दिनभर की थकान के बाद, रात का ही ऐसा समय होता है जब हमारा दिल किसी से अपनी बात कहना चाहता है। इसी वक्त हम पूरे दिन का गुस्सा और टेंशन छोड़ कर emotional हो जाते हैं| वरुण यही सोच कर वान्या के पास कॉफ़ी लेकर गया| उसे लगा शायद वान्या उसे अपनी परेशानी बता देगी लेकिन वान्या तो वान्या है। उस जैसी लड़की अंदर से कितनी भी टूट क्यों ना जाये, लेकिन अपने दिल की बात कभी किसी लड़के को नहीं बताएगी| वरुण वान्या की help करने आया था लेकिन वान्या ने उसकी help का गलत मतलब निकाल लिया| उसने वरुण के हाथ से कॉफ़ी का कप लिया और कॉफी ज़मीन पर फेंक दी।
वान्या (चिल्लाते हुए) – तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे कॉफ़ी offer करने की? तुम समझते क्या हो अपने आप को? मैंने तुमको पहले भी मना किया था कि मेरे करीब आने की कोशिश मत करना। तुम जैसे लड़के, लड़की देखते ही चिपक जाते हैं| लड़की ने एक बार मना किया तो भी पीछे पड़े रहते हैं यह सोचकर कि दूसरी बार में तो मान ही जाएगी| आज कॉफ़ी दे रहे हो, कल गुलाब का फूल लाकर दोगे और फिर पूरा बुके! आज नहीं तो कल वान्या पट ही जाएगी| यही सोच रहे थे न? वरुण, मैं तुम जैसे लड़कों से रोज़ डील करती हूँ| तुमसे भी बड़े-बड़े खानदान के लड़कों को मैंने आज तक अपने करीब भी आने नहीं दिया तो तुम किस खेत की मूली हो? दफा हो जाओ मेरी आँखों के सामने से|
वान्या ने राहुल का सारा गुस्सा वरुण पर निकाल दिया| उसे पता ही नहीं चला कि उसने वरुण को बेवजह ही कितना हर्ट कर दिया। वरुण भी गुस्से में आग बबूला हो गया था| उसकी निय्यत में खोट नहीं था, फिर भी उसे वान्या से ये सब सुनना पड़ा।
वरुण (चिल्लाते हुए) – आप बेवकूफ हैं क्या? कॉफी ही लाया था, कोई जहर नहीं मिलाया था मैंने उसमें। एक तो मैंने सोचा शायद आप परेशान हैं, तो चल आया आपका मूड ठीक करने लेकिन आप महान हैं, मैडम वान्या रायज़ादा। सच में, मैं ही गधा हूँ जो बार-बार आपसे उल्टा सीधा सुनने आ जाता हूँ। अब पानी मेरे सिर के ऊपर से निकल गया है।
वान्या (ऊँची आवाज में) – मेरे सामने ज्यादा बकवास की तो मैं तुम्हारे कान के नीचे एक थप्पड़ जड़ने में टाइम नहीं लगाऊँगी। मुझे पापा मत समझना, जिन्हें तुम फुसला लेते हो। एक दिन उनके सामने भी तुम्हारी असलियत लेकर आऊँगी।
वान्या की बातों से वरुण का गुस्सा और भी बढ़ रहा था| उसने अपनी कॉफ़ी का कप भी नीचे गिरा दिया और वहां से जाने लगा| उन दोनों के झगड़े की वजह से सारे servants बाहर आ गए थे| वरुण ने भी बात ego पर ले ली थी| वो उसी वक्त घर छोड़ कर चला गया| वान्या ने उसको एक बार भी रोकने की कोशिश नहीं की बल्कि बाकी लोगों पर चिल्ला पड़ी।
वान्या (चीखते हुए) – क्या तमाशा देख रहे हो? रात के दो बज रहे हैं, जाकर सब लोग सो जाओ| कल सुबह कोई भी लेट उठा तो सीधा इस वरुण की तरह धक्के मार कर जॉब से निकाल दूंगी|
सभी servants अपने-अपने रूम में चले गए| वान्या अपने रूम में आकर bed पर लेट गयी| उसका दिमाग बिलकुल भी काम नहीं कर रहा था| वो सिर के ऊपर pillow रख कर सोने की कोशिश करने लगी लेकिन उसे बार-बार राहुल की आवाज़ ही सुनायी दे रही थी| वहीं वरुण, वान्या के घर से बाहर निकल आया था| वो रोड पर ऑटो ढूंढ रहा था लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिल रहा था। उसे आधी रात को घर जाना थोड़ा अजीब लग रहा था| उसने सोचा कि अगर वो रात को घर पहुंचेगा तो उसकी माँ परेशान हो जाएगी| उसने पूरी रात रोड पर ही बिताने का सोचा| सुबह होते ही वह अपने घर चला जायेगा और फिर जॉब ढूँढने निकलेगा ताकि उसकी माँ को उस पर शक ना हो कि वो जॉब छोड़ कर आया है| Mister Raizada गहरी नींद में सोये हुए थे इस वजह से उन्हें वान्या और वरुण के झगड़े के बारे में पता ही नहीं चला| अगली सुबह Mister Raizada उठे तो वरुण को आवाज़ देने लगे| जब काफी देर तक वरुण उनके रूम में नहीं आया तो Mister Raizada ने एक servant से कह कर वान्या को अपने पास बुलाया| वान्या आते ही अपने पापा के गले लग गयी जैसे कुछ हुआ ही ना हो| Mister Raizada उसे वरुण के बारे में पूछने लगे लेकिन वान्या उनकी बात को टाल रही थी| आखिरकार Mister Raizada अपना आपा खो बैठे और वान्या को डांटने लगे,
Mister Raizada (डांटते हुए) – वान्या, बहुत हो गया मज़ाक| मैं कब से पूछ रहा हूं कि वरुण कहाँ है लेकिन तुम मेरे सवाल का जवाब ही नहीं दे रही हो| पहले जाकर वरुण को बुलाकर आओ|
वान्या (चिढ कर) – आप कब से वरुण के नाम की माला जपे जा रहे हो, पापा! आप का खून मैं हूँ या वो निकम्मा वरुण है? जॉब छोड़ कर चला गया वो| कल रात को उसने मुझे कॉफ़ी ऑफर की ताकि मैं उसके जाल में फंस जाऊं| मैंने भी तगड़ा जवाब दिया और वो घर छोड़कर चला गया। आज के बाद उसे घर में घुसने भी नहीं दूंगी|
वरुण के दोबारा जॉब छोड़ने की बात सुनकर Mister Raizada चौंक गए| उन्होंने वान्या को कुछ भी कहना बेकार समझा| वो अपना फ़ोन ढूँढने लगे| फ़ोन मिलते ही उन्होंने वरुण को कॉल किया लेकिन उसका फ़ोन बंद आ रहा था| वहीं वरुण रात को रोड के किनारे बने बस स्टॉप की bench पर ही सो गया था। सुबह जब सूरज की रोशनी उसकी आँखों में चुभने लगी तो उसकी नींद खुली। वरुण उठा और अपने घर की ओर चला पड़ा| जैसे ही वो घर पहुंचा सुनीता उसे देख कर खुश हो गयी और बोली,
सुनीता- “बेटा, तुम आ गए? तुम जब भी घर आते हो तो मेरे दिल को ठंडक मिलती है|”
वरुण ने हाथ-मुंह धोए और अपनी माँ के पास गया| उसने माँ के पैर छुए और बोला, “तुमसे मिलने के लिए ही तो घर आया हूँ| पूरा दिन घर से बाहर रहूँगा तो अपनी माँ से कब मिलूँगा? मैं कितना भी busy क्यों ना हो जाऊँ लेकिन तुम्हारे लिए तो टाइम निकाल ही लूँगा|”
सुनीता ने उसको अपने पास बैठा लिया| वो वरुण के सिर पर चम्पी करने लगी| सुनीता जब भी उसकी इस तरह से चम्पी करती थी वो एक अलग ही दुनिया में खो जाता था| वरुण का मानना था कि उसकी माँ जैसी चम्पी कोई नहीं कर सकता| रात से ही वान्या की वजह से उसका सिर दर्द कर रहा था लेकिन सुनीता की चम्पी से उसका सारा दर्द दूर हो गया। सुनीता चम्पी करते हुए बोली,
सुनीता- “सच में तुम जिनके यहां भी कम करते हो, वो बहुत अच्छे लोग हैं जो तुम्हे इस तरह से घर आने देते हैं। वरना है कुछ बड़े-बड़े करोड़पति जो अपने स्टाफ को मजदूर की तरह बांध कर रखते है| वैसे तुम्हारी बॉस को मेरा gift कैसा लगा?”
वरुण gift के बारे में सुनकर सन्न रह गया| चम्पी की वजह से उसके दिमाग में जो ठंडक फैली थी वो एक झटके में दूर हो गयी| वरुण झटके से उठ गया और हिचकिचाते बोला,
वरुण (हिचकिचाते हुए) - उन्हें अच्छा लगा| माँ, मुझे वापस जाना होगा| वो मैं कुछ देर के लिए ही आया था|
वरुण का अचानक से हड़बड़ी करना सुनीता को समझ नहीं आया| वो थोड़ी देर में ready हो गया और बाहर निकल गया| वो यहाँ वहां एक office से दूसरे ऑफिस भटकने लगा लेकिन उसे कहीं भी जॉब नहीं मिल रही थी| दूसरी ओर Mister Raizada वान्या से काफी नाराज़ थे| वान्या ने उनको समझाया लेकिन वो नहीं माने। वान्या ने नये लड़कों का इंटरव्यू लेना शुरू किया, जो उसके पापा की देखभाल कर सकें लेकिन कोई भी वरुण जैसा नहीं था। अगले दो दिन तक वान्या office जाने के बदले घर पर अपने पापा के पास ही रुकी ताकि वो उनकी help कर सके| दूसरी तरफ office को संभालना मुश्किल हो रहा था| Mister Raizada वरुण को बहुत मिस कर रहे थे| उनका वरुण के साथ एक बॉन्ड बन गया था| उसकी वजह से Mister Raizada के सारे काम आसान हो जाते थे| अब वरुण के बिना उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी| एक दिन Mister Raizada की तबियत काफी बिगड़ गयी| वान्या फौरन उन्हें हॉस्पिटल लेकर गई। डॉक्टर का कहना था कि Mister Raizada खुश नहीं हैं इसलिए उनका बीपी डाउन हो रहा है। उन्हें ठीक करने का एक ही तरीका था कि सब कुछ उनके हिसाब से हो| वान्या समझ गयी कि उसके पापा सिर्फ वरुण को वापस चाहते हैं। उसके पास वरुण को वापस बुलाने के अलावा और कोई option नहीं था| उसने वरुण को कॉल किया।
वान्या (बेरुखी से) – सुनो वरुण, देखो उस दिन जो कुछ हुआ उसे भूल जाओ और वापस आ जाओ|
वरुण पहले तो हैरान रह गया कि वान्या उसे वापस बुला रही है लेकिन फिर उसे एहसास हुआ कि Mister Raizada को कोई नया caretaker पसंद नहीं आ रहा होगा|
वरुण (थोड़ी ऊँची आवाज में) – नहीं, मुझे वापस लौटने में कोई दिलचस्पी नहीं है|
वान्या को वरुण की बात सुनकर बहुत गुस्सा आया| उसका मन कर रहा था कि वो फ़ोन से ही उसको थप्पड़ मार दे| वान्या ने धीमी आवाज़ में कहा,
वान्या (धीमी आवाज में) – देखो वरुण, पापा का पिछले दो दिन से बीपी लो हो रहा है। डॉक्टर ने कहा है कि उनका खुश रहना जरूरी है और.. और मैं कहना तो नहीं चाहती लेकिन, वो तुम्हें मिस कर रहे हैं। इसलिए उनकी खातिर लौट आओ।
वरुण – ठीक है मैं वापस आ जाऊंगा लेकिन तुम्हें मेरी एक शर्त माननी होगी|
वरुण आप से तुम पर आ गया। वान्या को तो इसपर भी गुस्सा आया लेकिन उसने अपना गुस्सा काबू में किया और सोच में पड़ गई।
आखिर क्या होगी वरुण की शर्त? और क्या वान्या उसकी शर्त मानेगी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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