे ऑफिस आकर हमें धमकी दी थी तो उसके साथ भी वही किया, जो अमित के साथ किया था, उसका भी कैरियर चौपट कर दिया, कहीं रजनीश के गायब होने में आर्यन का ही तो हाथ नहीं है। उसे जरूर कहीं ना कहीं से पता चल ही गया होगा कि रजनीश ने मेरे साथ छेड़खानी कि है तो उसी ने तो रजनीश को नहीं उठवा लिया, पर कल आर्यन के व्यवहार से ऐसा कुछ लग नहीं रहा था कि उसने कुछ ऐसा भी किया है। आर्यन से कान्टेक्ट करने का कोई तरीका भी नहीं है, पता नहीं उससे अगली मुलाकात कब होगी?
इधर चीफ करन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ रहा था, उसके खाने में नशे की दवाइयां मिलाई गई थी, उस दवाई को खाने के बाद किसी भी इंसान का शरीर धीरे-धीरे बेदम सा होने लगता है।
चीफ ने वो रिपोर्ट टेबल पर रख दी, बगल में खड़े अभिजीत ने वह रिपोर्ट उठा ली और पढ़कर चीफ से कहा, ‘’करन के मर्डर का प्लान बहुत पहले से कर लिया गया था...उसके खाने में नशे की दवा उस लड़की के अलावा कौन मिला सकता है? हुआ यही होगा कि खाना मंगाने के बाद करन वाशरूम में फ्रेश होने गया होगा और इतनी देर में उस लड़की ने अपना काम कर दिया, करन के नशे में आते ही उस लड़की ने करन को गोली मार दी और भाग गई।
चीफ की आंखे बंद थी...करन की मौत उसके लिए एक गहरा दुख था। तभी मकरंद अंदर आया और चीफ से बोला, ‘’चीफ उस लड़के रजनीश का क्या करना है?‘’
‘’मार डालो उसे, और उसकी डेडबॉडी को उसकी सोसाइटी के बाहर फेंक दो अभी इसी वक्त।‘’
मकरंद विस्मित होकर चीफ को देखने लगा, चीफ तो हमेशा उसे ही मारने का आदेश देते हैं जिसने वाकई में संगीन जुर्म किया हो या फिर चीफ से गद्दारी की हो पर रजनीश ने तो ऐसा कुछ नहीं किया था।
‘’पर चीफ....’’ मकरंद ने कहा।
चीफ भड़क उठा, ‘’एक बार में सुनने और मेरे आर्डर मानने की आदत डाल लो, जाओ उसे इसी वक्त मार डालो।‘’
क्या रजनीश की मौत मीरा के लिए नई मुसीबत खड़ी करेगी?
क्या मीरा आर्यन की ओर और भी ज्यादा आकर्षित होगी या फिर उससे मुंह फेर लेगी?
चीफ का अगला कदम क्या होगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
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