“मेल्विन, वो तुम्हारे पिता थे! पिता के रूप में मेरे पास उनकी कोई याद हो न हो लेकिन पति के रूप में मेरे पास उनकी ढ़ेर सारी यादें हैं।” मेल्विन की मां ने कहा।
अपनी मां की बात सुनकर मेल्विन ने फिर कुछ न कहना ही बेहतर समझा। उसने बातचीत का सब्जेक्ट बदलते हुए कहा, “ठीक है मां, मैं आपको स्टेशन तक छोड़ दूंगा। कितने बजे की ट्रेन से आप वापस जा रही हैं?”
“दोपहर दो बजे की ट्रेन से।” मेल्विन की मां ने बताया, “अब तुम घर कब आओगे?”
“पता नहीं मां। मैं कुछ कह नहीं सकता। शायद क्रिसमस की छुट्टियों में।”
“उसे तो अभी छह महीने है मेल्विन!”
“नई जॉब के अप्वाइंटमेंट का इंतजार है मुझे मां। जैसे ही जवाब आ जाएगा मैं तुम्हें लेकर यहां से चला जाऊंगा।”
“उनके जवाब का क्या हुआ मेल्विन? तुमने उनसे फिर कॉन्टैक्ट किया?”
“नहीं मां! इस हफ्ते और इंतजार करता हूं। अगर उनका जवाब नहीं आया तो मैं खुद उनसे स्टेटस के बारे में बातचीत कर लूंगा।”
संडे का ये दिन मेल्विन के लिए उदासी से भरा रहा। जब से उसकी मां उसके साथ रहने आई थी तब से मेल्विन को अपना दिन पूरा अपनी लाइफ ताजगी से भरी हुई महसूस हो रही थी। मेल्विन जानता था उसकी मां के जाने के साथ ही एक अब दोबारा कभी अकेले जीने के लिए तैयार नहीं हो पाएगा।
अगले दिन मेल्विन फिर उदास लोकल ट्रेन में चढ़ा। उसके चेहरे की उदासी बारी–बारी से सबने नोटिस की लेकिन किसी को मेल्विन से कुछ भी पूछने की हिम्मत नहीं हुई। मेल्विन सामने बैठी एक छोटी सी फैमिली का स्केच बनाने लगा था। एक 7 साल का बच्चा अपनी मां की गोद में बैठा ट्रेन के बाहर देख रहा था। मेल्विन को उस बच्चे में वो खुद नजर आ रहा था और उसकी मां में अपनी मां। मेल्विन ने जब वो स्केच बना लिया तब वो धीरे से जगह से बनाते हुए उस फैमिली के पास पहुंचा और अपना स्केच बच्चे को थमाकर उसके सिर पर हाथ फ़िराते हुए वापस आ गया।
“क्या हुआ मेल्विन, आज कहां खोए हुए है?” पीटर ने पूछा तो लक्ष्मण बोला, “तुमने सवाल गलत किया है पीटर! मेल्विन से ये पूछो कि आज कौन से नए उलझन में डूबे हुए हो।”
लक्ष्मण की बात सुनकर सब मुस्कुराने लगे।
“क्या सचमुच कोई उलझन है मेल्विन?” रामस्वरूप जी ने पूछा, “अगर ऐसा है तो हमें बताओ, हम कुछ मदद करते हैं।”
“नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है रामस्वरूप जी!” मेल्विन ने अपने बैग में हाथ डालते हुए कहा, “उल्टा मैंने अपनी एक उलझन को हल कर दिया है। ये रहा लक्ष्मण की शादी का सैंपल कार्ड। आप लोग भी देखिए और बताइए कि कैसा प्रिंट हुआ है।”
रामस्वरूप जी के हाथ से शादी का वो कार्ड लेकर बारी बारी से सबसे देखा। आखिर में वो कार्ड लक्ष्मण के हाथ में पहुंचा।
“कार्ड तो देखने में अच्छा लग रहा है मेल्विन! लेकिन अगर ये रेक्टेंगल न होकर स्क्वेयर हो तो और खूबसूरत दिखेगा।” लक्ष्मण ने कहा, “आप क्या कहते हैं पिताजी?”
“हमारे टाइम में तो कार्ड इसी तरह हुआ करते थे लक्ष्मण! बाकी तुम्हें अगर चौकोर कार्ड अच्छा लगता है तो मेल्विन इसे चौकोर ही प्रिंट कराकर लाएगा।”
“आई थिंक लक्ष्मण सही कह रहा है।” मेल्विन ने लक्ष्मण की बात से सहमत हुए कहा, “मैं इस कार्ड को स्क्वेयर शेप में ही करवा देता हूं। ये ज्यादा कूल लगेगा।”
इसी समय ट्रेन मलाड रेलवे स्टेशन पर आकर खड़ी हो गई थी। मेल्विन की नजरें तो रेबेका को ढूंढ ही रही थी, लेकिन पीटर की आंखें भी डायना को खोजने लगी थीं।
आज लोकल में रेबेका के साथ उसकी एक फ्रेंड चढ़ी थी लेकिन डायना कहीं भी नजर नहीं आ रही थी। ये देखकर पीटर तुरंत रेबेका के पास पहुंचा।
“रेबेका, डायना कहां है?” पीटर ने ट्रेन की भीड़ को इग्नोर करते हुए रेबेका से पूछा, “मैं कल उसका फोन ट्राई कर रहा हूं लेकिन वो कोई रिस्पॉन्स नहीं दे रही है।”
“अब वो कोई रिस्पॉन्स देगी भी नहीं पीटर!” रेबेका ने कहा।
“क्या मतलब है तुम्हारा?” पीटर ने परेशान होते हुए पूछा, “है कहां वो? वो ठीक तो है न?”
“डायना की शादी फिक्स्ड हो गई है पीटर!” रेबेका ने बताया, “उसके डैड ने उसका मोबाइल फोन चेक किया और उसमें उन्हें न जाने क्या देखने को मिल गया कि उन्होंने रातोंरात डायना की शादी फिक्स्ड कर दी। कल वो मेरे बर्थडे पार्टी में भी नहीं आ सकी।”
पीटर को ये सुनकर झटका लगा था। डायना की शादी फिक्स्ड हो गई, इस बात को मानने के लिए उसका मन अब भी तैयार नहीं हो रहा था।
“लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है। डायना की शादी अचानक कैसे फिक्स्ड हो सकती है?”
“क्यूं नहीं हो सकती पीटर? उसके मॉम–डैड उसक लिए जो चाहे वो डिसीजन ले सकते हैं। उनके लिए किसी और से इसकी परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।”
“डायना मुझसे प्यार करती है रेबेका!” पीटर ने दावा करते हुए कहा, “हम दोनो एक–दूसरे से प्यार करते हैं। मैं डायना के डैड को ऐसा कुछ भी नहीं करने दूंगा।”
पीटर के इस ऐलान से लोकल में हलचल मच चुकी थी। मेल्विन और दूसरे साथियों को भी कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ लेकिन पूरा मामला अब भी कोई नहीं समझ सका था। तब भीड़ में जगह बनाते हुए मेल्विन रेबेका के पास पहुंचा।
“क्या बात है? यहां किस बात की चर्चा इतने गुस्से में की जा रही है?”
“मेल्विन, समझाओ इसे! ये डायना की जिंदगी में तूफान लाना चाहता है।” रेबेका ने मेल्विन के आते ही कहा, “डायना के घरवालों ने उसकी शादी अगले महीने फिक्स्ड कर दी है। पीटर उसकी शादी से भड़का हुआ है।”
“डायना की शादी!” मेल्विन को भी जैसा झटका सा लगा था, “ये कैसे कब हुआ?”
“वही तो। मैं भी रेबेका से यही पूछ रहा हूं।” पीटर ने गुस्से में कहा।
“अगर तुम्हें वाकई जानना है कि डायना की शादी क्यों और किन हालात में तय हुई तो पुणे जाओ पीटर! जाकर उसके डैड से पूछो। शायद वो तुम्हें इसका सही सही जवाब दे सकें।” रेबेका ने तंग आते हुए कहा, “तुम डायना की शादी पर ऐसा रिएक्शन नहीं दे सकते पीटर! इससे बात और बिगड़ेगी।”
“कोई बात नहीं बिगड़ेगी। और अगर बात बिगड़ी तो उसकी वजह डायना के डैड होंगे, मैं नहीं। मुझे डायना से सिर्फ इतना जानना है कि क्या वो इस शादी से खुश है।”
“और ये तुम जैसे जानोगे पीटर? अगर तुम सचमुच पुणे जाकर डायना या उसके डैड से ये पूछने वाले हो तो फिर उसक अंजाम के लिए भी तुम तैयार रहना। डायना के घरवाले इस मामले में बहुत स्ट्रिक्ट हैं। पहले भी कई लड़कों की हड्डियां डायना के चक्कर में टूट चुकी है। तुम क्या चाहते हो अगली बारी तुम्हारी हो?”
“क्या मतलब है तुम्हारा रेबेका?” पीटर की जगह मेल्विन ने रेबेका से पूछा।
“उसके घरवाले खतरनाक लोग हैं मेल्विन! पिछले साल ही उन्होंने एक लड़के को मार–मारकर कोमा में भेज दिया था। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने डायना की आई लव यू बोल दिया था।”
“देश में नियम–कायदे–कानून भी है रेबेका! मैं कोई ऐरा–गैरा नहीं हूं जो कोई भी मुझे कूट कर चला जायेगा। अगर मुझे प्यार करने आता है तो प्यार का जवाब देने भी आता है।”
“पीटर ठंडे दिमाग से काम लो। कोई भी कदम उठाने से पहले एक बार डायना के दिल का हाल जान लो। अगर वो भी तुम्हें प्यार करती है तो फिर तुम्हारे कॉल का जवाब क्यूं नहीं दे रही है?”
मेल्विन के इस सवाल के जवाब में पीटर तुरंत कुछ न बोल सका।
“मैं डायना के दिल का हाल जरूर जानूंगा मेल्विन। अगर मेरा शक सही है तो फिर तुम भी मुझे नहीं रोक पाओगे।”
“जज्बाती होकर काम करने से बात नहीं बनेगी पीटर। तुम इतने जज्बाती कब से होने लगे। जो भी प्रॉब्लम होगी हम मिलकर उसे हल करेंगे। आखिर हम ऐसा ही तो करते आए हैं।” मेल्विन ने पीटर को समझाते हुए कहा फिर रेबेका से पूछा, “तुम्हें क्या लगता है रेबेका, डायना की शादी अचानक से होने के पीछे क्या वजह है? ”
“मेल्विन, क्या मुझे इसका जवाब देने की जरूरत है? डायना इतनी जल्दी शादी करने वालों में से नहीं है। वे जरूर अपने मॉम–डैड के दबाव में आकर ही ये कदम उठा रही है। या शायद वो इस शादी के लिए तैयार भी न हो।” रेबेका ने कहा।
“अगर मुमकिन हो तो एक बार तुम डायना से बात करके देखो। उससे बात किए बिना हम कोई भी काम नहीं उठा सकते। अगर ये शादी डायना की मर्जी के खिलाफ है तो फिर उसे रोकने का हमें पूरा हक है। लेकिन उससे पहले हमारा ये जानना जरूरी है कि क्या डायना ऐसा चाहती है।” मेल्विन ने रेबेका को समझाते हुए कहा, “इस टॉपिक को कुछ देर के लिए ठंडा बस्ते में डाल दो पीटर। इसी में हम सबकी भलाई है। जैसा कि रेबेका ने कहा है, उसके घर वाले खतरनाक लोग हैं। इसलिए हमें और भी फूंक–फूंककर कदम रखने की जरूरत है।”
अभी उनकी बातचीत आगे बढ़ती इससे पहले ही सांताक्रुज रेलवे स्टेशन आ गया और रेबेका ट्रेन से नीचे उतर गई।
“मैं यकीन नहीं कर सकता मेल्विन कि डायना की मर्जी इस शादी में शामिल है।” पीटर ने रेबेका के जाते ही मेल्विन से कहा।
“मुझे भी यही लगता है पीटर। लेकिन हमारे और तुम्हारे लगने से क्या होता है। हो सकता है डायना की मर्जी न शामिल हो फिर भी वो हमें कोई भी दखलअंदाजी करने से मना कर दे। लड़कियां ऐसी ही होती हैं पीटर।”
“नहीं, डायना मुझसे इतना बड़ा झूठ नहीं बोलेगी। मैंने उसे आई लव यू कहा है और अब तक मैं उसके जवाब इंतजार कर रहा हूं। मैंने उससे कहा है मेल्विन कि मैं अपनी जिंदगी के अंत तक उसके जवाब का इंतजार करूंगा। इतनी जल्दी डायना अपनी जिंदगी में आगे नहीं बढ़ सकती मेल्विन!”
“ठीक है, जैसा भी है, हम देख लेंगे। पहले रेबेका को उससे बात तो कर लेने दो।” मेल्विन ने कहा और फिर ट्रेन के बाहर रेबेका को दूर जाते हुए देखने लगा।
“आज तुम ट्रेन में आते ही काफी उदास थे। घर पर सब ठीक तो है?” पीटर ने आखिरकार मेल्विन का हाल-चाल लेते हुए पूछा।
“मां कल वापस घर चली गई।” मेल्विन ने बताया। उसकी आवाज में बेहद दुख भरा हुआ था।
“तो तुम्हारे दुख का कारण ये है।” पीटर ने भी उदास होते हुए कहा, “अब तुम फिर अकेले हो जाओगे।”
“हां पीटर! इस बार अकेलापन कुछ ज्यादा ही महसूस हो रहा है। मुझे अकेले रहने की आदत थी। लेकिन मां के इतने दिन मेरे साथ रहने के बाद वो अकेलापन जैसे दूर चला गया था। अचानक फिर से अकेले हो जाने पर दिल को बहुत दुख हो रहा है।” मेल्विन ने उदासी भारी आवाज में कहा।
“तुम्हें एक सच्चे साथी की सख्त जरूर है मेल्विन।” पीटर ने कहा, “ये जो अकेलापन तुम महसूस कर रहे हो वो एक साथी की गैर मौजूदगी की वजह से ही है। मां आकर वापस चली गई तब जाकर तुम्हें इस बात का ख्याल आ रहा है कि तुम्हारी जिंदगी में भी किसी को होना चाहिए। तुम अकेले मरने के लिए पैदा नहीं हुए हो। ये गॉड का इशारा है मेल्विन, इसे समझो।”
“मेरे समझाने से क्या होता है पीटर। आखिर मैं अपना अकेलापन किस तरह दूर करूं?” मेल्विन ने हताश होते हुए पूछा।
“रेबेका को प्रपोज करो मेल्विन। इससे पहले कि उसका हाल भी डायना की तरह ही हो जाए, तुम अपने दिल की बात उससे कह दो। डरो मत कि वो हां बोलेगी या ना। क्योंकि मुझे पूरा यकीन है कि वो ना कभी नहीं कहेगी। उसकी आंखों में मैंने तुम्हारे लिए हमेशा प्यार देखा है। वो तुम्हें प्यार करती है मेल्विन।”
“डर लगता है पीटर। इस बात का डर नहीं लगता कि रेबेका का जवाब क्या होगा। बल्कि इस बात का डर लगता है की मां का क्या जवाब होगा। क्या मां मेरी जिंदगी में एक लड़की को देखने के लिए तैयार है।” मेल्विन ने अपने दिल का डर बताते हुए पीटर से कहा।
“भला मां को इससे क्या समस्या हो सकती है मेल्विन? वो तो तुमसे बेहद प्यार करती है। अगर उन्हें पता चलेगा कि तुम शादी करके अपना घर बसाना चाहते हो तो उन्हें तो खुशी होगी ना।” पीटर ने कहा।
“नहीं पीटर, मामला इतना सीधा नहीं है।” मेल्विन ने कहा, “मां मुझसे प्यार जरूर करती है लेकिन वो मेरा प्यार बांट नहीं सकती। मुझे लेकर उसके दिल में बहुत फिक्र है। रेबेका को मेरी जिंदगी में शामिल होना शायद मन बर्दाश्त न कर सके। उसने अपनी शादी को बर्बाद होते हुए देखा है। वो मेरी बर्बादी अपनी आंखों से नहीं देख सकती पीटर।”
“एक शादी ना चलने का ये मतलब तो नहीं है ना कि दुनिया में शादी ही ना की जाए। रेबेका को गॉड ने तुम्हारे लिए भेजा है मेल्विन। तुम इस बात से इनकार नहीं कर सकते। एक बार तुम रेबेका की ओर अपना हाथ बढ़ा कर देखो। समय के साथ-साथ मां भी उसे स्वीकार कर लेगी।”
क्या पीटर की बात मानकर मेल्विन रेबेका से अपने दिल की बात कहेगा? क्या मेल्विन की सोच अपनी मां के लिए सही था? क्या डायना की शादी सचमुच किसी और से हो जाएगी? या फिर पीटर उससे पहले ही डायना को मना लेगा?
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