विक्रम अपने चौथे योद्धा से मिलने मुंबई पहुंचे! मुंबई में क्राइम चाहे कितने ही पैर पसार ले पर एक ऑफिसर जिसने क्रिमिनल्स की नाक में दम किया हुआ था, वह थी अदिति सिन्हा। अदिति एक निडर अंडरकवर पुलिस ऑफिसर थी जो हर बार अपराधियों को अपने चाल से हक्क-बक्का कर, हरा देती थी। इसके लिए अदिति के पास एक खास वेपन था - वह अपना भेस बादल सकती थी - मास्टर ऑफ डिस्गाइज़! तभी तो आजतक कोई भी माफ़िया उसे पहचान नहीं पाया, यहाँ तक की पुलिस महकमें भी सबको अदिति को देखकर यह लगता था की वो सिर्फ जीप चलाती है और छोटे मोठे केसेस को सॉल्व करती है! कह सकते हैं कि अदिति एक तरह से परदे के सामने तो सिम्पल बनी रहती थी लेकिन परदे के पीछे सुपर वुमन।
अदिति की लड़ाई केवल कानून के लिए नहीं थी। उसके ऐसे ऑपरेट करने के पीछे एक डर था कि कहीं वह फिर से किसी अपने-आप को, खो ना दे।
मुंबई की भोली-भाली अदिति, बचपन से ही खुशमिजाज थी, सबके चेहरे खिल उठते थे उसे देख कर। वह अपने आसपास के लोगों को हमेशा खुश रखती। बड़ों की मदद करना, अपनी छोटी बहन प्रिया के साथ खेलना-कूदना। प्रिया, अदिति से 4 साल छोटी थी, और उसकी पूरी दुनिया थी। माता-पिता के काम में हमेशा व्यस्त रहने के कारण, प्रिया की पूरी जिम्मेदारी अदिति के कंधों पर थी।
अपनी बहन को स्कूल के लिए तैयार करना, उसका टिफ़िन बनाना, उसकी चोटी बनाना, और उसकी हंसी में अपनी दुनिया ढूंढ लेना - यही थी अदिति की जिंदगी। मुंबई के बिगड़ते हालात ने अदिति के जीवन को दूसरी दिशा दी। उस वक्त शहर गैंगवार, कौमी लड़ाइयों, और माफिया के आतंक से जूझ रहा था।
महिलाओं, लड़कियों, और बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा वही माहौल था लेकिन अदिति ने कभी किसी से डरना सीखा ही नहीं था। वह जितनी पढ़ाई में तेज थी, उतनी ही वह लड़ाई की अलग-अलग स्टाइल्स में थी। स्कूल के दिनों में उसने मार्शल आर्ट्स और सेल्फ-डिफेंस की ट्रेनिंग ली।
आदिति ने प्रिया को भी यह ट्रेनिंग देना शुरू की। जब बाकी बच्चे आराम करते, खेलते-कूदते या मस्ती करते, तब अदिति, प्रिया को लड़ने, खुद की रक्षा करने, और किसी भी खतरनाक स्थिति में खड़े रहने की ट्रेनिंग देती।
ट्रेनिंग के दौरान जब प्रिया को चोट लगती, तो अदिति का दिल कांप उठता। अपनी छोटी बहन को तकलीफ में देखना, उससे सहा नहीं जाता था लेकिन वह अपने जज्बातों को काबू में रखती और दिल पर पत्थर रखकर उसे दोबारा खड़े होकर लड़ना सिखाती। एक दिन, ट्रेनिंग खत्म होने के बाद, थकी हुई प्रिया ने अपनी बहन से मुस्कुराते हुए पूछा, "अदिति दी, हम हर रोज़ ये लड़ाई की ट्रेनिंग क्यों करते हैं? इससे क्या होगा?"
प्रिया के इस मासूम सवाल पर अदिति के चेहरे पर हल्की मुस्कान आई। उसने प्यार से प्रिया के गालों को पकड़ा और कहा,
अदिति: "देखो छुटकी, इस दुनिया में बहुत से खतरनाक लोग हैं। कुछ तो जानवरों से भी ज्यादा!! अगर कभी जिंदगी में तुम्हें ऐसे लोगों से पाला पड़े, तो तुम्हें किसी और से मदद मांगने की जरूरत नहीं होगी। तुम्हें डरकर भागने की जरूरत नहीं होगी। अगर तुम ताकतवर हो, तो तुम खुद उनका सामना कर सकती हो।
इस दुनिया में लोग लड़कियों और औरतों को कमजोर समझते हैं, खेलने की चीज समझते हैं। लेकिन अगर हम मजबूत होंगे, तो यही लोग समझेंगे कि लड़की कमजोर नहीं होती। वह जरूरत पड़ने पर काली मां बन सकती है।”
अदिति की यह बात सुन प्रिया खिलखिलाते हुए बोली, "हाँ, मेरे लिए तो मेरी स्ट्रॉंग दीदु है, मेरी सुपर हीरो दीदी!" अदिति मुस्कुराई और प्रिया को गले से लगा लिया। उनकी जिंदगी, इस पल, खुशियों से भरी थी लेकिन इस खुशहाल जिंदगी पर एक दिन ऐसा साया पड़ा, जिसने अदिति की पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।
प्रिया स्कूल से घर लौट रही थी। उस दिन अचानक इलाके में गोलियों की आवाज गूंज उठी। गुंडों ने खुलेआम बंदूकें तान दीं। प्रिया सहम गई। वह अपनी जान बचाने के लिए भागने लगी। इधर-उधर लोग चीखते-चिल्लाते हुए दौड़ने लगे। लेकिन जैसे ही वह थोड़ा आगे बढ़ी, उसने देखा कि गुंडे हर तरफ से लोगों को घेर रहे थे। उनके हाथों में हथियार थे। वे किसी मांग को पूरा करवाने के लिए निर्दोष लोगों पर गोलियां बरसा रहे थे।
प्रिया की आंखों के सामने लोग एक-एक करके गिरने लगे। मासूम बच्चों, औरतों, और बुजुर्गों की लाशें जमीन पर बिछ गईं। वह डर के मारे कांप रही थी, और उसके पास भागने का कोई रास्ता नहीं था। अदिति की फोन की घंटी बजी। जैसे ही उसने उस गोलीबारी की खबर सुनी, उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसकी बहन प्रिया उस इलाके से लौट रही थी। उसने बिना वक्त गवाएं सीधे वहाँ की ओर दौड़ लगा दी।
जब वह वहाँ पहुँची, तो उसने देखा कि प्रिया भीड़ के बीच से डरी हुई भाग रही थी। उसकी मासूम बहन के चेहरे पर डर साफ झलक रहा था। अदिति की नजर प्रिया पर पड़ी, और वह घबराई हुई आवाज में चिल्लाई, "छुटकी!"
प्रिया ने अदिति को देखा, और उसके चेहरे पर मुस्कान लौट आई। उसे यकीन था कि अब उसकी बहन उसे बचा लेगी। वह इसी आशा से अदिति की ओर दौड़ने लगी। लेकिन यह मुस्कान कुछ ही सेकंड की मेहमान थी। प्रिया मुश्किल से कुछ कदम ही बढ़ी थी कि अचानक एक गोली उसकी पीठ पर लगी। "आह..." प्रिया के मुंह से दर्द भरी चीख निकली, और वह तुरंत जमीन पर गिर पड़ी।
गोली चलने की आवाज और अपनी बहन को गिरते देख, अदिति का दिल जैसे ठहर गया। उसके कदम वहीं रुक गए।
वह अपनी जगह से चिल्लाई,
अदिति : “प्रिया!!!”
अदिति दौड़ते हुए प्रिया के पास पहुँची। वह घुटनों के बल जमीन पर बैठ गई, और प्रिया को अपने हाथों में उठा लिया। उसकी बहन का चेहरा दर्द से सख्त हो चुका था। प्रिया के कपड़े खून से लथपथ थे।
अदिति: "प्रिया, आँख खोलो! छुटकी, प्लीज आँख खोलो!"
प्रिया की साँसे धीमी होती गईं। अदिति ने उसे थपथपाया, झकझोरा, लेकिन वह हमेशा के लिए चुप हो चुकी थी। अदिति ने रोते हुए अपनी बहन को सीने से लगा लिया। उसके चीखने की आवाज पूरे मोहल्ले में गूंज रही थीं।
अदिति को जब पता चला कि उसकी बहन प्रिया की मौत के पीछे मुंबई का सबसे बड़ा डॉन नागेश नायक था, तो उसके अंदर बदले की आग भड़क उठी। उसने खुद से वादा किया कि वह इस गुंडे को मिटाकर ही दम लेगी।
अदिति ने इसके लिए दिन-रात मेहनत की। उसने पुलिस ऑफिसर बनने के लिए एक्ज़ैम दिया, और उसकी कड़ी मेहनत रंग लाई। वह न केवल पुलिस अफसर बनी, बल्कि उसने अपनी पहचान एक बहादुर और ईमानदार अफसर के रूप में बनाई।
पुलिस फोर्स में शामिल होते ही, अदिति ने सबसे पहले मुंबई से माफियागिरी को खत्म करने का बीड़ा उठाया। उसने अंडरकवर पुलिस ऑफिसर के रूप में खतरनाक से खतरनाक माफिया के गुंडों का सामना किया और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया। अदिति यह सारा काम इतने चतुराई से करती थी कि किसी को भी यह पता नहीं चलता था! उसे मेडल्स या वाह-वाही नहीं चाहिए थी। उसे बस इन कीड़े मकौड़ों को मारना था तो वह जब भी कोई काम करती उसकी लीड किसी और अफसर को दे देती।
अदिति की सबसे बड़ी ताकत थी अपराधियों की हर चाल को पहले से भांप लेना। वह ना सिर्फ उनकी योजनाओं को नाकाम करती थी, बल्कि अपनी बहन प्रिया के साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिए अपने हर मिशन को निजी तौर पर भी लेती थी।
एक दिन, अदिति को अपने खुफिया नेटवर्क से खबर मिली कि नागेश नायक मुंबई छोड़कर विदेश भागने वाला है। यह मौका आखिरी था। अगर आज नागेश बच निकलता, तो उसे पकड़ना नामुमकिन हो जाएगा।
अदिति: "नागेश अगर मेरे हाथों से छूट गया, तो मैं अपनी बहन के मौत का बदल कभी नहीं ले पाऊंगी...”
अदिति ने नागेश के ठिकाने पर धावा बोलने की योजना बनाई। मिशन शुरू होने से ठीक पहले उसे एक ऐसा सच पता चला, जिसने उसे झकझोर कर रख दिया। "पुलिस विभाग में ही एक सीनियर अधिकारी नागेश को भागने में मदद कर रहा है," यह खबर उसके लिए किसी झटके से कम नहीं थी।
अदिति ने अपनी जान जोखिम में डालकर नागेश के ठिकाने पर धावा बोल दिया। वहाँ उसने नागेश के आदमियों से लड़ाई की। उसकी हिम्मत और जज्बे ने नागेश तक पहुंचने का रास्ता बना लिया। जैसे ही वह नागेश के सामने पहुंची, उसने पिस्तौल तान दी और कहा,
अदिति: "तुमने मेरी बहन को मारा, लेकिन आज मैं तुमसे तुम्हारे हर गुनाह का हिसाब लूँगी। प्रिया की आखिरी सांस मेरे लिए कसम है और यह कसम आज पूरी होगी।"
अदिति की सबसे बड़ी ताकत उसके कनेक्शंस थे। उसका नेटवर्क पूरे भारत में ही नहीं पूरे दुनिया में कही भी उसे पहुँचा सकता था!
जब विक्रम ने अदिति के इन कारनामों के बारे में सुना, तो उसी पल उसने फैसला कर लिया कि "यही वह आखिरी कड़ी है, जो मेरी टीम को पूरा करेगी।
उन्होंने अदिति को तुरंत अपने ऑफिस में बुलाया। अगले ही दिन, अदिति अपनी यूनिफॉर्म पहने विक्रम से मिलने पहुँची। दरवाजा खुला, और उसने फुर्ती से सलाम किया।
अदिति: "जय हिंद, सर!"
विक्रम: "मैं गोल-गोल बातें करना नहीं जानता, लेकिन इतना जानता हूँ की तुम अन्डर्कवर रह कर काफी बड़े काम कर रही हो। अदिति, मैं एक टीम बना रहा हूँ। यह टीम, देश पर मंडरा रहे सबसे बड़े खतरों से लड़ेगी। तुम्हारा नेटवर्क इस टीम के लिए काफी जरूरी साबित होगा! प्लस अन्डर्कवर जाकर जो अदिति बाहर आती है वह भी हमें बहुत मदद करेगा।
विक्रम के सवाल ने अदिति को सोचने पर मजबूर कर दिया। कुछ पल के लिए, उसकी आँखों के सामने प्रिया की मुस्कान और उसके आखिरी पल तैर गए। "मैं इस टीम का हिस्सा बनूँगी, सर!" अदिति ने मजबूती से कहा।
अदिति: “यह लड़ाई अब मेरे परिवार की नहीं, बल्कि हर उस परिवार की है, जो माफिया और आतंक का शिकार हुआ है। मुझे खुशी होगी अगर हम मिलकर देश को माफिया से मुक्त कर सकें। मैं तैयार हूँ, सर!”
विक्रम की टीम अब पूरी हो चुकी थी। अदिति की एंट्री ने इस टीम को एक नई धार और मजबूती दी।
विक्रम: "वेलकम टू द टीम, अदिति। "
अदिति अब उस लड़ाई का हिस्सा बनने जा रही थी, जो सिर्फ माफिया के खिलाफ नहीं थी, बल्कि देश की सुरक्षा और न्याय के लिए थी। यह टीम, अब देश के सबसे बड़े खतरों से लड़ने के लिए तैयार थी। कौन होगा अगला मेम्बर इस टीम का? जानने के लिए पढ़ते रहिए
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