कौन है यह अजनबी जो मुझे ऐसा मैसेज भेज रहा है, मुझे ऐसे किसी से भी प्यार करने के लिए कह रहा है.....मैं अब किसी से प्यार नहीं कर सकती, प्यार का नाटक तो कतई नहीं और एक अपराधी से तो बिल्कुल नहीं। क्यों मैं आई यहां सारी अजीब सी चीजें मेरे साथ ही क्यों हो रही है, जब तक कुछ नहीं पता था सब कुछ कितना अच्छा था।
उसी समय फिर से मीरा के फोन पर मैसेज आया.....मीरा ने फर्श से फोन उठाया और देखा, यह उसी अनजाने इंसान का नंबर था। उसने फिर से कुछ लिखा था,
‘’जल्दी से पढ़ लो, दस सेकेंड में डिलीट हो जाएगा, और स्क्रीन शॉट लेने की सोचना भी मत…
जिस लड़के की फोटो तुम्हें भेजी गई थी वह तुमने देख ली होगी.…दोबारा मैसेज इसलिए किया जा रहा है कि तुम्हारे पापा और अवैद्य तरीके से दवाईयां बनाने वाले सारे डॉक्टर ने इस लड़के का चेहरा नहीं देखा है, सब लोग फोन पर इसे केवल चीफ कहकर बुलाते हैं, इसलिए अगर तुम इस लड़के से प्यार करोगी तो किसी को तुम पर शक नहीं होगा।
वैसे यह लड़का एक बिजनेसमैन बनकर जीता है, इसकी असली करतूत के बारे में इसके परिवार को भी नहीं पता है…इस चीफ के दिल की रानी बनकर ही तुम देश के बड़े बड़े बिजनेसमैन, पॉलिटिशियन कुछ नामी संत जो आम इंसानों को झूठे प्रवचनों से मन भ्रमित करते हैं, उनका असली चेहरा सामने ला सकती हो।
मैं नहीं कर सकता क्योंकि मैं लाचार हूं, पर तुम्हारे पास पूरा मौका है। अब हजारों जिंदगियां तुम्हारे हाथ में है मीरा, इनडायरेक्ट मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा, तुम्हें गाइड करता रहूंगा....अब तुम्हें क्या करना है सब तुम पर डिपेंड है।‘’
जैसे ही मीरा ने आखिरी शब्द पढ़े मैसेज फोन स्क्रीन से गायब हो गया।
अभी भी मीरा की वही हालत थी, यह आदमी जरूर पागल है, ऐसे पागलों वाले काम करवाना चाहता है, मैं किसी से प्यार नहीं करने वाली हूं, झूठा प्यार…ना ना कभी नहीं।‘’
तभी मीरा के रूम में अमरीश ने प्रवेश किया...उन्हें देखकर मीरा के रोंगटे खड़े हो गए। वह अपने बेड से खड़ी हो गई, और अमरीश को देखने लगी...मीरा को सामने अपना बाप नहीं एक कातिल नजर आ रहा था, एक फरेब इंसान, मुखौटा लगाकर दोहरी जिंदगी जीने वाला धोखेबाज इंसान।
वे मीरा के पास आकर गहरी सांस लेकर बेड पर बैठ गए और बोले, ‘’जानता हूं, तुम्हारे लिए यह मुश्किल समय है, तुम चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती.…मैं तुम्हें कोई वार्निंग नहीं दे रहा हूं, पर अगर तुमने मेरे खिलाफ बिना किसी सबूत के अगला कदम उठाया तो अपनी मां को हमेशा के लिए खो दोगी। आज तुम्हारी मां की आखों में तुम्हारे लिए बहुत गुस्सा देखा है, कुछ समय बाद वे इसे तुम्हारी नादानी समझकर तुम्हें माफ कर देंगी पर हमेशा नहीं करेंगी, मैं जहां हूं वहां से लौट नहीं सकता पर तुम चाहो तो चीजें अभी भी सही हो सकती है, कल जो देखा उसे भूल जाओ…अपनी मम्मी की जान के लिए मेरी सच्चाई को कड़वा घूंट समझकर पी जाओ...मैं ही जानता हूं कि मैंने तुम्हें कैसे बचाया है।‘’
अमरीश आगे कुछ कहते कि मीरा ने उनसे पूछा.…नैना से आपका क्या रिलेशन है, वह राघव की पत्नी है ना..?
अमरीश चौंक गए.…मीरा ने उनके जवाब का इंतजार किए बगैर फिर से पूछा, ‘’’क्या आपने उन्हें मार दिया.…मैंने गोली चलने की आवाज सुनी थी?‘’
‘वह सब एक नाटक था‘’ अमरीश ने सहज भाव से कहा।
‘’ओह अब समझी, और उस लैब की सेटिंग रातों रात कैसे बदल गई?‘’
‘’इसमें कौन सी बड़ी बात थी, हम हर चीज के लिए प्लान बी रखते हैं, कि अगर कभी ऐसा हो गया तो हमें क्या करना चाहिए, वह तो तुम थी जो फार्महाउस से जिंदा बचकर भागी हो, शुक्र है कि तुम कुछ साबित नहीं कर पाई। शशिभूषण जिससे तुम अभी मिली थी, उनका एक बेटा है….अभिषेक रॉय, वह रॉय स्टील एण्ड आयरन कारपोरेशन लिमिटेड का हेड है, करोड़ों का टर्नओवर है। लंदन में बिजनेस करता है, शशिभूषण को तुम अभिषेक के लिए परफेक्ट लग रही हो, अभी कुछ समय पहले ही अभिषके का डिर्वोस हुआ है। पहली बीवी ब्रिटिश थी, अब वो दूसरी शादी करने के लिए रेडी है और उसे इंडियन गर्ल से शादी करनी है, वैसे भी तुम्हारी भी तो एक शादी टूट चुकी है, और तुम्हें शादी तो करनी ही है, तो मेरी मानों अभिषेक से मिल लो।अगले हफ्ते वह दिल्ली आ रहा है, तुम दोनों ने एक जैसी सिचुएशन का सामना किया है, एक दूसरे का दर्द अच्छे से समझ सकते हो, लंदन में तुम एक लग्जरी लाइफ जिओगी और इन सब झमेलों से दूर रहोगी।‘’
मीरा पर अमरीश की इन बातों का कोई असर नहीं हुआ, उसने कहा, ‘’आपने मेरे उस सवाल का जवाब नहीं दिया, नैना से आपके क्या रिलेशन हैं?‘’
‘कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते, मैं जो पूछ रहा हूं तुम उसका जवाब दो, वैसे तुम्हारी मम्मी को अभिषेक बहुत पसंद है और जहां तक मुझे लगता है तुम अपनी मम्मी का बुरा कभी नहीं चाहोगी।तुम्हारी मां की सेहत किस कदर बिगाड़ सकती है यह तुम सोच भी नहीं सकती हो, वैसे भी तुम्हारी मां कब से चाहती है कि तुम अपना घर बसा लो, पिंकी जो तुमसे छोटी है अब वह एक बच्चे की मां भी बन गई है। तुम अभी तक एक धोखेबाज को याद कर के अपनी लाइफ बर्बाद कर रही हो।‘’
‘’आप पक्के बिजनेसमैन हो गए हैं, मम्मी की आड़ लेकर आप एक तरह से मुझे इमोशनल ब्लैकमेल कर रहे हैं, आप मुझे चुप कराना चाहते हैं ना, आप मुझे मार नहीं सकते हैं क्योंकि आप मेरे पापा हैं.…पर मां की जान ले सकते हैं....क्योंकि आपकी जरूरतें पूरी करने के लिए अब आपके पास नैना है‘’
अमरीश पर इसका कोई असर नहीं हुआ...’’तुम अभिषेक से कब मिल रही हो?‘’
मीरा ने कहा, ‘’मम्मी मेरा घर बसा हुआ देखना चाहती हैं, पर मैं किससे शादी करूंगी यह मैं डिसाइड करूंगी....मैंने अपने लिए एक लड़का पसंद कर लिया है, वह मुंबई का है।‘’
‘तो क्या वह भी ड्रेस डिजाइनर है.?’’अमरीश ने पूछा।
‘’हां, मीरा ने सिर हिलाया।
‘’तुम मुझसे झूठ तो नहीं बोल रही हो...?’’
‘’दो महीने बाद मैं आपको उससे मिलवाऊंगी, प्रॉमिस करती हूं।‘’
फिर मीरा ने मन ही मन कहा, ‘’यह मैंने क्या कर दिया, मैंने तो कोई लड़का पसंद नहीं किया है अगर दो महीने में मुझे कोई पसंद नहीं आया तो…..मीरा के दिमाग में एक बड़े से गेम का प्लान होने लगा।
मीरा की आंखों में आत्मविश्वास भरा देख अमरीश थोड़ा सा डर गए.…तभी उनके फोन की घंटी बजी, ’’गुडमार्निंग चीफ...नो नो चीफ…सबकुछ कंट्रोल में है, उस लड़की का पता चल जाएगा। इतना पता है कि उसे कोई मेंटल बीमारी है, घर से भागकर न जाने कैसे फार्महाउस पहुंच गई थी, तो आप यह मान लीजिए वह लड़की हमारे लिए किसी प्रकार का खतरा नहीं है, ओके चीफ….यस चीफ लैब में वापस काम र्स्टाट हो गया है…नैना लैब में ही है, थोड़ी देर बाद मैं भी वहां जाऊंगा।‘’
कहकर अमरीश ने मीरा को देखा...’’तुम्हें बचाने के लिए मुझे क्या क्या करना पड़ा है यह मैं ही जानता हूं।
मीरा ने ताना मारते हुए कहा, ‘’हां, अभी सुना मैंने, मुझे मेंटल बीमारी और पागल करार दे दिया आपने‘’ अमरीश कुछ कहने वाले थे लेकिन रूक गए।
‘’क्या बातें हो रही हैं बाप बेटी में जरा मैं भी तो सुनूं’’ नीता ने कमरे में आते हुए मीरा और अमरीश से पूछा।
वे मुश्किल से अपने चेहरे का गहरा तनाव छिपा रही थी जो मीरा के कारण कल रात से ही उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था।
मीरा उन्हें गहरी सहानुभूति की नजरों से देखने लगी…बेचारी के साथ कितना बड़ा धोखा हो रहा है, उनका अपना हमसफर कितना बड़ा और गहरा राज़ उनसे छिपाने की कोशिश कर रहा था।
अमरीश ने कहा, ‘’कुछ खास नहीं, बस मीरा अपनी दोस्त काव्या से मिलने जाना चाहती है।‘’
‘’अरे तो चली जाए ना, वैसे भी उसके पास काम ही क्या है…शादी ब्याह घर गृहस्थी तो बसाना नहीं है। बाप के पैसे पर मौज करना है, मुझे तो डर लगता है कि उसकी संगति का असर मीरा पर न पड़े..।’’
‘’असर पड़ना होता तो अब तक पड़ चुका होता, वैसे भी हमारी बेटी ने किसी को चुन लिया है, वह अपना घर बसाने के लिए तैयार है।‘’
नीता के चेहरे पर चमक आ गई.."अच्छा सच मैं..कौन है लड़का.? क्या करता है...? घर में कौन कौन है..? हमारी ही कास्ट के हैं ना..? मेरी उससे बात करवाओ ना......’’
मीरा झुंझला उठी...मैने उस अभिषेक नाम के झंझट से छुटकारा पाने के लिए झूठ बोला था, पापा मुझे और फंसा रहे हैं।
वह बोली, ‘’मम्मी अभी उसने अपने पैरेंट्स से बात नहीं की है, अभी बस हमारी कुछ ही मुलाकाते हुई हैं, जल्दी ही आपसे मिलवाऊंगी।‘’
नीता चहकते हुए बोली, ‘’मैंने भगवान से मन्नत मानी थी कि मीरा की शादी उसके पसंद के लड़के से तय हो जाए तो मैं भंडारा करवाऊंगी।‘’
मीरा ने कहा, ‘वह शादी के बाद करवा देना, अभी मुझे सच में काव्या के यहां जाना है।‘’
कहकर मीरा ने अपना पर्स और मोबाइल उठाया और कमरे के बाहर निकल गई, उसे अब अपने पापा का यह प्यार बनावटी लग रहा था।
नीता खड़े-खड़े सोच रही थी कि कल मीरा को क्या हो गया था, कहीं किसी ने इस पर जादू टोना तो नहीं किया,जो अपने बाप को ही…सोचकर नीता ने अमरीश की ओर देखा, जो तनाव में लग रहे थे और कुछ सोच रहे थे।
नीता उनके पास आकर बोली…आप यही सोच रहे हैं ना कि शशिभूषण भाई साहब को क्या जवाब दूंगा, अब कुछ भी कह देना...मैं सोच रही हूं कि मीरा को मैं किसी मज़ार पर ले जाकर इसकी नजर उतरवा देती हूं, इसकी मति कुछ फिर गई है, कल कुछ अजीब बातें कर रही थी और आज एकदम नार्मल है।
अमरीश जानते थे कि नीता उन्हें वह सबकुछ नहीं बताना चाहती थी जो सच में मीरा ने देखा था और वह एकदम सही थी, नीता का इतना गहरा विश्वास अमरीश को अंदर से हिला गया।
‘हां हां जो ठीक लगे कर लो, पर मुझे नहीं लगता है कि मीरा इसके लिए मानेगी, वह तो झाड़-फूंक में विश्वास रखती ही नहीं है, और शशिभूषण भाई साहब की चिंता तुम मत करो वह सब मैं संभाल लूंगा।‘’
अमरीश सोचने लगे....यह सब उस राघव के कारण हुआ है, मैंने राघव को यह सोचकर जिंदा छोड़ दिया था कि अपने परिवार और उस बच्चे के लिए वह अपना मुंह नहीं खोलेगा, मीरा से दूर रहेगा, पर मैं गलत था, नैना सही थी...मुझे उसी समय राघव को मार देना चाहिए था, जैसे करन को मरवाया गया था, अगर मैं चाहता तो उसी समय जब राघव बैचलर पार्टी से अकेले घर जा रहा था तो उसे आसानी से मार सकता था, ट्रक से कुचलवा देता या हाथ पैर बांधकर नहर में फिंकवा देता............न जाने क्यों मुझे उस पर दया आ गई थी और मैंने उसे जाने दिया। उसने वह सब कर दिया जिसकी आशंका मुझे पांच सालों से थी, पर कोई बात नहीं मीरा को मैं समझा दूंगा, पर राघव मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा। दुनिया के किसी भी कोने में तुम छिपे हो मैं तुम्हें और तुम्हारे उस मुंहबोले बेटे को ढूंढकर तड़पा तड़पाकर मारूंगा।
‘’क्या हुआ, आप बीच बीच में क्या सोचने रहे हैं? शायद पैसों की चिंता हो रही होगी,, मीरा की शादी के लिए लाखों रूपए लगेगे.…आपने बेटे चिराग के बिजनेस के लिए उसे अपनी प्रापर्टी का बड़ा हिस्सा दे दिया था।‘’
‘’नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, मीरा की शादी के लिए मैं पानी की तरह पैसे बहा दूंगा...कोई कमी नहीं रखूंगा। अच्छा तुम लंच बनाने की तैयारी करो, मैं अभी थोड़ी देर में आता हूं।‘’
‘’यह क्या, बाप बेटी दोनों तूफान मेल की तरह निकल गए। चलो अच्छा हुआ अब सब ठीक है, पर मेरी बेटी का मन किसने बहका दिया था।‘’ नीता का मन अभी भी उलझा हुआ था।
शोभा फार्महाउस…..
कल रात की तूफानी हलचल के बाद आज वहां की अंडरग्राउंड लैब में काम हो रहा था।
इसको इस तरह से बनाया गया था कि दुनिया का कोई भी तेज सूंघने वाला खोजी कुत्ता भी इसे नहीं ढूंढ सकता था। लैब की सेटिंग चेंज हो रही थी, खिलौनों को दूसरी जगह रखा जा रहा था और वैक्सीन एक्सपेरिमेंट के लिए कांच के बक्से में बंद जानवरो को रखा जा रहा था।
एक कांच के ट्यूब के अंदर एक दुबला-पतला और मरियल सा आदमी लेटा था, कभी वह बहुत तगड़ा और हैंडसम हुआ करता था।
वैक्सीन के एक्सपेरिमेंट से उसका पूरा शरीर पीला पड़ चुका था।
शरीर पर गहरे जख्म थे, हाथ में जगह जगह सुईयां चुभोने के निशान थे….नैना ने पहले उसे ध्यान से देखा फिर अपने कम्प्यूटर पर कुछ पढ़ने लगी, इस आदमी पर हमारी वैक्सीन ने टेन परसेंट काम किया है, पर अभी थोड़ा और वक्त लगेगा तभी हंड्रेट परसेंट रिजल्ट आएगा।‘’
तभी अमरीश ने उस अंडरग्राउंड लैब में प्रवेश किया…अमरीश को देखते ही नैना भागकर आई और उससे लिपट गई।
‘’कहां थे डियर तुम...’’ नैना और अमरीश को पता ही नहीं था कि उस लैब में चोरी से उनकी फोटो खींची जा रही है, लैब में कोई था जो नैना, अमरीश और चीफ का भंडा फोड़ देना चाहता था।
मीरा का काव्या के यहां जाना तो एक बहाना था, वह कुछ देर अकेले रहना चाहती थी…तो वह पार्क में चली आई।
वह जल्दी से जल्दी वापस मुंबई लौटना चाहती थी, उसके फोन पर फिर से मैसेज आने का रिंग हुआ, उसी अननोन का मैसेज था…बार बार कहता था कि अब मैसेज नहीं करूंगा और फिर कर दिया।
एक फोटो थी जिसे देखकर मीरा की आंखे फैल गई, अमरीश से लिपटी हुई नैना...वे लैब में थे उसी लैब में जहां कल रात.…मीरा थी। नीचे लिखा था....
’’मीरा जी, अपनी जान जोखिम में डालकर मैं इस लैब में पहुंचा हूं, मैं इसी फार्महाउस के स्टाफ का एक मेंबर हूं, चीफ तक तो केवल आप ही पहुंच सकती हो, वो लीडर है, वह बड़ी मुख्य मछली है। आज चोरी से यह फोन लैब में लेकर आया हूं, आपकी मदद चाहिए….प्लीज....प्लीज ।‘’
मीरा के पढ़ते ही वह मैसेज और फोटो डिलीट हो गया।
मीरा ने कुछ सोचा, ‘’क्या मैं सही कर रही हूं, पापा को बचाने के लिए अपराधियों से भरे समुद्र में छलांग लगाना ही होगा, उस बड़ी मछली यानी चीफ को तो मैं छोड़ूंगी नहीं, फिर मीरा ने गहरी सांस ली, उस लड़के का चेहरा याद किया फिर मन ही मन कहा, ‘’हां, मुझे प्यार हो गया है, मैं उस चीफ से प्यार करूंगी, ऐसा प्यार की वह पूरी जिंदगी प्यार शब्द से ही नफरत कर बैठेगा।‘’
कौन है यह अजनबी जो मीरा की मदद कर रहा है?
क्या चीफ को मीरा की सच्चाई का पता चल पाएगा?
क्या मीरा वाकई चीफ का दिल जीतकर उसके काले कारनामों को दुनिया के सामने लाकर राघव की बेगुनाही साबित कर पाएगी?
जानने के लिए पढ़ते रहिए 'बहरूपिया मोहब्बत!'
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