ग़लत-फहमियाँ लोगों की सोचने समझने की शक्ति को बर्बाद कर देती हैं। ऐसा ही कुछ वरुण और वान्या के साथ भी हो रहा था। वान्या ने वरुण के लाए gift पर सवाल खड़े कर दिए, उसकी निय्यत पर शक किया और वरुण को बुरा भला कहा। वहीं, वरुण ने भी अपमान का घूंट पिया और वहाँ से जाने लगा। तभी Mister Raizada ने उसको रोकते हुए कहा,
Mister Raizada – रुक जाओ वरुण, तुम मेरे साथ मेरे रूम में चलो| तुमसे कुछ बात करनी है|
वरुण (नाराज़गी के साथ)– नहीं सर, अब कुछ भी बोलने के लिए बाकी नहीं रह गया है| वान्या जी ने बहुत बोल दिया| आज से पहले किसी ने भी मेरी इतनी insult नहीं की थी। इनको लगता है गरीब को कुछ भी बोल दोगे तो वो चुपचाप सुन लेगा लेकिन मैं उन लोगों में से नहीं हूँ| बेवजह मैं किसी की भी ऊँची आवाज़ बर्दाश्त नहीं करता।
वान्या, वरुण की इस बात का भी जवाब देने जा रही थी कि तभी Mister Raizada ने उसको रुकने का इशारा किया। Mister Raizada ने फिर वरुण का हाथ पकड़ा और कहा,
Mister Raizada (प्यार से) – बेटा, तुम मेरी इज्जत करते हो ना? तो एक बार मेरे साथ रूम में चलो| मुझे तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है| फिर तुम अपना फ़ैसला लेने के लिए आज़ाद हो| अगर तुम यहाँ काम नहीं करना चाहते तो कोई बात नहीं, मैं तुम्हें एक बार भी नहीं रोकूँगा। बस एक बार मेरी बात मानकर मेरे साथ चलो|
वरुण उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गया| वो Mister Raizada की व्हीलचेयर को पकड़ कर उनके साथ रूम में गया| वान्या उसे गुस्से में जाते हुए देख रही थी| वरुण ने उनको व्हीलचेयर से उठा कर बेड पर बैठने में हेल्प की|
Mister Raizada – मैं तुम दोनों की बात सुनकर समझ गया कि तुम दोनों को कोई ग़लत-फ़हमी हुई है| पूरी बात क्या है मुझे बताओ|
वरुण ने उनको पूरी कहानी सुनाई। Mister Raizada उसकी बात सुनकर हंसने लगे| वरुण को समझ नहीं आया कि वो हँस क्यों रहे हैं?
Mister Raizada – एक छोटी सी बात का बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया| वान्या ने तुमको गलत समझ लिया और वो गुस्सा हो गयी| हालाँकि मैं समझता हूँ कि उसका इस तरह से बर्ताव करना गलत था पर अब तक तो तुम्हें समझ आ गया होगा न कि वो ऐसी ही है| वो लड़कों से बहुत चिढ़ती है| जब भी कोई लड़का गलत करता है तो तलवार लेकर खड़ी हो जाती है लेकिन वो दिल की बुरी नहीं है| उसका मन बहुत साफ़ है| देखा नहीं कैसे जब उसे अपनी friend की सच्चाई के बारे में पता चला तो झट से तुम्हारे घर माफ़ी मांगने पहुँच गयी| वो अगर सच में बुरी होती और उसमें ego होता तो अपनी गलती का एहसास होने के बाद भी, वो तुमसे कभी माफ़ी नहीं मांगती|
Mister Raizada की बात ने वरुण को सोचने पर मजबूर कर दिया| अब उसे भी लग रहा था कि वान्या को ग़लत-फ़हमी हो गयी थी जिस वजह से वो उसपर चिल्ला रही थी| हालाँकि वरुण के कानों में वान्या की कड़वी बातें अब भी गूंज रही थी| वो अपने अपमान के बदले वान्या को माफ़ नहीं कर सकता था| उसने Mister Raizada से कहा,
वरुण – चलिए मान लेता हूँ आप की बात बिलकुल सही है लेकिन क्या गारंटी है कि वान्या जी आगे जाकर मुझे इस तरह से बेइज्जत नहीं करेंगी? उन्हें दोबारा ग़लतफहमी होगी और वो दोबारा सब के सामने मुझे बुरा-भला कह देंगी। Sorry सर, लेकिन मैं इस माहौल में काम नहीं कर सकता जहाँ मेरी कोई value ही ना हो|
Mister Raizada – मैं हूँ ना| वान्या अगर कभी भी तुमसे बदतमीज़ी करेगी तो मैं उसे रोकूंगा| वो जानबूझ कर ऐसा नहीं करती है| उसके साथ पास्ट में एक बहुत बड़ा हादसा हुआ था जिसकी वजह से वो इतने गुस्से में रहती है| वो उस हादसे से उभर नहीं पा रही है|
वरुण Mister Raizada की बात हैरानी के साथ सुन रहा था| वो सोचने लगा कि वान्या का ऐसा कौन सा पास्ट है जिस वजह से उसे इतना ज्यादा गुस्सा आता है| उसने Mister Raizada से पूछा,
वरुण – पास्ट? कैसा पास्ट सर?
Mister Raizada बताने ही जा रहे थे तभी वान्या रूम में आ गयी| वो वरुण पर गुस्सा होते हुए बोली,
वान्या (डांटते हुए) – ज़रा सी भी शर्म नहीं आती ना, किसी के पास्ट के बारे में पूछ कर? सुनकर मज़ा आएगा न कि मेरे साथ क्या हुआ था ताकि अगली बार उसको अपना हथियार बना सको और मुझे नीचा दिखा सको, हैं न? दूसरों की ज़िन्दगी में टांग अड़ाना बंद करो और अपना काम करो| पापा की दवाई का टाइम हो गया है इस बारे में तो तुम्हें पता ही नहीं होगा|
Mister Raizada – वान्या, अब बहुत हो रहा है| मैं ही उसे तुम्हारे पास्ट के बारे में बता रहा था| उसे पता चलना चाहिए तुम्हारे इस बर्ताव के पीछे वजह क्या है| दवाई लेने में अभी दस मिनट का टाइम बाकी है|
वरुण कुछ बोलता उस से पहले ही Mister Raizada ने वान्या को रोक दिया| वान्या को अपने पापा का बर्ताव अच्छा नहीं लगा| वो अपने पापा से नाराज़ होकर बोली,
वान्या (नाराज़ होकर) – आप उसे मेरे पास्ट के बारे में क्यों बता रहे है? मैंने आप को मना किया था और आप किसी भी ऐरे-गैरे लड़के को मेरी प्राइवेट लाइफ के बारे में बता रहे हो|आप ऐसा नहीं कर सकते पापा। मुझे आप से ये उम्मीद नहीं थी।
वरुण (तंज कसते हुए) – मुझे भी लोगों का पास्ट जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है| लोग एक बार ठोकर खाकर गिर क्या जाते हैं, उन्हें लगने लगता है कि दुनिया का सारा दुख वही झेल रहे हैं। जिस दिन असली दुनिया देखोगे उस दिन पता चलेगा कि बाकी लोग हमसे भी ज्यादा तकलीफ में है|
वरुण ने वान्या पर तंज कसते हुए कहा| वान्या उसकी बात सुनकर गुस्से से लाल हो गयी| Mister Raizada ने भांप लिया कि उन दोनों के बीच में दोबारा लड़ाई होने वाली है| वान्या कुछ बोलती उस से पहले ही Mister Raizada बोल पड़े,
Mister Raizada – वान्या, तुम्हें office नहीं जाना है? तुम्हारा assistant बता रहा था कि आज अग्रवाल जी से मीटिंग है| टाइम पर office पहुँच जाओ, अग्रवाल जी को वेट करना पसंद नहीं है| ये लंदन वाली डील है, हमारे हाथ से जानी नहीं चाहिए।
वान्या – उसी से related आप से बात करने आयी थी लेकिन आपको तो इस caretaker को priority देनी है। खैर, ये देखिए ppt.. सही लग रही है तो काम आगे बढ़वाऊँ।
वान्या अपने laptop में presentation दिखाने लगी| Mister Raizada ने उसकी presentation को okay कर दिया| कुछ देर बाद वान्या office के लिए चली गयी| Mister Raizada ने राहत की सांस ली और सोचने लगे कि उन्होंने सही टाइम पर बात पलट दी वरना वान्या और वरुण के बीच एक बार फिर से लड़ाई शुरू हो जाती| वरुण का मन वान्या को और भी सुनाना चाहता था लेकिन Mister Raizada की वजह से वो चुप रहा| वो मन ही मन बोलने लगा,
वरुण – कितनी बदतमीज़ लड़की है| ढंग से बात करना तो जानती ही नहीं है। किसी की सुननी नहीं है, बस अपने मन की बोलनी है इसे। ज़िन्दगी में चार पैसे क्या देख लिए हैं, इन्हें लगने लगता है कि पूरी दुनिया इनके क़दमों में गिर जाएगी| इस लड़की को तो मैं सीधा कर के दिखाऊँगा|
फिर वरुण Mister Raizada के देखभाल में लग गया। दूसरी तरफ वान्या office पहुँच गई। कुछ ही देर में उसकी मिस्टर अग्रवाल से मीटिंग भी शुरू हो गई। मिस्टर अग्रवाल वान्या की presentation से इतने impress हो गए कि उन्होंने वान्या के साथ डील fix कर दी| वान्या बहुत खुश थी| वो काफी दिनों से दिन रात एक कर के इस डील के लिए मेहनत कर रही थी और आखिरकार डील फाइनल हो गयी! सुबह से उसका मूड ख़राब था लेकिन ऑफिस आने के बाद उसका मूड भी ठीक हो गया। वो अपने केबिन में बैठी, फोन पर भूमिका को अपने दिन के बारे में बताने लगी| भूमिका भी उसकी बात सुनकर वरुण से चिढ़ गयी| तभी किसी ने cabin का डोर नॉक किया| वान्या ने अंदर आने के लिए कहा| office का peon केबिन में आया और बोला, “मैम, आप के नाम पर एक गुलदस्ता आया है|”
वान्या सोचने लगी कि उसके लिए गुलदस्ता किसने भेजा? आज ना ही उसका बर्थडे था और ना ही कोई त्यौहार| उसकी लाइफ में सिर्फ उसके पापा ही थे जो उस से प्यार करते थे और उसका ध्यान रखते थे| वान्या को लगा कि शायद उसके पापा ने उसका गुस्सा शांत करने के लिए उसे गुलदस्ता भेजा हो| उसने फ़ौरन अपने पापा को कॉल कर के गुलदस्ते के बारे में पूछा,
वान्या – पापा, आप ने कोई बुके भेजा है क्या मेरे लिए?
Mister Raizada – नहीं बेटा, मैंने तो कोई बुके नहीं भेजा है| वैसे, जिसने भी भेजा हो, अब तुम office में किसी पे गुस्सा मत उतार देना।
वान्या ने फिर बात घुमाया दी और अपने पापा को डील fix होने की news दी| Mister Raizada भी डील okay होने की खबर सुनकर खुश हो गए| कॉल कट करने के बाद वान्या गुलदस्ते के बारे में सोचने लगी| वो अपने cabin के बाहर आयी तो reception पर गुलाब के फूलों का बड़ा सा गुलदस्ता रखा था| तभी उसे ख्याल आया कि ये गुलदस्ता मिस्टर अग्रवाल ने डील फिक्स होने की ख़ुशी में भेजा होगा| उसने गुलदस्ता हाथ में लिया और गुलाब के फूलों की खुशबु सूंघने लगी| गुलाब की खुशबु पूरे office में महक रही थी| वान्या ने देखा कि गुलदस्ते में एक envelope भी था| उसने सोचा कि शायद मिस्टर अग्रवाल ने ग्रीटिंग कार्ड भी भेजा होगा| वो गुलदस्ता अपने केबिन में ले गयी| उसने envelope खोला और कार्ड बाहर निकालकर पढ़ने लगी,
“Hello, मिस वान्या रायज़ादा| i hope तुम बेहतरीन होगी। सुना है तुमने अपने पापा का पूरा business takeover कर लिया और उन्हें retire कर दिया| वैसे भी मैं कई सालों से तुम्हारे साथ business relationship बढ़ाना चाहता था लेकिन तुम्हारे पापा रास्ते का कांटा बने हुए थे| मुझे उम्मीद है कि तुम मेरे इस ऑफर को accept करोगी। तुम्हें अगर business relationship नहीं करनी तो हम दोनों आपस में कोई और रिश्ता भी बना सकते हैं। फिर तुम एक साथ Raizada group और Oberoi industries पर राज करोगी| वैसे मैं तुम्हें अपना नाम तो बताना ही भूल गया| मैं हूँ तुम्हारा आशिक- Rahul Oberoi.”
कार्ड पढ़ कर वान्या की आँखों में तुरंत गुस्सा उतर आया! उसने तुरंत कार्ड फाड़ दिया और गुलदस्ते के सारे फूल तोड़ दिए| वो cabin में सारे फूल यहाँ से वहां फेंकने लगी और जोरों से चीखने लगी| Rahul Oberoi का नाम पढ़ कर वान्या गुस्से में पागल हो गयी थी| Office में मौजूद सभी लोग वान्या की आवाज़ सुन रहे थे लेकिन चीखने की वजह पूछने की हिम्मत किसी को नहीं हो रही थी।
कौन था Rahul Oberoi, जिसके नाम से ही वान्या गुस्से में आ गयी? वान्या के साथ पास्ट में कौन सा हादसा हुआ था?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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