चार महारथी - सहदेव भाटिया, कबीर खन्ना, मीरा जोशी और अदिति सिन्हा। हर शख़्स अपने में बेमिसाल, लेकिन उतने ही अलग, जैसे चार दिशाएं। जब ऐसे सोल्जर्स आमने-सामने होते हैं, तो टकराव होना तो तय है। यही बात विक्रम सिन्हा अच्छी तरह से जानते थे। उन्होंने इन चारों को साथ लाने का फैसला तो किया था, लेकिन ये उनकी टीम के पहले दिन की पहली परीक्षा थी। आज, पहली बार ये चारों एक ही कमरे में मिलने वाले थे। विक्रम को भरोसा था - जब बात देश की हो, तो ये चारों अपने अहंकार और मतभेद भूलकर एकजुट हो जाएंगे।  

विक्रम ने चारों को ऑर्डर्स भेजे। एक गुप्त जगह पर बैठकर वह उनके आने का इंतजार कर रहा था। उसने घड़ी की ओर देखा। एक-एक करके सभी अपने-अपने अंदाज में उस जगह पहुंचे। कमरे का दरवाजा बंद होते ही चारों की नजरें एक दूसरे से टकराईं। विक्रम एक कोने से सब कुछ देख रहा था। उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी। उस रूम में खड़े लोगों की प्रॉब्लेम यह नहीं थी कि सामने खड़ा इंसान एक्सपर्ट है, उन्हें यह लगता था कि सामने खड़ा इंसान उनसे ज्यादा अनुभवी नहीं है, उनसे ज्यादा काबिल नहीं है !  

विक्रम धीरे-धीरे कमरे के बीच में आता है। चारों की निगाहें उसकी तरफ टिक जाती हैं।  

विक्रम ने एक गहरी सांस ली और कहा, 

विक्रम: आप सब जानते हैं कि आप यहां क्यों हैं। मैं आपको एक-दूसरे से परिचय कराने में अपना टाइम वेस्ट नहीं करूंगा। ये काम आप खुद करेंगे। अगर आप इस टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो बेहतर होगा आप समझ लें कि आपके बगल में खड़ा इंसान आपका साथी है, दुश्मन नहीं।"

उसकी आंखें सहदेव, कबीर, मीरा, और अदिति के चेहरे पर घूमीं।  

विक्रम: हमारा पहला काम बड़ा है—प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश को बेनकाब करना। ये सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि उस दुश्मन का पीछा करना है, जिसने हमारी मिट्टी को चुनौती दी है। यह दुश्मन नया है। सभी पुराने डिटेल्स चेक किए जाने के बाद पता चला है कि कोई एक पैटर्न नहीं है! इस तरह का हमला पहले कभी नहीं हुआ है। आपके पास आज शाम तक का वक्त है। मुझे एक प्लान चाहिए, और वो भी ठोस..  और हां, ये बात हमेशा याद रखना—यहां कोई टीम लीडर नहीं है। सिर्फ मैं लीडर हूं। हर मिशन का लीड, मिशन के मुताबिक तय होगा।  

इतना कह कर विक्रम वहा से चले गए। सभी लोग उस वार रूम में उपलब्ध चीजों को देखने लगे। तभी वहाँ आयुष आता है और टीम को वार रूम में लगी चीजों के बारे में बताता है।  

‘यह जो टेबल है, कोई आम टेबल नहीं है। इसे 'टैक्टिकल डिस्प्ले टेबल' कहते हैं। यह कोई आम टेबल नहीं है। इसके ऊपर आपको देश का लाइव 3D मैप दिखेगा, जिसमें हर मूवमेंट, हर मिशन की लोकेशन, और हर संदिग्ध गतिविधि रीयल टाइम में ट्रैक होती है। इस पर एक जगह से दूसरी जगह की पिनपॉइंट डिटेल्स देख सकते हैं, प्लान बना सकते हैं, और अगर जरूरत पड़ी तो लाइव अपडेट भी डाल सकते हैं।  

चारों तरफ हाई-डेफिनिशन स्क्रीन लगी हैं। इन्हें 'सिचुएशनल अवेयरनेस मॉनिटर्स' कहा जाता है। इनमें से एक पर दुश्मन की लाइव लोकेशन ट्रैक हो रही होगी, दूसरी पर आपकी टीम के मूवमेंट्स, और तीसरी पर सेटेलाइट से मिली इमेजरी। ये स्क्रीन असल में आपकी आंखें हैं, जो उन जगहों को देख सकती हैं जहां आप नहीं पहुंच सकते।

दीवार के एक कोने में एक 'कम्युनिकेशन हब' है। यहां से दुनिया के किसी भी कोने में लाइव फीड भेजी या रिसीव की जा सकती है। इसे 'साइलेंट ओपरेशन्स' के लिए डिजाइन किया गया है। अगर किसी टीम का सदस्य फील्ड में है, तो यहां से उसके कान में दिए गए हर आदेश को सुना जा सकता है और हां, यह हैकिंग प्रूफ है—हमारे दुश्मन हमारे सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

अब ज़रा उस कोने को देखिए। वहां आपको हथियारों का एक डिजिटल वॉल दिखेगा लेकिन ये सिर्फ असली हथियारों का स्टॉक नहीं है। यह वर्चुअल एनालिसिस सिस्टम है, जो हर हथियार की ताकत, सीमाएं, और उपयुक्त इस्तेमाल का सुझाव देता है। अगर आपको दुश्मन की टुकड़ी का सामना करना हो, तो यह बताएगा कि कौन सा हथियार सबसे बेहतर रहेगा। यह जो छोटी-छोटी स्क्रीन लगी हैं, इन्हें 'डिस्क्रिप्शन टूल्स' कहते हैं। ये आपको हर संदिग्ध, हर लोकेशन, और हर मिशन की फुल बैकस्टोरी दिखा सकती हैं। जैसे ही कोई संदिग्ध सामने आएगा, उसकी पूरी फाइल यहां लोड हो जाएगी।

अब आते हैं कमरे की छत पर। वहां आपको बहुत ध्यान से देखने पर छोटे-छोटे स्पीकर और माइक्रोफोन दिखेंगे। ये 'नॉइज़ कैंसिलेशन और ऑडियो इंटेलिजेंस सिस्टम' हैं। अगर कोई बाहरी व्यक्ति इस कमरे में घुसने की कोशिश करे, या अगर कोई बातचीत रिकॉर्ड करने का प्रयास करे, तो यह तुरंत अलर्ट कर देगा।  

हाँ, कमरे में एक ऐसा कोना भी है जो शायद आपको नहीं दिखेगा। इसे 'ब्लैक ज़ोन' कहते हैं। यहां वो गुप्त जानकारी स्टोर की जाती है जो मिशन के दौरान किसी कीमत पर लीक नहीं हो सकती। यह हिस्सा सिर्फ विक्रम सर और कुछ चुनिंदा लोग ही एक्सेस कर सकते हैं।’  

आयुष की बातें सभी लोग ध्यान से सुनते है और इतना कहकर आयुष भी वहाँ से चला जाता है। चारों अपनी-अपनी सीट पर बैठ चुके थे। उनके सामने स्क्रीन्स चमक रही थीं—वीडियो फुटेज, डिटेल्स और सुरागों से भरी हुई। आज का दिन सिर्फ काम का नहीं, बल्कि उनकी काबिलियत का इम्तिहान भी था।

मीरा ने सबसे पहले प्रधानमंत्री के इवेंट का लाइव फुटेज चलाया। वह फुटेज को बार-बार धीमा कर, हर फ्रेम में कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही थी। उसकी उंगलियां तेजी से कीबोर्ड पर चल रही थीं। 

सहदेव ने असेंबली में मौजूद हर सिक्योरिटी गार्ड और स्टाफ के रिकॉर्ड्स खंगालने शुरू कर दिए। उसके चेहरे पर वही जमीनी कमांडो वाली धार दिख रही थी। कबीर ने अपने लैपटॉप पर उस दिन की गैजेटरी रिपोर्ट्स खोल रखी थी। उसकी नजर अचानक एक अजीब चीज पर गई।  

कबीर: यहां एक डिवाइस का जिक्र है, जो उस दिन इंस्टॉल हुआ था, लेकिन उसकी कोई परमिशन फाइल नहीं है। यह एक खास गैस एमिटर है। अगर इसमें कोई जहरीली गैस डाल दी जाए, तो... समझो खेल खत्म।

अदिति अब तक शांत थी, लेकिन उसकी निगाहें शातिर थीं। उसने टाइमर वाले डिवाइस की रिपोर्ट पढ़नी शुरू की। 

अदिति: यानि की गैस एमिटर को माइक में फिट किया गया लेकिन यह कोई मैनूअली ही ऑपरैट कर रहा था क्योंकि जब प्रधानमंत्री दोबारा वहाँ गए तब उस गैस को रिलीज किया गया था।  

मीरा: तो, सवाल यह है कि गैस कौन सी थी और उसे वहां तक पहुंचाया कैसे गया?"

सहदेव: “गैस का नाम 'रेड फॉग' है। ये नई टेक है। पांच सेकंड में इंसान को खत्म कर सकती है। इसे लाने वाले वही लोग होंगे, जिनके नाम फर्जी थे। हमें उनके पिछले 48 घंटे की हर हरकत का हिसाब चाहिए।”

कमरा अब पूरे एक्शन में था। वीडियो फ्रेम्स, डिवाइस रिपोर्ट्स, और संदिग्धों की प्रोफाइल्स तेजी से खुल और बंद हो रही थीं। चारों का ध्यान सिर्फ एक चीज पर था—उस गैस और उसके पीछे छिपे चेहरे। कमरे में सिर्फ मशीनों की आवाजें थीं और उनकी तेज़ होती उंगलियां, जो एक-एक सुराग को जोड़कर मिशन को दिशा दे रही थीं।

कबीर के सामने स्क्रीन पर डेटा की लाइनें तेजी से बदलने लगीं। कुछ कोड फेल हो रहे थे, तो कुछ अपने आप रीरन होने लगे। उसने अपनी कुर्सी पर थोड़ा सीधा होकर स्क्रीन को गौर से देखा।  

"ये क्या बकवास हो रहा है?" उसने बड़बड़ाया। कुछ सेकंड के भीतर उसे एहसास हुआ कि उसके सिस्टम में घुसने की कोशिश हो रही है। कबीर कोई साधारण टेक एक्सपर्ट नहीं था। उसने फौरन सिस्टम को सिक्योर किया, लेकिन इंटरफेरेंस को रोकने के बजाय, चालाकी से उसे सिस्टम में घुसने दिया।

जैसे ही अंजान सोर्स ने कबीर के सिस्टम को "हैक" किया, स्क्रीन पर अचानक एक वीडियो फीड चालू हो गई। एक काले बैकग्राउंड के साथ एक नकाबपोश व्यक्ति की परछाईं स्क्रीन पर उभर आई और फिर, डराने वाली आवाज कमरे में गूंज उठी: "हैलो, विक्रम की स्पेशल टास्क फोर्स! कैसे हो? स्वागत है तुम्हारा इस खेल में।"

कबीर की भौंहें सिकुड़ गईं। बाकी तीनों ने भी अपनी जगह से यह आवाज सुनी। सबने फौरन अपने काम रोक दिए और कबीर की स्क्रीन पर ध्यान दिया। तुम्हें क्या लगा, तुम लोग एक सीक्रेट टास्क फोर्स बनाओगे और मुझे इसकी भनक तक नहीं लगेगी? हा! मैंने प्राइम मिनिस्टर को मारा है। तुम लोग क्या समझे, एक गैस को ट्रेस करके मुझ तक पहुंच जाओगे? बेवकूफ हो तुम सब!

कबीर का चेहरा अब गंभीर हो चुका था। उसने फीड को ट्रैक करने की कोशिश शुरू कर दी, लेकिन वो आदमी जैसे पहले से तैयार था। कोशिश करते रहो, नमूनों, लेकिन मुझ तक पहुंचने का सपना मत देखो। अभी तो खेल शुरू हुआ है। अब मजा आएगा!

यह कहते ही स्क्रीन अचानक ब्लैक हो गई। कबीर ने तुरंत सिस्टम को डीप ट्रेस मोड में डाल दिया, लेकिन सोर्स का पता लगाना आसान नहीं था। उसने जल्दी से मीरा की ओर देखा और कहा,  

कबीर: “मीरा, मैं सोर्स पकड़ने की कोशिश करता हूं। तुम देखो कि उसने हमारे सिस्टम में कुछ छोड़ा है या नहीं।”

मीरा ने बिना एक पल गंवाए अपने सिस्टम पर काम शुरू कर दिया। सहदेव ने तुरंत स्थिति को समझते हुए पूछा,  

सहदेव: "यह फीड कितनी देर तक लाइव थी?"

कबीर: “बस 45 सेकंड। लेकिन ये हमारे सिस्टम को टेस्ट करने के लिए था। ये आदमी प्रो है।”

अदिति: उसने हमें सीधे चुनौती दी है। इसका मतलब है कि उसके पास प्लान तैयार है।"

कमरे का माहौल और गंभीर हो गया था। कबीर और मीरा अपने-अपने सिस्टम पर लगे हुए थे। सहदेव और अदिति की नजरें लगातार स्क्रीन पर दौड़ रही थीं। सभी के चेहरे पर एक ही सवाल था—"यह कौन था?"  

तभी दरवाजे की ओर से धीमी कदमों की आवाज सुनाई दी। विक्रम अंदर आए। कबीर ने फौरन कहा,  

कबीर: "सर, हमारा सिस्टम हैक हुआ था। वो... वो आदमी जो प्रधानमंत्री की हत्या के पीछे है, उसने हमें धमकी दी।"

विक्रम ने हल्की मुस्कान के साथ सबकी ओर देखा। फिर बोला, "पता है।" सभी चौंक गए।  विक्रम ने एक कुर्सी खींची और आराम से बैठते हुए कहा,  

विक्रम: "ये मेरी चाल थी। मैं जानता था कि अगर हम अपने सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित रखते, तो वो इस फीड के जरिए कभी अंदर आने की कोशिश नहीं करता। दुश्मन को बाहर लाने का एक ही तरीका है—उसे ये एहसास दिलाना कि वह हमसे ज्यादा चालाक है। कबीर... तुमने बिलकुल वही किया, जो मैं चाहता था। उसे अंदर आने दिया। अब हमारे पास उसका पहला सुराग है।"

मीरा: ".. लेकिन सर, हम तो उसे ट्रेस नहीं कर पाए।"

विक्रम: "उसने हमें धमकी दी, लेकिन एक छोटी सी गलती कर दी। उसकी आवाज। अब हमारे पास उसकी आवाज है। कबीर, इस फीड से आवाज को निकालो और वॉइस सिग्नेचर ट्रेसिंग शुरू करो। ये आवाज हमें उसके पास ले जाएगी।

कमरे में मौजूद हर कोई अब विक्रम की रणनीति की गहराई को समझने लगा था। यह कोई साधारण टीम नहीं थी, और न ही विक्रम कोई आम नेता था। तभी अदिति ने पूछा, "सर, हम क्या कहलाएंगे? हमारी इस टीम का नाम क्या होगा?" विक्रम खड़ा हुआ। उसकी आवाज में गर्व और संकल्प था।

विक्रम (गर्व से):"हम कहलाएंगे—टीम गांडीव। महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने अपने धनुष गांडीव से हजारों सैनिकों को परास्त किया था। वो हर बार तब वार करता था, जब दुश्मन उसे अजेय समझता था। अब यह टीम गांडीव वही करेगी। देश में जो चक्रव्यूह रचा जा रहा है, हम उसे भेदेंगे और उन सभी को खत्म करेंगे, जिन्होंने इस देश को चुनौती दी है।"

कमरे में एक अजीब सी ऊर्जा दौड़ गई। यह केवल एक टीम नहीं थी। यह एक युद्ध का ऐलान था और अब, दुश्मन के पास छिपने की कोई जगह नहीं बची थी। "टीम गांडीव," सहदेव ने दोहराया। "अब मजा आएगा।" क्या होगा इस टीम का पहला मिशन? जानने के लिए पढ़ते रहिए। 

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