एपिसोड – 43: प्यार के रंग

मेल्विन ऑफिस के बाद आर्ट एग्जिबिशन में शामिल हुआ। उसने अपना वादा निभाने के लिए वहां एक घंटे जूनियर्स से बातें की और फिर मेट्रो में सफर करके वो 8 बजे तक मलाड पहुंच गया।

“हैप्पी बर्थडे!” मेल्विन ने अपने हाथ में लिए गिफ्ट को रेबेका की ओर बढ़ते हुए कहा।

“वो सब तो ठीक है मेल्विन लेकिन मैं तुमसे बहुत नाराज हूं।” रेबेका ने कहा।

“नाराज! क्यों?” मेल्विन ने पूछा, “मैंने ऐसी क्या गलती कर दी?”

“क्या तुम्हारे में एक बार भी ये ख्याल नहीं आया मेल्विन की तुम आज मुझसे मिलते ही मुझे बर्थडे विश कर सको? मैंने कितनी एक्साइटेड थी कि तुम मुझे बर्थडे विश करोगे फिर एक–एक करके सब मुझे बर्थडे विश करेंगे।”

रेबेका ने जब मेल्विन से ये शिकायत की तो मेल्विन धीरे से मुस्कुराने लगा। 

“तुम हंस रहे हो मेल्विन!” रेबेका ने नाराज होते हुए फिर पूछा। 

“आई एम सॉरी रेबेका!” मेल्विन ने अपनी हंसी पर कंट्रोल करते हुए कहा, “एक्चुअली मैंने ही लोकल में सबको मना कर रखा था कि कोई तुम्हें बर्थडे विश न करे। मैं भी नहीं करने वाला था। ये आइडिया तुम्हारी खुशी को दुगना करने के लिए मैंने सोचा था। इंतजार और लास्ट मोमेंट पर तुम्हें सरप्राइज देने के लिए।”

“कैसा सरप्राइज़?” रेबेका ने पूछा। 

“गिफ्ट खोलकर देखो, तुम्हें अपने आप पता चल जायेगा।” मेल्विन के इतना कहते ही रेबेका उसका दिया गिफ्ट वही खोलने लगी।

गिफ्ट में एक 20 बाई 30 इंच का स्केच था।

“अ स्पेशल गिफ्ट फॉर यू रेबेका!” मेल्विन ने कहा, “तुम्हें कैसी लगी?”

“क्या ये मैं और मेरे मॉम–डैड हैं मेल्विन?” रेबेका ने उस स्केच को देखते हुए पूछा, “तुमने मुझे टीनेजर के रूप में अच्छे से दिखाया है मेल्विन। मैं इस स्केच में खुद को और मॉम–डैड को देख पा रही हूं।”

“फिर तो मेरी मेहनत सफल हो गई।” मेल्विन ने कहा।

“अब सरप्राइज़ देने की बारी मेरी है मेल्विन!” रेबेका ने कहा, “मेरा सरप्राइज़ तो तुम्हें मालूम ही है। आओ, मैं तुम्हें अपने मॉम –डैड से मिलवाती हूं।”

रेबेका की बात सुनकर मेल्विन के चेहरे पर फिर घबराहट आ गई थी।

“पहले केक कटिंग कर लें। बातचीत तो होती रहेगी। वो भी जरूरी काम में बिजी होंगे।” मेल्विन ने टालने के इरादे से कहा तो रेबेका भी उसकी बता मान गई। 

केक कटिंग सेरेमनी के बाद नाश्ते के टाइम रेबेका अपने मॉम–डैड को लेकर मेल्विन के पास आई।

“हेलो मिस्टर मेल्विन फर्नांडिस!” रेबेका के डैड ने मेल्विन की हाथ बढ़ाते हुए कहा, “हाउ आर यू?”

“हेलो सर!” मेल्विन ने भी हाथ मिलाते हुए कहा, “आई एम एब्सोल्यूटली फाइन!”

“रेबेका से तुम्हारे बारे में काफी कुछ सुन रखा है। तुम्हारे कार्टून और सटायर करने का तरीका तो कमाल का है।”

“थैंक्यू सो मच सर!” मेल्विन ने कहा, “इट्स ऑल गॉड मर्सी। आपको जानकर शायद हैरानी होगी, मुझे अमेरिका के मशहूर कार्टूनिस्ट मिस्टर एंथनी मैकॉय की तरफ से जॉब लेटर मिला है। आप तो उन्हें जानते होंगे।”

“एंथनी मैकॉय!” रेबेका के डैड ने सोचते हुए कहा, “नहीं, मैंने इनके बारे में कभी नहीं सुना। क्या अमेरिका में इनके बहुत चर्चे हैं?”

“हॉलीवुड लेवल पर फेमस है मिस्टर एंथोनी! सैलरी और ज्वाइनिंग की टाइमिंग बन गई तो यहां से फोर टाइम ज्यादा सैलरी होगी। यहीं बैठे–बैठे डॉलर कमाऊंगा और उसे रुपए में खर्च करूंगा।” 

मेल्विन की बात सुनकर रेबेका के मॉम–डैड मुस्कुराने लगे थे। रेबेका को भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ये मेल्विन क्या बोल रहा है।

“वाउ, इट्स ग्रेट!” रेबेका के डैड ने कहा, “मतलब मैं इस वक्त हॉलीवुड के एक फ्यूचर स्टार के सामने खड़ा हूं। ये तो सौभाग्य की बात है।”

तभी वहां रेबेका का कजिन टॉम आ गया। वो रेबेका से 10 साल छोटा लेकिन मेल्विन की तरह ही satirist था। उसने आते ही मेल्विन से कहा, “हॉलीवुड स्टार! कौन, मिस्टर मेल्विन?”

“हां टॉम! बहुत जल्द मिस्टर मेल्विन हॉलीवुड का एक खास हिस्सा होने वाले हैं।” रेबेका के डैड ने फिर कहा।

तभी रेबेका की मां ने बीच में टोकते हुए कहा, “मैं क्या कहती हूं, हम चलकर खाना खा ले। काफी रात हो चुकी है। फिर मिस्टर मेल्विन को अभी घर भी तो जाना है।”

“ठीक है मरियाज तुम खाना लगाओ।” रेबेका के डैड ने कहा, “टॉम, क्या बाकी सभी गेस्ट चले गए हैं?”

“यस अंकल! हॉल पूरी तरह खाली हो चुका है।” टॉम ने बताया, “अब हमें खाना खा लेना चाहिए।”

खाने के वक्त भी मेल्विन कुछ घबराया हुआ था। वो बार बार यही सोच रहा था कि उसे एंथोनी मैकॉय के बारे में वहां बातचीत नहीं करनी चाहिए थी। उसने गलत समय पर गलत जगह उस बात को छेड़ दिया था।

“मेल्विन, तुम ख्यालों में खोए हुए हो?” रेबेका के डैड ने पूछा, “जब से तुम यहां आए हो काफी घबराए–घबराए से दिख रहे हो। तुम्हारी तबियत तो ठीक है न?” 

“मैं बिल्कुल ठीक हूं मिस्टर फर्नांडीज! एक्चुअली मां घर पर अकेली है इसलिए मैं जरा उन्हें लेकर परेशान हूं।” मेल्विन ने कहा, “आज का दिन काफी भाग–दौड़ से भरा हुआ था।”

“काम की वजह से भागदौड़ तो लगी ही रहती है मिस्टर मेल्विन! पिछली बार जब आए थे तब भी साथ में बैठने का मौका नहीं था हमारे पास। आज तो कम से कम तसल्ली से हमारे साथ खाना खाकर जाइए।”

रेबेका के डैड ने जब मेल्विन से रिक्वेस्ट किया तब मेल्विन इनकार ना कर सका। 

थोड़ी ही देर में डिनर लगाया गया और मेल्विन ने रेबेका की फैमिली के साथ मिलकर खाना खाया।

“खाना कैसा था मिस्टर मेल्विन?” रेबेका के डैड ने अंत में पूछा, “मैंने खास ऐसे सेफ को बुलाया था जो आपकी पसंद का खाना बना सके।”

“लेकिन मेरी पसंद का खाना तो था ही नहीं।” मेल्विन ने कहा।

“ओह, आई मीन जो ऐसा खाना बना सके जो आपको पसंद आए।” रेबेका के डैड ने हंसते हुए कहा।

“अच्छा, अच्छा। हां खाना तो सचमुच मुझे बेहद पसंद आया मिस्टर फर्नांडिज।”

“आपसे और भी बहुत सारे विषयों पर चर्चा करनी थी लेकिन वक्त शायद हमारे साथ आज नहीं है। उम्मीद है आपसे जल्दी ही मुलाकात होगी तो हम आराम से बातचीत करेंगे।”

“श्योर मिस्टर फर्नांडिज!” मेल्विन ने कहा फिर रेबेका की देखने लगा। 

“चलो मेल्विन मैं तुम्हें मेट्रो स्टेशन तक छोड़ आती हूं।” रेबेका ने मेल्विन का इशारा तुरंत समझते हुए कहा। 

जल्दी ही दोनो बंगले से बाहर आ गए।

“पैदल चले!” मेल्विन ने पूछा, “यहां से मेट्रो स्टेशन आधे किलोमीटर की दूरी पर है। हमारा खाना भी पीछा जायेगा और हम कुछ बातचीत भी कर लेंगे।”

“अच्छा, अभी तो आपको लेट हो रहा था। अब आपको अपनी मां के पास जल्दी नहीं जाना?”

रेबेका की बात सुनकर मेल्विन चुप हो गया तो रेबेका ने हंसते हुए कहा, “कम ऑन, मैं मजाक कर रही थी। चलो, पैदल चलते हैं।”

“मुंबई शहर की रात सिर्फ ट्रैफिक के लिए नहीं जानी जाती।” रेबेका ने कहा, “यहां कभी कभी रात के पैदल निकलना भी अच्छा लगता है। खासकर रात के 11 बजे के बाद।”

“आज मौसम भी कुछ शांत और उत्साह से भरा है।” मेल्विन ने कहा, “अच्छा, तुमने एक बात कभी नोटिस की है रेबेका!”

“कौन सी बात?” 

“यही कि जब भी हमारे आसपास खुशियों का मौहाल होता है तब मौसम भी खुश खुशनुमा सा लगता है।” मेल्विन ने कहा। 

“वो एक्चुअली होता क्या है कि उस वक्त हमारा मन भी खुशनुमा होता है इसलिए मौसम भी खुशनुमा लगता है हमें। वैसे मेल्विन, आज तुम्हारा इवेंट कैसा रहा?”

“अच्छा था। मैं एक घंटे के लिए वहां गया था लेकिन देखते ही देखे कब 2 घंटे बीत गए हम पता ही नहीं चला।”

“तभी मैं कहूं तुम्हें आने में इतनी देर क्यों हो गई। अभी घर पहुंचने-पहुंचते भी तुम्हें काफी लेट हो जाएगा। मां को फोन करके तुमने बता तो दिया है न?” रेबेका ने पूछा।

“मां को यहां आने से पहले ही मैंने कॉल कर दिया था। मैंने उन्हें अपने देर से आने के बारे में पहले ही बता दिया है। मैं जानता हूं वो अब तक सोई नहीं होगी। बल्कि मेरा इंतजार कर रही होगी। उनकी बचपन से याद आता है। जब भी मैं घर लेट आता हूं तो वो सोती नहीं, जब तक कि मैं घर नहीं पहुंच जाता।

“मॉम–डैड होते ही ऐसे हैं मेल्विन। तुम तो फिर भी मेल हो। हम फीमेल के साथ ये नॉर्मल बात है।” रेबेका ने कहा, “अच्छा, ये रघु कौन है जिसके पीछे आज तुम ट्रेन में भागे थे।”

“ये एक अधूरी कहानी है रेबेका। जिसके शुरुआत और अंत का मुझे कुछ भी मालूम नहीं है। बीच का कुछ हिस्सा मालूम है जिसका जिक्र में अब नहीं करना चाहता। ये मेरे पिता से जुड़ी हुई एक कहानी है जिसे जानने के लिए मैं रघु से मिलना चाहता हूं। लेकिन रघु मुझसे मिलने से बार-बार बच रहा है। अब एक बार रघु मिल जाए तो बात समझ में आए।”

“मिल जाएगा। सब्र रखो। अगर वो तुम्हारे आसपास चक्कर लगा रहा है तो एक न एक दिन टक्कर जरूर होगी।” रेबेका ने कहा।

चलते–चलते वे दोनों मेट्रो स्टेशन तक पहुंच चुके थे। अलग होने से पहले मेल्विन ने आंख भर कर रेबेका को एक बार फिर देखा। रेबेका के होठों पर मुस्कुराहट थी। मेल्विन उस मुस्कुराहट को देखकर काफी अच्छा महसूस कर रहा था।

घर पहुंचने-पहुंचते मेल्विन को आधी रात हो गई। जैसा कि मेल्विन का अंदाजा था, उसकी मां अब भी उसका इंतजार करते हुए जग रही थी।

उसके घर पहुंचते ही उसकी मां ने पूछा, “कैसी रही पार्टी?”

“बहुत अच्छी मां। लेकिन आज का दिन बहुत थका देने वाला था।” मेल्विन ने बताया।

“आज तुम रूटिन से हटकर कुछ करने गए थे। थकान तो होगी ही।” मेल्विन की मां ने कहा।

“रघु मुझे फिर दिखा था मां!” मेल्विन ने शाम को घर पहुंचते ही अपनी मां को सुबह लोकल में हुई घटना के बारे में बताया, “मां, वो रघु ही था।”

“अब तो मुझे भी थी लगता है मेल्विन!” उसकी मां ने कहा, “मैंने वो वीडियो फिर से देखा। उसकी शक्ल भले न दिख रही हो मेल्विन, लेकिन वो अपने चाल–ढाल से रघु ही लगता था।”

“लेकिन एक बात समझ में नहीं आती। कल जब वो मुझे मिला था, तब मुझे टालने के लिए उसने कैफे ढूंढने का बहाना किया था। मैंने आज घर आने से पहले उसी कैफे में रघु के बारे में पूछताछ की। रघु वहां गया था। उसने वहां एक घंटा टाइम भी स्पेंड किया था। ये आखिर क्या खेल खेल रहा है मां?”

“वो कुछ तो ऑब्जर्व करना चाहता है मेल्विन! अगली बार जब वो तुम्हें दिखे, तो उसे जाने मत देना तुम। क्या पता उसके मन में क्या चल रहा है। वो तुम्हें नुकसान भी पहुंचा सकता है बेटे!”

“शारीरिक नुकसान पहुंचाने की हालत में तो वो नहीं है मां! लेकिन अगर उसके दिमाग में कुछ खतरनाक चल रहा है तो मुझे वक्त रहते ये जानना होगा।”

“चलो अब सो जाओ मेल्विन। रात बहुत हो चुकी है। इन सब के बारे में हम कल बात करेंगे।” मेल्विन की मां ने घड़ी की ओर देखते हुए कहा। फिर वो दोनों सोने चले गए।

अगले दिन मेल्विन की मां वापस घर जाने की तैयारी करने लगी। संडे का दिन था और आज मेल्विन घर पर ही रहने वाला था। उसकी मां ने अचानक ही उसे ये खबर तो उसे झटका लगा।

“अभी तो तुम आई थी। इतनी जल्दी क्यों जा रही हो मां?” मेल्विन ने परेशान होते हुए पूछा।

“ज्यादा दिन तक दुकान बंद करके नहीं रख सकती बेटे। आजकल कंपटीशन कितना बढ़ गया है जानते हो न। अगर मेरे ग्राहक टूट गए तो फिर दुकान संभालना मेरे लिए मुश्किल हो जाएगा। आखिर वो दुकान ही तो है जिससे मैं अकेले उस घर में अपना वक्त गुजरती हूं।” मेल्विन की मां ने कहा, तो मेल्विन फिर उदास हो गया।

“अब और ज्यादा दिन तक तुम्हें अकेले नहीं रहना पड़ेगा मां।” मेल्विन ने कहा, “मैं जल्दी ही हम दोनो के साथ रहने का बंदोबस्त करूंगा।”

“नहीं बेटे, मैं वो घर ही छोड़ सकती। उस घर से तुम्हारे पिता की यादें जुड़ी हुई हैं।” मेल्विन की मां ने कहा।

“जिस पिता का जिक्र आप कभी नहीं करती मां उसकी यादों के साथ रहकर आप क्या करेंगी। मैं तो कहता हूं कि अब ये सबकुछ छोड़ दो मां। अपना दुकान छोड़ दो। पिता के साथ अपनी यादें छोड़ दो। नहीं रखा कुछ भी उन सब यादों में।” मेल्विन ने कहा।

“इतना आसान नहीं है बेटे। मैं तुम्हारे पिता से बहुत नाराज हूं, ये बात सच है लेकिन आखिर वे थे तो मेरे हस्बैंड ही। मैं चाहकर भी उन्हें अपने दिलों दिमाग से नहीं निकल सकती मेल्विन।”

“क्यों मां, अब तुम उन्हें अपने दिलों दिमाग से क्यों नहीं निकल सकती? उनके बारे में आज तक तुमने मुझे कुछ बताया तो है नहीं। फिर आखिर कौन सी यादों के साथ तुम जी रही हो? या तो फिर तुम मुझसे पिताजी के बारे में सब कुछ झूठ बोलती आई हो मां?”

मेल्विन ने जब ये कहा तो उसकी मां खामोश हो गई। उनके दिल की मेल्विन की बात सुनकर ठेस पहुंची थी।

क्या मेल्विन की मां मेल्विन को उसके पिता के बारे में कुछ बताएगी? क्या मेल्विन उन रहस्यों के बारे में जान सकेगा जो उसके पिता से जुड़ी हुई है? क्या रघु से उसकी मुलाकात हो सकेगी? क्या मेल्विन की लव स्टोरी यहां से शुरू हो जाएगी?

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