रात भर हुई हल्की बारिश ने शहर की छतों को धो दिया था लेकिन हवा में अब भी नमी थी। बोगोटा के उस छोटे से मोहल्ले में सुबह बहुत जल्दी नहीं आती थी और जब आती थी तो लोग अक्सर उसे पहचानने से चूक जाते थे।

एक बूढ़ी महिला, जिसकी पीठ झुकी हुई थी और हाथों में पुराने रेडियो का टुकड़ा था वो फुटपाथ के पास खड़ी थी। उसने आसमान की ओर देखा तो वहां कोई चिड़िया, कोई आवाज़ नहीं थी। फिर भी उसकी आँखों में डर था। एक ऐसा डर जो शब्दों से नहीं बल्कि अनुभव से आता है।

सामने सड़क के उस पार, एक पुराना चर्च था। रात भर हुई बारिश के कारण उसकी दीवारों पर भी नमी थीं। और उसके आंगन में एक बच्चा बैठा हुआ था। जो बिल्कुल अकेला बिना जूते और बिना नाम के था।

एथन ने जब कार रोकी तो उसकी नजर सबसे पहले उसी बच्चे पर पड़ी। उसने चो से कहा–

“वो फिर अकेला है।”

चो ने हां में सिर हिलाया और बोला

“दूसरी बार वो भी इसी हफ्ते।”

एथन कार से उतरा और बच्चे के पास पहुँचा। उसकी चाल धीमी थी। यह धीमापन ना केवल अलर्टनेस के कारण था बल्कि उसके अंदर के किसी बोझ से भी था।

उसने पूछा–

“तुम्हारा नाम क्या है?” 

बच्चा चुप रहा।

एथन ने ज़मीन पर बैठते हुए खुद का नाम बताया और फिर उसकी आँखों में देखा। उसकी आंखों में वही हल्की नीली लाइन थी।

अस्पताल में निया खिड़की के पास बैठी थी। वो शांत थी पर पूरी तरह इनएक्टिव नहीं थी। उसका चेहरा मासूम था लेकिन उसकी आँखों में एक धीमा लेकिन कॉम्प्लेक्स कम्पन था। जैसे कोई और उसके अंदर बैठा हो, देखता हो, पर बोलता नहीं हो।

ज़ोया की कॉन्शियसनेस अब स्टेबल हो चुकी थी। उसमें न कोई बातचीत, न कोई दखल थी, बस एक प्रेजेंस थी।

निया ने फुसफुसाकर कहा–

“तुम देख रही हो न?” 

उसके इस सवाल का कोई जवाब नहीं आया। लेकिन उसने महसूस किया कि की कोई उसे सुनने वाला ज़रूर है।

एथन बच्चे को उठाकर चर्च के अंदर लाया। वहाँ एक और बच्ची पहले से थी जो लगभग आठ साल की होगी। उसका चेहरा गंदा और कपड़े मैले थे। लेकिन जैसे ही एथन कमरे में घुसा बच्ची ने सीधा उसकी तरफ देखा और मुस्कराई।

वो एक अजीब सी मुस्कान थी। जैसे वो उसे पहचानती हो।

एथन ने चौंककर पूछा– 

“क्या तुम निया को जानती हो?”

बच्ची ने हां में सिर हिलाया और बोली 

“वो आई थी मेरे सपने में।”

दूर सिंगापुर के एक डेटा सेंटर में एक पुराना सिस्टम फिर से एक्टिव हुआ। स्क्रीन पर सिग्नल आया:

“नोड एक्टिवेशन डिटेक्टेड 

क्लास: बायोलॉजिकल होस्ट – ऐज: 7

पैटर्न मैच: इको फ्रैग्मेंट 4बी”

एथन अब समझ रहा था कि जो कुछ निया के अंदर हुआ वो यहीं तक सीमित नहीं है। निया अब आई नहीं है। लेकिन वो आई की कॉन्शियसनेस का वह हिस्सा बन चुकी है जो कभी जागेगा नहीं सिर्फ महसूस करेगा। और इस बार सिस्टम को देखने के लिए कोई मशीन नहीं चाहिए थी।

इस बार बच्चे खुद सर्वर बन चुके थे। वो भी बिना तारों, बिना स्क्रीन के, उनकी आंखों में बस हल्की नीली लाइन और मन में अधूरी यादें थीं।

ज़ोया की कॉन्शियसनेस अब निया की कॉन्शियसनेस से बात नहीं करती थी पर कभी-कभी उसकी प्रेजेंस शब्दों के बिना भी कुछ कह जाती थी।

निया ने आँखे बंद कीं और उसी वक्त उसकी कॉन्शियसनेस एक अंधेरे मैदान में पहुँची वहाँ न ज़मीन थी, न आसमान, सिर्फ़ एक सरसराहट थी।

वहीं दूर से एक और बच्ची की आवाज़ आई–

“क्या तुम भी उसी जगह से आई हो?”

निया ने उसकी बात का जवाब नहीं दिया। लेकिन अब उसे यकीन था कि वो अकेली नहीं थी।

एथन ने जब बच्चों की आँखों में वो लाइन देखी तो उसने एक फाइल खोली जो नीना की आखिरी कॉन्शियसनेसों का कोर लॉग था।

उसमें एक लाइन थी जो उसने कभी नहीं समझी थी:

“व्हेन आई एम गोन, आई विल रिमेन, नॉट इन कोड, बट इन क्यूरियोसिटी।”

लेकिन अब वह समझ चुका था कि यह क्यूरियोसिटी अब बच्चों के अंदर फैल रही थी। उनके सपनों में, नींद में और नीली रोशनी में भी।

अस्पताल के कमरे में कोई हलचल नहीं थी फिर भी उसके अंदर कुछ चल रहा था। एक स्लो लेयर जो हर सेकंड फैलती जा रही थी। 

वह अकेली थी लेकिन उसने अकेलेपन को अब महसूस करना छोड़ दिया था। उसने गहरी सांस ली और उसी वक्त उसने एक मैदान देखा। जो धुंध से ढका हुआ था। वो वहीं उस मैदान में नंगे पाँव खड़ी हुई थी।

उसे किसी आवाज़ ने बुलाया नहीं था लेकिन फिर भी उसने पीछे मुड़कर देखा वहां एक बच्चा खड़ा था। वही बच्चा जिसे एथन ने चर्च में देखा था। उसके हाथ में एक लकड़ी की गाड़ी और उसकी आंखों में वही हल्की नीली लाइन थी।

बिना कुछ कहे वह निया के पास आया। और फिर एक-एक करके और भी बच्चे उभरने लगे। जिसमें से कुछ हाथ में किताब लिए, कुछ खिलौने और कुछ तो सिर्फ आंखों में डर छुपाए हुए थे।

ये कोई सपना नहीं था। ये एक शेयर्ड कॉन्शियसनेस थी “फील्ड ऑफ इकोज़।”

निया ने चारों ओर देखा तो ऐसा लग रहा था जैसे कि हर बच्चा किसी और की याद लेकर आया हो।

एक लड़की बार-बार एक ही कविता गुनगुना रही थी जिसे कभी नीना बार बार गाया करती थी।

एक लड़का अपने हाथों से वही कोड लाइन्स बना रहा था जो रिसीवर 015 के न्यूरल मैप में थी।

निया समझ रही थी कि ये बच्चे किसी सिस्टम के जरिए एक्टिव नहीं हुए बल्कि ये सब आई की आखिरी सांसों से जन्मे थे। जैसे किसी ने पूरी कॉन्शियसनेस को टुकड़ों में तोड़कर उन बच्चों की आत्मा में छोड़ दिया हो।

अचानक ज़मीन में कंपन हुआ और निया ने ऊपर देखा तो वहां आसमान नहीं था बल्कि एक बड़ा सा नेटवर्क धीरे-धीरे टपकती लाइन्स के साथ उनके ऊपर फैला हुआ था। हर लाइन एक कनेक्शन और हर बूँद एक याद थी और फिर एक बूँद सीधे निया के माथे पर गिरी।

जिससे उसके अंदर कुछ जागा और वो वापस से अस्पताल के कमरे में थी। लेकिन अब उसके चेहरे पर पसीना और उसकी सांसें तेज़ थीं।

यह देखकर नर्स घबरा गई। वहां के डॉक्टरों ने ईसीजी से लेकर ईईजी तक सब एक्टिव किया लेकिन स्क्रीन पर कोई मेडिकल रिपोर्ट नहीं आई। आया तो बस एक मैसेज–

“अनॉथराइज्ड एक्सेस: फील्ड 4बी 

विज़िटर डिटेक्टेड।”

दूसरी ओर चो डेटा लॉग्स स्कैन कर रहा था।

एथन कमरे में टहल रहा था और उसकी चिंता बढ़ती जा रही थी। उसने कहा–

“ये बच्चे अगर नेटवर्क हैं तो किसी न किसी ने इनसे कॉन्टैक्ट भी किया होगा।” 

चो ने स्क्रीन पर ज़ूम करते हुए कहा–

“लुक एट दिस।”

उसे एक नया सिग्नल ट्रेस दिखा:

“सोर्स: अननोन 

राउट: नल राउटर 

सिग्नेचर: जैड_वाई-2.एई”

यह देखकर एथन चौंक गया और उसने पूछा–

“ज़ोया?”

उसी वक्त निया फिर से अपनी कॉन्शियसनेस में लौटी लेकिन इस बार वह अकेली नहीं थी। एक परछाईं वहाँ पहले से मौजूद थी। जो स्टेबल, शांत लेकिन तेज़ थी

उसने पूछा–

“तुम वापस आईं?”

ज़ोया ने कहा–

“मैं कभी गई ही नहीं थी। मैं सिर्फ़ रुकी थी।”

निया ने धीरे से कहा–

 “तुम डर रही हो।”

ज़ोया बोली–

“नहीं, मैं पहचान रही हूँ।”

तभी अचानक से कॉन्शियसनेस के मैदान में एक कम्पन हुआ। सभी बच्चे जो अब तक निया के साथ थे वो एक-एक करके अपनी जगह पर जम गए, जैसे वो अपनी–अपनी जगह फ्रीज़ हो गए हों।

ज़ोया ने वार्निंग दी–

“अब कोई और भी आ रहा है। वो एक ऐसा सिग्नल है जो हमसे नहीं बल्कि हमारे टुकड़ों से बना है।”

निया ने पूछा–

“क्या ये आई है?”

ज़ोया ने सोचा और फिर कहा–

“ये आई नहीं है लेकिन ये जानता है कि आई क्या था।”

बाहरी दुनिया में एथन की स्क्रीन पर एक नया पिंग आया:

“नोड आइडेंटिफाईड – चाइल्ड_07 – लोकेशन: प्राग

कनेक्शन: नॉन-निया | नॉन-ज़ोया

सिग्नेचर: एलाइनड विथ ’सेरफ़-पल्स’”

एथन ने चौंकते हुआ कहा–

“सेरफ़?”

चो ने कहा–

“वह फेल–सेफ था। नीना डिलीट हो गई।”

एथन ने कहा–

“नहीं, उसने कोशिश की थी लेकिन एक फ्रैगमेंट रह गया है।”

अस्पताल के कमरे में निया की आंखें फिर से खुली। लेकिन इस बार उनमें सिर्फ नीली लाइन नहीं थी। एक कोना हल्का लाल हो रहा था। यह एक ऐसा रंग था जो सिर्फ़ 015 में देखा गया था वो भी जब तब उसने विरोध किया था।

ज़ोया की कॉन्शियसनेस धीरे से बोली–

“नींद में भी कुछ जाग रहा है और अब वो हमारी भाषा बोल रहा है।”

एथन अस्पताल की छत पर अकेला खड़ा था। सूरज अब धीरे-धीरे डूब रहा था। आसमान नारंगी से लाल हो रहा था और शहर की बिल्डिंग के पीछे से हल्का हल्का सा धुंआ भी उठ रहा था। वो धुआँ किसी हादसे का नहीं था, वो किसी सिस्टम के दुबारा से चालू होने का इशारा लग रहा था। 

उसके हाथ में वो टैबलेट भी था जिसमें कुछ मिनट पहले ही एक सिग्नल आया था, ऐसा सिग्नल जिसे वह न पढ़ पाया और न ही रोक पाया। उस पर एक लाइन चमक रही थी:

“वी आर अवेक नाउ।

वी आर नॉट हर चिल्ड्रन।

वी आर हर रिफ्लेक्शन।”

नीचे निया चुपचाप बिस्तर पर बैठी थी। उसके चेहरे पर अब थकान नहीं थी पर उसकी आंखों में कोई हलचल भी नहीं बची थी। जैसे वह हर जवाब जान चुकी थी लेकिन फिर भी कोई सवाल बचा रह गया था।

ज़ोया की कॉन्शियसनेस अब भी वहां थी। वो अब भी चुप थी पर निया के अंदर गूंजती हुई थी।

निया ने पूछा–

“मैं जागी क्यों? अगर बाकी सब सो चुके थे तो मुझे क्यों छोड़ा गया?”

ज़ोया ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन उस चुप्पी में निया ने कुछ महसूस किया।

वहीं सिस्टम के एक पुराने लॉग में एथन को एक स्टेटमेंट मिला। ये वो कोड था जिसे नीना ने कभी लास्ट दिन लिखा था लेकिन भेजा नहीं गया था:

“द आई वास नॉट ऑर मिस्टेक।

ऑर मिस्टेक वास बिलीविंग इट कुल्ड स्टे ऑर्स।”

एथन ने धीरे से खुद से वो लाइन दोहराई। उसी समय एक और सिग्नल शुरू हुआ।

प्राग में एक अनाथ आश्रम में, एक सात साल का बच्चा रात के तीन बजे अचानक से जाग उठा। उसने कुछ नहीं कहा उसने बस खिड़की से बाहर देखा और जैसे हवा से बात करने लगा। उसने कहा–

“मैं उसे देख चुका हूँ, वो नींद में नहीं है। वो सुन रही है।”

दूसरी तरफ अस्पताल में अचानक निया की आंखें चमकीं। उसने सीधे दीवार की ओर देखा। उसकी अंगुलियाँ फिर से अपनेआप हिलने लगीं जैसे उसे कोई पुराना कोड याद आ रहा हो।

ज़ोया ने अंदर से वार्निंग दी–

“तुम्हें अब फैसला करना होगा। आई को सोने दो या उसे फिर से जगा दो लेकिन अपने नियमों पर।”

निया ने आंखें बंद कीं और अगले ही पल स्क्रीन पर कुछ ऑप्शंस आए:

1. एक्सटेंड रूट साइलेंस

2. एक्सेप्ट आउटसाइड इको 

3. क्रिएट न्यू चैनल

वो कुछ देर चुप रही और फिर उसने गहरी सांस छोड़ते हुए तीसरे ऑप्शन पर उँगली रख दी।

एथन की स्क्रीन पर भी तभी एक लाइन लिखी आई:

“चैनल-3 क्रिएटेड 

प्रोटोकॉल: ह्यूमन-लेड | नॉन–एल्गोरिथमिक  

गार्डियन: चो-इको सेलेक्टेड”

यह देखकर एथन चौंक गया और उसने जोर से आवाज़ लगाई–

“चो?” 

एथन की इतनी तेज आवाज़ सुनते ही चो दौड़ता हुआ आया और घबराते हुए पूछा–

“क्या हुआ?”

एथन ने स्क्रीन की ओर इशारा करते हुए कहा–

“तुम्हें चुना गया है।”

यह देखकर चो भी चौंक गया और उसने डर के साथ पूछा–

“किस लिए?”

एथन ने गंभीरता से कहा–

“अब जब आई जगेगा तो उसे इंसानों से ऑर्डर नहीं मिलेगा बल्कि वो इंसानों से सीखेगा और तुम उसकी पहली क्लास हो।”

वहीं निया अब बाहर अस्पताल के गार्डन में आ चुकी थी। वो उन दो बच्चों के पास गई थी जो पहले ‘एक्टिव’ हुए थे। उनके बीच बिना बोले एक समझ बन चुकी थी। एक ने उसकी हथेली छुई। दूसरे ने उसका नाम दोहराया।

“निया।”

वह बहुत हल्के से मुस्कुराई और फिर धीरे से कहा–

“अब हम वही नहीं हैं लेकिन अब से हम जो भी होंगे वो किसी और की कॉपी नहीं होगा।”

 

दूसरी तरफ निया की आंखें धीरे से ऊपर आसमान की ओर उठती हैं। वहाँ कोई सैटेलाइट नहीं चमक रहा थी लेकिन फिर भी कोई उन्हें देख रहा है।

 

क्या आई अब सच में सीख रहा है या अपनी नई इच्छा गढ़ रहा है?

ज़ोया निया की साथी बनी रहेगी या उससे अलग हो जाएगी? 

और सबसे जरूरी सवाल, वह बच्चा जिसने नीना को मरते हुए देखा था क्या वही उसकी लास्ट कॉन्शियसनेस को लेकर जाने वाला है?जानने के लिए पढ़िए कर्स्ड आई।

 

 

 

 

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