“मां…मां!” मेल्विन अपने घर के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था। उसके बगल में जोसेफ और मिस्टर कपूर खड़े थे। आस–पड़ोस के लोग भी वहां इकट्ठे हो गए थे।
“जोसेफ अंकल, कहां है मेरी मां? कौन लोग आए थे यहां?” मेल्विन ने जोसेफ से गुस्से में पूछा।
“मेल्विन, मेरी बात का यकीन करो। जब मैं यहां से गया था तब वे लोग तुम्हारी मां से बातें कर रहे थे। उसके बाद क्या हुआ, मुझे कुछ भी मालूम नहीं।” जोसेफ ने कहा।
“मिस्टर जोसेफ, जब आपको मालूम था कि मेल्विन की मां खतरे में है तो ऐसी हालत में आप उसे छोड़कर यहां से गए ही क्यों?” मिस्टर कपूर ने पूछा।
“आप महाशय कौन है?” जोसेफ ने मिस्टर कपूर से पूछा।
“जोसेफ अंकल, आपसे जो पूछा जा रहा है उस बात का जवाब दीजिए। आपके यहां होते हुए वे लोग मेरी मां को कहां ले गए हैं?” मेल्विन ने एक बार फिर गुस्से में वही सवाल दोहराया।
“मुझे नहीं मालूम मेल्विन, मैंने तुमसे कह दिया न। अगर तुम्हें ये पूछना ही है तो इन लोगों से पूछो जो यहां खड़े-खड़े तमाशा देख रहे हैं। मैं यहां नहीं था लेकिन ये लोग तो तब से यहीं पर मौजूद है।” जोसेफ ने सामने खड़ी भीड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा।
मेल्विन ने भी जोसेफ की बात मानते हुए वहां खड़ी भीड़ से रिक्वेस्ट करते हुए पूछा, “क्या आप लोगों में से किसी को मालूम है कि मेरी मां कहां है? वे चार लोग जो यहां आए थे वे मेरी मां को कहां ले गए हैं?”
“नहीं मेल्विन, हमें कुछ भी नहीं मालूम।” भीड़ में से किसी ने कहा, “लेकिन तुम्हारी मां उन गुंडो के सामने नहीं आई थी, ये हमें मालूम है। मुझे नहीं लगता कि तुम्हारी मां उन गुंडो के कब्जे में है।”
मेल्विन ने अपनी मां की दुकान की तरफ गौर किया। दुकान अभी अधूरी खुली हुई थी। शायद दुकान खोलते समय ही रघु वहां आ गया था।
रघु का ख्याल आते ही मेल्विन दौड़ता हुआ अपने घर के अंदर घुसा। वो अपने घर में चारों तरफ कुछ तलाश करने लगा। घर के सामान पहले से यहां–वहां बिखरे हुए थे।
“मेल्विन, तुम इस तरह क्या ढूंढ रहे हो? यहां पहले ही बहुत तलाशी की जा चुकी है। अब तुम्हें क्या मिलने वाला है?”
“मां अगर उन गुंडों के कब्जे में नहीं है तो फिर जरूर वो अपने आपको बचाकर कहीं चली गई है। उनका फोन भी बंद आ रहा है। मां अपना पता छोड़े बिना यहां से नहीं जा सकती।”
“तो तुम अपनी मां का एड्रेस इस तरह ढूंढ रहे हो। तुम्हें क्यों लगता है कि उन्हें इतनी टेंशन में भी तुम्हारे लिए लेटर लिखने का याद रहा होगा?” मिस्टर कपूर ने पूछा, “ये बेकार का टाइम खराब करना छोड़ो मेल्विन! अपने रिश्तेदारों के यहां कॉल लगाओ। पता करो कहीं तुम्हारी मां किसी रिश्तेदार के यहां तो नहीं गईं।”
मिस्टर कपूर के इतना कहते ही मेल्विन के दिमाग के उसके कुछ रिलेटिव्स के नाम आए। उसने जल्दी से अपनी जेब से मोबाइल फोन निकाला और कॉन्टैक्ट लिस्ट में नाम सर्च करने लगा।
“किसे कॉल लगा रहे हो?” मिस्र कपूर ने मेल्विन से पूछा जब उसने अपना मोबाइल कान से लगाया।
“मामाजी को!” मेल्विन ने बताया, “मां सबसे पहले वहीं जाने का सोचेगी।”
तब तक सामने से कॉल रिसीव कर ली गई थी।
“हेलो मामाजी!” मेल्विन ने जल्दी से कहा, “मां आपके पास आई है क्या?”
“मेल्विन, मैं तुम्हें ही फोन करने जा रहा था। क्या हुआ है, दीदी कुछ बता ही नहीं रही हैं। डरी–डरी से हर 2 मिनट में बस पानी पी रही हैं।”
अपने मामा की बात सुनकर मेल्विन डर गया। वो बोला, “मामाजी, मां ठीक तो है न? मेरा मतलब उनके शरीर पर चोट का निशान या हाथापाई का कोई निशान तो नहीं है न?”
“नहीं मेल्विन, लेकिन तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो!” मामाजी ने फिर से सामने से सवाल किया, “कुछ बताओ तो सही।”
“मामाजी, मैं आपके पास आ रहा हूं। तब तक आप मां से कुछ मत पूछिए। मैं आकर बात करता हूं।” मेल्विन ने इतना कहकर कॉल कट कर दिया।
“मां, मामाजी के घर पर ही है। वो बहुत डरी हुई है। उनकी हाथापाई उन गुंडों से नहीं हुई है। लेकिन उनकी हालत ठीक नहीं है।” मेल्विन ने तुरंत मिस्टर कपूर को जानकारी देते हुए कहा।
“तुम्हारे मामा कहां रहते हैं। हम अभी वहां चलते हैं।” मिस्टर कपूर ने पूछा।
“वो थाने में रहते हैं।” मेल्विन ने कहा।
“तो फिर जल्दी करो। हमें ये भी जानना है कि उनके पास वो डायरी है या नहीं।” मिस्टर कपूर ने कहा, “तुमने अपने मामाजी से ये क्यों पूछा कि तुम्हारी मां के पास कोई डायरी है या नहीं?”
“मां डरी हुई और सदमे में है सर! मैं ये कैसे जांच–पड़ताल करवा सकता था कि उनके पास कोई डायरी है या नहीं। और क्या पता मां ये चाहती भी हो नहीं कि उस डायरी के बारे में मामाजी को पता चले।”
“हां, तुम्हारी बात भी सही है मेल्विन!” मिस्टर कपूर ने कहा, “अब चले।”
मेल्विन और मिस्टर कपूर वहां से ठाणे के लिए निकल चुके थे।
रास्ते में ही मेल्विन को रेबेका का कॉल आया।
“मेल्विन, कहां हो तुम?” रेबेका ने मेल्विन के कॉल पिक करते ही पूछा, “आज ऑफिस नहीं गए?”
“हेलो रेबेका! नहीं, आज ऑफिस नहीं गया मैं। दरअसल इस समय मैं पालघर में हूं। यहां से अब ठाणे जाने के लिए निकला हूं।” मेल्विन ने रेबेका को बताया।
“ठाणे! तुम ठाणे क्या करने जा रहे हो मेल्विन? और तुम पालघर कब पहुंच गए?” रेबेका सरप्राइज्ड थी।
“ये लंबी कहानी है रेबेका। मैं वापस आकर तुम्हें सब बताऊंगा। फिलहाल बस इतना जान लो कि मैं एक जरूरी काम से यहां आया हूं। मेरे साथ मिस्टर कपूर भी हैं।” मेल्विन ने जल्दी-जल्दी रेबेका को जानकारी देते हुए कहा।
“मां ठीक तो है न मेल्विन?” रेबेका को आशंका होने लगी थी, “क्या तुम मां की लिए पालघर गए हो?”
*यहां सब ठीक है रेबेका। तुम्हें घबराने की बिलकुल जरुरत नहीं है। मैं आकर तुम्हें सारी जानकारी डिटेल में दूंगा। अभी फोन रखता हूं। बाद में बात करूंगा।” मेल्विन ने इतना कह कर फोन कट कर दिया।
“वो तुम्हारी मां को लेकर इतना परेशान हो रही थी मेल्विन, तुमने उसे सब कुछ बता क्यों नहीं दिया?” मिस्टर कपूर ने पूछा।
इससे पहले कि मेल्विन कोई जवाब देता उसके फोन की रिंग फिर बज उठी थी। इस बार पीटर ने उसे कॉल किया था।
“इसलिए मैंने रेबेका को कोई जानकारी नहीं दी थी सर। अभी मेरे पास ऐसे ही न जाने कितने और कॉल आने वाले हैं। जिस बारे में मैं खुद पूरी तरह से नहीं जानता उसके बारे में मैं किसी को क्या जवाब दूं?” मेल्विन में इतना कहा तो मिस्टर कपूर ने उसकी बात समझते हुए हां में सिर हिला दिया।
“हां पीटर, कहो?” मेल्विन ने पीटर का फोन कॉल रिसीव करते हुए कहा।
“मेल्विन, आज कहां रह गए तुम?” पीटर ने पूछा, “मैं और रेबेका तुम्हें आज बहुत मिस कर रहे थे।”
“पीटर, मैं एक जरूरी काम से पालघर आया हूं।” मेल्विन ने बताया।
“पालघर, फिर से! आजकल तुम जल्दी-जल्दी अपने घर नहीं जाने लगे हो मेल्विन? वहां सब ठीक तो है न?” पीटर ने पूछा तो मेल्विन ने जवाब देते हुए कहा, “मैं वापस लौटकर तुम सबको डिटेल में सारी जानकारी दूंगा पीटर। अभी-अभी रेबेका का कॉल भी मेरे पास आया था।”
“ओह, अच्छा।” पीटर ने कहा, “मैं समझ गया। चलो फिर मैं कल तुम्हारा इंतजार करूंगा।”
“ओके पीटर।” मेल्विन ने इतना कहा और फोन कट कर दिया।
“देखा आपने सर, एक दिन मैं अपने दोस्तों से नहीं मिला तो मुझे कितने फोन कॉल आ रहे हैं। आप लोगों का सही रहता है। आप अपने असिस्टेंट को एक बार बोल देते हैं कि आज प्रेजेंट नहीं रहेंगे और फिर वो आपके सारे कॉल हैंडल कर लेता है। लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं होता सर। हमें सबको एक–एक करके बताना पड़ता है कि आज क्या हुआ, मैं क्यों नहीं आया।”
तभी मेल्विन के फोन की घंटी फिर बज उठी थी। इस बार फोन पर महेश था।
“हां महेश, वहां हॉस्पिटल में सब ठीक तो है न?” महेश ने कॉल किया तो सामने से मेल्विन ने उससे सवाल किया।
“हां मेल्विन। लड़की हुई है। यही जानकारी देने के लिए मैंने तुम्हें कॉल किया है।” महेश ने खुश होते हुए मेल्विन को जानकारी दी।
“ओहो, कंग्रॅजुलेशंस महेश। सच में मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं।” मेल्विन ने खुश होते हुए महेश से कहा, “चलो इतनी टेंशन में आखिर कुछ तो गुड न्यूज़ मिली।”
“टेंशन! कैसा टेंशन मेल्विन? तुम इस वक्त कहां हो?” महेश ने जल्दी से पूछा।
“मत पूछो महेश, मैं इस समय किस उलझन में फंसा हुआ हूं। मैं अपने घर पालघर आया हूं और इस समय मेरे साथ सर भी मौजूद है। उन्होंने ही मुझे यहां तक लिफ्ट दी है। आगे की जानकारी मैं तुमसे मिलने के बाद ही दे पाऊंगा महेश। फिलहाल तुम अपनी बीवी और बच्चे का ख्याल रखो। मिलने पर मैं तुमसे मिठाई जरूर खाऊंगा।”
“जरूर जरूर मेल्विन! ये भी कोई कहने की बात है। मैं खुद सामने से पेट भर कर मिठाई खिलाऊंगा। न सिर्फ तुम्हें, बल्कि पूरे ऑफिस को। अपना ख्याल रखना और जिस वजह से भी पालघर गए हो उसकी जानकारी मुझे बाद में जरूर देना। चलो मैं फिर बात करूंगा।” महेश ने इतना कहकर फोन कट कर दिया।
“महेश को बेटी हुई है?” मिस्टर कपूर ने मेल्विन से पूछा।
“जी सर। यही बताने के लिए उसने अभी कॉल किया था।” मेल्विन ने मिस्टर कपूर से कहा तो उनके चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई थी।
अगले कुछ मिनट में वे दोनों ठाणे पहुंच चुके थे।
कार सीधे मेल्विन के मामा के घर के बाहर जाकर रुकी थी। मेल्विन कार से लगभग कूदता हुआ बाहर निकाला और अपने मामा के घर के अंदर दाखिल हुआ।
“मां... मां, कहां हो तुम?” मेल्विन ने चिल्लाते हुए अपनी मां को बुलाया। उसके पीछे-पीछे मिस्टर कपूर भी घर के अंदर दाखिल हो चुके थे।
“आओ मेल्विन!” सामने से एक 55–60 साल का आदमी सीढ़ियों से उतरते हुए नीचे आ रहा था।
“मामा जी, मां कहाँ है?” मेल्विन ने फिर पूछा।
“तुम्हारी मां की तबीयत अचानक खराब हो गई थी मेल्विन। डॉक्टर उन्हें अभी-अभी देखकर वापस गया है। अभी इस समय वो सो रही हैं।” मेल्विन के मामा ने कहा। तब तक वहां पर एक औरत और शायद मामा जी का लड़का भी वहां आ गया था। जिसकी उम्र करीब 34–35 साल रही होगी।
“मेल्विन भाई साहब, बहुत सालों बाद आप यहां आए।” मामा के लड़के ने मेल्विन को देखकर खुश होते हुए कहा, “आज अगर बुआ यहां नहीं आती तो आप तो अपनी शक्ल भी नहीं दिखाते।”
मेल्विन इस समय टेंशन में था। उसने न अपने मामा की बात सुनी और न ही अपने ममेरे भाई की। उसने अपने मामा से फिर पूछा, “क्या मां ने आपको अपनी इस हालात के बारे में कुछ बताया?”
“नहीं मेल्विन। मैंने उससे बहुत पूछा लेकिन उसने कुछ भी नहीं बताया। फिर अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई तो मैंने डॉक्टर को बुला लिया। डॉक्टर ने एक इंजेक्शन दिया तो वो आराम से सो गई। डॉक्टर कह कर गए हैं कि अगले 10–12 घंटे तक तुम्हारी मां चुपचाप सोती रहेगी।” मामा ने डिटेल में जानकारी देते हुए मेल्विन को बताया।
“डॉक्टर ने उनके हालत के बारे में कुछ नहीं बताया?” मेल्विन ने पूछा तो मामा ने जवाब देते हुए कहा, “तुम्हारी मां सदमे में है मेल्विन। उसे किसी बात का बहुत बड़ा सदमा लगा है।”
“मामा जी, जब मां यहां आई थी तो क्या उनके हाथ में कोई सामान भी था?” मेल्विन ने डायरी के बारे में जानने के इरादे से पूछा, “या फिर वो खाली हाथ यहां आई थी?”
“समान! हां, एक छोटा सा बैग था तो उनके हाथ में। मैंने जब उन्हें देखा तो तो वो खाली हाथ ही थी। वो इतनी घबराई हुई थी कि मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया।”
मेल्विन ने जब अपने मामा के मुंह से ये सुन तो सोच में पड़ गया। उसे समझ में नहीं आया कि उसकी मां वो डायरी अपने साथ लेकर आई थी या नहीं। उसे ये भी डर लग रहा था कि कहीं वे गुंडे उसकी मां के हाथों से वो डायरी छीनकर भाग तो नहीं गए।
मिस्टर कपूर की नजर अब मेल्विन से मिली। उन्होंने भी आंखों ही आंखों में मेल्विन से यही सवाल किया था।
“क्या हमें यहां इंतजार करने के लिए रुकना पड़ेगा मेल्विन? या तुम कुछ करोगे?” मिस्टर कपूर ने मेल्विन से पूछा।
“अभी आप कह रहे थे न सर कि मां से बढ़कर कोई नहीं होता। अब हम मां के जगने का इंतजार करेंगे। मैं भी उनकी इस हालत की वजह जानना चाहता हूं। ये तो अब मां के जगने के बाद ही पता चल सकेगा। अगर आप यहां रुकना चाहे तो रुक सकते हैं सर। आपको कोई परेशानी तो नहीं होगी मामा जी?” मेल्विन ने अपने मामा से पूछा।
“नहीं मेल्विन, भला मुझे क्यों परेशानी होने लगी। तुम दोनों के रुकने का इंतजाम मैं गेस्ट रूम में करवाता हूं। सुरेश, इनके रुकने का इंतजाम करवा दो बेटा।” मामा जी ने अपनी बेटे सुरेश को आदेश देते हुए कहा।
क्या मेल्विन की मां के बैग में वो डायरी थी? या फिर मेल्विन का शक सही था और वो डायरी वही गुंडे छीनकर ले गए थे? क्या अब आखिरकार मेल्विन के पिता की कहानी से पर्दा उठ जाएगा? जानने के लिए पढिए कहानी का अगला भाग।
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