उसने रिवाल्वर नौजवान की तरफ ताना और धांय से गोली दाग दी ।

नौजवान के गले से एक हृदय विदारक चीख निकली और वह सड़क पर गिरकर मचलने लगा। राहगीरों में भगदड़-सी मच गई। वह चिल्लाकर इधर-घर छिपने लगे । प्रिंसिपल ने फिर गाड़ी बढ़ाई। कुछ दूर ही चली थी कि एक और पतलून धासे नौजवान नजर आया जो अटैची उठाकर लोकल स्टेशन की तरफ बढ़ रहा था। प्रिंसिपल ने चाल बढ़ाई और उसके निकट पहुंचकर चिल्लाकर बोली—

‘रुक जा, सुअर के बच्चे।’

नौजवान जल्दी से रुक गया और आश्चर्य से बोला, 'क्या हुआ ? आंटी जी।'

प्रिंसिपल दहाड़ी, 'आंटी जी के बच्चे, अभी-अभी मेरी इज्जत से खेलकर आया है और अब मुझे आंटी जी कहकर रिश्ते को गंदा कर रहा है।’

नौजवान अचरज से बोला, "यह आप क्या कह रही हैं ? मैं तो आपको जानता भी वहीं ।'

'हराम के जन्मे, अभी मेरे कपड़े उतारकर मेरे शरीर से खेल रहा था और अब कहता है कि मुझे जानता भी नहीं।'

'आंटी जी ।'

'तू सचमुच भेड़िया है, काला भेड़िया । तुझे मर ही जाना चाहिए।'

फिर धांय की आवाज गूंजी और वह नौजवान भी सड़क पर पछाड़ खाकर गिरा। चारों तरफ लहू फैल गया और सड़क पर चीख पुकार मच गई, लोग चिल्लाने लगे, 'यह औरत पागल हो गई है। अभी-अभी एक और राह चलते को गोली मारकर आई है और जाने कितनी हत्याएं करेगी। इसे मार डालो। मार डालो इसे।'

फिर लोगों ने बड़े-बड़े पत्थर फेंक-फेंककर मारने शुरू कर दिए। प्रिंसिपल पर भी जैसे बावलापन सवार हो गया। वह कार लेकर भागने की बजाय फायर करने लगी। लेकिन अब लोग चौकन्ना थे इसलिए एक भी गोली किसी को नहीं लगी।

कार के सारे शीशे टूट गए। प्रिंसिपल के रिवाल्वर क गोलियां खत्म हो गई और फिर उसने इंजन स्टार्ट कर दिया । चिण्ड शील्ड टूटने के कारण उसे आगे कुछ भी नहीं नजर आ रहा था। कार फर्राटे से आगे बढ़ो और एक बिजली के खम्भे से टकराकर रुक गई।

बिजली के खम्भे के कई तार टूटकर कार पर गिरे जिससे उसमें करंट फैल गया। बोनट के नीचे से पहले ही शोले झांकने लगे थे। लेकिन प्रिंसिपल की आवाज तक नहीं सुनाई दी। क्योंकि उसका सिर स्टेयरिंग पर रखा हुआ था और वह बेहोश थी।

कार में से अब शोले उठने लगे थे और लोगों की चीख- पुकार ने आसमान सिर पर उठा रखा था। लगता था जैसे प्रलय आ गई हो ।

 

*******छह****************

लेडी इंस्पेक्टर मोना कपूर अनुमति लेकर अपने विभाग के सुपरिन्टेंडेन्ट के आफिस में दाखिल हुई। अटेंशन होकर उस सैल्यूट किया और आदर से बोली-

'सर!अपने बुलाया?" 

सुपरिन्टेंडेंट ने कुछ चिन्तातुर स्वर में कहा- 'हां, मिस कपूर| बैठिए।'

मोना आदर से सामने बैठ गई। सुपरिन्टेंडेंट ने पूछा-

'ऐलिया आत्महत्या केस की फाईल का क्या हुआ?'

मोना ने आदर से जवाब दिया- 'सर! इन्वेस्टीगेशन जारी है- जल्दी ही आपको परिणामों से अवगत करूंगी।'

'उस केस के सिलसिले में आपने टी० सी० ओर हवलदार, की निशानदेही पर किसी नौजवान को हिरासत में लिया था।'

'यस सर, लेकिन उसे सरस्वती स्कूल की प्रिंसिपल के निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया था।'

'क्या उससे कोई उपयोगी बात पता चल सकी थी?"

"जी नहीं, बयान के अनुसार उसने ऐलिया को देखा तक नहीं था—न उसे वैनिटी बैग के बारे में ही कुछ मालूम थां, टी० सी० और हवलदार के कथनानुसार भी नौजवान का बयान ठीक मालूम होता था—क्योंकि वह नौजवान उनके सामने ही डिब्बे से उतरा था।'

'हुँ, और उसका मुचलका, सरस्वती स्कूल की प्रिंसिपल लिया था।' 'मौखिक, वह एक प्रतिष्ठित महिला हैं, मुझे उनकी बात पर विश्वास था।'

'उसके बाद आप नौजवान से मिलीं?'

"आवश्यकता ही नहीं पड़ी-वैसे वह प्रिंसिपल महोदया।' 'मिस कपूर! क्या आप प्रिंसिपल की ट्रेजेडी नहीं जानतीं?

मोना ने चौंककर कहा- 'ट्रेजे डी ? क्या हुआ उन्हें ? '

सुपरिन्टेंडेंट ने ठण्डी सांस लेकर कहा- 'वे भी ब्लैक वुल्फ का शिकार हो गई।' मोना ने चौंकने का बड़ा प्रभावशाली अभिनय किया। "नहीं।"

"ब्लैक वल्फ का शिकार होने के बाद शायद वह वर्जीना की ट्रेजेडी के विचार से पागल हो गई थीं उन्होंने दो निर्दोष नौजवानों को ब्लैक वुल्फ के धोखे में गोली से मार दिया, भरी सड़क पर।'

"ओ. गॉड !

'बाद में उनकी गाड़ी बिजली के खम्भे से टकरा गई और वह गाड़ी के साथ ही जलकर राख हो गई— उनकी लाश पोस्टमार्टम के योग्य नहीं रही।'

'ओ माई गॉड!' 'उस ब्लैक वुल्फ के बारे में आपकी जानकारी क्या सिर्फ फाईल तक ही सीमित है?'

'मैं समझी नहीं सर।'

'कई वर्ष पहले विभाग को इन्फार्मेशन मिली थी कि एड्स के किसी रोगी पर यौन पिशाच बनने की सूचना है और वह ब्लैक वुल्फ के रूप में विनाश फैला रहा है - अपने देश से भाग निकला है और इन्टरपोल को तलाश है।'

'जी हां।'

'और कई वर्ष बाद वह ब्लैक वुल्फ भारत में प्रकट हुआ।‘

'सर! वह तो खुले बन्दों सामने आया है और उसकी कार्यशैली निरी वही है जिसकी सूचना हमें आस्ट्रेलियन गुप्त चर विभाग से मिली थी।'

'वह तो ठीक है, मगर।'

‘आप उसके बारे में कोई राय कायम कर चुके हैं।'

'शायद ।'

'तो मेरा मार्गदर्शन कीजिए।'

'इंस्पेक्टर मोना ! कहीं कोई स्थानीय व्यक्ति तो ब्लैक वुल्फ के नाम का लाभ नहीं उठा रहा है।'

मोना ने ठण्डी सांस ली जौर बोली, 'सर ! अगर ऐसा है तो वह अपने विभाग का ही कोई व्यक्ति होना चाहिए क्योंकि यह इन्फॉर्मेशन हमारे विभाग से बाहर तो कहीं गई नहीं थी।'

'यहा प्वाइंट तो मुझे उलझन में डाल रहा है।'

'कारण सर?’

'हो सकता है, कोई सदस्य ही ऐसा कर रहा हो।‘

'ऐसा करने से उसका फायदा ?"

'अब देखिए न ? मिस वर्जीना एक सुन्दरतम लड़की थीं।"

मोना मुस्कराई और बोली- 'और प्रिंसिपल महोदया? चालीस-पैंतालीस से कम नहीं होंगी, अगर ब्लैक वुल्फ बनकर कोई उन पर हाथ डाले तो बहुत मूर्ख है, शहर में वर्जीना से भी बढ़कर सुन्दर लड़कियां और औरतें रहती हैं। 

'आपकी बात अर्थपूर्ण है, मगर।'

'आप कहते रहिए --कहीं रुकिए मत- कभी-कभी ऐसी बहस में काम के प्वाइंट भी निकल आते हैं जो अकेले सोचने में नहीं निकल सकते।'

'आपको याद है कि प्रिंसिपल महोदया ने पहले उस नौजवान के विरुद्ध रपट लिखवाई थी कि उसने उनकी इज्जत पर हाथ डालने की कोशिश की थी।'

'याद है "और उन्हीं प्रिंसिपल ने अपनी निजी सिफारिश पर उस नौजवान को छुड़वा लिया था।' मोना ने ठण्डी सांस लेकर कहा। 

'यह हमारे देश की बहुत बड़ी ट्रेजेडी है सर ।'

'अर्थात!'

'वह सीधा-सादा नौजवान पहले प्रिंसिपल महोदया के वशीभूत नहीं हुआ था। गिरफ्तार होता तो उसका भविष्य अन्धकारमय हो जाता — इसलिए प्रिंसिपल की निजी सिफा रिश पर उसने उनके आगे हथियार डाल दिए।'

सुपरिन्टेंडेंट ने उसे एकटक देखकर कहा- 'आपका तात्पर्य क्या है? मोना ने गम्भीरता से कहा। 

 

'सुपरिन्टेंडेंट साहब! प्रिंसिपल महोदया एक विलासप्रिय महिला थीं— उन्होंने इसलिए शादी करना नापसन्द नहीं किया या कि उन्होंने दुनिया से संन्यास ले लिया था— शादी के बन्धन से मुक्त रहकर वह ज्यादा से ज्यादा जिन्दगी का लुत्फ उठा सकती थीं ।

‘आपका मतलब है...।'

'वे नौजवानों को रखती थीं।'

'ओह, तो वह नौजवान?

'आजादी मिलते ही उनकी पकड़ से भाग निकला था लेकिन प्रिंसिपल ने फिर उसके विरुद्ध कभी शिकायत नहीं की। -न अपनी रिपोर्ट पर कार्यवाही आगे बढ़ाने की ही मांग की।'

'कहीं वही नौजवान तो?' मोना फिर मुस्करा पड़ी और बोली। 

'सर ! उसको दुश्मनी प्रिंसिपल महोदया से थी, मिस वर्जीना से नहीं और ब्लैक वुल्फ का पहला शिकार मिस वर्जीना थी।' 'और मिस वर्जीना लापता है— हो सकता है, उसने भी आत्महत्या कर ली हो।'

'शायद!"

'मिस वर्जीना के बाद अचानक प्रिंसिपल ! ब्लैक वुल्फ को क्या तीसरा शिकार नहीं मिला था, पूरे शहर? कहाँ वर्जीना कहां प्रिंसिपल?'

'सर ! भगवान जब विध्वंस उपजाता हैं। किसी भवन की शोभा— अशोभा अथवा और बातें देखकर बिजली नहीं गिराता—बिजली मात्र वहीं गिरती है जिस भवन की छत के नीचे पाप पलते हैं।'

'अर्थात, वर्जीना।'

सर! आप तो इतनी बड़ी पोस्ट पर हैं- एक ऐसी औरत जिसने एक छोटे से घराने में जन्म लेकर ख्याति की ऊंचाइयों को छू लिया हो— क्या सती-साध्वी हो सकती है ? और फिर घटना वाले दिन उसने भरी सभा के सामने चिल्ला-चिल्लाकर ब्लैक वुल्क के लिए कहा था कि वह मेरा प्रेमी था— मैं उसे तुष्ट न करती तो वह बारहवें माले से छलांग लगाकर मर जाता— तनिक सोचिए, एक औरत एक तरफ एक चाहने वाले से सगाई कर रही है – दूसरी तरफ थोड़ा-सा मौका निकालकर सगाई की पार्टी के बीच ही अपने दूसरे प्रेमी को तुष्ट करने के लिए बारहवें माले पर जा रही है।"

'सर! हमारा समाज अब इतना गल-सड़ गया है कि इस धरती पर रामायण-गीता और वेद-उपनिषद जैसे पवित्र ग्रन्थ भी गन्दगी के इस तूफान को नहीं रोक सकते - हम कानून के रक्षकों के हाथ इस तरह बंधे हैं कि हम इस अपराध और पाप के बढ़ते हुए वहाव पर बांध भी नहीं बांध सकते -सब कुछ खुले बन्दों हमारे सामने होता है, लेकिन हम सिर्फ जेब कतरों और चोर-उचक्कों को पकड़ने के लिए ही रह गए हैं ।'

 

कुछ क्षण रुककर उसने फिर कहा- 'शायद ईश्वर ने हमें मजबूर और बेबस देखकर ही ब्लैका वुल्फ को जन्म दिया है जो काम धर्माचार्य, राजनेता, कार्य पालिका और न्यायपालिका से सम्भव नहीं, वे काम नेक वुल्फ कर रहा है।"

सुपरिन्टेंडेंट कुछ न बोला। वह एकटक मोना को देख रहा या। मोना ने कुछ क्षण रुककर कहा

'इस प्रिंसिपल के केस को आखिरी मत समझिए सर अभी और भी केस सामने आ सकते हैं- अगर सन्देह में ही ब्लैक वुल्फ की गिरफ्तारी जरूरी है तो विभाग के दर्जनों ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना पड़ेगा जो ब्लैक वुल्फ के व्यक्तित्व पर पूरे उतरते हों और अगर ब्लैक बुल्क विभाग से बाहर का कोई आदमी है तो उसे विभाग के अन्दर के किसी आदमी का सहयोग अवश्य प्राप्त है और इस श्रृंखला में सबसे पहली संदिग्ध हस्ती में हूं, क्योंकि सबसे पहले ब्लैक वुल्फ की घटना उस फंक्शन में हुई थी, जिसे मैं अटेंड कर रही थी।' सुपरिन्टेंडेंट ने ठण्डो सांस ली और मुस्कराकर बोला-

'आप बहुत जोशीली और भावुक हैं, अपने पिता की तरह —वे भी अपराधी को निजी दुश्मन समझ लेते थे।'

 

'सर! हरेक अपराधी पहले हमें अपना निजी दुश्मन महसूस होना चाहिए - उसके बाद ही हम उसके विरुद्ध तन-मन से कोई कार्यवाही कर सकते हैं।'

'एनी वे, इस केस में आपको खुली छूट है - ऊपर से आदेश है कि जल्दी से जल्दी ब्लेक वुल्फ पकड़ा जाना चाहिए।'

मोना की मुस्कराहट गहरी हो गई, उसने कहा- 'ऊपर वालों को उनके ऊपर वालों ने आदेश भेजे होंगे, क्योंकि ब्लेक वुल्फ ने ऊपर वालों के ही भोग-विलास के ठिकाने संकट में डाल दिए हैं— कानून मेरे वश में होता तो मैं ब्लैक वुल्फ को न्यौता देती कि वह हमारे विभाग के साथ मिलकर काम करे ताकि यह देश एक बार फिर राम और सीता का देश कहलाने लगे।'

फिर वह उठती हुई बोली- 'खुली छूट के लिए धन्यवाद सर! लेकिन मैं किसी ऊपर वाले के चहेते या चहेती को अगर सड़क पर खींच लाऊं तो मेरे काम में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।'

"मिस कपूर! आपको कुछ तो सावधानी रखनी ही होगी।' 

'मैं बहुत सावधानी रखती हूं- वरना कितने सम्मानित लोगों के सम्मान सड़कों पर नंगे हो जाते और सर, मैं अपने आपको किसी भी स्थिति में विवश और दूसरों पर निर्भीक नहीं समझती। अगर मुझे किसी मिनिस्टर की गर्दन पर काल निशान नजर आएगा तो मैं उसे भी सड़क पर खींच लाऊंगी।'

फिर वह अटेंशन हो गई। सैल्यूट करती हुई अबाऊट हुई और बाहर निकल गई। सुपरिन्टेंडेंट चिन्तित नेत्रों से उस दरवाजे को देखता रह गया जिससे मोना बाहर गई थी। फिर वह ठण्डी सांस लेकर टेलीफोन की ओर आकृष्ट हो गया जिसकी घण्टी बज रही थी।

मोना होटल में पहुंची तो सूरज उस मेज पर मौजूद था मोना के नाम रिजर्व रहती थी। मोना कुर्सी खींचकर मुस्करा कर बैठती हुई बोली– ‘सॉरी फॉर लेट।’

सूरज ने फीकी-सी मुस्कराहट के साथ कहा- 'कोई बात

"बहुत उदास नजर आ रहे हो ? 'मुझे उन दो निर्दोषों का बहुत दुख है जो प्रिंसिपल के पागलपन का शिकार हो गए।'

मोना ने ठण्डी सांस ली और बोली- 'सूरज! जब जंग होती है तो उसे सिर्फ जीतने की कोशिश की जाती है यह हिसाब नहीं रखा जाता कि कितने निर्दोष मरे कितने दोषी और अगर एक प्रिंसिपल के कारण दो निर्दोष मर गए तो उनका बलिदान बेकार नहीं गया। क्या तुम कल्पना कर सकते हो कि उस प्रिंसिपल ने तुम जैसे कितने मजबूर. नौजवानों को अपनी वासना की भेंट चढ़ाया होगा ? तुमने एक अच्छे उद्देश्य के लिए अपनी पवित्रता भंग की उसका तुम्हें दुख है, लेकिन वर्जीना और प्रिंसिपल जैसी औरतें जिन नौजवानों की पवित्रता भंग कराती हैं उसके पीछे कौन-सा अच्छा उद्देश्य होता है?'

क्रमशः 

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