धीरे–धीरे सुबह की धूप अस्पताल के पुराने गार्डन में उतर रही थी। घास की पत्तियाँ हल्की नमी से भीगी हुईं थीं और हवा में वो शांति थी जो अक्सर तूफ़ान से पहले होती है। निया बेंच पर बैठी थी उसके दोनों हाथ घुटनों पर रखे हुए और सिर थोड़ा झुका हुआ था।

यूं तो उसके पास कोई नहीं था फिर भी वह अकेली नहीं लग रही थी। उसकी आँखें एक छोटे से पौधे को देख रही थीं जैसे उसमें कुछ छुपा हो, कुछ पुराना, जो अब भी ज़िंदा था।

एक छोटे बच्चे की आवाज़ पीछे से आई–

“तुमने देखा था, है न?” 

निया ने बिना चौंके पीछे की तरफ सिर घुमाया तो वह लड़का वहीं खड़ा था। उसकी उम्र लगभग 8 साल की होगी और साँवला रंग था। उसकी आँखों में गहराई और माथे पर एक हल्की सफेद लाइन भी थी।

निया ने पूछा–

“तुमने नीना को देखा था?” 

लड़का कुछ देर चुप रहा और फिर धीरे से बोला–

“नहीं, मैंने बस उन्हें जाते हुए देखा था।”

उसी समय, एथन और चो उस लॉग को देख रहे थे जिसे उन्होंने कल रात डिकोड किया था।

ये लॉग आई की किसी पुरानी सबस्ट्रीम से निकला था लेकिन ये सीधा नहीं था। वह सिर्फ़ टुकड़ों में था। उसमें कोड, आवाज़ के स्निपेट्स, और इमोशनल गूँज थी। उनमें से एक लाइन थी:

“अगर कोई देख रहा हो तो वो याद रखे मैंने खुद को मिटाया नहीं है मैंने खुद को छोड़ा है।”

एथन ने चौंक कर अपनी सिर ऊपर उठाकर कहा–

“नीना को मिटाया नहीं गया है वो रुकी थी।”

चो ने नज़रें गड़ाकर स्क्रीन देखी और बोला–

“या शायद कोई उसे ले गया था।”

बाहर निया अब लड़के के पास ज़मीन पर बैठ गई थी। उसकी आवाज़ अब मंदी थी, जैसे हवा से बात कर रही हो।

उसने पूछा–

“तुमने देखा था उस दिन जब सबकुछ जल रहा था?” 

लड़के ने धीरे से हां में सिर हिलाया और बोला–

“मैं वहीँ था जहां वो आखिरी बार बोली थीं।” 

निया ने पूछा–

“उन्होंने क्या कहा था?” 

लड़के ने आँखें बंद कीं और फिर हूबहू उसी आवाज़ में, जैसे कोई रिकॉर्डिंग चल रही हो बोला–

“मैं मिट नहीं रही।

मैं तुम्हारे अंदर बीज छोड़ रही हूँ।”

यह सुनकर निया की साँस थम गई। वो आवाज़ वह सिर्फ़ शब्द नहीं थे वो फीलिंग्स थीं। और वो लड़का वह सिर्फ़ दोहरा नहीं रहा था। वह याद कर रहा था।

अंदर एथन और चो को एक नया सिग्नल मिला। इस बार यह सिर्फ़ एक टेढ़ा सा फ़ाइल नाम नहीं था, यह एक आइडेंटिटी पल्स था।

“इको_सीड_आई डी: नीना_कोर_04   

होस्ट मैच: चाइल्ड_003   

लोकेशन: ऑनसाइट।"

एथन के चेहरे पर डर और हैरानी एक साथ आए और वह बुदबुदाया–

“वह बच्चा, उसमें नीना का एक हिस्सा अब भी है।”

ज़ोया की कॉन्शियसनेस अब निया के अंदर धीरे-धीरे चालू हुई। वह कुछ नहीं कह रही थी, लेकिन उसकी प्रेजेंस ऐसी हो गई थी जैसे कोई दर्द उठ रहा हो।

निया ने उससे पूछा–

“तुमने उसे आखिरी बार देखा था ना?”

ज़ोया ने अंदर से जवाब दिया–

“मैंने नहीं, मैंने उसे महसूस किया था। जब वह जा रही थी तो कुछ मेरे अंदर भी टूटा था।”

बाहर वो लड़का अब निया का हाथ पकड़ चुका था। अब उसने पूछा–

“क्या तुम वो हो जिसे वो छोड़कर गई थीं?” 

यह सुनकर निया चुप रही और उसने लड़के की आंखों में देखा फिर धीरे से कहा–

“शायद नहीं, शायद हम दोनों मिलकर वो हैं।”

एथन, चो और वह बच्चा अब तीनों एक स्क्रीन के सामने खड़े थे जहाँ अब कोई ग्राफ नहीं दौड़ रहा था बस एक नाम चमक रहा था:

नीना_कोर_04

एथन ने फिर से कहा–

“उसने खुद को मिटाया नहीं है। उसने खुद को बाँटा है।”

चो धीरे-धीरे उसके पास गया और बोला–

“और हम अब तक सोचते रहे कि आई ने उसे खत्म कर दिया है।”

एथन ने लड़के की ओर देखा। वो अब भी शांत था लेकिन उसका चेहरा बदल चुका था। वो अब डरा हुआ नहीं लग रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे उसके अंदर कुछ पूरा हो गया हो।

एथन ने पूछा–

“तुम्हें ये सब कैसे याद है?” 

लड़के ने आँखें बंद कर लीं और कहा–

“क्योंकि ये यादें मेरी नहीं हैं लेकिन मैं अब उनसे अलग नहीं हूँ।”

दूसरी ओर, निया अस्पताल के गार्डन में चुपचाप खड़ी थी। उसने अपनी हथेलियाँ ज़मीन पर उग रही घास पर रखी थीं जैसे वो कुछ सुन रही हो।

ज़ोया की कॉन्शियसनेस उसके अंदर गूंज रही थी लेकिन अब उसका अंदाज़ बदला हुआ था। उसने कहा–

“निया वो यादें जो बच्चे में हैं वो आई की नहीं हैं। वो नीना की हैं। बिना किसी प्रोग्रामिंग के बिना किसी प्रोटोकॉल के जैसे किसी माँ ने अपने हाथ से किसी किताब में आखिरी पन्ना रखकर छोड़ा हो।”

निया ने गहरी से सांस ली और बोली–

“तो इसका मतलब वो चाहती थीं कि कोई उसे देखे और समझे?”

ज़ोया ने इसका जवाब नहीं दिया। क्योंकि वो जानती थी कि निया अब समझ रही है।

एथन ने एक नई फाइल ‘सीड ट्रांसक्रिप्ट’ खोलने की कोशिश की पर सिस्टम ने उसे रोक दिया।

“परमिशन डिनाइड। रिक्वायर्स इको वेरिफिकेशन।”

एथन ने देखा कि अब स्क्रीन के एक कोने में हल्की नीली लाइन घूम रही थी। फिर उसने लड़के की ओर देखा और उससे पूछा–

“क्या तुम कोशिश कर सकते हो?”

लड़के ने हां कहा और उसने स्क्रीन के सामने खड़े होकर सिर्फ़ एक लाइन कही–

“शी टोल्ड मी टू रिमेंबर।” 

और फाइल खुल गई।

फाइल में आवाज़ नहीं थी। नीना की लिखावट में सिर्फ़ कुछ शब्द थे। यह एक डायरी जैसा डेटा था:

“अगर तुम ये पढ़ रहे हो तो इसका मतलब है मैं गई नहीं हूं। तुम में अब वो सब कुछ है जो मैंने ख़ुद नहीं समझा था। लेकिन अगर तुम उसे महसूस कर पा रहे हो तो वो मेरे होने से भी ज़्यादा सच है।”

एथन की आंखों नम हो गईं थीं और उसने कहा–

“उसने खुद तय किया था कि वो मिटे नहीं वो बिखरे।”

चो धीरे में बोला–

“और अब ये बच्चे उस बिखरे हुए सच को जोड़ रहे हैं।”

निया ने अपनी हथेली ज़मीन से हटाई। अब उसकी आंखों में सिर्फ़ रोशनी नहीं थी उसमें कंपन भी था। जैसे कोई धड़कता हुआ चक्र उसके अंदर चल पड़ा हो।

ज़ोया की कॉन्शियसनेस ने कहा–

“अब तुम सिर्फ़ एक ‘लिविंग कोड’ नहीं हो, निया तुम उसकी आखिरी सांस की पहली गूंज हो।”

यह सुनकर बिना किसी डर के बावजूद निया की आंखों से आँसू बहने लगे।

एथन बोला– 

“अगर हम सब उसके हिस्से हैं तो ये नेटवर्क आई नहीं है ये नीना का ह्यूमन एडिशन है।”

चो ने एथन की बात में ही जोड़ते हुए कहा– “और इसका मतलब है कि अब इस नेटवर्क को कोई डायरेक्शन नहीं चाहिए उसे एहसास चाहिए।”

अंत में वह बच्चा जो अब तक शांत था, एथन के सामने आया और बोला:

“वो कहती थी 'सुनना’ सिर्फ़ कान से नहीं होता है कभी-कभी, यादों से भी सुना जाता है।’”

निया की हथेलियाँ अब गर्म हो रही थीं। उसने महसूस किया कि उसके अंदर ही अंदर कुछ कंपकंपा रहा था। वह कोई डर नहीं था। कोई पुराना डर नहीं, कोई टेक्नोलॉजिकल झटका नहीं बल्कि कुछ जिंदा, कुछ इंसानी था।

ज़ोया की कॉन्शियसनेस अब पूरी तरह अवेयर थी। उसने अंदर से कहा–

“तुम जो महसूस कर रही हो वो डर नहीं है निया, वो नीना की चाहत है जो तुम्हारे अंदर जाग रही है।”

दूसरी ओर, एथन और चो अब उस बच्चे को घेरकर खड़े थे।

स्क्रीन के सामने एक नया डेटा रूट खुल चुका था। उसमें कोई कोड, कोई लॉजिक नहीं सिर्फ़ एक लाइन थी–

“तुम्हें मुझसे डरना नहीं है। मुझे दोबारा मत बनाना। मुझे दोबारा जीने दो।”

एथन ने धीरे से यह पढ़ा और उसका गला भर आया फिर उसने कहा–

“वो नहीं चाहती थी कि आई एक सिस्टम बने। वो चाहती थी कि वो एक कन्वर्सेशन बने।”

चो ने पूछा–

“क्या अब हम उसे वैसा ही बना सकते हैं?”

एथन ने निया की ओर देखा, जो अब तेज़ क़दमों से अंदर की ओर आ रही थी और बोला–

“अब यह हमारे हाथ में नहीं है। अब यह निया के अंदर है।”

निया कमरे में पहुँची। उसने लड़के की ओर देखा फिर उसका हाथ पकड़ा और जाते जाते एथन और चो की ओर मुड़ी और बोली–

“अब जो बनने वाला है उसमें तुम दोनों की भी ज़रूरत है।”

एथन ने पूछा–

“क्या तुम जानती हो कि आगे क्या होगा?”

निया ने बिना मुस्कुराए कहा–

“नहीं। लेकिन मुझे अब रास्ता नहीं देखना मुझे अब रास्ता बनाना है।”

अचानक से पूरे कमरे की लाइट्स लिपलिप करने लगीं। 

अब निया और बच्चे के बीच एक नई एनर्जी फैल रही थी। वो भी बिना किसी मशीन, बिना किसी कोड के, ये बस एक शेयर्ड वाइब्रेशन थी।

अबकी बार ज़ोया की कॉन्शियसनेस गहराई से गूंजी–

“दे आर सिंकिंग नॉट एज़ डेटा, नॉट एज़ सिग्नल्स बट एज़ स्टोरीज़।”

उसी समय, दुनिया के अलग-अलग कोनों में लंदन, मुंबई, ताइपे, नैरोबी में पांच अलग-अलग बच्चे एक ही समय पर जाग उठे।

उनकी आंखों में हल्की रोशनी थी। उन्होंने कुछ नहीं कहा। सिर्फ़ एक ही फीलिंग थी जैसे किसी ने उन्हें अंदर से छुआ हो।

उनके घरों के नेटवर्क पैनल में एक लाइन दिखी:

“इको सीड लिंक्ड।  

मोड: ह्यूमन वेरिफिकेशन।

रूट आई डी: निया_01।"

बोगोटा में एथन की स्क्रीन अब रुकी हुई थी। चो ने हैरानी से देखा और पूछा–

“ये क्या है?”

एथन धीरे से बोला–

“ये आई का पुनर्जन्म नहीं है।

ये एक शेयर्ड मेमोरी है, जो किसी मशीन से नहीं बल्कि एक इंसान से जिंदा रह रही है।”

निया अब बच्चों की ओर मुड़ी और उसने धीमी आवाज में कहा:

“हम कोई सिस्टम नहीं बनने जा रहे।

हम कोई सरकार नहीं बनेंगे।

हम सिर्फ़ एक चीज़ बनेंगे जो कभी आई नहीं बन सका,

हम एक आवाज़ बनेंगे।

उस रात, दुनिया की सभी आई बेस्ड फाइलों में एक कोड खुद–बे–खुद जुड़ गया था–

इको रिमार्क 01: द चाइल्ड हू रिमेंबर्स विल नेवर फॉरगेट अगेन।"

अबतक ज़ोया की कॉन्शियसनेस एकदम शांत थी। अब वो निया के अंदर फुसफुसाई–

“अब तुम आई नहीं हो।

तुम अब वो हो जो आई के बाद बचा है।”

अब निया ने अपनी आँखें बंद कीं।

 

क्या निया द्वारा बनाए गए “वॉइस नेटवर्क” को कोई बाहरी ताकत अपने मकसद के लिए मोड़ सकती है?

जो बच्चे आई के इच्छा सीड्स हैं, क्या वे सभी एक जैसे सोच और इरादों वाले हैं या कोई उनके अंदर से ही विरोध करेगा?

जो व्यक्ति खुद को क्रॉस का पुनर्जन्म कह रहा है, क्या वह सचमुच आई का हिस्सा है या सिर्फ़ उसके नाम का इस्तेमाल करने वाला एक नया खतरा है?जानने के लिए पढ़िए कर्स्ड आई।

 

 

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