रात का अंधेरा और भी गहरा हो गया था, जैसे आसमान में छाए बादल ने चाँद को भी छुपा लिया हो। किलोरी गांव के चारों ओर खामोशी थी, लेकिन रेलवे लाइन के पास खड़ा अंग्रेजी भूत मुस्कुरा रहा था। उसकी मौजूदगी में एक अलग सी दहशत थी। उसका भूतिया घोड़ा, जिसकी आंखों में एक आग थी। उसकी चमकती हुई काले और भूरे रंग की स्किन पर कुछ निशान थे, जैसे वो किसी दूसरी दुनिया से आया हो। घोड़े की खुरों से जमीन पर गूंजती आवाजें, जिससे अंधेरे में एक अनजान खतरा पैदा हो रहा था। उसके लंबे, काले बाल हवा में उड़ रहे थे। वही अंग्रेजी भूत का चेहरा, जो गहरी उदासी से भरा हुआ था। उसकी लाल आंखें, रात के अंधेरे में चिंगारी सी जल रही थीं। उसका आर्मी वाला लाल यूनिफॉर्म, जो धूल और खून से सना था, एक खौफनाक कहानी बयां कर रहा था। तभी अंग्रेजी भूत ने घोड़े पर एक लगाम कसी और गुर्राते हुए चीखा,
अंग्रेजी भूत - मैंने मौत के साए में कई वॉर देखी हैं। पिछले 80 सालो से मैं उस तालाब में कैद था, But now I am free and now I will not leave you Indians alive. तुम इंडियंस मेरे गुलाम बनोगे।
अंग्रेजी भूत ने अपनी तलवार को हवा में लहराया, उसकी आंखों में एक गहरी आग थी, जो सदियों के दर्द और बदले की कहानी बयां कर रही थी। अंग्रेजी भूत का चेहरा, लम्बा और डरावना था, उसके साथ खड़ा भूतिया घोड़ा भी एक भयानक कहानी बयान कर रहा था। उसकी आँखों में एक डरावनी चमक थी, जैसे वो अपने मालिक की बातो को बिन बोले समझ रहा था। उस भूतिया घोड़े के नथुने बार बार फड़क रहे थे, और उसकी खुरों की आवाज़ पूरे माहौल में डर फैला रहे थे। तभी रेलवे लाइन पर ट्रेन की आवाज आई, भूतिया घोड़े की खड़खड़ाहट बढ़ गई। उस आवाज में एक चेतावनी थी, एक डरावनी कहानी की जो कई सालों से आज तक दबी हुई थी।
वही ट्रेन के इंजन से उठते धुएं ने रात के अंधेरे में एक डरावनी धुंध पैदा कर दी थी। अचानक, भूतिया घोड़ा आगे बढ़ा। उसकी आँखों में चमक और भी तेज़ हो गई। वो चाँद की रोशनी में जैसे ज़िंदा हो उठा था। घोड़े के कदमों की आवाज़ धीरे-धीरे तेज़ होने लगी थी। ट्रेन में बैठे यात्रियों ने उस भूतिया घोड़े को दूर से भागते देखा, और उनके दिलों में डर की लहर दौड़ गई। ट्रेन के बंद दरवाजों के पीछे, वो लोग बैठे उस घोड़े को अपने करीब आते देख रहे थे। जैसे ही ट्रेन के लोको पायलट ने रेलवे की पटरी पर खड़ी एक अजीब सी परछाई को देखा तो उसे पहले सही से दिखा नही की वो कौन है, क्योंकि चारो तरफ अंधेरा था। इसलिए लोको पायलट ने अपनी आंखे मलते हुए उस तरफ देखा, जैसे जैसे ट्रेन आगे बढ़ रही थी, वो डरावनी परछाई करीब आ रही थी। जैसे ही उसने देखा की एक घोड़ा और उसके ऊपर एक लाल सी यूनिफॉर्म पहने एक अंग्रेज बैठा था। उसके अंदर का डर उसे झकझोरने लगा।
उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, और ट्रेन धीरे-धीरे धीमी होने लगी, लेकिन उस भूत और उसके घोड़े की स्पीड में कोई कमी नहीं आई। वो ट्रेन की तरफ बढ़ रहे थे। जिससे लोको पायलट की धड़कनें तेज हो गईं थी, उसकी आँखें अंग्रेजी भूत की तरफ देख रही थी और वो महसूस कर रहा था कि अंग्रेजी भूत केवल एक भूत नहीं, बल्कि अतीत का वो राज़ था जो फिर से ज़िंदा हो गया था। जैसे-जैसे ट्रेन धीमी होती गई, अंग्रेजी भूत और उसका भूतिया घोड़ा पास आता जा रहा था, मानो उनको किसी चीज़ की कोई परवाह नहीं थी। पास आके अंग्रेजी भूत ने एक बार फिर लोको पायलट को देखते हुए तलवार को हवा में लहराया। उसकी भूतिया चमक से रेलवे लाइन पर खड़ी ट्रेन की रौशनी भी जैसे फीकी पड़ गई। अंग्रेजी भूत के चेहरे पर एक गुस्सा था। वो ट्रेन में बैठे उन सभी लोगो को देख रहा था, जैसे उनके दिलों की गहराई में झांक रहा हो। उसके लम्बे चेहरे की हर लकीर एक दर्द की कहानी बयां कर रही थी।
लोको पायलट - ये क्या बला है? आज के ज़माने में घोड़ा और ये अंग्रेज।
अंग्रेजी भूत - ये ट्रेन कहां जा रही है?
लोको पायलट - आप कौन हो और आपको कहां जाना है?
अंग्रेजी भूत - this is our train तुम इंडियंस हमारे गुलाम हो।
अंग्रेजी भूत की वजह से एक खौफनाक सन्नाटा फैल गया था। लोको पायलट ने देखा कि अंग्रेजी भूत का चेहरा उसके सामने आने लगा था, जिसे देख उसके दिल की धड़कन तेज हो गई। वो अपनी जगह पर ठहर गया, मानो उसके पांव गड़ गए हों। वो सोचने लगा कि क्या ये सब असली है या किसी बुरे सपने का हिस्सा है।
उसकी आंखों में डर था, वो हेल्पलेस फील कर रहा था, लेकिन फिर भी, अपने जान की कीमत पर, उसने ट्रेन को स्टार्ट करने की कोशिश की। वो डर के मारे बुरी तरह कांप रहा था, उसके हाथों में पसीना आ रहा था। इंजन के गड़गड़ाने की आवाज़ उसके मन में एक नई आशा जगा रही थी, लेकिन तभी, एक सन्नाटे में, अंग्रेजी भूत ने अपनी तलवार निकाली। उसकी हरकत तेज़ और जानलेवा थी। लोको पायलट ने देखा कि अंग्रेज़ी भूत के चेहरे पर एक अजीब सी स्माइल थी। अचानक, भूत ने तलवार को तेजी से लोको पायलट की ओर बढ़ाया। वो उसकी आँखों में खौफ देख सकता था, जैसे उसके अंदर की सारी आत्मा एक पल में बाहर निकलने वाली थी।
अंग्रेजी भूत ने बिना किसी चेतावनी के वो तलवार उसके पेट में घुसेड़ दी, तभी लोको पायलट ने दर्द के मारे एक चीख मारी,
उसके पेट से खून की धार बहकर उसके कपड़ों को पूरा लाल करने लगी।जैसे ही यात्रियों ने लोको पायलट की चीख सुनी, ट्रेन के डिब्बे में डर और आतंक की गूंज फैल गई थी। उनमें से कई चिल्लाने लगे। कुछ घबराए हुए लोग एक-दूसरे से चिपकने लगे। भूतिया घोड़ा अचानक ट्रेन के सामने आ गया। उसकी दहशत भरी आवाज़ ने यात्रियों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया।
सारे लोग ( panic mode, chorus ) - बचाओ! हमें बचाओ। प्लीज हमे बचाओ
अंग्रेजी भूत ने धीरे-धीरे अपनी तलवार को नीचे किया। उसकी हर सांस में नफरत भरी थी, और उसकी तलवार पर लोको पायलट के खून की बूंदें अभी भी टपक रही थीं। उसने अपनी तेज़ नजरें सब यात्रियों पर डालीं।
अंग्रेजी भूत - तुम सब यहां मेरी ट्रेन में क्या कर रहे हो? ये हमारी ट्रेन है! तुम indians की औकात नही है इस ट्रेन में बैठने की? You will be punished for this.
अंग्रेजी भूत की ये बाते सुनकर सारे यात्री डर गए। उसने अपनी तलवार को हवा में लहराया, और उसके साथ-साथ भूतिया घोड़ा भी हिनहिनाने लगा। उसकी आँखों में एक जंगली जानवर जैसी चमक थी, मानो वो अपनी शिकार की तलाश में था।
अंग्रेजी भूत - How dare you come here? तुम लोग बस गुलाम हो। अब तुम इंडियंस को इसकी सज़ा अपनी जान देकर गवानी पड़ेगी।
अंग्रेजी भूत ने अपने घोड़े की ओर इशारा किया, और वो घोड़ा ट्रेन की ओर बढ़ने लगा। उसने अपनी तलवार को ऊंचा किया, और अपने भूतिया घोड़े की लगाम खींची, भूतिया घोड़े ने उछलकर ट्रेन को पीछे से अपनी टांगों से लात मारी और पूरी ट्रेन अचानक से झुक गई, ट्रेन में बैठ सारे लोग एक साथ चिल्ला उठे। घबराहट और आतंक का मंजर चारो तरफ फैल गया, कुछ लोग अपनी सीटों से उछलकर एक-दूसरे को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, इसी दौरान, वो अंग्रेजी भूत लोगो की चीखे सुनकर जोर जोर से हंस रहा था।
अंग्रेजी भूत ( हस्ते हुए ) - तुम सबको मैं यहाँ खत्म कर दूंगा! तुम इंडियंस ने जो मेरे साथ किया, I can never forget.
उन लोगो के लिए ये मंजर किसी बुरे सपने से कम नहीं था। उस अंग्रेजी भूत की मौजूदगी ने यात्रियों के दिलों में दहशत भर दी थी। वो समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें। क्या वो बचेंगे, या इस खौफनाक सिचुएशन में फंसे रहेंगे? अब सवाल ये था कि क्या कोई उम्मीद बची थी, या इस अंधेरे में सब कुछ खत्म हो चुका था।
अंग्रेजी भूत और उसका भूतिया घोड़ा पलटी हुई ट्रेन के पास खड़े थे। ट्रेन का मलबा टूटकर बिखर गया था, अंग्रेजी भूत का अनदेखा रूप हल्की रोशनी में चमक रहा था, और उसके चेहरे पर हंसी थी। फिर अंग्रेजी भूत ने घोड़े की ओर देखा। अब यहाँ से जाने का समय हो गया था। उसने लगाम पर कसी हुई अपनी कलाई हिलाई, और एक हल्की सी हवा ने उन्हें चारों ओर घेर लिया, जिससे वो धीरे-धीरे हवा में उड़ने लगे। एक पल में, वो दोनो गायब हो गए, पीछे सिर्फ हवा की सरसराहट और उस घबड़ाहट का अक्स रह गया था। ट्रेन, जो अब भी पलटी हुई थी, एक अजीब शांति से भर गई। उस ट्रेन में फंसे सब लोग ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहे थे।
अगली सुबह साधुपुल गांव में ट्रेन के पलटने की घटना ने सभी को झकझोर दिया था। हादसे में कई लोग मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे। जब ये खबर गांव में फैली, तो कुछ लोगों ने दावा किया कि ट्रेन में बैठे लोगो ने एक घोड़े पर बैठे आदमी को ट्रेन के पलटते हुए देखा था। लेकिन उस आदमी के बारे में किसी को भी पता नहीं था।
ऐसे में सोनू और अन्नू ने यह बात सुनी, तो उनके मन में कुछ doubt पैदा हुआ। उन्हें लगा कि शायद इसमें कुछ सच्चाई है। उन्होंने तय किया कि इस रहस्य को सुलझाना जरूरी है। गांव में अजीबोगरीब घटनाएं अक्सर होती रहती थीं, लेकिन ये घटना तो सभी के लिए अलग मिस्ट्री बन गई थी। सोनू और अन्नू को खबर भी नहीं थी की उनके ऊपर एक और भूत का साया मंडरा रहा है।
क्या सोनू और अन्नू बिना काका अहलूवालिया के इस भूत का सामना कर पाएंगे? आखिर दोनो कैसे इस का रहस्य सुलझा पाएंगे?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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