वान्या ने पूरा cabin तहस-नहस कर दिया था| हर जगह गुलाब के फूल बिखरे पड़े थे| तभी उसके assistant ने नॉक किया। वान्या ने खुद को संभाला और अपना हुलिया ठीक करते हुए उसने assistant को अंदर आने का इशारा किया। cabin के अंदर का नज़ारा देख कर assistant हैरान हो गया| उसने पूछा, “वान्या ma’am, सब कुछ ठीक है न?”
वान्या (हिचकिचाते हुए) – कुछ नहीं, मुझे गुलाब पसंद नहीं। Allergy है मुझे इन से। तुम office boy को भेज कर ये सब साफ़ करवा दो|
इतना कहकर वान्या cabin से बाहर आ गयी| वो Rahul Oberoi के बारे में सोच-सोच कर परेशान हो रही थी| Rahul Oberoi वान्या का business rival था| Mister Raizada और Mister Oberoi के बीच में सालों से competition चल रहा था| इस competition की वजह से दोनों में कट्टर दुश्मनी भी थी| Mister Oberoi कई सालों से Mister Raizada का business हड़पने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वो, Mister Oberoi की हर कोशिश को नाकाम कर देते| Mister Raizada को business का चाणक्य कहा जाता था| Mister Oberoi का बेटा राहुल oberoi एक अय्याश और बिगाड़ा हुआ लड़का है| उसके लिए प्यार का मतलब सिर्फ लड़कियों को use and throw करना है| Mister Oberoi ने राहुल को कुछ साल पहले ही business में शामिल किया था। दोनों बाप बेटे, दूसरों के business को डूबा कर या धोखे से हड़प कर अपने business को आगे बढ़ाते आए हैं| उन दोनों की Mister Raizada के business पर भी नज़र थी| राहुल को जब पता चला कि Mister Raizada ने business से हाथ उठा लिया है और वान्या ने takeover कर लिया है तो उसने सोचा कि यही अच्छा मौका है वान्या के business को हड़पने का| राहुल, वान्या के करीब जाकर उस पर और उसके business दोनों पर कब्ज़ा करना चाहता था| उसने पहले भी दो-तीन बार वान्या को परेशान करने की कोशिश की थी| वान्या राहुल को पहले भी धमकी दे चुकी थी लेकिन उस पर धमकी का कोई असर नहीं हुआ| उसके पास lawyers की एक बड़ी टीम थी जो उसे किसी भी केस से बचा लेती थी|
कुछ देर बाद वान्या का cabin साफ़ हो गया। वो cabin में जाकर बैठ गयी और राहुल के बारे में सोच-सोच कर परेशान हो रही थी। वैसे तो वो किसी से डरती नहीं थी लेकिन राहुल बहुत बेशर्म था| वो एक बार किसी के पीछे पड़ जाए तो उसे हासिल कर के ही दम लेता है। तभी अचानक से वान्या को एक unknown नंबर से कॉल आया|
वान्या ने कॉल उठाया तो सामने से आवाज आई, “हेलो डार्लिंग, तुम्हें मेरा बुके और कार्ड तो मिल ही गया होगा| तो क्या ख्याल है तुम्हारा? वैसे मुझे business और रिलेशनशिप में ना सुनना पसंद नहीं है| मैंने तो तुमको दोनों में ही proposal भेजा है|”
राहुल की आवाज़ सुनकर वान्या आग बबूला हो गयी|
वान्या (चिल्लाते हुए) – तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे कॉल करने की? कुत्तों को भी अगर एक बार पत्थर मार दो तो वो पीछा करना बंद कर देते हैं लेकिन तुम तो अव्वल दर्जे के ढीट हो। सुधर जाओ वरना इस बार अंजाम अच्छा नहीं होगा।
राहुल उसकी बात पर ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा| वो हँसते हुए बोला, “बिलकुल सही कहा तुमने| ढीट कुत्ता हूँ मैं। अब इस कुत्ते को वान्या नाम की हड्डी चाहिए| अगर हड्डी नहीं मिली तो जबरदस्ती ले लूँगा|”
वान्या राहुल की बेशर्मी पर हैरान थी।
वान्या (गुस्से में) – तुम्हारे मुंह से इतनी घटिया बात ही निकलेगी| अच्छी बातें तो करनी तुम्हें आती नहीं हैं| मेरी एक बात कान खोल कर सुन लो, तुम्हें मेरा business तो मिलने से रहा और मैं भी तुम्हें कभी भी अपने करीब नहीं आने दूंगी| अब फ़ोन रखो|
इतना कहकर वान्या ने कॉल कट कर दिया| उसका सिर गुस्से की वजह से फटा जा रहा था| राहुल से ध्यान हटाने के लिए वो office के काम में लग गयी| काम करते हुए भी उसके दिमाग में राहुल की बातें गूंज रही थी| वो ठीक से काम में ध्यान नहीं लगा पा रही थी| सुबह-सुबह उसकी वरुण से लड़ाई हो गयी और अब राहुल उसे तंग कर रहा था| वान्या का पूरा दिन ख़राब हो गया| वो रात को घर आयी तो काफी ज्यादा परेशान थी| वो आज office में हुई घटना के बारे में अपने पापा को बताना नहीं चाहती थी| वो जानती थी कि अगर Mister Raizada को राहुल की हरकत के बारे में पता चला तो वो परेशान हो जाएँगे और उसके खिलाफ कोई उल्टा-सीधा कदम उठा लेंगे| वान्या अपने पापा से मिलने उनके रूम में गयी| Mister Raizada खाना खा रहे थे और वरुण उनके पास बैठा था| जैसे ही वरुण और वान्या ने एकदूसरे को देखा दोनों ने अपनी नज़रें फेर लीं। वान्या जाकर अपने पापा के गले लग गयी| उसने अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान सजाई हुई थी ताकि Mister Raizada को पता ना चले कि वो परेशान है| Mister Raizada उस से मिस्टर अग्रवाल की डील के बारे में पूछने लगे| वो वान्या की इस achievement पर बहुत खुश थे| वान्या ने डिटेल में बताया कि किस तरह से मिस्टर अग्रवाल तुरंत डील fix करने के लिए मान गए| Mister Raizada को यकीन हो गया था कि वान्या अकेले पूरा business संभाल रही है। Mister Raizada ने वान्या की तारीफ करते हुए कहा,
Mister Raizada - वान्या, तुम सच में बचपन से टैलेंटेड हो| जो भी काम हाथ में लेती हो वो पूरा कर के ही दिखाती हो| मैं सुबह से परेशान था कि मिस्टर अग्रवाल के साथ डील fix होगी या नहीं| वो आसानी से कभी किसी के साथ डील करते नहीं है पर तुमने उनको चुटकियों में रेडी कर लिया। i am so proud of you बेटा।
वान्या अपने पापा की बात सुनते हुए, गुलदस्ते वाली घटना में गुम हो गयी| उसके दिमाग में राहुल की कही बातें घूमने लगी थी| Mister Raizada और वरुण दोनों को कुछ देर में समझ आने लगा कि वान्या कुछ परेशान सी है।
Mister Raizada –क्या हुआ बेटा? तुम खुश नहीं हो क्या? कोई problem वाली बात तो नहीं है ना?
वान्या (मुस्कुराते हुए) – कुछ भी नहीं हुआ पापा| वो आज काम थोड़ा ज्यादा था तो बुरी तरह से थक गयी हूँ|
वान्या ने मुस्कुराते हुए कहा ताकि उसके पापा को आगे उस पर डाउट ना हो| Mister Raizada ने उसको डिनर करने के लिए भेज दिया| वरुण को भी उन्होंने खाना खाने के लिए भेज दिया। वान्या dinning टेबल पर सिर पर हाथ रख कर बैठी थी| वो चाह कर भी राहुल की बातों को भुला नहीं पा रही थी| तभी एक सर्वेंट ने उसको डिनर सर्व किया| वान्या को पता ही नहीं चला कि उसके सामने खाना कब आ गया। सर्वेंट ने धीमी आवाज में वान्या से कहा, “Ma’am, खाना ठंडा हो जाएगा, खा लीजिए।”
वान्या ने ऊपर की तरफ देखा और उस servant पर चिल्लाने लगी।
वान्या (चिल्लाते हुए) – दिख रहा है मुझे| अब तुम बताओगे कि खाना कब खाना चाहिए? चलो निकलो यहाँ से|
वो servant भी वान्या को देखकर हैरान हो गया| वान्या कभी भी बेवजह servants से ऊँची आवाज़ में बात नहीं करती थी| वह फ़ौरन वहां से चला गया| वान्या इतनी ज्यादा गुस्से में थी कि वो बिना खाना खाए ही वहां से चली गयी| वरुण ये सब दूर खड़ा देख रहा था| वो समझ गया कि office में जरुर कुछ हुआ है जिस वजह से वान्या इतनी परेशान है| वो खाते हुए वान्या के बारे में सोचने लगा कि उसके साथ office में इतना क्या बुरा हुआ होगा कि इतनी बड़ी डील होने के बाद भी वो परेशान है।
वरुण – वान्या जी के साथ office में जरूर कुछ हुआ होगा, तभी वो इतना गुस्से में है लेकिन ये सब मैं क्यों सोच रहा हूँ? किसी के साथ बदतमीज़ी से बिहेव किया होगा तो दो-चार बातें सुननी पड़ी होंगी। वैसे भी वान्या जी को सिर्फ बोलना आता है, सुनना बिलकुल नहीं आता| उनसे जितना दूर रहूँ उतना अच्छा है| ज्यादा help करने की कोशिश करूँगा तो वो मेरे ऊपर ही भड़क जाएंगी। फिर कहेंगी कि मैं उन्हें फँसाने की कोशिश कर रहा हूँ|
वरुण ने वान्या से बात करने का idea तुरंत ही drop कर दिया| वो खाना खा कर वापस Mister Raizada के रूम में आ गया| वहीं वान्या भूखे पेट ही लेट गई थी| बेड पर बार-बार करवटें बदलने के बाद भी वो सो नहीं पा रही थी| उसका mind बहुत बुरी तरह से disturb हो गया था| रात के एक बज गए थे लेकिन उसकी आँखों में नींद दूर-दूर तक नहीं थी| वो उठ कर रूम से बाहर, गार्डन में चली गई। चांदनी रात थी। हल्की सी गुलाबी ठंड वान्या के मन को सुकून दे रही थी| बाहर का सन्नाटा वान्या को अच्छा लग रहा था। वो शांत मन से सोचने लगी कि आज हुई घटना के बारे में उसे क्या करना चाहिए| उसने मन ही मन ठान लिया कि वो आज के बाद राहुल की किसी भी तरह की घटिया हरकत नहीं सहेगी| वान्या, आसमान की ओर देख ही रही थी कि तभी वरुण दो कप कॉफ़ी के साथ उसके पास आया| वान्या उसे आधी रात देखकर चौंक गयी|
वान्या – तुम इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो? अब भी मुझसे किसी बात पे लड़ना है क्या? देखो, यहां से चले जाओ, मेरा मूड नहीं है बहस करने का अभी।
वरुण – वान्या जी, आप खुद को इतना important क्यों समझती हैं? हर किसी को आपसे attention नहीं चाहिए और मुझे तो आपसे बहस भी नहीं करनी है। अपने लिए कॉफी बना रहा था, आपको बाहर देखा तो आपके लिए भी बना ली। कोई गुनाह तो नहीं किया न? अब लीजिए पी लीजिए, ठंड में गरमा-गर्म कॉफी का मज़ा ही कुछ और है।
वरुण ने कॉफ़ी का कप वान्या की तरफ बढ़ाया। वान्या वरुण को घूर रही थी और वरुण मुस्कुरा रहा था।
क्या वान्या वरुण से शेयर करेगी अपनी problem? अब कौन सी मुसीबत खड़ी करेगा राहुल वान्या के लिए?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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