“आई लव यू!” पीटर ने डायना ने कहा, “कुछ भी रिएक्शन देने से पहले मेरी एक बात और सुन लो। अगर तुम्हें गलत लगे तो फिर पूरी ट्रेन में तुम मेरी बेइज्जती कर लेना मै सुन लूंगा।”
पीटर की बात सुनकर डायना को हंसी आने लगी थी। वो बस चुपचाप मुस्कुराते हुए पीटर की आंखों में देख रही थी।
“तो मेरा शक सही था। कल मुझे इंप्रेस करने की कोशिश की जा रही थी।” डायना ने कहा।
“तुम जो चाहो समझो, मैं और सफाई नहीं दूंगा तुम्हें।” पीटर ने कहा, “तुम कल मेरे साथ 4 घंटे रही, हमारे वो 4 घंटे मेरे लिए बहुत खास थे। मैंने इतने सालों में भी ये चीज रोजी के साथ महसूस नहीं की। मैं उसका प्यार चाहता था ये सच है। लेकिन ये भी सच है कि मैं गलत लड़की का प्यार चाहता था।”
“और ऐसा तुम्हें कब और क्यों लगा?” डायना ने पूछा।
“तुम मुझे समझती हो। बस एक गलतफहमी की वजह से हमारे बीच सब गड़बड़ हो गया। डायना, उस गलतफहमी को कुछ समय के लिए किनारे करके देखो। क्या मैंने तुमसे कोई गलत बर्ताव या गलत बात की है?”
“तुम्हारा मुझे लेकर इतना कंसर्न होना, और अपनी गर्लफ्रेंड को छोड़कर तुरंत मेरे प्यार के पड़ना तुम्हारी सबसे बड़ी कमजोरी है पीटर! इस बात का क्या भरोसा कि कल को मुझसे भी खूबसूरत लड़की तुम्हें मिल जाएगी तो तुम मुझे छोड़कर उसके पीछे नहीं भागोगे?”
“तुम्हें ऐसा लगता है तो फिर मैंने तुम्हारी उस दूसरी फ्रेंड को लाइन क्यों नहीं दी जो अभी रेबेका के साथ वहां खड़ी है। मैंने रेबेका पर चांस क्यों नहीं मारा जबकि मेल्विन उसे इंप्रेस करने में हर जगह मेरी मदद लेता है।”
“अब तुम मेरी बेइज्जती कर रहे हो पीटर!” डायना ने कहा।
“नहीं डायना, मैं तुम्हारी बेइज्जती नहीं कर रहा हूं। तुम्हें लगता है तुम्हारे आसपास जितने भी लोग हैं तुम उन सबसे खूबसूरत हो। जबकि ऐसा नहीं है। मेरी नजरों में या मेरे जैसे लड़कों की नजर में तुम जरूर सबसे खूबसूरत हो सकती हो, लेकिन मेल्विन की नजर में रेबेका और लक्ष्मण की नजर में उसकी होने वाली बीवी ही सबसे खूबसूरत लड़की है। मैं तुमसे अपने आई लव यू जवाब नहीं मांगूंगा। मैंने अपने दिल की बात तुम्हें कह दी है, मैं तुम्हारी हां या न का इंतजार किंग्स फिर चाहे लाइफ के एंड तक मुझे इंतजार क्यों न करना पड़े। अब चलो यहां से, इससे पहले कि रेबेका और मेल्विन और ज्यादा परेशान हों।”
पीटर के दिमाग में क्या चल रहा है ये उसके सबसे करीब रह रहे मेल्विन को समझ नहीं आ रहा था तो डायना को क्या ही समझ आता। वे दोनों जब वापस आए तब मेल्विन ने पीटर की आंखों में गौर से देखा। पीटर की आंखों में एक गहरा इमोशन था।
रेबेका ने आंखो ही आंखों में डायना से कुछ पूछा तो डायना ने भी अपनी आंखों से जवाब दे दिया।
“पीटर, सब ठीक है?” मेल्विन ने पूछा, “मैंने तुम्हें पहले कभी इस रूप में नहीं देखा।”
“मैं ठीक हूं मेल्विन!” पीटर ने कहा, “बस डायना को एक बात कहनी जरूरी थी। वो मैंने कह दी।”
“डायना को लेकर तुम इतने सीरियस हो, ये मैं नहीं जानता था।” मेल्विन ने कहा, “पहले मुझे लगा लगा था कि तुम सिर्फ उसे फ्लर्ट कर रहे हो। अभी तुमने मुझे कल की बात भी नहीं बताई है। कल आखिर हुआ क्या था।”
मेल्विन ने इस बार पीटर से पूछा तो पीटर ने उसे कल कैफे में हुई सारी घटना के बारे बताया।
मेल्विन पहले चुपचाप पीटर को सुनते रहा फिर उसके मुंह से अचानक निकला, “क्या तुम्हारा दिमाग खराब हो गया पीटर? ये क्या पागलपन है! सीधा प्रपोज। तुम्हें लगता है डायना ऐसी लड़की है जो तुम्हारे आई लव यू पर इतनी जल्दी भरोसा कर लेगी? मैंने तुम्हें यहां डायना के साथ बातचीत करते हुए सुना था। तुम उसे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलवाने ले गए थे न। फिर ये प्रपोज, इसका क्या मतलब है?”
“मैंने डायना में अपनी गर्लफ्रेंड देखता हूं। डायना अगर मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट करती है तो ठीक वरना मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।”
“तुमने बेवकूफी तो कर दी है पीटर! देखना तुम पछताओगे जब डायना तुमसे बातचीत बंद कर देगी।” मेल्विन ने कहा, “यहां मैं कल रेबेका के घर कैसे जाऊं, ये सोच–सोचकर परेशान हुआ जा रहा हूं और यहां तुमने अलग ही रायता फैला रखा है।”
“तुम कल रेबेका के घर जा रहे हो?” पीटर ने पूछा, “कोई खास बात?”
“कल रेबेका का बर्थडे है। उसने मुझे इन्वाइट किया है। उसके खास तौर पर मुझसे कहा है कि वो अपने मॉम–डैड को मुझसे मिलवाएगी।”
“मतलब गाड़ी ट्रैक पर आ रही है।” पीटर ने कहा, “तो क्या प्लान है आगे का?”
“मैंने सोचा है मैं रेबेका को एक गिफ्ट दूं। एक स्केच जो उसके दिल के करीब हो।”
“कैसा स्केच?” पीटर ने पूछा।
“ये मैं तुम्हें कल बताऊंगा।” मेल्विन ने कहा, “पहले तुम मुझे ये बताओ कि मैं कल क्या पहनूं। किस तरह मुझे उसके मॉम–डैड से बात करना चाहिए?”
“इस मामले में तो तुम्हें मुझसे अच्छी सलाह लक्ष्मण दे सकता है।” पीटर ने कहा, “लव अरेंज मैरिज कर रहा है वो अगले महीने।”
“सलाह तो वो अच्छी देता है पीटर लेकिन मुझ पर फिट बैठे, ऐसी सलाह तुम ही दे सकते हो।” मेल्विन ने कहा तो पीटर मुस्कुराने लगा। उसे यूं मुस्कुराने की वजह मेल्विन समझ नहीं पा रहा था
“क्या टाइम आ गया है! एक टाइम था जब हर कोई तुम्हारी सलाह लेने के लिए लाइन में लगा रहता था। एक आज का दिन है, तुम्हें हर किसी की सलाह की जरूरत पड़ रही है।”
“सलाह की जरूरत सबको होती है पीटर! सलाह–मशविरे से उठाया गया कदम हमेशा अच्छा भी रहता है। अब तुम मेरे सवाल का जवाब आज दोगे या कल?”
“इसमें मैं क्या जवाब दूं मेल्विन! मैं तो यही कहूंगा कि ज्यादा सोचने से तुम कन्फ्यूज ही होगे। रेबेका के यहां ऐसे जाओ, जैसे तुम मेरे घर या लक्ष्मण के घर गए हो। अभी पिछले दिनों ही तो तुम डॉक्टर साहब के घर उनके बेटे को समझाने गए थे। बस ऐसा ही कुछ सोचकर रेबेका के घर चले जाओ।”
“पीटर, तुम अपना काम इतनी चालबाजी से करते हो और जब मेरी बारी आती है तो तुम मुझे सिंपल रहने को कहते हो। तुम्हारी यही बात मुझे पसंद है। कम से कम तुम मुझे इतना तो समझते हो कि मैं चालबाजी से कोई काम नहीं करता।”
“खुद चालबाजी करना अलग बात होती है मेल्विन। किसी और को चालबाजी का सजेशन देना मैं सही नहीं समझता। रेबेका एक सिंपल और सीधी लड़की है। तुम उसके साथ जितने सिंपल और सीधे बने रहोगे तुम्हारे लिए आगे का रास्ता उतना ही आसान होगा।” पीटर ने मेल्विन को सलाह देते हुए कहा।
ऑफिस की तरफ बढ़ते हुए मेल्विन के दिमाग में पीटर का दिया यही सलाह घूम रहा था। उसी वक्त उसकी टकराहट मिस्टर कपूर से हो गई।
“ओह सॉरी सर!” मेल्विन ने माफी मांगते हुए कहा, “मेरा ध्यान कहीं और था।”
“मुझे पता है मेल्विन, तुम्हारा ध्यान पिछले कोई हफ्तों से कहीं और है।” मिस्टर कपूर ने कहा, “वैसे मैं तुम्हारे पास ही आ रहा था।”
“जी कहिए सर।” मेल्विन ने कहा, “क्या बात है?”
“सांता क्रूज में कल आर्ट एग्जिबिशन है। इसमें तुम्हारा होना कंपलसरी है। उम्मीद है कि तुम कल की शाम कहीं बिजी नहीं होगे?” मिस्टर कपूर ने कहा, “हम इसमें पार्टिसिपेट नहीं कर रहे हैं। बल्कि एज अ होस्ट हम न्यू कमर को इन्वाइट कर रहे हैं। तुम सीनियर की भूमिका में नए कार्टूनिस्ट को टिप्स दोगे। उन्हें बेहतर बनने की मोटिवेशन दोगे।”
“इतनी शॉर्ट नोटिस पर ये एग्जिबिशन सर!” मेल्विन ने कहा, “मैं कल अपने फ्रेंड की फैमिली पार्टी में जाने का वादा कर चुका हूं।”
“ओहो!” मिस्टर कपूर ने माथा सहलाते हुए कहा, “ये तो बहुत गड़बड़ हो जाएगा मेल्विन! क्या उस पार्टी में न जाने का कोई ऑप्शन नहीं है?”
“वादा न किया होता तो बात और थी सर! लेकिन अभी तो ये मेरे लिए काफी मुश्किल है।”
“ठीक है तुम देख लो कि तुम क्या कर सकते हो। कोशिश करोगे तो वक्त निकाल लोगे। तुम्हारा एक घंटा भी जूनियर कार्टूनिस्ट के लिए बहुत होगा।”
“एग्जिबिशन की टाइमिंग क्या है सर?”
“शाम को 4 बजे से है। रात को 11 बजे तक पैकअप हो जायेगा।”
“मैं शाम को 8 बजे से पहले कुछ देर के लिए आने की कोशिश करूंगा।” मेल्विन ने कहा।
“मैं जानता था, तुम मुझे नाराज नहीं करोगे मेल्विन!” मिस्टर कपूर ने कहा और फिर वो अपनी केबिन की ओर चला गया।
तभी महेश वहां आ गया था।
उसके मेल्विन से कहा, “अब लग रहा है कि सब कुछ ठीक है। काफी दिनों बाद ऐसा खुशनुमा माहौल देखने को मिल रहा है। कुछ दिनों से तो ऐसा लगने लगा था जैसे खुशियां हमसे रूठ गई हैं।”
“जिंदगी में इस तरह के चैलेंजेस आते रहने चाहिए महेश! इसी हमारे पांव हमेशा जमीन पर बने रहते हैं। संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है।” मेल्विन ने कहा, “जहां तक परेशानियों की बात है तो वो कब खत्म हुई है जो अब हो जाएंगी। कल दो–दो पार्टियों में एक साथ मुझे इनवाइट किया गया है और मैं दोनों में से एक भी मिस करने की पोजीशन में नहीं हूं।”
“ऐसा क्या हो गया मेल्विन?” महेश ने पूछा, “बॉस क्या कह रहे थे?”
“तुम्हें तो खबर होगी ही, कल उन्होंने एक आर्ट एग्जीबिशन रखा है। वो चाहते हैं कि मैं बतौर सीनियर न्यू कमर कार्टूनिस्ट को मोटिवेट करूं।” मेल्विन ने बताया, “दूसरी ओर रेबेका के बर्थडे पार्टी में भी मुझे कल जाना है।”
“हां, कल के एग्जिबिशन का मुझे मालूम है। बॉस ने बताया। मैं भी कल आ रहा हूं। तो इसमें इतना परेशान होने वाली कौन सी बात है?” महेश ने पूछा, “पार्टी कल शाम 4 बजे तो होगी नहीं।”
“पार्टी में तो मुझे रात में 8 बजे जाना है। लेकिन बात सिर्फ रेबेका के बर्थडे पार्टी में जाने की नहीं है महेश। दरअसल वो मुझे अपनी फैमिली से भी मिलवाना चाहती है और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हूं।”
“इसमें मानसिक रूप से तैयार होने वाली कौन सी बात है मेल्विन? तुम बेकार में परेशान हो रहे हो। शाम को 8 बजे तक यहां एग्जिबिशन अटेंड कर लो और उसके बाद रेबेका की पार्टी में भी चले जाना। पार्टी कहां है? उसके रेजिडेंस में ही होगी?”
“हां, मलाड में। आने जाने में ही कितना समय लग जाएगा महेश।” मेल्विन ने कहा।
“एडजस्ट तो तुम्हें करना पड़ेगा मेल्विन। देखो लो, तुम क्या कर सकते हो। तुम्हें दो जगह आना जाना है तो प्लान तुम्हें ही करना होगा। अब ये अच्छा नहीं लगेगा कि तुम थके–हारे रेबेका के बर्थडे पार्टी के जाओ।”
“बॉस ने एक रास्ता बताया है। उनका कहना है कि मैं 1 घंटे के लिए ही एग्जीबिशन में शामिल हो जाऊं।” मेल्विन ने बताया।
“फिर मामला सॉल्व हो गया न। 4 से 5 बजे यहां रहो उसके बाद जब चाहे तब मलाड चले जाना।”
“एक प्रॉब्लम हो रहा है महेश।” मेल्विन ने गहरी सोच में डूबे हुए कहा, “बल्कि दो प्रॉब्लम है। मैं आते ही जूनियर्स को मोटिवेशन नहीं दे सकता। ये काम अंत में होता हैं। दूसरा मुझे अभी रेबेका की बर्थडे का गिफ्ट भी तैयार करना है।”
“बर्थडे का गिफ्ट! तुम रेबेका को ऐसा क्या गिफ्ट करने वाले हो मेल्विन को तुम्हें इसके लिए अलग से समय चाहिए?”
“एक स्केच। मैंने अब तक रेबेका को जितना समझा है वो सब कुछ मैं उस स्केच में डालना चाहता हूं।”
“जिसे तुम ऐन टाइम पर बनाने वाले हो, वो आज बैठकर बना लो। मैं तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हूं। ऑफिस के काम की फिक्र मत करो। इतना तो मदद मैं तुम्हारी कर ही सकता हूं। पहली बार तो है नहीं ये।” महेश ने मुस्कुराते हुए कहा तो मेल्विन ने खुश होते हुए उसे गले लगा लिया।
“दोस्त हो तो तुम्हारे जैसा महेश। मेरे जैसे लकी बहुत कम लोग होते हैं। कदम–कदम पर मेरे दोस्त मेरा साथ देने को हमेशा तैयार रहते हैं।”
“अच्छे इंसान को अच्छे दोस्त ही मिलते हैं मेल्विन। तुमने हमेशा मेरी मदद की है। जब भी अपने परिवार की परेशानी को लेकर मैंने छुट्टी ली है, तुमने मेरा काम संभाला है। आज मैं इस पोजीशन पर हूं कि तुम्हारे भरोसे मैं कभी भी छुट्टी ले सकता हूं। आज जब तुम्हें मेरी जरूरत है, तो इतना मैं तुम्हारे लिए कर ही सकता हूं।”
अभी महेश ने इतना कहा ही था कि मेल्विन को ऑफिस के बाहर एक शख्स ताक–झाक करता हुआ दिखाई दिया। वो एक दुबला–पतला आदमी था जिसका एक हाथ कपड़े में इस तरह लिपटा हुआ था जैसे वो जख्मी हो। उसके आसपास मक्खियों भिनभिना रही थीं। जैसे ही वो थोड़ा चला मेल्विन के दिमाग में उस इंसान का चेहरा बन गया।
“ये तो रघु है।” मेल्विन के मुंह से एकाएक ही निकला।
आखिर रघु मेल्विन के ऑफिस के बाहर क्या कर रहा था? क्या वो मेल्विन को ढूंढता हुआ वहां पहुंचा था? क्या मेल्विन और रघु की मुलाकात आज हो जाएगी? आखिर ये रघु मेल्विन को ढूंढ क्यों रहा है?
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