वरुण का गुस्सा ठंडा पड़ गया था| सुनीता ने उसको वापस Job पर जाने के लिए मना लिया था| सुनीता को वान्या का यूं निराश होकर घर से लौटना पसंद नहीं आया| इसलिए उसने decide किया कि वो वान्या को वरुण के हाथों एक अच्छा सा gift भिजवाएगी लेकिन इसके लिए वरुण ने मना कर दिया। भले ही वान्या ने उस से माफ़ी मांगी थी लेकिन उसका गुस्सा अभी तक कम नहीं हुआ था| वो सिर्फ अपनी माँ के कहने पर और Mister Raizada के लिए वापस काम शुरू करने वाला था। सुनीता ने फिर ब्रह्मास्त्र चलाया और वरुण को gift ले जाने के लिए अपनी कसम दे दी। वरुण को मजबूरन मानना पड़ा। अगले दिन वो gift लेकर वान्या के घर पहुंचा| उस ने हॉल में पहुँच कर वान्या को आवाज़ लगायी लेकिन वो घर पर नहीं थी। वरुण सीधा Mister Raizada के पास गया| Mister Raizada अपनी कंपनी के manager के साथ अपने room में meeting कर रहे थे| वैसे उन्होंने company का सारा भार वान्या को सौंप दिया था और इस वजह से वान्या पर काम का pressure बहुत बढ़ गया था| वान्या के कंधे से काम का बोझ कम करने के लिए Mister Raizada छोटा-मोटा काम खुद ही घर से सँभालने लगे थे| जैसे ही वरुण उनके रूम में गया Mister Raizada उसे देखकर बहुत खुश हुए।
Mister Raizada (ख़ुशी से) – वरुण, तुम आ गए| मैं बता नहीं सकता, तुम्हें देख कर मुझे कितनी ख़ुशी हो रही है| आ जाओ मेरे पास बैठो| मुझे तो लग रहा था कि तुम वापस आओगे ही नहीं|
वरुण मुस्कुराते हुए Mister Raizada के पास गया और उनके पैर छू कर उनके पास ही बैठ गया। उन्होंने वरुण और manager का एक दूसरे से introduction करवाया| वरुण Mister Raizada के dedication को देखकर impress हो गया| वो उनकी तारीफ करते हुए बोला,
वरुण (तारीफ करते हुए) – सर, आप घर से भी company का काम कर रहे हैं? अब समझ आया कि आपकी success का राज़ क्या है.. आदमी हमेशा अपनी मेहनत की वजह से ही आगे बढ़ पाता है। आपकी जगह और कोई होता तो किस्मत को बुरा भला कह कर हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता लेकिन आप ने मेहनत करना चुना।
Mister Raizada (हँसते हुए) – अब बस भी करो| इतना तो मैंने किया भी नहीं है जितनी तुमने तारीफ कर दी| business को अभी भी वान्या ही संभाल रही है| मैं छोटी-मोटी हेल्प कर देता हूँ| वैसे भी घर में बैठे-बैठे बोर हो रहा था तो सोचा थोड़ा काम ही कर लूँ| खैर वरुण, तुम थोड़ा रुको। मैं जल्दी से meeting ख़त्म कर लेता हूँ|
वरुण, समझ गया कि Mister Raizada को अभी उनके काम पर फोकस करना है, इसलिए वो रूम से बाहर आ गया और बाहर ही टहलने लगा। उसने पहले कभी Mister Raizada का पूरा घर नहीं देखा था| वो घर का हर एक कोना देखने लगा| वरुण घर देखते हुए सोचने लगा कि उस में और वान्या में जमीन आसमान का फर्क है| तभी अचानक से वान्या उसके सामने आकार खड़ी हो गयी| वरुण अपने सामने वान्या को देखकर एक पल के लिए सकपका गया| वहीं वान्या उसको अपने घर में देखकर दंग रह गयी| कल शाम को वरुण के साथ हुए झगड़े के बाद उसने उम्मीद छोड़ दी थी कि वरुण वापस भी आएगा|
वान्या (हैरानी के साथ) – वरुण तुम? तुम यहां क्या कर रहे हो? तुमने तो कल वापस आने के लिए मना कर दिया था तो फिर अचानक क्या हो गया?
वरुण (softly) – आप के जाने के बाद माँ ने मुझे समझाया कि मुझे अपने काम से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। आप को आप की गलती का पछतावा है, इसलिए मुझे भी बातों को भूल कर आगे बढ़ना चाहिए| माँ कह रही थी कि इस दुनिया में सब से मुश्किल काम माफ़ी मांगना है| तो जो भी माफ़ी मांगता है उसे कभी भी ego नहीं दिखाना चाहिए।
वरुण ने मुस्कुराते हुए कहा| वान्या उसे देख कर खुश तो नहीं थी लेकिन उसे अपने पापा के लिए अच्छा लग रहा था| अब Mister Raizada की देखभाल में कोई दिक्कत नहीं आएगी। वरुण को याद आया कि उसकी माँ ने वान्या के लिए gift भिजवाया था| उसने जेब से gift निकाला और वान्या की तरफ बढ़ाते हुए कहा,
वरुण – वान्या जी, ये आप के लिए छोटा सा gift।
वरुण का यूं gift देना वान्या को बहुत अजीब लगा| उसने वरुण के हाथ से gift लिया और खोल कर देखा| gift में चांदी की पायल थी। वान्या पायल देखकर हैरान हो गयी| वरुण, जो वान्या के घर में नौकरी करता है, वो वान्या को इतना महंगा gift क्यूँ देगा? वान्या के दिमाग में यही चलने लगा।
वान्या (चिल्लाते हुए) – वरुण ये क्या है? तुम.. तुमने मुझे इतना महंगा gift क्यूँ दिया है? क्या मकसद है तुम्हारा इसके पीछे? मुझे तो तुम ज़रूरतमन्द लगते हो, तो फिर इतनी महंगी गिफ्ट? चाहते क्या हो तुम?
वान्या gift की वजह से काफी गुस्सा हो गयी थी| वहीं वरुण को बिलकुल idea नहीं था कि उसकी माँ ने वान्या के लिए क्या gift भिजवाया है| वरुण पहले तो पायल देखकर हैरान था कि उसकी माँ ने इतना महंगा gift क्यों भिजवाया? वरुण को नहीं पता था कि सुनीता ने वान्या को इसलिए पायल भिजवाई थी, क्योंकि वान्या एक कन्या है और वो पहली बार सुनीता के घर गई थी और उससे सुनीता को अपनापन महसूस हुआ, इसलिए सुनीता का दिल चाहा कि वो उसे अपनी पायल दे दे। वरुण वान्या को समझाने लगा।
वरुण – वान्या जी, ये gift मेरी नहीं बल्कि मेरी माँ की तरफ से है| मुझे तो पता भी नहीं था कि gift में क्या है और ये gift देने के पीछे मेरा कोई मकसद नहीं है। आप मुझे फिर से गलत समझ रही हैं।
वान्या को वरुण की बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं था। उसने गुस्से में पायल ज़मीन पर फेंक दी| वरुण उसकी इस हरकत से हैरान हो गया| जो भी हो, आखिरकार वो पायल वरुण की माँ ने वान्या को बड़े प्यार से भिजवाई थी। वरुण को वान्या का उस gift की बेइज्जती करना पसंद नहीं आया। वहीं वान्या को इसके पीछे कुछ और ही माजरा समझ आ रहा था।
वान्या (चिल्लाते हुए) – जब खुद की चोरी पकड़ी गयी तो सारा ठीकरा अपनी माँ पर डाल दिया| अच्छे से जानती हूँ तुम जैसे लड़कों को, अमीर लड़की देखी नहीं कि उसे फँसाने लग गए! तुम्हें क्या लगा, तुम मुझे ये पायल दोगे तो मैं तुम्हारे पीछे लट्टू हो जाउंगी? अपनी माँ का बहाना बनाना बंद करो। वो बेचारी एक भली औरत हैं| तुम्हें शर्म आनी चाहिए कि तुम उनका नाम अपने गलत काम में इस्तेमाल कर रहे हो| मैं उन लड़कियों में से नहीं हूँ जो ये ड्रामा देखकर पसीज जाऊँ।
वरुण (ऊँची आवाज में) – चुप हो जाइए। कब से बकवास किये जा रही हैं आप| मुझे आप में कोई interest नहीं है जो मैं आप को फँसाने की कोशिश करूँगा और मैं अपनी माँ का बहाना नहीं कर रहा हूँ| फिर आप को मेरी माँ की चिंता करने की जरुरत नहीं है| बहुत अच्छे से जानता हूँ आप जैसी लड़कियों को जिन्हें पैसों का बहुत घमंड होता है, जिन्हें लगता है कि दुनिया के सारे लड़के उन्हें अपने प्यार में फंसना चाहते है| वान्या जी, आप को बहुत बड़ा भ्रम हो रहा है कि मैं आप को फँसाने की कोशिश कर रहा हूँ| होंगे आपके पीछे हज़ारों लड़के, लेकिन मैं उस लाइन का हिस्सा नहीं हूँ और न कभी बनना है मुझे, समझी आप?
वरुण ने भी जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी| दोनों एकदूसरे को घूर रहे थे। दोनों का पारा चढ़ा हुआ था| आसपास खड़े सभी सर्वेंट्स हैरानी से उन दोनों के बीच हो रहा तमाशा देख रहे थे| वो सभी वरुण की बातें सुनकर दंग रह गए थे क्योंकि आज से पहले किसी ने भी वान्या से ऊँची आवाज में बात में नहीं की थी| खुद Mister Raizada ने भी वान्या को कभी डांटा तक नहीं था। उन दोनों की आवाज़ Mister Raizada के रूम तक पहुँच रही थी|
Mister Raizada (परेशान होकर) – हे भगवान, ये दोनों फिर से शुरू हो गए| अब पता नहीं किस बात को लेकर लड़ाई हो रही है?
Mister Raizada ने मैनेजर को वापस office भेज दिया| उन्होंने एक servant को बुलाया और उससे उनको wheelchair पर बैठा के वरुण और वान्या के पास ले जाने के लिए कहा। Mister Raizada जब तक उन दोनों के पास पहुंचे, उनकी बहस बढ़ चुकी थी।
वान्या (चिल्लाते हुए) – अब जब पकड़े गए तो मासूम बनने की कोशिश कर रहे हो| ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो| चुपचाप अपनी पायल उठाओ और निकलो इस घर से| मैं ही बेवकूफ थी जो तुमसे माफ़ी मांग रही थी| तुम उसके लायक हो ही नहीं| निकलो यहाँ से और आज के बाद कभी भी मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना|
वरुण ने पायल उठाई और वहां से गुस्से में जाने लगा| तभी Mister Raizada ने उसको रोक लिया| उन्होंने वान्या और वरुण से इस तमाशे के बारे में पूछा,
Mister Raizada (नाराज़ होकर) – ये तुम दोनों ने क्या लगा रखा है? वरुण, वान्या तुम्हारी बॉस है और कोई अपनी बॉस से इस तरह से बात करता है क्या? मैं तो तुम्हें सुलझा हुआ लड़का समझता था लेकिन ये हरकत तो बिल्कुल ही बचकानी है।
वरुण (धीरे से) – सर, अगर कोई मेरे ऊपर घटिया इल्ज़ाम लगाएगा तो मैं कैसे चुप रहूँगा? मेरी माँ ने वान्या जी के लिए एक gift भेजा था और इन्होने बखेड़ा खड़ा कर दिया कि मैं इन्हें अपने चक्कर में फँसाने की कोशिश कर रहा हूँ|
Mister Raizada (समझाते हुए) – वान्या, gift देना तो अच्छी बात है| इसमें भड़कने की ज़रूरत क्या थी? तुम्हें तो उल्टा खुश होना चाहिए कि वरुण की माँ ने तुम्हारे लिए gift भेजा है|
Mister Raizada वान्या को समझाने लगे लेकिन वान्या का गुस्सा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था|
वान्या (शिकायत करते हुए) – इससे पूछिए तो सही gift में क्या भेजा है? इसने मुझे पायल दी है| अब आप ही बताइए जो लड़का हमारे यहां नौकरी करता है, जिसको नौकरी करते हुए अभी महीना भी नहीं हुआ, वो मुझे इतना महंगा gift क्यूँ देगा? ऊपर से कह रहा है कि माँ ने gift भेजा है। अरे इसकी माँ मुझे क्यूँ पायल भेजेंगी? मुझे पूरा यकीन है कि इसके पीछे इसकी कोई चाल है। पापा, मैंने तो आप से पहले ही कहा था कि इसके जैसे लड़के सिर्फ लोगों को लूटना जानते हैं। फालतू में मैंने इसे सॉरी बोला।
वरुण (सफाई देते हुए) – नहीं सर, वान्या जी अब बातें बना रही हैं। ये पायल मेरी माँ ने ही भिजवायी है| मुझे नहीं पता है कि उन्होंने वान्या जी को पायल क्यों gift की। मेरी माँ बहुत भोली है और जिससे उसे अपनापन लगता है, वो उसके लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने लगती है। कोई वजह रही होगी इसके पीछे भी लेकिन वान्या जी को तो सब कुछ उल्टा ही सोचना-समझना है न। वैसे मुझे सफाई देने की कोई जरुरत नहीं है| अब मैं यहाँ एक पल के लिए भी नहीं रुकना चाहता| मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी वापस आकर| चलता हूँ सर, अब बहुत हो गया है।
Mister Raizada समझ गए कि उन दोनों के बीच ग़लतफहमी हुई है| वो वरुण को वापस जाने देना नहीं चाहते थे| वो सोचने लगे कि ऐसा क्या करें जिससे वरुण रुक जाए|
क्या Mister Raizada वरुण को रोक पाएंगे? वरुण और वान्या की लड़ाई उन्हें किस मोड़ पर ले जाएगी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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