अयाना पिहू के साथ घर पहुंची तो प्रकाश जी-
सविता जी ने खुश होते पिहू को अपने गले लगा लिया,सविता जी पिहू के हाथों में ट्रॉफी देख पिहू का सिर चूम,उससे ट्रॉफी लेकर,मुस्कुराते प्रकाश जी को दिखाने लगी!

हॉल में लगी LED टीवी के न्यूज चैनल पर पिहू के टॉप करने की न्यूज चल रही थी,अयाना न्यूज की ओर देख दायें बायें गर्दन हिला देती है-"क्या लगता है आपको मिस्टर खन्ना,आपने जो चोट पहुंचाई है हमें,यह सब करने से उस पर मरहम लग जाएगा,कॉलेज में पोस्टर,शहर में पोस्टर,मेरे
मोहल्ले में पोस्टर,न्यूज चैनल,न्यूज पेपर में मेरी पिहू के रिजल्ट को लेकर जो भी शो ऑफ कर रहे हो आप,क्या लगता है ऐसा कर आपने जो किया है वो मैं भूल जाऊंगी,नहीं माहिर खन्ना नहीं,आपके ये सब करने से आप गलत से सही नही हो जाएगें,मुझसे बदला लेने के लिए आपने मेरी फैमिली मेरी बहन को टारगेट किया है जो बिल्कुल ठीक नहीं किया,रेडी रहिऐगा सूद समेत
हिसाब पूरा ना किया आपसे तो मेरा नाम अयाना मिश्रा नहीं!"

तभी पिहू अयाना को आवाज देती है-"अयू दी!"
अयाना उसकी ओर देख-"हां पिहू!"
पिहू अयाना के पास आकर-"दी,मम्मी पापा को बताओ ना जो हुआ?"
प्रकाश जी-"क्या हुआ था बेटा?"
सविता जी ट्रॉफी टेबल पर रख,टीवी की ओर इशारा करते-"आज से पहले तो कभी नही हुआ ऐसा,इनके(प्रकाश जी को देखते)दोस्त का फोन आया बोले आपकी बेटी आज टीवी पर छाई हुई है!"
पिहू प्रकाश जी सविता जी की ओर वापस आते
-"टीवी पर ही नहीं मम्मी,आज मैं पूरे पूणे शहर में छाई हुई हूं,(अयाना की ओर देख)है ना दी!"

पिहू की बात पर अयाना ने हामी भर दी "हम्म,
आज हमारी पिहू हर जगह छाई हुई है कॉलेज से लेकर घर तक,हमारी पिहू ने टॉप किया है ना तो कॉलेज वालों ने इसे ये(टेबल पर रखी ट्रॉफी की ओर इशारा कर)ट्रॉफी दी,सबने सराहा मामी जी,
फॉटो भी है मेरे पास,ये देखिए मामा जी(अपने फोन में फॉटो दिखाते)पिहू ट्रॉफी ले रही है और मामी जी ये बड़ा सा पोस्टर,देखिए इसमें पिहू के रिजल्ट के साथ पिहू का फॉटो भी छपा है,अच्छा है ना!"

सविता जी खुश होते-"अच्छा नहीं ये तो बहुत अच्छा है!"

अयाना मुस्कुराते-"हां,ये एक ही नहीं है ऐसे ही पोस्टर बोर्ड काफी जगहों पर लगाए गये है शहर में,हमारे घर के पास भी है जिसमें पिहू को टॉप करने पर बधाई दी गयी है,ठीक ऐसे जैसे न्यूज चैंनल पर(टीवी की ओर इशारा कर)दी जा रही है,कल के न्यूज पेपर के फ्रंट पेज पर भी आएगी हमारी पिहू देखना आप लोग,हर तरफ चर्चे ही चर्चे है पिहू के,हम सबका नाम रोशन कर दिया हमारी (पिहू की गाल थपथपाते) पढाकू ने!"

ये सुन प्रकाश जी सविता जी एक दूजे की ओर देखते मुस्कुराएंं,उन्होनें गर्वित नजरों से पिहू की ओर देखा जो एकटक अयाना की ओर देख रही थी,कोई कुछ कहता कि पिहू अयाना से बोलती
है-"दी मेरे इतने चर्चे किसकी बदौलत हुए है वो भी तो बता दिजिए मम्मी पापा को,ये जो भी हो रहा है(टीवी की ओर इशारा कर)किसके आर्डर पर हुआ है वो भी तो बताईऐ ना!"

अयाना हंस दी-"मामा जी मामी जी को बताने की जरूरत है क्या कुछ भी,तेरे चर्चो के पीछे तेरी मेहनत है हम सबकी दुआएं है,और जो भी हो रहा है तुम्हारी दिन रात की मेहनत है पिहू,जो पढाई तुमने की है उसका नतीजा है और ये बात हम सब अच्छे से जानते है इसमें बताना क्या है,
सही कहा ना मामी जी!"

सविता जी अयाना की बात से सहमत होते हुए -"बिल्कुल सही!"

अयाना प्रकाश जी से-"मामा जी आप भी इसको कुछ बोलिऐ,पिहू की बच्ची कुछ भी बोलती है,ये
जो भी हो रहा है इसकी ही बदौलत तो हो रहा है
किसी और की थोड़ी........"वो आगे बोलती कि 
पिहू ने उसकी बात काट दी-"दी मैं कुछ भी नहीं बोलती,ये बात पापा भी अच्छे से जानते है और आप भी,इस वक्त जो कह रही हूं मैं कोई मजाक नही कर रही हूं,वजह है तभी कह रही हूं मैं जो आपको मालूम है!"

अयाना कुछ कहने को हुई कि प्रकाश जी बोल पड़े-"बात क्या है!"

पिहू-"अयू दी से पूछो पापा!"

अयाना-"क्या पूछो,कुछ नहीं है मामा जी!"इतना ही कहा अयाना ने, पिहू बोल पड़ती है-"माहिर खन्ना!"

ये सुन अयाना उसी पल अपनी आखें मूंद लेती है वहीं प्रकाश जी सविता जी भी हैरान हो गये,पिहू अयाना से फिर बोली-"जो भी हुआ उसके पीछे माहिर खन्ना का हाथ था,और ये जो भी हो रहा है उसने ही करवाया है मम्मी - पापा को बताओ अयू दी!"

माहिर खन्ना का हाथ था यह सुनकर प्रकाश जी सविता जी चौंक गये-"क्या?"और दोनों एक दूजे
की ओर हैरानी से देख अयाना की ओर देखते है जो अभी भी आखें मूंदे खड़ी थी!

प्रकाश जी अयाना के पास चले आए,अयाना ने आखें खोल उनकी तरफ देखा,प्रकाश जी उसे बाजुओं से पकड़ते-"बताओ बेटा क्या हुआ था,
पिहू इस वक्त ऐसे बात यूंही तो नहीं कर रही है,
कुछ तो कारण है जो जानना है हमें,बोलो बेटा सच सच और पूरी बात बताओ हमें!"

अयाना पिहू की ओर देखती है-"मैनैं बोला था ना थोड़ी देर मुंह बंद रखना,मैं बता दूंगी बात भी कर लूंगी मामा मामी जी से,पर तुमने तो घर आते ही मुंह खोल दिया!"

पिहू टीवी की ओर जाकर टीवी बंद करते-"मैनैं
तो मुंह खोल दिया दी,अब आप भी खोल लो मुंह
बिकोज आपका मुंह खुलना भी जरूरी है वरना
माहिर खन्ना के कारनामे कैसे जानेगें मम्मी पापा 
आपके मामा मामी,चलो अब जल्दी मुंह खोलो!"

अयाना ने पिहू को घूरा और प्रकाश जी की ओर देखा जिनकी नजरें उस पर ही थी-"मामा जी वो पिहू के रिजल्ट के साथ छेड़छाड़ माहिर खन्ना ने करवाई थी,वो पिहू के कॉलेज का ट्रस्टी है उसने कॉलेज वालों से बोलकर पिहू के रिजल्ट के साथ गड़बड़ करवा दी,जिसके चलते हमको पिहू का खराब रिजल्ट देखने को मिला,सही रिजल्ट होते हुए भी पिहू को फेल दिखाया गया जबकि टॉप किया था इस बार भी हमारी पिहू ने!"

सविता जी उनके पास आते-"वो ऐसा कैसे कर सकता है,क्यों किया उसने ऐसा,पिहू के कॉलेज वाले उसका साथ कैसे दे सकते है,सही रिजल्ट होते गलत करवा दिया,ये तो गलत है ना!"

अयाना-"हमारी नजर में गलत है मामीजी,माहिर
खन्ना की नजर में गलत सही होता है क्योकि वो
खुद को हमेशा सही मानता है चाहे कितनी बड़ी गलती करदे वो,ट्रस्टी है ना कॉलेज का,पैसे की 
पॉवर के चलते तो वो कुछ भी करवा सकता है,ये
रिजल्ट के साथ छेडछाड तो कुछ नहीं है,कॉलेज 
वाले उसके इशारों पर चलते है और उसने ये सब मुझसे बदला लेने के लिए किया है,मैं उसकी बात मान लूं इसके लिए वो मेरी फैमिली मेरी बहन को टारगेट कर रहा है!"

पिहू-"और अयू दी ने उसकी बात मान ली,मेरे रिजल्ट के साथ गड़बड़ इसलिए की ताकि अयू दी कॉलेज पहुंचे और वो इनको ब्लेकमेल कर सके,और वही हुआ मेरे लिए मेरे फ्यूचर के लिए दी ने माहिर खन्ना के यहां काम करने के लिऐ हां बोल दी,उसने एक गेम खेला है या फिर कह लिजिए अयू दी को ब्लेकमेल करने के लिए जाल बिछाया और दी उसमें फंस गये,उसे पता था दी कॉलेज जरूर जाएगी और उसने जो चाहा वो हो गया,दी को माहिर खन्ना ने मजबूर कर ही दिया उनके यहां काम करने को,दी की ना हां में बदल दी उस माहिर खन्ना ने!"

अयाना ने प्रकाश जी सविता जी को बात बतानी शुरू की और पिहू ने माहिर खन्ना पर गुस्सियाते उस बात को पूरा कर दिया जिसे सुन प्रकाश जी सविता जी हैरान के साथ परेशान भी हो जाते है,
प्रकाश जी-"ये क्या किया तुमनें,बेटा क्यों मानी उसकी बात़!"

अयाना गहरी सांस भरते-" और क्या करते मामा जी,हम नहीं चाहते हमारा परिवार किसी मुसीबत में फंसे,पिहू की लाईफ खराब होने नहीं दे सकती
मैं,मामी को जेल,आपकी जॉब छिन जाएगी,कैसे होने दूं ये सब,मेरा उनके यहां पर काम करना मेरे परिवार को मुश्किलों से बचा सकता है क्यों नहीं
बचाऊं फिर मैं,पिहू तुम गुस्से में हो जानती हूं पर कोई और रास्ता नहीं था मेरे पास,सिचुएशन ऐसी थी हां करने के अलावा कुछ नहीं कर सकती थी मैं हां नहीं करती तो अबतक न जाने वो क्या कर चुका था,उसे सिर्फ अपनी इगो दिख रही है और मुझे मेरे अपने दिख रहे थे,जिन्हें किसी तकलीफ
में नहीं दे सकती मैं!"

पिहू-"खुद को भी देख लो दी,इतनी भी अंधी ना बनों कि खुद की तकलीफ भी नजर ना आऐ!"

अयाना-"बच्ची नहीं पिहू मैं,तुम सही कह रही हो मानती हूं तुम्हें परवाह है मेरी जानती हूं पर बच्चा वो माहिर खन्ना बहुत जिद्दी घंमडी है,किसी भी हद तक जा सकता है और मैं किसी भी हाल मेंं आप सबके साथ गलत नहीं होने दे सकती हूं सो
मुझे हां करनी ही पड़ी प्लीज ट्राई टू अंडरस्टैंड,
कभी कभी चीजें हमारे हाथ में नहीं होती है बस नहीं चलता हमारा हम नहीं रोक सकते गलत को
हमें झुकना पड़ता है पर इसका यह मतलब नहीं हम फिर खड़े नहीं हो सकते या फिर गलत हमनें स्वीकार कर लिया,हम बताएगें गलत को फिर से खड़े होगें उसके सामनें,सामना करेगें,बताएगें उसे गलत में इतनी हिम्मत नहीं जो हमको झुका सके
हां कर दी तो कमजोर नहीं हुऐ,हम वहीं अयाना है राजश्री मिश्रा की बेटी जो ना गलत करती है ना गलत सहती है,जीत मनाने दो माहिर खन्ना को आज,बहुत जल्द अहसास होगा उसे उसकी हार का,उसकी आज की जीत आने वाले दिनों में हार में बदल जाएगी!"

अयाना अपनी बात कहकर तीनों को देखती है जो उसे ही देख रहे थे तभी सविता जी अयाना के कंधे पर हाथ रखते-"तुम्हारी बात सुन भी ली 
और समझ भी ली,जो किया तुमने अपने परिवार क़ो परेशानियों से बचाने के लिए किया पर सही इंसान नहीं है वो, पिहू के रिजल्ट के साथ ऐसा कर सकता है,गलत कर सकता है तो वो तुम्हारे साथ भी तो गलत कर सकता है ना बेटा,उसके साथ काम करना सही थोड़ी है!"

सविता जी को उसकी परवाह करते देख अयाना की आखों में हल्की सी नमी और होठों पर प्यारी सी मुस्कुराहट चली आई, उनके हाथ अपने हाथ में लेते हुए-"आप फिक्र मत किजिए मामी जी मैं अपने साथ कुछ भी गलत नहीं होने दूंगी!"

प्रकाश जी-"एक तरफ कहती हो माहिर खन्ना किसी भी हद तक जा सकता हैं,और दूजी तरफ कहती हो फिक्र ना करें,हमें मुसीबत परेशानियों से बचाने के लिए खुद को मुश्किल में डाल रही हो बेटा तुम,वो इतना सब कर सकता है तो तुम्हें भी तो परेशान करेगा ना!"

पिहू-"यही बात तो कबसे बोल रही हूं मैं पापा दी को पर ये समझ ही नहीं रही है उल्टा हमें समझा रही है ,वो माहिर खन्ना दी को नुकसान भी तो पहुंचा सकता है ना!"

अयाना-"पिहू ऐसा कुछ नहीं होगा,क्यों तुम ऐसी डराने वाली बात कर रही हो,मामा जी मुझे कुछ नहीं होगा,आप जानते हो ना आपका खरगोश अपना ख्याल अच्छे से रखना जानता है,कितनी परेशानी हो कितने हालात खराब हो मेरा कुछ न
बिगड़ सकता क्योकि हम हर सिच्युएशन से लड़ सकते है,आप सबका साथ है,मां का प्यार और
माता रानी का आशीर्वाद है ना तो क्यों घबराना क्यों डरना!"

पिहू हंस दी-"बातें देखो इनकी!"

अयाना-"देखो ही नहीं समझो भी,बहुत हिम्मत है आपकी अयाना में,जो किसी से भी टकरा सकती है और जब बात मेरे परिवार की है तो डर जाऊं सवाल ही पैदा नहीं होता,आपने(प्रकाश जी से) जो सीख दी है मुझे,मां ने जो सिखाया है प्लीज उस पर भरोसा रखिऐ मामा जी और मामी जी आप ही बोलते हो ना ये कैसी लड़की है नाक में दम करके रखती है,माहिर खन्ना की नाक में भी दम कर देगें,अफसोस होगा उसे उसने क्यों मुझे अपने यहां काम पर रखा देखना आप(हंसते हुए)
जब हम अपनी खतरनाक मामी जी से नहीं डरते है तो फिर माहिर खन्ना किस खेत की मूली है!"

"क्या बोली?"सविता जी ने अयाना को डांटते कहा तो उसने एक पल अपने कान पकड़ लिए और दूजे ही पल सविता जी के गले लग गयी-"
मैं बोली सब ठीक हो जाएगा(सविता जी से दूर होते)मामी जी चिंता मत किजिए!"

तभी पिहू ताली बजाने लगी,सब उसे देखने लगे,
वो अयाना के पास चली आई-"सही है दी मीठी मीठी बातें करके मना लो मम्मी पापा को,अपनी बातों के जाल में फंसा लो इनको ताकि जो आप करने जा रहे हो उसमें आपका साथ देने को रेडी हो जाए!"

अयाना हाथ बांधते-"ओह हेल्लो मैं कोई जाल नहीं बिछा रही और हां मेरा परिवार मेरे साथ है हमेशा रहेगा इसके लिऐ मुझे कुछ भी करने की जरूरत नहीं है!"

पिहू भी अयाना जैसे हाथ ब़ांध लेती है-"बट दी आपका डिसीजन गलत है,कोई महान कोई सही काम नहीं किया है आपने उस माहिर खन्ना को हां बोलकर,हंस लो मुस्कुरा लो,मत दिखाओ मन की परेशानी पर आप परेशान हो ये बात अच्छे से समझते है हम रोग जिन्हें फूल बनाने पर तुली हो आप,हम लोग इतने भी बेवकूफ नहीं है अयू दी जिनको कुछ समझ ना आए,सही सही होता है गलत गलत और ये बात मैनैं अपनी बुआ जी से सीखी है जिसे आप भी नहीं नकार सकती!"

(क्रमशः)

 

 

 

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