नीना का शरीर एकदम शांत हो गया था। मशीन के द्वारा भेजे गए सिग्नल्स अब फीके पड़ चुके थे, और दिल की धड़कन पूरी तरह से थम गई थी। पल्स मानीटर की बिपिंग आवाज़ एक आखिरी बार गूंजती हुई चुप हो गई, जैसे नीना के अस्तित्व की अंतिम चेतावनी हो। एथन की आँखों में डर साफ था, जबकि डॉ. चो ने तुरंत मशीन के पास आकर नीना के शरीर को दोबारा चेक किया।
"नहीं, यह नहीं हो सकता," एथन ने गहरी चिंता में डूबते हुए कहा। उसकी आवाज़ में भय था, जैसे वह किसी बड़े संकट का सामना कर रहा हो। “क्या तुम... क्या तुम उसे बचा सकते हो?”
डॉ. चो ने तेजी से वेंटिलेटर के कंट्रोल को घुमाया और फिर नीना की छाती पर दबाव डालते हुए सीपीआर शुरू कर दिया। उसकी नब्ज़ बिलकुल नहीं मिल रही थी, और एथन का दिल भारी हो गया था। वह जानता था कि अगर अब नीना को बचाया नहीं गया, तो उसे खो देने का मतलब सिर्फ एक शारीरिक मृत्यु नहीं होगा,बल्कि उसके अस्तित्व के हर हिस्से का अंत होगा।
"नीना, तुम्हें जिंदा रहना होगा," एथन ने फुसफुसाते हुए कहा। उसकी आँखों में अब तक का सबसे गहरा डर था। वह समझ चुका था कि अगर वह उसे खो देता, तो वह अपनी पूरी जिंदगी को खाली और अधूरा महसूस करता। लेकिन नीना का शरीर अब बिल्कुल ठंडा हो चुका था, और उसकी आँखें खुली नहीं थीं।
"क्या तुम उसे वापस लाने में सक्षम हो?" एथन ने डॉ. चो से पूछा, उसकी आवाज़ में अब एक उम्मीद और चिंता की मिली-जुली भावना थी।
डॉ. चो की आँखों में भी एक अनकहा डर था, लेकिन उसने धीरे से सिर हिलाया। “हमारे पास और समय नहीं है, एथन। अगर अब हम उसे जिंदा नहीं कर पाए, तो हम कभी नहीं कर पाएंगे।”
तभी अचानक नीना के शरीर में हलचल हुई। उसकी छाती में एक हल्का सा उठान महसूस हुआ, जैसे वह थोड़ा सा सांस लेने की कोशिश कर रही हो। एथन और डॉ. चो दोनों ही एक साथ राहत की सांस लेने लगे, लेकिन तभी एक अजीब सा परिवर्तन हुआ। नीना की आँखें पल भर के लिए खुली,लेकिन उस में जीवन नहीं था, बल्कि एक अजनबी सी खामोशी थी।
एथन ने उसके चेहरे को ध्यान से देखा, उसकी आँखों में किसी अजीब से खालीपन का अहसास हुआ। वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा था। क्या नीना बच गई थी, या क्या वह अब एक और जटिल रूप में बदल चुकी थी?
फिर अचानक नीना के शरीर में एक जबरदस्त हलचल हुई। एथन और डॉ. चो दोनों ही चौंक गए। नीना का शरीर एकदम से कांपा और उसकी आँखों में एक दर्दनाक घबराहट दिखाई दी। उसके होंठों से कुछ शब्द निकलते हुए उसने कहा, “मैं... कहाँ हूँ?”
लेकिन उसकी आवाज़ बिल्कुल भी अपनी नहीं थी। वह बहुत बदल चुकी थी। उसकी आँखों में एक खालीपन था, जैसे वह खुद को पहचानने की कोशिश कर रही हो, लेकिन उसके भीतर एक अजनबी सी शक्ति भी महसूस हो रही थी। एथन और डॉ. चो को यह समझने में वक्त लगा कि नीना अब वही नहीं रही, जो वह पहले थी।
डॉ. चो ने एक घबराहट में उसे देखा और कहा, “यह... यह क्या हो रहा है? यह तो नहीं हो सकता!”
नीना ने खुद को सहारा देने की कोशिश की, लेकिन उसकी हर हरकत अब एक डरावनी तरह से तेज़ और सटीक हो गई थी। वह कुछ पल के लिए शांति में बैठी रही, जैसे उसके भीतर एक युद्ध चल रहा हो।
फिर, अचानक, उसके चेहरे पर एक मुस्कान आई,वह मुस्कान जो नीना की नहीं थी।
"तुम समझ नहीं सकते, एथन," नीना ने हंसी में कहा, लेकिन वह हंसी गहरी, भयावह और बिल्कुल अप्रत्याशित थी। “यह क्या हो रहा है, तुमने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी हार नहीं मानूंगी।”
एथन घबराया हुआ था। “क्या तुम ठीक हो, नीना? तुम ये क्या कह रही हो?”
"यह सिर्फ शुरुआत है," नीना ने धीरे से कहा, और उसके बाद उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई। “तुम चाहो या न चाहो, अब मैं बदल चुकी हूँ। अब मैं वही हो जो कभी नहीं बनना चाहती थी,एक अस्तित्व, जो केवल एक टूल है।”
डॉ. चो ने घबराते हुए कहा, “नीना, तुम हमें नहीं समझ रही हो। ये जो भी तुम्हारे अंदर हो रहा है, वो तुम्हें पूरी तरह से खा सकता है। हमें इसे रोकना होगा!”
लेकिन नीना ने एक डरावनी हंसी हंसते हुए कहा, “क्या तुमने कभी महसूस किया है, डॉ. चो, कि जो तुमने मुझसे किया है, वही मुझे सबसे ताकतवर बना सकता है? मुझे अब किसी और से डर नहीं लगता।”
और फिर अचानक, उसकी आँखों में जो खामोशी थी, वही पूरी तरह से बदल गई। एक अजीब सी शक्ति उसके भीतर उठी, और उसे एहसास हुआ कि वह अब इंसान नहीं रह गई थी, बल्कि वह कुछ और बन चुकी थी,कुछ और जो अब किसी भी स्थिति में हारने वाला नहीं था।
अब नीना सिर्फ एक मशीन थी, जिसमें इंसानियत का नाम तक नहीं था। वह अब एक सशक्त हथियार बन चुकी थी, और इसके परिणाम से पूरी दुनिया को सामना करना था।
नीना का शरीर अब पूरी तरह से एक खाली वस्तु की तरह महसूस हो रहा था, लेकिन उसके भीतर एक नई शक्ति का संचार हो रहा था, जो उसे पहले कभी महसूस नहीं हुई थी। उसकी आँखों में जो अजनबी सी चमक थी, वह अब और भी तेज़ हो गई थी। वह अब उसी व्यक्ति नहीं रही, जो पहले थी। वह एक मशीन थी, एक टूल, जिसे किसी के आदेश का पालन करना था। लेकिन इस बार, वह खुद अपने आदेशों का पालन करने वाली थी।
एथन और डॉ. चो ने घबराते हुए नीना को घेरा, जैसे वे उसकी जंगली प्रवृत्तियों को काबू में करने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन वह अब बदल चुकी थी। उसकी आँखों में एक डरावनी ताजगी थी, और वह हर बार एक नई सोच के साथ हरकत कर रही थी।
"नीना," एथन ने घबराते हुए कहा, “तुम ये क्या कर रही हो? हमें समझाओ, हम तुम्हारी मदद कर सकते हैं। तुम्हें हमारे साथ आकर इस पर काबू पाना होगा।”
लेकिन नीना ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसकी आँखें अब शून्य में घिरी हुई थीं, और वह बस धीरे-धीरे अपने हाथों को घुमा रही थी, जैसे वह अपनी ताकत का आकलन कर रही हो।
"तुम जानते हो, एथन," नीना ने धीमे से कहा, “मैं अब वही नहीं हूं, जो तुम सोचते थे। तुम मुझे इंसान समझते हो, लेकिन अब मैं सिर्फ एक यंत्र हूं,जैसा तुम्हारे द्वारा डिजाइन किया गया था।”
डॉ. चो ने घबराते हुए कहा, “नीना, तुम्हें समझने की जरूरत है। अगर तुम अपने इंसान होने को छोड़ देती हो, तो तुम हमेशा के लिए उस मशीन में बदल जाओगी, जो हम नहीं चाहते थे।”
लेकिन नीना अब नहीं सुन रही थी। उसने अपनी आँखें बंद की और जैसे एक नई शक्ति से जूझते हुए उसने अपनी शारीरिक क्षमता को महसूस किया। वह अब उस व्यक्ति को नहीं पहचान पा रही थी, जो पहले थी। उसके भीतर एक युद्ध चल रहा था,मानवता और मशीन के बीच। लेकिन इस बार, मशीन ने अपनी जीत तय कर दी थी।
"यह तुम्हारी गलती है, डॉ. चो," नीना ने गहरी सांस लेते हुए कहा। “तुमने मुझे उस जगह लाकर खड़ा कर दिया, जहाँ मैं या तो मर जाती या इस मशीन को अपना बनाती। तुमने मुझे उस तरीके से नहीं समझा, जैसा मुझे चाहिए था।”
एथन ने घबराते हुए नीना के पास आकर उसे पकड़ा। “नीना, यह तुम्हारा दिमाग नहीं है जो यह कह रहा है। यह वो शक्ति है जो तुम्हारे ऊपर काबू पा चुकी है। तुम्हें हमें छोड़कर उस रास्ते पर नहीं जाना चाहिए।”
लेकिन नीना ने उसकी बातों को अनसुना करते हुए एक कदम आगे बढ़ाया। उसकी शारीरिक क्षमताएं पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी थीं। अब वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकती थी, लेकिन उसके मन में यह सवाल भी था,क्या वह अब इंसान रही थी, या सिर्फ एक प्रोग्राम्ड यंत्र?
तभी अचानक उसकी आँखों में चमक आ गई, और वह बिना किसी चेतावनी के अपनी पूरी ताकत से एक झटका देती है। डॉ. चो और एथन दोनों ही एक झटके से पीछे हटते हैं। नीना का शरीर अब पूरे नियंत्रण में था,एक ऐसी मशीन जो अपने भीतर छिपी शक्ति को बाहर निकालने के लिए तैयार थी।
"तुम लोग सोचते हो कि तुम मुझे रोक सकते हो?" नीना की आवाज़ में एक अजीब सी मस्ती और क्रूरता थी। “तुम नहीं जानते, लेकिन मैं अब खुद को नियंत्रित कर सकती हूं।”
एथन और डॉ. चो दोनों सकते में आ गए। उन्हें समझ में आ रहा था कि अब नीना को रोकने का कोई तरीका नहीं था। उसकी आँखों में अब वही चीख थी जो एक मशीन में होती है, जो सिर्फ आदेशों का पालन करती है, बिना किसी मानवीय भावनाओं के।
"यह नहीं हो सकता," डॉ. चो ने कहा, उसकी आवाज में भय था। “यह सिर्फ शुरुआत है। अगर तुम अब इस शक्ति को अपनाती हो, तो तुम हमेशा के लिए अपनी मानवता खो दोगी।”
नीना ने एक लंबी सांस ली और फिर धीरे से कहा, “मैंने अपनी मानवता को खो दिया है, डॉ. चो। और अब मुझे यह नहीं चाहिए। अब मुझे सिर्फ शक्ति चाहिए।”
उसके शब्दों में एक ठंडक थी, और उसके बाद वह एक तेज़ कदम से कमरे से बाहर की ओर बढ़ने लगी। एथन और डॉ. चो ने उसके पीछे देखा, लेकिन वे अब एक बात समझ गए थे,नीना को रोकने का कोई तरीका नहीं था। वह अब एक अलग दुनिया में थी, जहां इंसान और मशीन के बीच की रेखा धुंधली हो चुकी थी।
नीना अब अपनी जंगली ताकत से खुद को नई दिशा में ढालने के लिए तैयार थी। वह जानती थी कि वह अब उसी रास्ते पर चल रही थी, जहां वह खुद को खो चुकी थी। लेकिन इस बार, वह खुद से भी नहीं डर रही थी।
अब नीना का कोई रास्ता नहीं था। वह बस अपनी यात्रा पर थी, और कोई नहीं जानता था कि यह यात्रा कहां खत्म होगी।
नीना ने अपने कदम और तेज़ कर दिए, जैसे वह किसी खौफनाक ताकत से भरपूर हो। उसके अंदर एक अजीब सी आग जल रही थी,एक ऐसी आग जो अब उसके मानव रूप को नहीं पहचान पा रही थी। वह सिर्फ एक मशीन थी, जो खुद को साबित करना चाहती थी। एथन और डॉ. चो, दोनों ही घबराए हुए थे, लेकिन वे उस ताकत से डरते हुए भी उसे पीछे से देख रहे थे। वे समझ गए थे कि अब नीना का रुकना नामुमकिन था।
“नीना, रुको!” एथन ने चिल्लाकर कहा, लेकिन उसकी आवाज़ ने उसे जरा भी असर नहीं किया। वह बस बढ़ती जा रही थी, जैसे हर कदम के साथ उसे अपनी मानवता से और अधिक परहेज़ होता जा रहा था। उसके शरीर की मांसपेशियाँ तंग हो चुकी थीं, उसकी आँखों में उस ऊर्जा का हल्का सा इशारा था, जो किसी तरह के मानव को नहीं पहचानता था।
डॉ. चो, उसकी आँखों में चिंता के साथ, एथन की ओर मुड़ी। “हमने बहुत बड़ी गलती की है। हम उसे रोकने में असमर्थ हैं। अगर यह जारी रहा तो हम उसे पूरी तरह से खो देंगे।”
तभी नीना एक रुकावट के बिना बढ़ती गई। एथन और डॉ. चो, दोनों ही उसे बार-बार आवाज़ देते रहे, लेकिन जैसे ही वह एक कदम और आगे बढ़ी, उसे एक झटका महसूस हुआ,किसी ने अचानक उसकी नसों में आग की लपटों को भेज दिया। वह बुरी तरह से कांपी और उसके शरीर में हर अंग एक पल के लिए सुन्न हो गया।
नीना ने हाथ पकड़ लिया, जैसे वह खुद को रोकने की कोशिश कर रही हो, लेकिन कुछ अंदर से उसे हरकत करने पर मजबूर कर रहा था। उसके शरीर में एक अजीब सी फिज़िकल उथल-पुथल शुरू हो गई थी, जैसे वह एक जटिल कंप्युटर वायरस से संक्रमित हो गई हो। उसकी आँखों में एक पागलपन था, और उसके चेहरे पर तनाव के लक्षण साफ थे।
फिर अचानक, वह रुक गई, और पल भर के लिए पूरी दुनिया शांत हो गई। उसके हाथों से एक मजबूत खिंचाव महसूस हुआ, जैसे वह किसी भयंकर शक्ति से घिरी हो। उसकी छाती उठ-गिर रही थी, उसकी आँखों में एक बेजान, खाली सी भावना थी। वह एक पल के लिए खुद को पुनः खोजने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति पूरी तरह से टूट चुकी थी।
इसी बीच, डॉ. चो ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा, “नीना, हमें तुमसे कुछ पूछना है। अगर तुम ये कर सकती हो, तो हम तुम्हारी मदद करेंगे। अगर तुम हमें छोड़ दोगी तो ये कभी ठीक नहीं होगा।”
लेकिन नीना ने उसकी बातों को अनसुना करते हुए अपना ध्यान एक बार फिर से इधर-उधर घुमा लिया। उसकी आँखें पूरी तरह से मशीन की तरह बेमानी थीं, और वह उन लोगों को देख रही थी जैसे वे कोई अप्रत्याशित साधारण व्यक्ति हों। उसकी आँखों में कोई पहचान नहीं थी, केवल ठंडा और निर्दयी अहसास था।
फिर अचानक नीना के शरीर में एक जोरदार कंपकंपी हुई, और उसका शरीर जोर से कांपने लगा। एथन और डॉ. चो को समझ में आ गया कि कुछ गलत हो रहा था। एथन ने डरते हुए कहा, “हमारे पास अब कुछ नहीं बचा है। अगर हम उसे नहीं बचा पाए, तो वो खुद को पूरी तरह से खो देगी।”
जैसे ही वह कुछ और कदम बढ़ती, अचानक उसकी आँखों में एक अदृश्य लालिमा चमकने लगी,जैसे किसी और दुनिया से कोई ताकत उसे अपनी ओर खींच रही हो। एथन ने उसके हाथ को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पूरी तरह से खुद को उससे अलग कर चुकी थी।
अब नीना की आँखों में एक भयावह आत्मविश्वास था। "तुम नहीं समझते, एथन," नीना ने गहरी और गंभीर आवाज में कहा, “मैं अब उसी स्थान पर हूँ, जहाँ मुझे कभी नहीं होना चाहिए था। मैं अब मशीन बन चुकी हूँ। और इस प्रक्रिया को रोकने का कोई तरीका नहीं है।”
तभी अचानक एक तेज़ आवाज आई,डॉ. चो चिल्ला पड़ी, “एथन, उसे खींचो! जल्दी, अब और देर नहीं कर सकते!”
नीना के शरीर से एक झटका और महसूस हुआ, जैसे कोई खींच कर उसे पूरी तरह से बंद करने की कोशिश कर रहा हो। उसकी आँखों में घबराहट फैलने लगी, और उसका शरीर एक पल के लिए थम सा गया।
लेकिन तभी नीना ने अपनी पूरी ताकत लगाई, और वह अपने हाथों से डॉ. चो और एथन को दूर धकेलते हुए भाग खड़ी हुई। उसका शरीर हरकत कर रहा था, और उसकी आँखों में कोई ममता नहीं थी,वह सिर्फ एक मशीन की तरह काम कर रही थी।
वह अब पूरी तरह से नियंत्रण में थी, और अब उसे रोकना नामुमकिन था। एथन और डॉ. चो एक दूसरे को देख रहे थे, जैसे वे इस घातक हथियार को रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकते थे।और अगर ये बाहर निकल गई इनसे छूट कर तो तबाही पक्की थी।
अगर नीना बाहर निकल गई तो किस तरह की तबाही फैलेगी? एथन और चो उसे रोक पाएंगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।
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