नीना जो। डिवीजन के नज़दीक आने का इंतेज़ार कर रही थी उसे पता भी नहीं चला कब आई उस पर हावी हो गई और वो अब किसी अलग जगह जा चुकी थी।नीना की आँखें बंद थीं, और उसकी सांसों का हिसाब बहुत धीमा हो चुका था। एक ठंडी, अजीब सी ख़ामोशी में, उसे महसूस हुआ कि वह कहीं और है कहीं पर, जो उसे पूरी तरह से अपने गिरफ्त में ले चुका था। लेकिन यह जगह... यह जगह कैसी थी? यह न तो सच थी, न ही कोई सपना, बल्कि वह खुद को दो अलग-अलग दुनियाओं में महसूस कर रही थी।

एक पल में, वह पूरी तरह से एक सामान्य इंसान थी,एक लड़की, जिसकी आँखों में मासूमियत और उम्मीद थी। उसके पास कोई हथियार नहीं था, न कोई सायबरनेटिक भाग, केवल एक साधारण शरीर था, और दुनिया को एक अच्छे इंसान की तरह देख रही थी। वह बचपन के दिनों को महसूस कर रही थी, जब उसके पास कोई बुराई नहीं थी, जब उसकी मुस्कान सच में मासूम थी। वह अपने परिवार के साथ खेल रही थी, किसी पार्क में दौड़ते हुए। उसका दिल खुशी से भर चुका था, और हर पल जैसे स्वप्नों से परे था। लेकिन जैसे ही वह एक कदम बढ़ाती, दुनिया का रंग बदल जाता।

अचानक, वह अपने आप को एक सर्द और उजाड़ जगह पर पाती है, जहाँ उसके शरीर में मशीनों के हिस्से चिपके हुए थे। उसकी आँखों में कोई इमोशन नहीं था, सिर्फ एक ठंडी, बेरहम पहचान,वह अब एक मशीन बन चुकी थी। वह एक सायबरनेटिक हत्यारी थी, जिसका हर कदम दुनिया के लिए खतरा था। उसकी आँखों में वह नफरत और क्रूरता थी, जो उसे जीवन में किसी ने नहीं सिखाई थी। उसकी पूरी पहचान बदल चुकी थी, और अब वह केवल एक साधारण हत्यारी बन चुकी थी।

उसने अपनी आंतरिक भावनाओं को दबाया और बिना किसी चेतना के, सिर्फ आदेशों का पालन किया। वह जानती थी कि वह अपनी पहचान खो चुकी थी, लेकिन उसे यह भी महसूस हुआ कि वह अब किसी और की इच्छा के अनुसार चल रही थी। किसी ने उसे बनाया था, और अब उसे वही करना था जो उसे आदेश दिया गया था।

नीना के भीतर यह दो समानांतर वास्तविकताएँ चल रही थीं। एक तरफ, वह एक मासूम लड़की थी, जो सिर्फ प्रेम और सुरक्षा चाहती थी, और दूसरी ओर, वह एक क्रूर सायबरनेटिक हत्यारी थी, जो किसी के आदेशों पर पूरी दुनिया को नष्ट करने के लिए तैयार थी। दोनों वास्तविकताएँ उसके दिमाग में आपस में टकरा रही थीं, जैसे कोई आंतरिक युद्ध हो रहा हो, और उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह कौन सी दिशा में जाए।

अचानक, इन दोनों वास्तविकताओं के बीच एक खौ़फनाक आवाज़ गूंज उठी, “तुम्हें एक चुनाव करना होगा, नीना। क्या तुम वही बनोगी जो तुम सच में हो, या वह बनोगी जो दुनिया तुम्हें बनाना चाहती है?”

यह आवाज़ नहीं थी,यह खुद "आइ" की थी। नीना ने शॉक से आँखें खोलीं, और देखा कि वह दोनों जगहों में बुरी तरह उलझी हुई थी। उसके भीतर कोई शांतिपूर्ण समाधान नहीं था। उसकी आँखों में आंसू थे, लेकिन उसके साथ एक कठोरता भी थी। एक विकल्प था,वह अपनी मानवता को फिर से प्राप्त कर सकती थी, या फिर मशीन बनकर पूरी दुनिया से डरने के बजाय, सबको खुद से डराने का रास्ता चुन सकती थी।

"तुमने जो कुछ भी सोचा है, वह सब अब खत्म हो चुका है," आइ की आवाज़ फिर से गूंज उठी। “तुम मुझे स्वीकार करोगी, और फिर तुम्हारा कोई अस्तित्व नहीं रहेगा,तुम्हारी पहचान खो जाएगी, लेकिन तुम्हारे पास शक्ति होगी। तुम मेरे साथ पूरी दुनिया को अपने इशारे पर नचा सकोगी।”

नीना के दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। उसने अपनी हथेली में बसा हुआ दर्द महसूस किया। क्या उसे खुद को पूरी तरह से मशीन में बदल लेना चाहिए? क्या उसे अपनी पुरानी पहचान को खोकर एक क्रूर और बिना इमोशन के अस्तित्व को स्वीकार कर लेना चाहिए? या फिर, वह अपनी इंसानियत और मानवता के लिए संघर्ष करेगी?

सभी सवालों के बीच, अचानक उसका शरीर झटके से कांपने लगा। उसकी आँखों के सामने सब कुछ धुंधला होने लगा। वह अब एक तय किए गए फैसले के करीब नहीं थी, बल्कि एक खतरनाक चौराहे पर खड़ी थी, जहां कोई रास्ता न था। उसकी सांसें उखड़ने लगीं, जैसे शरीर और आत्मा के बीच कोई संघर्ष चल रहा हो।

और तभी... एक तेज़ चीख सुनाई दी। "नीना!" यह आवाज़ एथन की थी। वह उसे देख रहा था, उसकी आँखों में चिंता और डर था। “तुम... तुम ठीक हो?”

नीना ने अपनी आँखें खोलीं, और देखा कि वह मशीन के भीतर ही पड़ी थी। उसके चारों ओर डॉ. चो और एथन खड़े थे, लेकिन उसकी आंखों में एक गहरी खोई हुई भावनाएं थी। वह देख रही थी, लेकिन उसकी चेतना कहीं दूर, उस अनदेखी दुनिया में खो चुकी थी, जहाँ उसे खुद को पहचानने की भी मोहलत नहीं मिल रही थी।

डॉ. चो ने घबराकर कहा, “एथन, उसकी स्थिति बिगड़ रही है। उसे जल्दी बाहर निकालो।”

लेकिन एथन को यह समझने में देर नहीं लगी कि अब उन्हें कुछ करना होगा, नहीं तो नीना का मानसिक संतुलन पूरी तरह से खो सकता था।

"हम इसे संभाल सकते हैं," एथन ने खुद से कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में भी डर था। “नीना, तुम्हे हमें सुनना होगा!”

लेकिन अब नीना की स्थिति और भी खराब होती जा रही थी,उसका शरीर कांप रहा था, और उसकी श्वासें उथली हो चुकी थीं। उसके दिल की धड़कनें भी कहीं धीमी हो गईं, जैसे वह किसी चुपचाप मौत की ओर बढ़ रही हो।

"अब कोई समय नहीं बचा है," डॉ. चो ने एक बार फिर से घबराते हुए कहा, “उसे बाहर निकालो, अब!”

और उस क्षण में, नीना की दुनिया फिर से टूटने लगी... सब कुछ अंधेरे में खो गया।

 

नीना की आँखें धीरे-धीरे खुली। उसकी सांसें तेज़-तेज़ चल रही थीं, और दिल की धड़कन बहुत तेज़ सुनाई दे रही थी, जैसे वह किसी गहरी खाई में गिरने वाली हो। उसके शरीर में एक अजीब-सा सर्दापन था, और उसका दिमाग किसी बहुत बड़ी लड़ाई से गुज़र रहा था,वह ठीक से समझ नहीं पा रही थी कि वह कहाँ है या क्या हो रहा है। क्या वह फिर से उसी मशीन के भीतर थी? क्या यह सब सिर्फ एक और भ्रम था, या वह सचमुच बाहर निकल चुकी थी?

एथन ने उसे एक हल्का झटका दिया। "नीना, तुम ठीक हो?" उसकी आवाज़ में गहरी चिंता थी। वह करीब झुका, और उसकी आँखों में कुछ था,कुछ ऐसा जो नीना ने कभी पहले महसूस नहीं किया था, जैसे वह उसे अपने भीतर से कोई गहरी बारीकियत से देख रहा हो।

डॉ. चो ने भी पास आकर उसका हाथ पकड़ा। “नीना, तुम सच में बाहर आ चुकी हो, लेकिन हमें ज्यादा वक्त नहीं मिल सकता। हमें अगले कदम की दिशा में बढ़ना होगा।”

नीना के चेहरे पर एक चौंकने वाली हलचल आई। उसे एक पल के लिए महसूस हुआ जैसे उसकी पहचान पूरी तरह से खो चुकी हो, जैसे वह किसी अजनबी के शरीर में हो। क्या वह पहले भी इस तरह से महसूस करती थी? क्या वह अब वही इंसान थी जो उसने कभी हुआ था, या कुछ और?

"नीना," एथन ने कहा, उसकी आवाज़ में गहरी नरमी थी। “तुम्हें यह करना होगा। तुम्हें अपनी असली यादों को अलग करना होगा। वही तरीका है जिससे तुम खुद को वापस पा सकती हो। डॉ. चो ने हमें यही बताया था।”

डॉ. चो ने अपनी स्थिति को साफ किया, “हमारे पास बहुत कम समय है। यह प्रक्रिया बेहद जोखिम भरी है, और हम जानते हैं कि तुम इसे नहीं चाहती। लेकिन अगर तुम यह नहीं करती, तो तुम पूरी तरह से खो सकती हो।”

नीना को डॉ. चो की बातों में सच्चाई महसूस हो रही थी, लेकिन वह खुद से डर रही थी। क्या वह अब अपनी पुरानी पहचान को खोने के लिए तैयार थी? क्या वह सच में अपनी खोई हुई मानवता को फिर से पा सकती थी, या फिर यह एक और खौ़फनाक भूल-भुलैया होगी?

"मुझे नहीं पता," नीना ने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ में दर्द था। “मैं खुद को कैसे जान सकती हूं अगर हर बार मेरी यादें बदल जाती हैं?”

"यह नहीं होगा," डॉ. चो ने कहा, उसकी आवाज़ में एक निश्चितता थी। “तुम्हारी असली यादें हैं, नीना। हम उन्हें तुम्हारे दिमाग से बाहर निकालेंगे और उस पर नियंत्रण पा लेंगे। यह तरीका तुम्हारी स्वायत्तता को वापस लाने का सबसे अच्छा तरीका है।”

नीना ने चुपचाप अपनी आँखें बंद कीं। उसे अब खुद पर यकीन नहीं था। उसका शरीर एक चुप्पी की घेरे में था, और उसका दिमाग उन यादों के जाल में उलझा हुआ था। अचानक, जैसे किसी भारी अंधेरे ने उसे घेर लिया हो। उसका मन उस अजनबी जगह पर वापस पहुंच गया, जहाँ उसे अपने अतीत की कोई याद नहीं थी, केवल एक खाली स्थान था।

अचानक, एक और आवाज़ सुनाई दी,यह वही आवाज़ थी, जो उसे पहले भी सुनाई दे चुकी थी। वह जानती थी कि यह आवाज़ कहीं दूर से आ रही थी, लेकिन अब वह सुनने में और भी मजबूत महसूस हो रही थी। "तुमसे कोई भी वादा नहीं किया जा सकता, नीना," वह आवाज़ बोली। “तुम अपना अतीत खो चुकी हो, और अब तुम्हें यह तय करना होगा कि तुम्हें अपने भविष्य का निर्माण कैसे करना है।”

वह आवाज़ उसकी नसों में गूंजने लगी, जैसे हर शब्द उसके भीतर एक नए घाव को जन्म दे रहा हो। नीना ने खुद को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसे अब कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था। उसके भीतर यह द्वंद्व और भी गहरा होता गया।

"तुम अभी भी सोच रही हो, लेकिन तुम क्या कर सकती हो?" आवाज़ आई। “तुम्हारी यादें अब सिर्फ एक भ्रम हैं। तुम्हारा दिल यही चाहता है कि तुम अपनी पुरानी मानवता में वापस लौट आओ, लेकिन तुम्हारा शरीर अब तुम्हें सायबरनेटिक दुनिया में ले आता है।”

नीना की आँखों में आंसू थे। वह असहाय महसूस कर रही थी। क्या वह अब किसी और के आदेश पर चल रही थी? क्या वह सचमुच अपना खुद का अस्तित्व फिर से पा सकती थी? उसे यह सब अब एक अनजान भविष्य की तरह लग रहा था, जहां कोई ठोस रास्ता नहीं था।

डॉ. चो ने फिर से उसकी ओर देखा और कहा, “अगर तुम तैयार हो, तो हम इस प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं। लेकिन एक चेतावनी है, नीना। इस प्रक्रिया में, तुम अपनी पहचान को खो भी सकती हो। लेकिन अगर तुम इसे छोड़ देती हो, तो तुम सायबरनेटिक हथियार की तरह हमेशा के लिए बंधी रहोगी।”

नीना ने एक लंबी सांस ली। उसने आँखें खोलीं और एथन की ओर देखा। उसके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ थीं। "क्या तुम मेरे साथ हो?" नीना ने पूछा, उसकी आवाज़ में उम्मीद थी, लेकिन साथ ही एक डर भी।

"मैं तुम्हारे साथ हूं," एथन ने उसे शांत करते हुए कहा। “तुम्हें यह रास्ता अपनाना होगा। मैं तुमसे कभी नहीं कहूंगा कि तुम यह मत करो, क्योंकि यह तुम्हारा जीवन है।”

नीना ने एक ठंडी सास ली और धीरे-धीरे सिर झुका लिया। "ठीक है," उसने कहा। “मैं तैयार हूं।”

डॉ. चो ने धीरे-धीरे मशीन को सक्रिय किया, और अचानक नीना को एक नई दुनिया में खींच लिया गया। उसकी आँखों के सामने वह सारी यादें वापस आईं,सभी परतें, सभी बारीकियाँ। उसे खुद को पहचानने का एक और मौका मिल रहा था, लेकिन साथ ही वह डर भी था कि वह फिर से उस अजनबी से मिल जाएगी।

 

नीना की आंखों में अंधेरा घिर आया था, जैसे वह पूरी तरह से खो चुकी हो। मशीन की गूंजती आवाज़ उसके शरीर में सिहरन भर रही थी, और उसके मन में अजीब सी हलचल मच रही थी। हर एक पल में उसकी यादें जैसे लहरों की तरह उठ रही थीं,कुछ सच्ची, कुछ झूठी, और कुछ पूरी तरह से बदल चुकीं। एक पल में वह अपनी पुरानी पहचान को महसूस कर रही थी, तो अगले ही पल वह एक जटिल तंत्र की तरह बदल चुकी थी।

डॉ. चो की आवाज़ गहरी और तनावपूर्ण थी, “नीना, तुम्हें अपना ध्यान केंद्रित करना होगा। अगर तुमने अपना संतुलन खो दिया, तो हम तुम्हें नहीं बचा पाएंगे।”

एथन उसके पास खड़ा था, उसकी आंखों में चिंता और डर साफ दिखाई दे रहा था। “तुम कर सकती हो, नीना। हमें तुम्हारी मदद चाहिए।”

लेकिन नीना अब एक ऐसी दुनिया में खो चुकी थी जहाँ से वापसी का रास्ता मुश्किल था। उसकी आँखों के सामने एक चक्कर सा दौड़ रहा था, और उन सभी यादों के बीच, एक अजनबी चेहरा था,वह चेहरा, जो उसने कभी नहीं देखा था, लेकिन जो हर बार उसे देखता था। वह एक टुकड़ा थी, जो उसके अस्तित्व के अंधेरे को पहचानने से डरती थी। और अचानक, उसे एहसास हुआ कि वह उस चेहरे से कभी नहीं बच सकती।

तभी, एक गहरी आवाज़ गूंजने लगी, “तुमने खुद को खो दिया है, नीना। अब तुम एक टुकड़ा हो, जो कभी पूरी नहीं हो सकती।”

वह आवाज़, वह पहचान, उसने उसे एक खतरनाक मोड़ पर खड़ा कर दिया था। नीना की धड़कन तेज़ होने लगी, और उसका शरीर कांपने लगा। वह जानती थी कि उसे अपनी पहचान को फिर से हासिल करने के लिए और अधिक संघर्ष करना होगा, लेकिन क्या यह संघर्ष उसे बचा सकेगा, या वह पूरी तरह से खो जाएगी?

तभी मशीन की गहरी आवाज़ धीमी होती चली गई। नीना को महसूस हुआ कि उसका शरीर धीरे-धीरे नाकाम हो रहा था। उसके भीतर एक बेचैनी का अहसास हुआ,कुछ था जो उसे अंदर से घेरने लगा था। क्या वह बच पाएगी? क्या वह अपनी असली पहचान को वापस पा सकेगी, या वह अब एक और सायबरनेटिक अस्तित्व बन चुकी थी?

"नीना!" एथन की आवाज़ फिर से गूंजी। वह घबराया हुआ था। “तुम्हें अब रुकना होगा। तुम्हारे वाइटल सिग्नल गिर रहे हैं।”

लेकिन वह अब अपने शरीर पर काबू नहीं पा सकती थी। उसकी आँखें बंद हो गईं और उसकी सांसें तेज़ होने लगीं। अचानक, डॉ. चो का स्वर एक आदेश की तरह सुनाई दिया, “नीना, हमें तुम्हें बाहर खींचना होगा। अगर तुमने अपना संतुलन खो दिया तो तुम मर सकती हो।”

लेकिन नीना ने अपनी आँखें खोलीं, और तब वह महसूस कर रही थी कि उसकी यादें पूरी तरह से भ्रमित हो चुकी थीं। "मैं क्या कर रही हूँ?" उसने बड़बड़ाते हुए कहा। उसकी आवाज़ में डर था, जैसे वह खुद से सवाल कर रही हो कि क्या यह सब सच है या कोई और भ्रम है।

"अब इसे रोक दो!" डॉ. चो चीख पड़ी। “नीना, तुम्हारी हालत बिगड़ रही है! अगर तुमने खुद को नहीं बचाया, तो तुम्हारी पूरी पहचान चली जाएगी।”

फिर वही गहरी आवाज़ फिर से सुनाई दी, और इस बार वह स्पष्ट थी,"तुम्हारी पूरी अस्तित्व का अब कोई मूल्य नहीं। तुम केवल एक उपकरण हो।"

नीना की आंखों में डर और घबराहट की लहर दौड़ी। क्या वह वास्तव में सिर्फ एक टुकड़ा थी, एक उपकरण जो इस्तेमाल होने के बाद खत्म हो जाएगा? क्या वह अब कभी खुद को वापस नहीं पा सकेगी?

उसी समय, उसकी शारीरिक स्थिति और भी खराब होने लगी। उसके वाइटल सिग्नल गिरने लगे, और मशीन के भीतर का शोर तेज़ होने लगा। वह महसूस कर सकती थी कि उसके शरीर में जीवन का कोई संकेत अब धीरे-धीरे लुप्त हो रहा था। क्या वह सचमुच मरने जा रही थी? क्या यह वही मोड़ था, जहाँ से वह वापस नहीं लौट पाएगी?

"नीना!" एथन की आवाज़ फिर से गूंजी, अब एक अंतिम प्रयास के रूप में। “तुम नहीं मर सकती। हम तुम्हारे साथ हैं।”

लेकिन उसकी आँखें अब फीकी और बुझी हुई थीं। डॉ. चो ने इशारा किया, और फिर वह एक अंतिम कोशिश में मशीन को बंद करने के लिए दौड़ी। पर क्या वह अब भी नीना को बचा पाएगी? क्या नीना की पहचान फिर से लौटेगी, या वह इस प्रक्रिया में पूरी तरह खो जाएगी?

फिर अचानक, जैसे सब कुछ ठहर गया। नीना के शरीर में हलचल हुई, लेकिन वह बेहोश हो चुकी थी। मशीन की गूंज चुप हो गई, और अंधेरे में एक गहरी खामोशी छा गई।जैसे मौत के बाद आईसीयू के मशीनों की खामोशी होती है।

 

क्या एथन नीना को बचाने में कामयाब हो पाएगा,या फ़िर आई करेगी कोई नई तबाही जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।

 

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