पिहू की बात सुन अयाना ने "पिहू" कहा और उसका चेहरा हाथों में भरते हुए बोली - "कभी नहीं नकारूगी मैं, पिहू बच्चा मैं ठीक हूं क्यों इतना सोच रही हो, छोड़ो न अब इस बात को हम सब साथ है देख लेगें साथ मिलकर जो भी होगा ओके, चलो अभी हम सब पार्टी करते है….हमारी पिहू मिश्रा ने टॉप किया है सेलिब्रेशन (मुस्कुराते) तो बनता है ना।"
पिहू उदासी भरे लहजे में - "कोई सेलिब्रेशन नहीं होगा दी, नहीं करनी कोई पार्टी।"
अयाना भोहें चढ़ाते - "क्यों, खुशी के पल है पिहू, हमेशा पार्टी करते है ना हम तो आज क्यों नहीं?"
पिहू अपने चेहरे से अयाना का हाथ हटाते - "फर्क है दी हमेशा और आज में, आज के दिन हमारे घर में खुशी आती है प्रोब्लम नहीं, आज माहिर खन्ना नाम की बहुत बड़ी प्रोब्लम हमारे सामने खड़ी है। जिसके चलते हमें किन किन मुश्किलों को फेस करना पड़ेगा हम जानते भी नहीं है, सबसे ज्यादा आप परेशान होगी। खुशी के पल, क्या फायदा दी इन खुशी के पलों का जिनके चलते कल आपको वहां जाना पड़ेगा जहां आप जाना नहीं चाहते हो….मेरी बहन के मन का हो तब ही वो खुश होती है, और जो होगा कल उसमें आपकी खुशी शामिल नहीं होगी दी और ये बात आप समझने को ही तैयार ही नहीं हो।"
अयाना पिहू को समझाने की कोशिश करती है - "पिहू...." पर वो नही सुनती - "नहीं, नहीं अयू दी, आप हमें मना रहे हो जो डिसीजन आपने लिया उसमें हम लोग आपका साथ दे जबकि आप खुद को भी अभी नहीं मना पाए हो, आपका दिल भी आपका साथ नहीं दे रहा, आप हां बोल आए हो….पर आपके अंदर एक जंग छिड़ी हुई है कि काश ऐसा नहीं होता। दी आप मेरे कारण फंस गये हो अगर आपको लगता है आपको परेशानी में घिरा देख मैं अपने रिजल्ट की खुशी मनाऊंगी तो ऐसा नहीं होगा, अपनी बहन को तकलीफ में देख पिहू कोई खुशी नहीं मनाएगी, आज कोई सेलिब्रेशन नहीं होगा, हम आपके है तो आप भी अपनी है।"
इतना बोल पिहू वहां से चली गयी, अयाना ने उसे रोकना भी चाहा - "पिहू रूक ना, तेरे कारण कुछ नहीं हुआ!" पर वो नहीं रूकी, अयाना प्रकाश जी से - "मामा जी रोकिए ना पिहू को!"
प्रकाश जी पिहू को जाते देख - "बहन तुम्हारी ही है, तुम गलत नहीं हो अयाना तो पिहू भी गलत नहीं है, तुम अपनी बहन से प्यार करती हो तो वो भी बहुत करती है, जिस तरह तुम पिहू को परेशानी तकलीफ में नहीं देख सकती वो भी तो नहीं देख सकती और मुझे नहीं लगता पिहू कुछ भी गलत कह रही है" कह प्रकाश जी भी वहां से चले गए, अयाना उन्हें आवाज देते रह गयी।
तभी सविता जी अयाना से - "अब क्या करोगी? दोनों तुमसे प्यार करते है, आसानी से नहीं मानेगें अयाना ये दोनों।"
"आसानी से तो नहीं मानेगें पर ऐसा भी नहीं है कि नहीं मानेगें, देर सवेर साथ आ ही जाएगें दोनों हमसे प्यार करते है हमारे मामा जी और बहन तो अकेला तो छोड़ने से रहे, आज ही मनाएगें और खुशी का जश्न भी मनाएगें, बस मामी जी आपका साथ चाहिए। आज आप ही हमारी साईड हो तो हेल्प कीजिए आप मामा जी को मनाकर लाइए मैं पिहू को लेकर आती हूं…मिश्रा परिवार खुशियां भी मनाएगा और तकलीफ में साथ खड़ा रहेगा।"
अयाना ने ये कहा तो सविता जी मुस्कुराते हां में सिर हिला देती है और वहां से चली जाती है उन के जाते ही अयाना खुद से बोली - "मां पिहू भी गुस्सा है आपकी अयू से और मामा जी भी नाराज, मैं क्या करूं कैसे मनाऊं उनको? पर मनाना तो पड़ेगा ना, चल अयाना पिहू की बच्ची को मनाकर लाते है। ऐसे कैसे रिज्ल्ट का सेलिब्रेशन नहीं करेगी अभी जाती हूं फूला मुंह ठीक करके लाती हूं।" बोलते अयाना अपने कमरे की ओर चल दी, पर ज्यों ही कमरें में पहुंची उसके कदम दरवाजे पर ही रूक गये, उसने देखा बैड पर बैठे पिहू रो रही थी, उसके हाथों में राजश्री जी की तस्वीर थी….अयाना जल्दी से पिहू के पास पहुंची और वो उसके आंसू पौंछते बोली - "क्या हुआ पिहू?"
पिहू अयाना के हाथ अपने चेहरे से हटा देती है और हाथ में पकड़ी तस्वीर की ओर नम आखों से देखते रूहासी सी आवाज में बोली - "बोल दो बुआ अपनी बेटी से चली जाए यहां से, मुझे इनसे बात नहीं करनी। ये बहुत बुरी है पता नहीं खुद को क्या समझती है, इन्हें लगता है ये जो भी करती है सही करती है चाहे फिर वो कुछ भी हो, खुद कुएं में गिर जाएगी पर औरों का भला सोचने से कभी बाज न आएगी, दूसरों की इतनी परवाह खुद की बिल्कुल नहीं।"
पिहू की ये बातें सुन अयाना हंस दी, पिहू ने जब उसे मुस्कुराते देखा तो वो उसे घूरने लगी और फिर तस्वीर की ओर देखते बोली - "देखो बुआ कैसे हंस रही है आपकी बेटी, हंस तो ऐसे रही है खुश तो ऐसे हो रही है जैसे आज इन्होनें कोई महान काम किया हो।"
तभी अयाना ने पिहू के हाथ से राजश्री जी की तस्वीर ले ली और उस पर प्यार से हाथ फैरते बोली - "मां भी जानती है इनकी अयू ने महान काम ना सही पर आज जो किया वो गलत भी नहीं किया, आज मैनें जो कदम उठाया है जो फैसला लिया है वो ना करती तो हमारी पढाकू पिहू की जिंदगी खराब हो जाती और फैमिली प्रोब्लम में फंस जाती, मां होती ना पिहू आज ये भी वहीं करती जो मैंने अपनों के लिए किया है और एक बात बोलूं पिहू मैं अपना ख्याल अच्छे से रखूंगी मुझे कुछ नहीं होगा, चाहो तो अपनी बुआ से पूछ लो तुम्हारी बुआ ने तुम्हारी अयू दी को खुद की परवाह और खुद से प्यार करना बखूबी सिखाया है।"
कहते अयाना ने पिहू के सामने तस्वीर की तो वो अयाना के हाथ से तस्वीर को छीन लेती है - "मुझे नहीं पूछना कुछ भी और खबरदार जो मेरी बुआ को अपनी साईड किया, मेरी बुआ मेरी साईड है और ये सच है आप मेरे कारण मुसीबत में फंस गयी हो और उस मुसीबत का नाम माहिर खन्ना है,अब तो माहिर खन्ना मेरी बुआ को भी पंसद नहीं है, है ना बुआ?"
अयाना पिहू को छेड़ते - "अच्छा पर कुछ समय पहले तो दोनों बुआ भतीजी उस माहिर खन्ना पर मरे जा रही थी।"
पिहू गुस्से से - "कभी कभी हो जाती है गलती, हम भी तो इंसान है। अब उस माहिर खन्ना पर मरने का नहीं उसको मारने का मन कर रहा है, काश मुझे कोई जादू टोना आता, मंत्र पढ़ फूंकती और माहिर खन्ना नाम की बलां को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देती।"
पिहू का गुस्सा और उसमें घुली मासूमियत देख अयाना फिर हंस पड़ी, पिहू ने अयाना की ओर देखा, अयाना को हंसते देख पिहू मुस्कुरा दी पर उसी पल उसकी आखें फिर भर आई…वो राजश्री जी की फोटो बैड पर छोड़ अपने कान पकड़ लेती है - "सॉरी अयू दी!"
ये देख अयाना ने हंसना छोड़ पिहू के हाथ नीचे किये और उसे अपने गले से लगा लिया, पिहू रो पड़ी, उसे संभालते अयाना की भी आखें छलक उठती है।
फिर अयाना पिहू को समझाकर-बहला-फुसला कर बाहर ले गयी, दोनों जैसे ही बाहर आई तो देखा प्रकाश जी डाईनिंग टेबल की चेयर पर बैठे थे और सविता जी भी वहीं उनके पास खड़ी थी।
अयाना पिहू को लेकर उनकी ओर बढ़ते - "क्या बात है मामी जी, मुझसे पहले आप मामा जी को मनाकर ले भी आए, पिहू को मनाने में मुझें टाइम लग गया….मैं सोच रही थी आप मामा जी को मना पाए या नहीं पर आपने काम पहले ही कर रखा है, वैसै कौन सा हथियार यूज किया था मामा जी पर आपने जो बड़ी जल्दी मान गये।"
तभी पिहू बोल पड़ी - "मम्मी प्यार वाले हथियार की जगह ज्यादातर फटकार वाला हथियार यूज करते है, आपको तो पता ही है दी….आज भी वहीं किया होगा, है ना पापा!"
प्रकाश जी सविता जी की ओर देखते - "ना प्यार ना फटकार....अत्याचार किया हमपर।"
ये सुनते ही अयाना पिहू दोनों ने फट से एक दूजे को देखा और फिर सविता जी की ओर देखा जो मंद मंद मुस्कुरा रही थी।
पिहू - "मम्मी आपने पापा पर मार वाला हथियार यूज किया?"
अयाना - "क्या बोल रही है पिहू, मामी जी मामा को मार सकते है क्या?"
पिहू - "तो फिर?"
अयाना - "मामा जी से पूछते है ना, मामा जी क्या किया मामी जी ने बताइए जरा हमें?"
पिहू - "बोलिए पापा!"
प्रकाश जी - "ब्लेकमेल किया हमें।"
अयाना-पिहू दोनों चौंकते हुए एक साथ बोली - "ब्लेकमेल!"
तभी सविता जी बोल पड़ी - "हां किया ब्लेकमेल, जब दो मिनट में काम हो सकता है तो क्यों पंद्रह बीस मिनट लगाना, मैंने इनको इनके खरगोश की कसम दी और मैंने बोला आपको आपके प्यारे खरगोश की कसम, दो मिनट में बाहर आ जाना, दो क्या ढेढ मिनट में ही बाहर चले आए।"
ये सुन पिहू हंस दी - "अयू दी की कसम देकर तो पापा को एक पैर पर डांस करवालो, कर देगें फिर बाहर बुलाना कौन सी बड़ी बात है!"
तभी अयाना प्रकाश जी के पास आई और उन्हें पीछे से हग करते बोली - "मेरे मामा जी मुझे बहुत प्यार करते है....है ना मामा जी!"
प्रकाश जी मुस्कुरा दिए और चेयर से उठ अयाना पिहू दोनों को अपने सीने से लगाते - "मेरी बेटियां मेरी ताकत ही नहीं मेरी कमजोरी भी है, इसलिए सब (सविता जी की ओर देखते) फायदा उठा लेते है।"
सविता जी - "अच्छा जी?"
प्रकाश जी - “हां जी!”
और सब हंस पड़े।
अयाना - "चलो, अब खुशी सेलिब्रेट करते है।"
पिहू - "और गम दी?"
अयाना मुस्कुराते - "जब खुशियां बांटने के लिए मेरा परिवार साथ है तो गम भी बांट लेगें।"
ये सुन कोई कुछ कहता कि अयाना ने पिहू को केक के पास खींच लिया - "चलो केक कट करो, बहुत भूख लगी है….जल्दी कट करो जो कुछ खाने को मिले।"
पिहू मासूमियत से - "भूख तो मुझे भी लगी है दी, चलो जल्दी जल्दी सब मिलकर केक कट करते है, आओ मम्मी...." और पिहू ने सबके साथ केक कट किया, सब पिहू को केक खिलाते है, पिहू भी सबको केक खिलाती है….फिर चारों ने एक साथ सेल्फी ली, पिहू सेल्फी देखते - "हमेशा की तरह बुआ भी इस सेल्फी में होते तो कितना अच्छा होता ना, बुआ आपके बिना सेल्फी अधूरी है और हम भी, आई मिस यू बुआ आई रियली मिस यू!"
ये सुन सबकी आखें हल्की नम हो गयी, पिहू के साथ साथ सबको राजश्री जी की याद आ गयी, तभी पिहू को अयाना, सविता जी और प्रकाश जी ने आकर हग कर लिया और फिर अयाना पिहू के गुदगुदी करने लगी जिसके चलते उदास सी पिहू खिलखिलाकर हंस पड़ी।
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अयाना अपने रूम में थी, तभी पिहू वहां पिज्जा लेकर आ गयी, पिहू अयाना के पास बैड पर आ बैठी और उसे पिज्जा स्लाईस देते हुए बोली - "अयू दी पिज्जा खाओ, मूड को अच्छा बनाओ!"
"पिज्जा? ये कहां से आया?"अयाना ने पिज्जा स्लाईस पकड़ते पूछा
पिहू पिज्जा खाते - "दी आप आम खाओ गुठली मत गिनो, पिज्जा आया है इसकी खबर आपकी मामी जी को नहीं है सिर्फ आपके प्रिय मामा श्री जानते है तो आप बिना परेशान हुए बड़े आराम से भरपेट पिज्जा खा सकती हो।"
अयाना मुस्कुरा दी - "ओह तो मामी जी से छुपकर तुम और मामा जी ये पिज्जा लेकर आये हो।"
पिहू बतीसी दिखाते - "यस, मैं अपनी दी के लिए पापा अपने खरगोश के लिए कुछ भी कर सकते है, हम जानते है जब आप टेंशन में होते हो और आपको खाने को पिज्जा मिल जाए तो आपकी आधी टेंशन फुर्र हो जाती है और हां डरते नहीं है हम किसी से भी।"
अयाना हंस दी - "मिश्राईन जी से भी नहीं, रात में पिज्जा खाना मना है….मामी जी को पता चला हम पिज्जा खा रहे है तो सोचो फिर क्या होगा?"
पिहू मुंह बनाते - "अयू दी क्यों डरा रहे हो पिज्जा खाओ ना और मुझे भी खाने दो और हां भुलिए मत आज पार्टी डे है, इतना तो बनता है।"
अयाना हंस दी - "सही है तेरा भी, पार्टी डे….पहले इतनी सारी चीजें खाई हमनें और अब पिज्जा खाया जा रहा है।"
पिहू - "यस, ये पिज्जा कितना यमी है ना?"
अयाना हामी भरते - "हम्म यमी तो है थैंक्यू पिहू।
पिहू मुस्कुराते - "मोस्ट वेलकम एंड लव यू दी!"
अयाना पिहू के गाल पर हाथ रख - "लव यू टू!"
और दोनों बहने खुशी खुशी पिज्जा ठूसने लगी, तभी पिहू ने माहिर खन्ना की बात छेड़ दी - "अयू दी आप माहिर खन्ना की करनी का जवाब कैसे दोगे, उसको सबक कैसे सिखाओगे?"
अयाना माहिर के बारे में सोचते - "पिहू, एक बार ना एक बिल्ली मेरा रास्ता काट गयी थी।"
पिहू - "बिल्ली रास्ता काट गयी थी, ये बुरा होता है ना अयू दी आईमीन मम्मी बोलते है जब बिल्ली रास्ता काट जाए तो बुरी बात होती है, शुभ नहीं होता है और फिर आपके साथ भी बुरा होता है, आपके साथ क्या बुरा हुआ था अयू दी?"
अयाना - "मेरे साथ कुछ बुरा नहीं हुआ पिहू पर बिल्ली के साथ हुआ।"
पिहू - "मतलब?"
अयाना - "बिल्ली ने मेरा रास्ता काटा था पर वो खुद ही गढ्ढे में गिर गयी।"
पिहू - "क्या, गढ्ढे में गिर गयी?"
अयाना - हां, पिहू बिल्ली तो मेरा रास्ता काट गड्ढे से निकल गयी थी पर माहिर खन्ना नहीं निकल पाएगा, मेरा रास्ता काटा है उसने (गुस्सियाते) गड्ढे में गिरेगा और उसी गड्ढे में सड़ेगा।"
पिहू - "इतना गुस्सा?"
अयाना - "इस माहिर खन्ना नाम की बिल्ली को मैं छोड़ूगी नहीं जो उसने किया है उसकी भरपाई सूद समेत उससे ना करवाई तो मेरा नाम अयाना मिश्रा नहीं!"
पिहू - "ये तो ठीक है दी पर आप थोड़ा सा जेंडर का भी ध्यान रखो, बिल्ली नहीं बिल्ला, उसको बिल्ला कहो ना….माहिर खन्ना लड़की नहीं है लड़का है दी सो बिल्ला नॉट बिल्ली।"
अयाना - "हां बिल्ला, अड़ियल बिल्ला!"
पिहू - “अब आएगा मजा!” और दोनों बहनें हंसने लगी।
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इधर अयाना माहिर खन्ना की करनी की भरपाई करवाने की बात कर रही थी, उधर माहिर अपने रूम में बैड पर लेटा अयाना मिश्रा के बारें में सोच रहा था - "मिस अयाना कल से हर रोज तुम मेरे सामने रहोगी, मुझे देखना नहीं चाहती थी तुम पर अब हर रोज तुम्हें मेरे दर्शन होगें, माहिर खन्ना तुम्हारी क्या हालत करने वाला है तुम्हें तो खबर भी नहीं, बहुत पछताओगी पर मुझसे बच नहीं पाओगी".....कहते माहिर मुस्कुरा दिया।
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