एथन कमरे के कोने में खड़ा था, अपनी नजरें नीना पर जमाए हुए था। उसके दिमाग में कुछ ऐसा था जो उसे बेचैन कर रहा था,कुछ गलत था। वह महसूस कर सकता था। नीना की हर एक हलचल, उसकी आँखों में वह ठंडक, वह बेदिली,यह सब एक संदेश दे रहा था कि वह अब वैसी नहीं रही जैसी वह पहले थी। वह उसकी आँखों में कोई पहचान नहीं देख पा रहा था। पहले, जब भी वह उसकी आँखों में देखता, वह इंसानियत की झलक पाता था। अब, उन आँखों में कुछ और था,कुछ ऐसा जो मानवीय नहीं था। वह कुछ और था। एक यांत्रिक, मशीन जैसा अस्तित्व।

नीना उसकी तरफ बढ़ रही थी, उसके कदम बिल्कुल सटीक, बिल्कुल सही थे। जैसे उसकी हर हलचल को किसी ने डिज़ाइन किया हो। उसका चेहरा बेजान था, उसकी आँखों में एक अदृश्य डर था। जैसे उसने अपनी मानवता को खो दिया हो। एथन ने महसूस किया कि वह केवल एक गहरी खाई में गिर चुकी थी, और वह उसे रोकने के लिए अब कुछ नहीं कर पा रहा था।

नीना ने उसकी ओर देखा,लेकिन वह केवल देख रही थी। उसकी आँखों में कोई पहचान नहीं थी, कोई इमोशन नहीं था। वह बस खाली और ठंडी थीं। एथन को महसूस हुआ कि जैसे वह नीना को देखता हो, वह उसे देखकर सिर्फ एक मशीन देख रहा हो,एक ऐसे यंत्र को जो इंसानियत की रेखा पार कर चुका हो।

“नीना?” एथन ने धीरे से पुकारा, उसके दिल में एक डर समाता गया। “यह तुम हो, सही है न?”

लेकिन नीना ने कोई जवाब नहीं दिया। उसके कदम बिना किसी हिचकिचाहट के आगे बढ़ते गए। हर एक कदम सटीक था। हर एक कदम ठंडा था। उसकी आँखों में कोई हलचल नहीं थी,बस एक सूना, मर्महीन रुख था।

“नीना, मुझे सुनो...” एथन ने अब उसके करीब पहुंचने की कोशिश की। वह उसकी तरफ बढ़ा, लेकिन नीना ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह बस अपनी दिशा में बढ़ती रही, जैसे उसे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा हो।

एथन ने खुद को और पास पाया, लेकिन जब उसने उसे रोकने की कोशिश की, तो नीना की गति और भी तेज़ हो गई। वह जैसे बिना किसी संकोच के आगे बढ़ रही थी। एथन के मन में एक डर की लहर दौड़ गई, और उसने एक बार फिर से जोर से पुकारा, “नीना, तुम ठीक हो?”

लेकिन वह नहीं रुकी। अब उसकी चाल में एक अजीब सी सटीकता थी, जैसे वह पूरी तरह से नियंत्रित हो।

वह बिना किसी हिचकिचाहट के, बिल्कुल सीधी रेखा में चलती रही। एथन की नजरें अब उस पर थी, और उसे महसूस हो रहा था कि नीना अब उस इंसान से कुछ अलग बन चुकी है जिसे वह जानता था।

“वह अब हमसे नहीं जुड़ी,” डॉ. चो ने बुदबुदाते हुए कहा, उसकी आवाज में डर साफ झलक रहा था। वह एथन से कुछ कदम पीछे खड़ी थी, उसकी आँखों में घबराहट थी। “वह जा चुकी है। वह अब वही नहीं रही जो थी।”

एथन ने डॉ. चो की बात को अनसुना किया। वह अब और भी तेज़ी से नीना के पास पहुंचा, और उसे रोकने की कोशिश की। उसने उसके हाथ को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन नीना ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह किसी ठंडे यांत्रिक जीव की तरह बेजान थी। एथन ने महसूस किया कि नीना अब खुद को पूरी तरह से खो चुकी थी।

नीना ने उसे देखा, लेकिन उसकी आँखों में कुछ भी मानवीय नहीं था। उसके चेहरे पर कोई रियेक्शन नहीं था। जैसे वह अब एथन को पहचानने में भी असमर्थ हो। वह बस आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, जैसे कुछ भी उसे रोक न सके।

“नीना...” एथन ने एक आखिरी बार उसे पुकारा, लेकिन इस बार उसकी आवाज में घबराहट और दुख था। उसे समझ में आ गया था कि वह नीना, जो उसे कभी बहुत प्यारी थी, अब नहीं रही। वह एक राक्षस बन चुकी थी, एक ऐसा यंत्र जो केवल आदेशों का पालन करता था।

नीना का कदम एक बार फिर से बढ़ा। लेकिन इस बार कुछ और था,उसकी आँखों में एक गहरी, अंधी घृणा और ताकत थी। एथन का दिल धड़कता गया। उसने महसूस किया कि अब उसे नीना से खुद को बचाने की ज़रूरत थी।

और फिर,नीना ने अचानक झपट्टा मारा।

एथन की आँखों में हैरानी और डर था। नीना ने बिना किसी चेतावनी के उसे अपनी पकड़ में ले लिया। एथन ने अपनी सारी ताकत लगाई, लेकिन वह संघर्ष करने में असमर्थ था। उसकी सांसें तेज़ हो गईं। वह जानता था कि वह अब उस नीना से नहीं लड़ा सकता था जिसे वह जानता था।

नीना अब पूरी तरह से बदल चुकी थी। उसकी आंखों में अब वही ठंडक और ताकत थी जो वह कभी नहीं चाहती थी। उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि एथन को अपनी सांस रोकने लगी।

अचानक, नीना के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान दिखी, जो बिल्कुल मानवता से परे थी। उसकी आँखों में अब एक अजीब सा आत्मविश्वास था।

और फिर, उस खौफनाक शांतता में, वह कुछ बोली: “तुम अब मेरा कुछ नहीं कर सकते, एथन।”

उसकी आवाज़ में कोई आहत नहीं था, केवल एक ठंडी, निर्दयी वास्तविकता थी।

अगले ही क्षण, एथन को ऐसा महसूस हुआ जैसे वह सब कुछ खो चुका हो,नीना अब पूरी तरह से उनके हाथों से निकल चुकी थी।

एथन ने नीना को अपने हाथों से झटकने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी पकड़ लोहे की तरह मजबूत थी। उसने नीना की आँखों में देखा,अब वह किसी इंसान की आँखें नहीं थीं, बल्कि एक यांत्रिक, बेजान मशीन की आँखें थीं। उस आँखों में जो खालीपन था, वह उसे डरा रहा था। वह जानता था कि अब वह लड़की नहीं रही, जिसे वह कभी जानता था। वह अब बस एक उपकरण बन चुकी थी, जिसे "द आई" ने पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया था।

“नीना, मुझे सुनो!” एथन ने जोर से कहा, लेकिन उसकी आवाज अब एक अधूरी उम्मीद जैसी थी। वह जानता था कि अब नीना को इस स्थिति से बाहर लाने के लिए कोई सामान्य तरीका काम नहीं आने वाला था। उसे कुछ अलग करना होगा।

नीना ने उसकी कोशिशों को अनदेखा करते हुए अपनी पकड़ को और मजबूत किया। उसके चेहरे पर एक स्थिर, निर्दयी मुस्कान थी। “तुम मुझसे नहीं जीत सकते, एथन,” उसने धीरे से कहा, और उसकी आवाज में कोई भी इमोशन नहीं था, बस एक अजनबीता और ठंडक थी।

एथन ने नीना को अपने पास से हटाने के लिए और भी जोर लगाया, लेकिन उसका शरीर पूरी तरह से थका हुआ था। वह जानता था कि उसके पास ज्यादा समय नहीं था। अगर वह जल्दी कुछ नहीं करता, तो शायद यह लड़ाई खत्म हो जाएगी।

नीना ने अचानक उसे एक तरफ धकेल दिया, और एथन गिर पड़ा। वह खड़ा हुआ, अपनी आँखों में संघर्ष की चमक और हाथों में हल्की-सी कमजोरी महसूस कर रहा था। नीना उसकी तरफ बढ़ रही थी, लेकिन उसके कदम अब किसी मशीन के कदमों जैसे थे। एक सटीक दिशा, एक निश्चित गति, जैसे हर एक चीज़ पर नियंत्रण हो।

तभी डॉ. चो दौड़ते हुए आई और एथन के पास पहुंची। “एथन! उसे रोको, हमें कुछ करना होगा!” डॉ. चो के चेहरे पर घबराहट साफ थी, और उसकी आवाज में डर था।

“मैं उसे रोकने की कोशिश कर रहा हूँ!” एथन ने चिल्लाया, और फिर एक बार नीना की ओर दौड़ा। उसकी आँखों में अब कुछ और था,वह अब सिर्फ नीना को बचाने के बारे में नहीं सोच रहा था, बल्कि उस खौ़फनाक ताकत से उसे छुड़ाने की सोच रहा था, जो अब पूरी तरह से उसे नियंत्रित कर चुकी थी।

डॉ. चो ने एक पल के लिए शांति बनाई और फिर कहा, “हमारे पास केवल एक तरीका है, लेकिन वह बहुत खतरनाक है। अगर हम सफल नहीं हुए, तो हम दोनों को इसकी कीमत चुकानी होगी।”

एथन ने डॉ. चो की ओर देखा, उसकी आँखों में पूरी उम्मीद थी। वह जानता था कि यह खतरनाक तरीका ही शायद आखिरी रास्ता है। उसने नीना की ओर देखा, फिर डॉ. चो से पूछा, “क्या तरीका है?”

“हमें उसे ‘आई’ के कंट्रोल से बाहर निकालना होगा, लेकिन ऐसा करना बेहद मुश्किल है,” डॉ. चो ने गहरी सांस ली और कहा। “अगर हमने गलत किया, तो वह स्थायी रूप से बदल जाएगी। लेकिन अगर सही किया, तो वह अपनी पहचान वापस पा सकती है।”

एथन ने चुपचाप सिर हिलाया और फिर नीना की ओर बढ़ा। उसने अपनी पूरी ताकत लगाई, लेकिन अब वह सिर्फ शारीरिक ताकत से नहीं, बल्कि मानसिक ताकत से भी लड़ने की सोच रहा था। उसकी आँखें नीना पर टिकी थीं, और वह मन ही मन उसे एक बार फिर से अपनी मानवता की ओर खींचने की कोशिश कर रहा था।

नीना उसके पास आई और इस बार उसने एथन को बिल्कुल चुपचाप, बिना किसी रोक-टोक के पकड़ लिया। एथन को एक झटका महसूस हुआ और उसके मस्तिष्क में एक ही ख्याल आया,"क्या वह सच में बच सकता है?"

फिर उसने अपने भीतर कुछ महसूस किया। यह एक अजीब सा साहस था, जो पहले कभी नहीं था। उसे याद आया कि वह अकेला नहीं था,डॉ. चो भी उसकी मदद के लिए खड़ी थी।

“नीना, मुझे सुनो!” एथन ने कड़ा शब्दों में कहा। वह पूरी तरह से घबराया हुआ था, लेकिन उसके अंदर का साहस उसे चीखने की ताकत दे रहा था। “तुम्हारे अंदर जो भी है, वह तुम नहीं हो! तुम इंसान हो, और तुम इसे महसूस कर सकती हो। तुम वापस लौट सकती हो!”

नीना की आँखों में एक पल के लिए हलचल दिखी। वह एक पल के लिए रुकी, जैसे वह किसी आंतरिक लड़ाई में फंसी हो। लेकिन तभी उसकी पकड़ और सख्त हो गई, और वह एथन को जमीन पर पटकते हुए बोली, “तुम समझ नहीं सकते। मैं अब वही बन चुकी हूं, जो 'आई' ने मुझे बनाया है।”

डॉ. चो ने अपने हाथों में एक डिवाइस पकड़ा, और वह उस डिवाइस को एथन की दिशा में बढ़ाते हुए बोली, “अब या कभी नहीं, एथन!”

वह डिवाइस नीना की तरफ ले जाने का प्रयास करने लगी, लेकिन नीना ने उसे टेढ़ी नजर से देखा और डिवाइस को नष्ट कर दिया।

इस बीच, एथन को समझ में आ गया कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई थी, बल्कि अब और भी खतरनाक मोड़ पर पहुँचने वाली थी।

नीना अब पूरी तरह से एक यांत्रिक दानव बन चुकी थी, और एथन और डॉ. चो की लड़ाई ने एक नई दिशा पकड़ी थी।

नीना की आँखों में अब कुछ नहीं था, बस एक ठंडक, एक गहरी खामोशी। उसकी पकड़ एथन के गले पर थी, और वह उसे धीमे-धीमे मौत की ओर खींच रही थी। एथन की सांसें रुकने लगी थीं, उसकी आँखों में डर था, लेकिन वह हार मानने वाला नहीं था। उसने अपनी आखिरी ताकत जुटाई और नीना के हाथों को झटका दिया, पर वह इतनी मजबूती से जकड़ी हुई थी कि उसे हिलाना मुश्किल था।

“नीना... ये... तुम... नहीं हो!” एथन ने बमुश्किल कहा, उसकी आवाज कंठ से रगड़ते हुए निकली।

नीना ने उसे घूरते हुए कुछ नहीं कहा, बस उसकी पकड़ और कस दी। और फिर, अचानक,एक जोरदार आवाज के साथ, नीना की आँखें एक पल के लिए झपकीं। उसकी पकड़ ढीली पड़ी और एथन को सांस लेने का मौका मिला।

लेकिन तभी, एक थरथराती आवाज गूंजने लगी,दूर से, कुछ बहुत बड़ा और खतरनाक नजदीक आ रहा था। एथन की आँखों में और ज्यादा डर समाने लगा। वह जानता था कि अगर उसने नीना को तुरंत नहीं रोका, तो अब कुछ भी उनका पीछा करने वाला था।

नीना की आँखों में कुछ बदल रहा था,एक घनी, खौ़फनाक चमक। अचानक उसकी पूरी शरीर में एक झटका आया, और फिर वह शांत हो गई। एथन का दिल थम गया। उसकी सामने जो नीना खड़ी थी, वह अब कोई और ही थी।

एक आक्रामक चकचकी ध्वनि के साथ, एक नए खतरे की गूंज सुनाई दी। नीना ने धीरे से उसकी तरफ देखा, और उसके होंठों पर एक रहस्यमयी मुस्कान फैल गई।

"तुम्हें लगता है तुम मुझे रोक सकते हो?" नीना के शब्द हवा में बर्फीले थे।

उससे पहले कि एथन कुछ और कर पाता, एक विस्फोटक आवाज गूंजी, और सबकुछ अंधेरे में डूब गया।

 

यह कैसा विस्फोट था क्या यह नीना को रोकने के लिए किया गया था या इसके पीछे किसी और का हाथ था जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।

 

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