पार्टी में अपने सामने खड़े शख़्स को देखकर हिना ने अपने बच्चें “रुख़” को अपने सीने से चिपका लिया था। वो शख़्स मुस्कुराकर उसकी ओर आगे बड़ा, तो हिना की आँखों में खौफ उतर आया। उसने घबराकर सिकंदर की ओर देखा, वो अभी तक अपनी टीम के साथ पार्टी इंजॉय कर रहा था। वो शख़्स ओर कोई नहीं बल्कि वही अनिकेत मिश्रा था, जिसने उसको बार-बार स्क्रीन पर दिखाने के आर्डर दिए थे। अनिकेत, ख़ासकर उसके बच्चे से मिलना चाहता था। उसकी नाजुक़ उंगलियों को गर्म एहसास महसूस करना चाहता था।
हॉल की रंगीन लाइट जैसे ही उसके चेहरे पर पड़ती, उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखकर हिना को अपना पास्ट याद आने लगता और वो सहम जाती। अपने वहाँ होने से उसको इस तरह डरते देख अनिकेत के कदम रुक गये। वो समझ नहीं पा रहा था कि वो आख़िर उससे मिलने से डर क्यों रही है। उसने पलटकर सिकंदर को देखा, और समझ गया कि,
Aniket (thinking) - शायद अपने पति के सामने मुझसे मिलना नहीं चाहती है। कमाल लड़की है? कल तक मेरे साथ जीने-मरने की कसमें खाया करती थी और आज मुझसे मिलना भी नहीं चाहती है। ये लड़कियां भी न! अपना पास्ट इतनी जल्दी कैसे भूल जाती है? भला अपनी परछाई से आज तक कोई अलग हो पाया है?
उस रात हिना पर उसको ग़ुस्सा भी बहुत आ रहा था और उसकी हालत देखकर बुरा भी लग रहा था। उसने अपने आप को समझाया और उदास होकर, वापस कमरे में आ गया। उसको अगले दिन फिर से मैच की लाइव स्ट्रीमिंग कवर करनी थी। अपने कमरे की बालकनी में खड़ा होकर दुबई की आलीशान और आसमान को छूती बिल्डिंग्स को देखता रहा और फिर कमरे में आकर सोने की कोशिश करने लगा।
दिन भर की थकान हावी होने के बाद भी उसको नींद नहीं आ रही थी। इतने सालों बाद हिना को देख कर उसको अपने पुराने दिन याद आने लगे और आँखों के सामने बार-बार उसी का चेहरा घूमने लगा। हिना और सिकंदर का बेटा ,उसको न जाने क्यों अपना सा लगा था। आख़िर में बहुत सोचने के बाद उसने अपने आप को ये बोलकर समझाया कि,
Aniket (thinking) - कोई कितने ही कसमें-वादें क्यों न कर ले, पर एक टाइम के बाद सब कुछ बदल जाता है। वैसे भी, कितने साल गुज़र गए हम दोनों को बिछड़े हुए। कई सालों से दोनों की बात तक नहीं हुई, फिर क्यों वो मुझे याद रखेगी। वो मुहब्बत ही क्या, जो मुकम्मल हो जाये। चल भाई सो जा अब, बहुत रात हो गयी है।
उस इंसिडेंट के बाद हिना, उसके सामने आने से बचने की हर-मुमकिन कोशिश करती थी। ख़ासकर वो उससे अपने बच्चें को बचाकर रखना चाहती थी। उसने अब स्टेडियम में बैठकर मैचेस देखने भी बंद कर दिए थे। अनिकेत ने अपने आप को कई बार समझाया, मगर फिर भी उसको हिना की याद आ ही जाती और वो अपना काम छोड़कर पूरे स्टेडियम में उसको ढूंढने लगता था, मगर उसने स्टेडियम में आना ही छोड़ दिया था, फिर उसको दिखती कैसे?
उसकी तरह ही हिना के हालात भी उससे ज़्यादा अलग नहीं थे। अनिकेत को देखते ही उसको अपना पास्ट याद आने लगता था। उसके साथ बिताया वक़्त उसकी आँखों के सामने घूमने लगता। अनिकेत के साथ उसका कितना ही ख़ूबसूरत रिलेशन क्यों न रहा हो, मगर अब वो चाहकर भी अपनी पहचान नहीं बदल सकती थी। अब वो उसकी प्रेमिका नहीं बल्कि पाकिस्तान के एक सेलिब्रिटी क्रिकेटर की बीबी और एक क्यूट से बच्चें की माँ थी। अब उसको अपनी इसी पहचान के साथ जीना था।
उस दिन मैच में जो कुछ हुआ था, उसके बाद से सिकंदर ने उससे स्टेडियम में आकर मैच देखने से इंकार कर दिया था। हालाँकि वो ख़ुद भी जाना नहीं चाहती थी, इसलिए उसने सिकंदर की बात आसानी से मान ली। वहां न जाना एक अलग बात थी, पर अनिकेत को अपने ख़यालों में आने से रोकना दूसरी। होटल के कमरे में वो अक्सर उदास रहने लगी थी। सिकंदर उसका ये हाल काफ़ी दिनों से नोटिस कर रहा था, मगर हिना से उसने इस बारे में बात नहीं की थी।
धीरे-धीरे एक के बाद एक मैच जितने के साथ उसकी टीम अब सेमी-फाइनल तक पहुँच चुकी थी। वो आगे के मैचों की प्रैक्टिस में बिज़ी रहने लगा और हिना उदास। उसने कई बार अनिकेत को कॉल करने की कोशिश भी की, मगर नंबर डायल करने से पहले ही उसकी उँगलियाँ काँपने लगती और वो आगे का सोचकर अपना इरादा बदल देती थी।
आज प्रेक्टिस के बाद सिकंदर अपने रूम में आया और रेस्ट करने के लिए सीधा बेड पर गिर गया। 5 साल का “रुख” दुनिया की सारी टेंशन से दूर आराम से सोया हुआ था। हिना एनर्जी बूस्टर बनाकर लाई और उसको देकर उदास मन से सोफ़े पर बैठ गयी। सिकंदर बूस्टर पीते हुए उसकी आँखों की उदासी देखता रहा। आख़िर में उससे जब रहा नहीं गया तो उसके पास सोफ़े पर बैठते हुए प्यार से पूछा,
Sikandar (polite) - हम आपको काफ़ी दिनों से नोटिस कर रहे हैं। आप अक्सर बहुत उदास रहती हैं। उस दिन मैच के बाद से ही आपने हमसे बात करना भी बहुत कम कर दिया है। कुछ गलती हो गयी क्या हमसे?
पूछकर उसने हिना की आँखों में देखा। उसने अपनी उदास आंखें झुका ली और “न” में सर हिला दिया। कुछ न बोलकर भी वो अपनी आंखों से बहुत कुछ बोल गयी थी।
Sikandar (polite) - हमें लगता है आप यहां अकेली बैठकर बोर होने लगती हो। आप कल के मैच में स्टेडियम ही आ जाइएगा, लेकिन आप हमसे पहले या फिर बाद में फेस कवर करके आना। मीडिया और स्टेडियम के कैमरे भी आपको परेशान नहीं करेंगे।
दुबई का इंटरनेशनल स्टेडियम एक बार फिर से PCL के इस सीज़न के अपने पहले सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले के लिए रेडी हो चुका था। पाकिस्तानी पंजाब वॉरियर्स पिछली बार सिंध इलेवन से हारने के बाद भी सेमीफ़ाइनल में जगह में बनाने में क़ामयाब हो चुकी थी। आज अपनी पिछली हार का बदला लेने के लिए वो पूरी तरह से तैयार थी। आज का मैच तय करने वाला था, कौन यहां से फ़ाइनल में जायेगा और कौन वापस अपने घर जायेगा। दोनों टीमों के प्लेयर्स की आपस में हिस्ट्री कुछ अच्छी नहीं रही थी। पिछले सभी टूर्नामेंट में इन्हीं दोनों टीमों के प्लेयर्स के बीच सबसे ज़्यादा लड़ाइयां हुई थी। कई बार तो अंपायर को बीच में आकर मामला शांत करने पड़ा था।
दोनों टीमों के बीच जब भी मैच होता था, तब हाइप ठीक उसी तरह बनती थी, जैसे इंडिया-पाकिस्तान क्रिकेट मैच में बनती है। स्टेडियम ऑडियंस से पूरा भर गया था। अपनी-अपनी टीमों को सपोर्ट करने के लिए उनकी जर्सी पहनकर लोग पूरे एक्साइटमेंट में नज़र आ रहे थे। स्टेडियम में जितना एक्साइटमेंट था, अनिकेत के स्ट्रीमिंग रूम में उतनी ही टेंशन। बड़े मैच से पहले अक्सर ऐसा होता है। कई बार उनका चैनल स्ट्रीमिंग लोड नहीं ले पाता और ऐसे में स्ट्रीमिंग बीच में ही रोकनी पड़ती है। हालाँकि उस प्रॉब्लम से निपटने के लिए उसकी कंपनी ने इस बार अपना पूरा सिस्टम अपग्रेट किया था, फिर भी सेमीफाइनल जैसे बड़े मैचेस की टेंशन तो होनी ही थी. एक साथ करोड़ों लोग मैच देखते हैं, तो ऐसा हो जाता है।
शाम के 4 बजते ही दोनों टीमें अपने सेमीफाइनल मुक़ाबले के लिए ग्राउंड पर थी। पहली बॉल के साथ ही कॉमेंट्री भी स्टार्ट हो चुकी थी, तभी अनिकेत को हिना का ध्यान आया। उसको पूरी उम्मीद थी कि आज तो हिना ज़रूर आई होगी। उसने अपने कैमरामेन से कैमरा vip बॉक्स की ओर लेकर जाने के लिए कहा। उसने कैमरा उस ओर किया भी, पर हिना वहां थी ही नहीं। वो फिर से एक गहरी साँस लेकर रह गया था। कमेंट्री बॉक्स से कमेंटेटर इरफ़ान ने कहा,
शोएब, पाकिस्तानी पंजाब वॉरियर्स को बेटिंग करते हुए 2 ऑवर हो चुके हैं, मग़र अभी तक एक ही बाउंड्री नहीं लगी है। 4 का रन रेट चल रहा है। इस हिसाब से आपको क्या लगता है? कितना स्कोर कर पायेगी पंजाब की टीम?
इरफ़ान के बच्चों जैसे सवाल पर शोएब उनकी ओर देखने लगा और फिर हँसतें हुए बोला, “अब इतनी जल्दी कोई कैसे बता सकता है इरफ़ान? अभी तो 2nd ऑवर ही चल रहा है। वैसे इसी तरह की टाइट बॉलिंग चलती रही, तो 150 रन भी नहीं बना पायेगी पंजाब। जीत का सेहरा बंधेगा सिकंदर के सर, क्योंकि जो जीता वही ......... सिकंदर।”
“ये क्या मियां? कैप्टन, 3rd ऑवर युसुब से डलवाएंगे क्या? इस ग्राउंड पर उनका ट्रेक रिकॉर्ड कोई ख़ास नहीं रहा है, ऐसे में तीसरा ऑवर उनसे डलवाने के पीछे क्या मंशा हो सकती है कैप्टन की? उनका ये डिसीज़न, मुझे तो समझ नहीं आया।”
कैप्टन के इस डिसीज़न ने इरफ़ान को भी चौंका दिया था। इस अजीब से डिसीज़न के पूछे का कारण सोचते हुए बोला,
“चौंक तो मैं भी गया हूँ, सामने सोहेल जैसा अनुभवी बैट्समेन हो, तब आप बड़े मैचों में इस तरह के एक्सपेरिमेंट नहीं कर सकते। हालाँकि काफ़ी देर से बल्ला ख़ामोश है उनका, और वे रन बनाने के लिए फड़फड़ा भी रहें हैं, हो सकता है युसुब की तेज़ गेंदबाज़ी में फँसकर अपना विकेट गवां बैठे, यही मंशा रही होगी शायद सिकंदर की, और क्या हो सकती है?”
“पिछली 2 गेंदों में 2 सिंगल ही ले पाए है सोहेल अब तक। एक बार फिर से स्ट्राइक उनको मिली है। अब देखना होगा, तीसरी बॉल पर क्या कमाल दिखा पाते है? मुझे की उम्मीद नहीं! (excitement) और ये आई है बॉल रडार पर। कलाईयों का इस्तेमाल भी बख़ूबी किया है, लेकिन ऊपर बहुत गया है बॉल, सामने की बाउंड्री भी बड़ी है, अब देखना होगा कि ये सिक्स में तब्दील होगा या फिर कैच ऑउट दे बैठेंगे?”
“हां जी, ये आप इस मैच के पहले सिक्स में गिन लीजिये। बॉल सीधे vip बॉक्स के पास फेंकी है सोहेल मियां ने। काफ़ी देर से कोशिश कर रहे थे, अब आई बॉल रडार पर।”
बॉल जैसे ही vip बॉक्स में जाकर गिरी, कैमरामेन ने उस ओर कैमरा घुमा दिया। इतनी देर से खामोश बैठे पाकिस्तानी पंजाब वॉरियर्स के सपोर्टर्स झूम उठे थे। उधर स्ट्रीमिंग रूम में बैठे अनिकेत की साँसे अचानक बढ़ गयी थी। बुर्का पहनकर vip बॉक्स बैठी हिना को उसने ऑंखें देखकर पहचान लिया था। उसने कैमरा बुर्का पहनकर बैठी लेडीज़ पर फोकस करने के लिए कहा। हालांकि आज उसके पास उसका बच्चा नहीं था, इसलिए कन्फर्म करना बहुत मुश्किल हो रहा था।
बुर्के की वजह से आज उसको सिकंदर भी नहीं पहचान पा रहा था। अनिकेत के लिए इससे अच्छी बात और क्या हो सकती थी। उसने कैमरामेन को एक आइडिया देते हुए कहा,
Aniket (loud) - एक काम करो, एक एक्स्ट्रा कैमरे को उस लेडी पर फोकस करके रखो।
कैमरामेन ने ठीक वैसा ही किया। एक एक्स्ट्रा कैमरे से स्ट्रीमिंग रूम में बैठकर वो हिना के हर एक मूव को देख रहा था। इधर मैच ने अब स्पीड पकड़ ली थी। पाकिस्तानी पंजाब वॉरियर्स ने सिंध इलेवन की मुश्किलें बढ़ा दी थी। बैट्समेन के खाते में अब तक 2 ऑवर में 3 सिक्स और 2 चौंके आ चुके थे। अब तक चुपचाप बैठे पंजाब के सपोर्टर्स ने स्टेडियम सर पर उठा लिया था।
इधर सिंध के सपोर्टर्स, सिकंदर के इस नये मूव से ख़ुश नहीं थे। उनका मानना था कि कप्तान ने युसुब को बॉलिंग देकर, उनको हाथ खोलने का मौका दे दिया था, और अब वो एक तरफ़ से सारे बॉलर्स की पिटाई कर रहा था।
उधर अनिकेत ने हिना पर नज़रें ज़मा ली थी। इतने इम्पॉर्टेन्ट और बड़े मैच से उसको कोई मतलब नहीं था, उसको मतलब था तो सिर्फ़ और सिर्फ़ हिना से। वो उसकी गहरी काली आंखों को पर्दे के अंदर से भी पहचान सकता था। एक टाइम था जब उसकी आँखों में डूबने के लिए वो हमेशा तैयार बैठा रहता था। कैसे भूल सकता था वो उन आँखों को, जिन्होंने उसको इश्क़ का ऐसा जाम पिलाया था, जिसका नशा उस पर आज भी बरक़रार था।
अनिकेत उसकी आँखों में डूबा हुआ था, तभी उसके बुर्के के अंदर छुपा हुआ उसका बच्चा बाहर आ गया। उसको देखते ही अनिकेत को ऐसा लगा मानों अपने आप को देख रहा हो। उसने अचानक बच्चें के अंदर कुछ देखा। उसने तुरंत स्क्रीन और ज़्यादा जूम कर के देखा, तो उसकी धड़कने तेज़ी से चलने लगी थी। वो एक भयानक सच को जानने के बाद अपनी चेयर से उठकर खड़ा हो गया था। S
क्या देखा था उसने हिना के बेटे में? कौनसा सच छुपा रही थी हिना उससे? क्या होगा दोनों टीमों के मैच का अंजाम? क्या सिकंदर दिला पायेगा अपनी टीम को इस सीजन की PCL ट्रॉफी? या फिर अनिकेत चलेगा, उसके ख़िलाफ़ कोई चाल?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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