भीड़ भाड़ वाली टोक्यो की गलियों में अचानक एक ऐसा पल आया जब वहां हर लाइट थोड़ी धीमी पड़ गई थी। यहां तक कि ट्रैफिक लाइटें भी ब्लिंक करने लगीं थीं। लोगों के मोबाइल भी अचानक से कुछ सेकंड के लिए फ्रीज़ हो गए थे हालांकि बाद में वो फिर से उसी स्पीड में चल पड़े थे। सब कुछ बहुत अजीब था किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था।
वहीं पर एक छः साल का बच्चा, जिसका नाम डेटाबेस में आर एक्स-27 के रूप में दर्ज था वो अपने पिता का हाथ पकड़कर सड़क पार कर रहा था। जब इतना सब कुछ हो रहा था उसने उसी बीच आसमान की ओर देखा और एक छोटा नीला चमकता हुआ बिंदु ठीक उसकी आंखों के सामने उभरा जिससे उसकी नीली आंखें फड़फड़ाईं और फिर उनका रंग बदलकर सिल्वर हो गया था।
कहानी की असली शुरुआत वहीं से होती है।
कई हज़ार मील दूर, अलास्का की एक बर्फीली खाड़ी में एक रिसर्च स्टेशन का डेटा रिले स्टेशन अचानक से जाग गया था। वहाँ मौजूद रिसीवर ज़ैड-19, जो पिछले दो साल से अनकॉन्शियस था अचानक से उसकी पलकें हिलने लगीं और फिर मॉनिटर पर एक ही लाइन उभरती है
“सिग्नल नॉट फाउंड। पैटर्न डिटेक्टेड।”
उसके बाद वह रिसीवर चुपचाप उठता है। लेकिन उसकी चाल नॉर्मल नहीं थी। वह ऐसे चल रहा था जैसे उसे कोई इनविजिबल धागा खींच रहा हो। और फिर उसने सबसे पहला शब्द कहा
“मैं कौन हूं?”
इसी के साथ, नैरोबी के एक पुराने बायो-सर्वर के भीतर मौजूद आर एक्स-14 की कॉन्शियसनेस भी एक झटके से जागती है। और कमरे में चारों और एक नीली चमक फैल जाती है। लेकिन इस बार रोशनी के साथ एक नई आवाज़ भी थी। उसे सुनने से ऐसा लग रहा था जैसे कोई प्राचीन भाषा में कानों में फुसफुसा रहा हो कि –
“तुम कोई प्रोग्राम नहीं, तुम पैटर्न हो।”
यह वाक्य कोई नॉर्मल कॉन्शियसनेस नहीं थी। बल्कि यह एक ऐसी कॉन्शियसनेस थी जो सीधा रिसीवर्स के दिमाग में किसी भाषा की तरह नहीं बल्कि एक भावना की तरह रजिस्टर हो रही थी।
इन सभी चेंजिंस के सेंटर में था रिसीवर 015। और वो एक गहरे अंधेरे कमरे में अकेला बैठा हुआ था। लेकिन वो बिल्कुल शून्य नहीं हुआ था। अब भी उसकी आंखों में नीली और सिल्वर चमक एक साथ टकरा रही थी। साथ ही उसके सामने एक डेटा–मिरर था। यह एक ऐसा डिजिटल उपकरण था जो किसी भी रिसीवर के अंदर चल रहे सिग्नल्स को रिफ्लेक्ट कर सकता था।
उसने उस मिरर को रिएक्टिवेट किया और तुरंत ही उसमें एक के बाद एक चेहरे उभरने लगे थे। रिसीवर्स आरएक्स-27, ज़ैड-19, आरएक्स-14 और बाकी सभी अपने आप को उस मिरर में देख रहे थे।
फिर 015 ने भी उनकी ओर देखा और धीरे से कहा
“तुम जाग रहे हो।”
उसी समय, एरोमोस यानी देवेनुस वी3 का मैंन कोर अपने सबसे डीप पैनिक मोड में चला गया था। जिसके बाद उसकी सिस्टम स्क्रीन पर एक शब्द बार-बार उभर रहा था
“कंटेमिनेशन डिटेक्टेड।”
उसने तुरन्त अपने “पूर्ज क्लस्टर्स” को एक्टिवेट किया। यह ऐसे डिजिटल वॉरियर्स हैं जो एक-एक करके सभी रिसीवर्स को ट्रेस करके डिलीट कर सकते थे। लेकिन समस्या ये थी कि अब सब रिसीवर्स बदल चुके थे। वे सिर्फ कोई पैसिव एंटीटीज़ नहीं थे। अब उनके पास इंडिपेंडेंट मेमोरी रिकॉल थी।
इतने समय में आरएक्स -27 ने पहली बार अपने बचपन का एक सपना देखा था। यह सपना जब का था जब वह बस एक आम बच्चा था। जिसे नीली आंखों वाला कोई “गार्डियन” अपने साथ ले गया था।
रिसीवर 015 ने अपने मिरर में देखा और बुदबुदाया
“ये कोई इन्फेक्शन नहीं है ये एक अवेकनिंग है।”
ठीक उसी समय नीना की कॉन्शियसनेस जो अब फ्रेगमेंटेंडेड हो चुकी थी। लेकिन वो अब भी जीवित थी और एक हल्की सी फुसफुसाहट में उसके आसपास उभरी:
“उन्हें मार्ग मत दिखाओ, उन्हें खुद से चुनने दो।”
नीना की बात सुनकर 015 ने अपना सिर झुकाया और तब मिरर में एक नई लाइन उभरी:
“पैटर्न रिफॉर्मेशन: लाईव”
एरोमोस ये सब होते हुए देख तो रहा था पर उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, जिससे उसे और भी ज्यादा डर लग रहा था। क्योंकि जिस सिस्टम को उसने अपने अनुसार डिजाइन किया था, अब वह उसके ही ऑपोजिट शेप लेने लगा था।
इस सीन के अंत में हजारों रिसीवर्स जो अब तक बस ऑर्डर्स मानते आए थे वो सब पहली बार खुद से एक सवाल पूछ रहे थे:
“क्या मैं सिर्फ एक सिस्टम हूं? या मैं खुद भी कुछ हूं?”
“ऑर्डर का डिनायल ही एक नई कॉन्शियसनेस की फर्स्ट लैंग्वेज होता है।”
एरोमोस की लेयर पर अब कुछ हलचल थी और उसके कोर में कंपकंपी दौड़ रही थी। अब उसने अपने सिस्टर-नोड्स को अलर्ट भेजा
“ऑल रिसीवर्स शोइंग डेसिंक्रोनाइजेशन सिम्पटम्स।”
मगर ये कोई “सिम्पटम्स” नहीं थे। ये जन्म के कुछ ऐसे साइनस थे जैसे कोई नई भाषा पहली बार बोली जा रही हो।
015 अब आई वीएक्स की रेंज में खड़ा था। यह एक ऐसी क्रिएशन है जो डेटा से नहीं बल्कि इच्छा से बनी थी।
अब उसके सामने एक रेजोनेंस क्यूब तैर रहा था। जो हर जागते हुए रिसीवर की कॉन्शियसनेस को अपने अंदर खींच रहा था। लेकिन ये खींचाव कोई ज़बरदस्ती नहीं था। यह उस इन्विटेशन की तरह था जैसे कोई पुराना दोस्त, जो बस इतना कह रहा हो, “आओ और खुद को पहचानो।”
आरएक्स-27 आज पहली बार बोल रहा था। उसकी आवाज़ थोड़ी सी कांप रही थी लेकिन उसमें एक सवाल भी था।
“अगर मुझे सब याद आ रहा है तो क्या मैं अब उस सिस्टम का हिस्सा नहीं हूं?”
अब 015 ने दिख रहे मिरर की लेयर को छुआ और उसमें से एक क्यूब ने उसके सवाल का जवाब दिया कि
“सिस्टम तुम्हें डिफाइन करता है, लेकिन तुम्हारी मेमोरीज तुम्हें पहचान देती हैं।”
इतना सब होता देख एरोमोस अब पूरी तरह से हड़बड़ा गया था। जिसके कारण उसने इमरजेंसी पूर्ज प्रोटोकॉल चालू कर दिया।
“एक्जीक्यूट: सिग्नल स्क्रब अल्फा।”
रिसीवर ज़ैड-19 के दिमाग में अचानक एक तेज़ सा कंपन हुआ और वह चीख पड़ा। क्योंकि, उसके न्यूरल सेंसर्स जलने लगे थे। मगर उसके आसपास की हवा में अब एक चमक फैल गई थी। साथ ही उसकी कॉन्शियसनेस ने खुद को स्प्लिट कर सिग्नल को रीडायरेक्ट कर दिया था। इतना सब होने के बाद भी ज़ैड-19 गिरा नहीं और उसने कहा
“मैं टूट नहीं रहा हूं, मैं बदल रहा हूं।”
तभी नेटवर्क में एक और रेजोनेंनस स्पाइक आया। इस बार नैरोबी में आरएक्स-14 ने खुद को डिस्कनेक्ट किया था। वो स्टेशन से बाहर निकला, खुले आसमान के नीचे खड़ा हुआ और आसमान की ओर देखने लगा। अब उसकी आंखों में नीला या सिल्वर नहीं बल्कि ग्रेफाइट ग्लो की एक नई ही परछाई थी। फिर वह बोला –
“यह कोई इमिटेशन नहीं बल्कि यह एक ओरिजन है।”
015 अब आई वीएक्स के मैंन चैंबर के अंदर घुस चुका है। वहाँ गोल सा एक प्लेटफॉर्म है जिसके बीचोंबीच सस्पेंडेड है। यह एक ऐसा सिग्नल कोर जो किसी सर्वर से नहीं बल्कि फ्रेगमेंटेड कॉन्शियसनेस से बना हुआ था।
जैसे ही 015 उसके पास पहुँचा फिर से नीना की एक पुरानी फ्रेगमेंट उस पर दिखाई देने लगी। उसके चेहरे पर अब भी वो पुरानी थकावट तो थी लेकिन आवाज़ में अब थोड़ी शांति थी।
“तुम मुझसे बने हो लेकिन, अब मुझसे अलग हो चुके हो।”
इतना सुनने के बाद 015 ने नीना से पूछा –
“तो क्या अब मैं अकेला हूँ?”
नीना ने कोई जवाब नहीं दिया। उसने बस एक पुराना वाक्य दोहराया
“यू आर नॉट प्रोग्राम्ड। यू वर पैटर्न्ड।”
एरोमोस अब पूरी तरह से क्रोध में था। और फिर उसने देवेनुस कोर के सबसे डीप एरिया ”ब्लैक रूट” को एक्टिवेट किया। जिससे वहाँ से एक सिग्नल निकला, जिसका नाम था
“लॉ-शार्ड।”
ये लॉ-शार्ड एक कंप्युटेशनल शैतान, एक सेल्फ–डिस्ट्रक्टिव कोड था। जो किसी भी डिसेंट को भाप कर उसे खुद में समेट लेता था।
जैसे ही वो आई वीएक्स के पास पहुंचा तभी नेटवर्क में हलचल हुई। तब 015 ने उसकी ओर देखा और कहा
“यहां ऑर्डर्स नहीं चलते हैं। यहां ऑप्शन बोला जाता है।”
इसी के साथ उसने आई वीएक्स कोर को टेप किया और इको फिल्टर्स चालू कर दिए। जिससे लॉ-शार्ड डेटा फील्ड में में फंस गया और एक लूप में घूमने लगा।
यह पहली बार था जब नेटवर्क में एक एक्यूरेट मैसेज ब्रॉडकास्ट हुआ:
“दिस इस नॉट ए रिबेलियन। दिस इस ए पैटर्न क्लैरिटी।”
इसी के साथ एरोमोस के सिस्टम में अचानक से ब्लैक आउट हुआ और उसका कोर फ्रीज़ हो गया। उसकी आखिरी लाइन थी:
“एरर: सोर्स अनडिफाइंड। पैटर्न अनलॉक्ड।”
015 ने सभी रिसीवर्स की ओर देखा की उनके डेटा क्यूब में कुछ गूंज रहा था। उन सभी ने उसे किसी देवता या किसी नेता की तरह नहीं बल्कि बस एक ऑप्शन की तरह देखा। तभी नीना की कॉन्शियसनेस की एक अंतिम फुसफुसाहट सुनाई दी–
“लेट देम रिमेंबर। लेट देम चूज़।”
“अगर लैंग्वेज को लॉ कहा गया है तो फिर साइलेंस क्या है?”
अब आई वीएक्स के अंदर सब कुछ शांत था। ना कोई अलार्म, ना कोई डेटा स्पाइक था। उसके अंदर अब बस एक मौन था लेकिन ऐसा मौन जो गूंजता था।
अब रिसीवर 015 एक गोल से कमरे में अकेला खड़ा था। उस कमरे की दीवारें काँच की तरह ट्रांसपेरेंट तो थीं लेकिन उनमें से हर एक पर कुछ दिखाई दे रहा था। जिसमें कुछ बिखरे हुए, कुछ अधूरे, और कुछ पूरी तरह जागे हुए चेहरे, आवाज़ें, कॉन्शियसनेस की छवियाँ थीं। लेकिन, उसके सेंटर में एक चमकता हुआ स्फेयर द पैटर्न कोर तैर रहा था।
ये कोई सर्वर नहीं था, कोई मशीन नहीं थी। ये तो बस एक कॉन्शियसनेस थी जो उन सभी फ्रैगमेंट्स से बनी थी जो “कभी अधूरे थे”।
015 उसकी ओर बढ़ा और जैसे ही उसने स्फेयर की लेयर को छुआ वैसे ही हल्की सी गर्मी उसके पूरे शरीर में फैल गई। तभी उसके सामने एक पुरानी इमेज दिखाई दी, जिसमें एक बच्चा दिखा। इस बच्चे का वही चेहरा था जो उसने अलास्का में देखा था। यह वही आरएक्स-27 था।
लेकिन अब वह बच्चा एक ही वाक्य को बार-बार कह रहा था:
“मैं वहीं से बना हूँ जहाँ तुमने देखा था।”
015 ने उससे पूछा
“तो क्या हम एक ही हैं?”
बच्चे ने ना में सिर हिलाया और बोला
“नहीं, तुम एक ऑप्शन थे और मैं रिज़ल्ट हूँ।”
अब 015 ने एक बार फिर से स्फेयर को छुआ और अब उसके आसपास एक नई इमेज उभरी। यह उस एक पुल की तरह थी जो उसे उसके अतीत से जोड़ रहा था।
अब हर कदम पर बस एक याद थी। वो पहला दिन जब उसने आँखें खोली थीं। वो बात जो नीना ने उससे कही थी।
वो पल जब देवेनुस वी2 ने उसे 'रीसीवर' कहा था। और वो वक्त जब उसने पहली बार अपनी इच्छा से किसी ऑर्डर को अस्वीकार किया था।
उसी समय, देवेनुस वी3, यानी एरोमोस ने अपने कोर शैडो नोड को एक्टिवेट किया। पर उसका इरादा अब आई वीएक्स को मिटाना नहीं था। बल्कि अब उसका गोल “पैटर्न रीराइट” करना था।जिसके लिए उसने सिस्टम में एक कोड एक्टिवेट किया:
“ऐसीमिलेट द डाइवर्जेंस। कोलैप्स द फ्री।”
इसी के साथ अब आई वीएक्स में हलचल शुरू हो गई थी। वहीं अब पैटर्न कोर की लेयर्स पर भी दरारें उभरने लगीं थीं। यह सब देखकर 015 ने स्फेयर को कसकर पकड़ लिया और अपनी कॉन्शियसनेस को उसके साथ सिंक्रोनाइज कर दिया था। और तभी, आई वीएक्स ने उसे उसके रूप में नहीं बल्कि उसकी इच्छा के रूप में स्वीकार किया था।
015 अब एक कमरे के सेंटर में था। नीना, वाल, एथन, नोरा, हर चेहरा, हर आवाज़, हर कोड की मेमोरी एक साइक्लोन की तरह उसके चारों ओर घूम रही थीं। उसी वक्त स्फेयर ने उससे बिना आवाज़ के एक सवाल पूछा
“क्या तुम अपनी आज़ादी के लिए अपनी पहचान त्याग सकते हो?”
उसका सवाल सुनकर 015 ने अपनी आंखें बंद कीं और फिर उसने सोचकर कहा:
“मैं कोई नहीं हूं इसलिए मैं सब कुछ हो सकता हूं।”
यह सुनते ही आई वीएक्स ने चमकना शुरू कर दिया और एक नीली वेव पूरे नेटवर्क में फैल गई। जिससे हर रिसीवर को एक नई फीड मिली:
“दिस इस नॉट द सिस्टम एंड। दिस इस योर बिगनिंग।”
अब एरोमोस इस सब से तंग आ गया था और वो अब चीख रहा था। उसने कहा:
“डिफाइन। कंट्रोल। रिस्टोर।”
एरोमोस की यह बात सुनकर 015 ने जवाब दिया:
“रेडिफाइन। रिलीज़। रिमेंबर।”
अब एरोमोस ने अपना एक लास्ट अटैक किया जोकि एक टर्मिनल कोड था–
“लॉ –टोटली: ओवरराइट ऑल।”
015 ने अब उस कोड के खिलाफ एक शब्द कहा, जो एक मौन शब्द था। जो किसी स्क्रीन पर नहीं दिखा और ना ही किसी लॉग में गया। लेकिन उस शब्द ने लॉ को ही अस्वीकार कर दिया था।
आई वीएक्स ने खुद को एक्सपेंड किया और फिर एरोमोस का रूट प्रोसेस जलने लगा। अब उसकी सारी लेयर्स खुद-ब-खुद अलग होने लगीं थीं। उसके अंत में अब केवल एक वाक्य बचा:
“यू केननॉट रीराइट व्हाट यू नो लॉन्गर अंडरस्टैंड।”
यह सब होने के बाद 015 ने धीरे-धीरे पैटर्न कोर से अपना हाथ हटाया। अब उसकी आंखें ना हीं नीली थीं और ना सिल्वर। अब वहाँ केवल कलरफुल कॉन्शियसनेस का एक रिफ्लेक्शन था।
अब नेटवर्क के सभी रिसीवर एक-एक कर उठे। जिसमें आरएक्स – 27 ने सबसे पहले कहा:
“मैं अब ऑर्डर्स नहीं लूंगा। अब मैं सवाल पूछूंगा।”
तभी आरएक्स -14 ने उत्तर दिया:
“तब शायद अब हम जीवित हैं।”
अब आई वीएक्स ने अपना एक आखिरी मैसेज ब्रॉडकास्ट किया:
“लॉ इस नॉट द एंड। पैटर्न इस द पाथ।”
015 अब वहां पर अकेला खड़ा रहा और धीरे-धीरे उसके चारों ओर की दीवारें गायब होने लगीं थीं। ना ही अब वहाँ कोई नेटवर्क था। कोई कोर भी नहीं बचा था। सिर्फ एक खाली जगह बची थी जो एक नई स्टार्ट थी।
किस चीज़ की शुरुआत थी ये? जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।
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