Ep 13 - Black Card 

 

‘बिग शॉट कंपनी’

शान्विक ने अभी-अभी एक बेहद ज़रूरी मीटिंग शुरू की थी। और उस मीटिंग के दौरान सबका मोबाइल साइलेंट मोड पर था ताकि कोई डिस्टर्बेंस न हो।

लेकिन तभी हल्की सी वाइब्रेशन की आवाज़ आई। कमरे में बैठे सभी लोग एक-दूसरे की ओर देखने लगे — मानो पूछ रहे हों: “ये किसका फ़ोन है?”

कुछ सेकंड बाद… सबने देखा कि शान्विक ने अपना मोबाइल उठाया और एक मैसेज पढ़ने लगा।

जिसे देखकर सब हैरान रह गए।

मीटिंग के दौरान मैसेज पढ़ना — क्या ये नियमों के ख़िलाफ़ नहीं था??

लेकिन इससे भी ज़्यादा हैरानी की बात यह थी कि उस मैसेज को पढ़ते हुए शान्विक मुस्कुरा रहा था।

वो सारे मैसेज शैव ने भेजे थे।

जब राजेंद्र जी और व्योला बात कर रहे थे, तब शैव ने उनकी बातें सुन ली थीं। वह वहाँ राजेंद्र जी को चेक करने के लिए आया था। और उन दोनों बाप-बेटी को यह बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि किसी ने उनकी बातचीत शान्विक तक पहुँचा दी थी।

जो कुछ इस तरह थे...

शैव: [!! मैंने उस लड़की को कहते सुना कि तुम दोनों शादी करने वाले हो, ये मत कहना कि ये बात सच है!!!]
शैव: [तुमने उसके पापा की सर्जरी करने का वादा करके उससे शादी के लिए मजबूर किया है, न? यक़ीन नहीं होता कि तुम ऐसे इंसान हो।]
शैव: [उस लड़की ने कहा कि तुम उसका बहुत ख्याल रखते हो।]
शैव: [उसने यहाँ तक कहा कि तुम उसके एक्स से बेहतर हो। नहीं, रुको... उसने नहीं, उसके पापा ने ये कहा।]

ये सारे मैसेज पढ़ने के बाद, शान्विक के होंठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई थी।

उसने सिर्फ़ एक शब्द में जवाब दिया: [हाँ।]

शैव: [हाँ? इसका मतलब क्या है? क्या वाकई तुमने सर्जरी के बदले उसे शादी करने के लिए मजबूर किया?]
शान्विक: [मैं उसके एक्स से बेहतर हूँ।]
शैव: [...]
कुछ पल बाद...

शैव: [तुम सच में शादी करने वाले हो?]
शान्विक: [कोई शादी के बारे में झूठ कैसे बोल सकता है?]
शैव: [Impossible!!]

 

 

शाम के 5 बजे।

शान्विक का ड्राइवर व्योला को लेने के लिए समय पर हॉस्पिटल आ गया था।

ड्राइवर बेहद शालीनता से पेश आया। जब उसने व्योला को देखा, तो उसने कहा, “मैडम।”

व्योला ने हल्के से सिर हिलाकर उसे जवाब दिया।

वो अभी तक “मैडम” कहे जाने की आदत नहीं डाल पाई थी, और इस तरह बुलाया जाना उसके लिए थोड़ा अजीब था।

ड्राइवर ने पीछे वाली सीट का दरवाज़ा खोला, और जब वह बैठ गई, तब जाकर खुद ड्राइवर सीट पर बैठा।

व्योला ने गौर किया कि शान्विक कार में नहीं था।

उसने पूछा, “क्या शान्विक बिज़ी हैं?”

ड्राइवर ने जवाब दिया, “कोई उनसे मिलने आया था और उन्हें किसी ज़रूरी मुद्दे पर बात करनी थी, इसलिए उन्होंने मुझे आपको लेने के लिए भेज दिया। वो आपको मॉल में ही मिलेंगे। तब तक आप अपनी पसंद के कुछ ड्रेस ले लीजिए।”

व्योला ने कहा, “ओह।”

और वो चुपचाप बैठ गई।

रास्ते में व्योला ने महसूस किया कि ड्राइवर बार-बार उसे देख रहा है। पहले तो उसने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब बार-बार ऐसा हुआ तो वह थोड़ी असहज हो गई।

जब सिग्नल पर कार रुकी, तब उसने देखा कि ड्राइवर फिर से उसे देख रहा है। वह खुद को रोक न सकी और पूछ बैठी, “वो... आप मुझे बार-बार देख रहे हैं, क्या कोई बात है?”

“हां?”
ड्राइवर उसके सवाल से थोड़ा चौंक गया। उसने घबराते हुए जवाब दिया,
“मैडम, प्लीज़ ग़लत मत समझिए। मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं था। मैं तो बस... उत्सुक था।”

“उत्सुक?” व्योला को कुछ समझ नहीं आया।

उसे किस बात की उत्सुकता हो सकती है?

“जी, उ-उत्सुक था,” ड्राइवर ने रियर व्यू मिरर में उसे देखते हुए आगे कहा,
“आपके आने से पहले, सर के साथ कभी कोई लेडी नहीं रही। वो तो कभी किसी रिलेशनशिप में भी नहीं रहे। मैडम ने कई अमीर और खूबसूरत लड़कियों से उनका रिश्ता करवाने की कोशिश की थी, लेकिन किसी में भी उनकी दिलचस्पी नहीं थी। मैडम और सर तो अब तक बहुत चिंतित थे।”

यह सुनकर व्योला चौंक गई। उसने हैरानी से पूछा, “सच में? वो कभी किसी रिलेशनशिप में नहीं रहे?”

और सोचने लगी, “इतने परफेक्ट इंसान को तो कॉलेज के समय से ही सब पसंद करते होंगे। ऐसा कैसे हो सकता है कि वो कभी किसी रिलेशनशिप में न रहे हों?”

ड्राइवर ने लंबी साँस लेते हुए कहा,
“मैडम, शायद आपको नहीं पता, लेकिन हमारे सर को ‘एंटी-वुमन डिसऑर्डर’ है।”

“एंटी-वुमन डिसऑर्डर?!” व्योला हैरान रह गई।

ये कैसी अजीब-सी बीमारी है?

ड्राइवर ने समझाया,
“उन्हें महिलाओं से चिढ़ होती है, और वो उनके संपर्क में भी नहीं आना चाहते। मैडम और बड़ी मैडम को छोड़कर, उन्होंने कभी किसी औरत के करीब आने की कोशिश नहीं की। इसी वजह से वो इतने समय तक अकेले रहे।”

“सर की ये समस्या बहुत रेयर है और अब तक जितने भी डॉक्टर्स ने इलाज करने की कोशिश की, किसी को भी सफलता नहीं मिली। इसलिए जब हमें पता चला कि वो आपसे शादी करने वाले हैं, तो हम सब चौंक गए।”

व्योला को गहरा झटका लगा। उसने कुछ पल लगाए सारी बात समझने में, फिर पूछा,
“अच्छा! फिर अगर वो किसी महिला के संपर्क में आते हैं तो क्या होता है?”

ड्राइवर का चेहरा गंभीर हो गया। उसने धीमे और ठहराव से जवाब दिया, “सर को एलर्जी हो जाती है। अगर हल्की हो तो स्किन पर रैशेज़ निकल आते हैं, लेकिन अगर गंभीर हो तो उन्हें चक्कर आने लगते हैं, और उल्टी तक हो सकती है।”

व्योला एकदम हिल गई। वो सोचने लगी,
“क्या?!”
“ये कैसी अजीब बीमारी है?”
“ल-लेकिन ये कैसे हो सकता है?”
“वो तो कई बार मुझे छू चुके हैं, लेकिन फिर भी उन्हें कुछ भी नहीं हुआ।”

व्योला को ऐसे सोचते देख, ड्राइवर ने कहा,
“सर को आपसे एलर्जी नहीं हो रही। शायद इसी वजह से उन्होंने इतनी जल्दी शादी का फैसला किया है। वैसे भी आप बहुत सुंदर हैं।”

ड्राइवर को भी वो पसंद आ गई थीं। उसने सोचा, लेकिन...

“मैडम और बड़े सर को शायद अभी शादी के बारे में पता नहीं है। और उन्हें पता चलेगा तब वो कैसे रिएक्ट करेंगे, किसी को नहीं पता।”

“क्योंकि..... मैडम तो मिस लवीना और सर की शादी करवाने की कोशिश कर रही हैं।”

वह यह सभी ख्यालों को अपने दिमाग से निकालकर ड्राइव करने लगे।

आधे घंटे बाद ड्राइवर ने कार एक शॉपिंग मॉल के सामने रोकी।

उतरने के बाद उन्होंने व्योला से कहा,
“सर ने कहा है कि मैडम पहले मॉल घूम लें। ये मॉल उनके परिवार का ही है, तो जो कुछ भी आपको पसंद आए, आप उसे ले सकती हैं।”

यह सुनकर व्योला एकदम चुप हो गई। उसका "होने वाला hubby" वाकई में बहुत अमीर था।

 

 "और..."

ड्राइवर ने अपने बैग से एक काली कार्ड निकाली और उसकी तरफ़ बढ़ाते हुए कहा, "सर ने कहा है कि ये कार्ड मैं आपको दे दूं। ये उनका सब्सिडियरी कार्ड है... आप इसे जैसे चाहें, वैसे इस्तेमाल कर सकती हैं।"

 

"मेरे लिए?"

व्योला कुछ पल के लिए कार्ड को देखती रही। वह अब भी हैरानी में डूबी थी। उसने कहा, "नहीं, रहने दीजिए। मुझे इसकी ज़रूरत नहीं है।"
 

भले ही वह उसका होने वाला पति था, पर व्योला के लिए यह कार्ड एक्सेप्ट करना पॉसिबल नहीं था।

ड्राइवर थोड़ा गिड़गिड़ाने लगा, "मैडम, अगर आपने ये कार्ड नहीं लिया, तो सर मुझे सज़ा देंगे। उन्होंने साफ़ हिदायत दी है।"
 

उसे यूँ परेशान देखकर, थोड़ी झिझक के बाद, व्योला ने कार्ड ले लिया।
उसने मन ही मन सोचा कि जब शान्विक उससे मिलेगा, तो यह कार्ड उसे लौटा देगी।

जब वह मॉल के अंदर गई, तब उसने देखा कि कुछ लोग उसका बड़े आदर से स्वागत करने के लिए आए थे। वे सब मॉल के सीनियर स्टाफ थे और बहुत शालीनता से उसके आसपास खड़े हो गए।

कुछ देर तक व्योला ने इधर-उधर देखा, फिर थोड़ी असहज होकर बोली, "प्लीज़, आप लोग मेरे साथ-साथ मत चलिए... मैं अकेले ही शॉपिंग करना चाहती हूँ।"

यह सुनकर वे सब थोड़ा हैरान हो गए, पर फिर उसे अकेले छोड़ दिया।
यह एक लक्ज़री मॉल था, जहाँ हर चीज़ रॉयल और महंगी थी।

व्योला bankruptcy से पहले ऐसे मॉल में शॉपिंग किया करती थी।
पर अब... वह ज़माना चला गया था। बहुत समय बाद वह इस जगह लौटी थी।

वह एक अंडरगारमेंट स्टोर में गई।

उसके साधारण कपड़े देखकर, वहाँ की सेल्सगर्ल्स ने उसे नजरअंदाज़ कर दिया। वे दूसरी अमीर दिखने वाली ग्राहकों को अटेंड करने में लगी थीं।

व्योला ने इस बात का बुरा नहीं माना, बस चुपचाप देखने लगी।


उसका कुछ खरीदने का इरादा नहीं था। वह तो बस शान्विक का इंतज़ार करते हुए अपना समय बिता रही थी। वह उस शॉप से जाने ही वाली थी कि एक जानी-पहचानी आवाज़ उसके कानों में पड़ी।

 

एक लड़की किसी लड़के से नखरे से पूछ रही थी, "बेबी! क्या मैं इस ड्रेस में अच्छी लग रही हूँ?"

व्योला हैरान हो गई। वह धीरे से मुड़ी... और देखा, फिटिंग रूम के सामने एक कपल खड़ा था।

 

विशाल, उसका एक्स-फिऑन्से, और उसकी क्लासमेट प्राची।

प्राची एक ड्रेस पहन कर खुद को आईने में देखते हुए मुस्कुरा रही थी।

 

"हां, बहुत प्यारी लग रही हो," विशाल बोला और प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा।

"मेरी बेबी तो हर चीज़ में सुंदर लगती है।"

वहाँ खड़े सभी कर्मचारी उन्हें देखकर jealous हो रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर अभी भी मुस्कुराहट बनी हुई थी।

एक फीमेल स्टाफ ने उन्हें मस्का लगाते हुए कहा, "बिलकुल सही, प्राची मैम तो bollywood इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्ती हैं। और विशाल सर तो खुद बहुत हैंडसम हैं! आप दोनों की जोड़ी तो जैसे खुद भगवान ने ही बनाई है!"

यह सुनकर प्राची का चेहरा चमक उठा। वह मुड़ी और मीठी सी आवाज़ में बोली, "बेबी, क्या मैं ये ड्रेस ले लू?"

सेल्सगर्ल बोली, "जो सच है, वही मैं कह रही हूँ मैम।"

"आप दोनों जैसे लोग बहुत कम मिलते हैं। आप दोनों की जोड़ी बहुत प्यारी लग रही है।"

यह सुनकर, विशाल का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

प्राची वाकई में बेहद ख़ूबसूरत थी। इसके अलावा, वह एक मशहूर सेलिब्रिटी भी थी, जिसे लेकर कोई भी गर्व महसूस करता।

और प्राची करियर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बुलंदियों पर था। जिस दिन वो फर्स्ट-टियर आर्टिस्ट बन जाती, उस दिन कोई भी उसे नकार नहीं पाता।

"तो फिर इसे ले लेते हैं।" ,विशाल ने स्टाफ की जलनभरी निगाहें देखकर और भी जोश में कहा,

 

"और ड्रेस देख लो अगर कुछ और पसंद आ जाए, तो सब एक साथ पे कर देंगे।"

"Wow!"

प्राची यह सुनकर बेहद खुश हो गई। वो झट से विशाल के गाल पर kiss करती हैं। और कहती है, " बेबी ! तुम तो सच में बहुत अच्छे हो! हमेशा मेरा बहुत ख्याल रहते हो।"

वहाँ मौजूद स्टाफ उसकी किस्मत से जलने लगे। क्यूंकि प्राची के पास  कुदरती खूबसूरती, करियर, और ऊपर से इतना प्यार करने वाला बॉयफ्रेंड था!

वो ड्रेस जिसकी कीमत लाखो में थी विशाल बिना सोचे उसे खरीद रहा था। किस्मत चाहिए ऐसा अमीर और हैंडसम लड़का पाने के लिए?

प्राची अकेले कपड़े पसंद करने लगी। उधर विशाल रेस्ट एरिया में जाकर बैठ गया। लेकिन तभी उसकी नज़र एक जानी-पहचानी शख्सियत पर पड़ी।

"व्योला?"

वो थोड़ा चौंक गया, फिर भौंहे सिकोड़ते हुए बोला, "तुम यहाँ क्या कर रही हो?"

उसके हाव-भाव से लग रहा था जैसे व्योला का यहाँ होना उसकी शान के खिलाफ हो।

व्योला का नाम सुनकर प्राची तुरंत पलटी और जैसे ही उसने व्योला को देखा, उसकी आंखें चौड़ी हो गईं। वो फौरन विशाल को देखने लगी।

विशाल, व्योला को एकटक देख रहा था। जिसे देखकर उसका चेहरा जलन से भर गया।

व्योला ने एक सिंपल सफेद टी-शर्ट, हल्की नीली थ्री-क्वार्टर पैंट और सफेद जूते पहन रखे थे। खुले बाल, और बिना मेकअप के वो सादगी में भी बवाल लग रही थी। यह देखकर उसे गुस्सा आने लगा। उसने धीरे से कहा,  "ये बेशर्म व्योला, यहाँ क्या विशाल को अपने बस में आई है?"

वहीँ उन दोनों को ऐसे देख कर व्योला disgust फील करने लगी। वह चुपचाप वहाँ से जाने लगी थी। 

"अरे! व्योला तुम?" तभी प्राची ने पीछे से आवाज़ लगाई।

व्योला रुक गई। उसके पास कोई चारा नहीं था।

कुछ पल के लिए दोनों के बीच अजीब सा सन्नाटा छा गया।

प्राची तुरंत विशाल से चिपक गई और मुस्कुराते हुए बोली, "व्योला! कितने दिन बाद मिली हो! कैसी हो?"

व्योला ने कोई जवाब नहीं दिया।

"अच्छा! तुम यहाँ क्या कर रही हो?" प्राची ने ऐसा दिखाया जैसे वो उसकी फ़िक्र करती है। 

"मेरा मतलब है...  अगर तुम कपड़े खरीदने आई हैं, तो बिना कुछ लिए ऐसे ही जा क्यों रही हो?”

व्योला समझ गई कि प्राची उसे नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है। उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आई। प्राची ने व्योला को ऊपर से नीचे तक देखा। उसके साधारण कपड़े देखकर उसके चेहरे पर हल्की सी हंसी आई। 

वो कुछ कहती उससे पहले ही प्राची ने आगे कहा, “ओह! अब याद आया, इन दिनों तुम्हें कोई काम नहीं मिल रहा होगा न, और अंकल भी अभी हॉस्पिटल में हैं। तुम्हारे पास पैसो की कमी होगी हैं न?”

उसकी बात सुनकर वहाँ के स्टाफ ने उसे नीची नजरों से देखने लगे। एक फीमेल स्टाफ प्राची की चापलूसी करते हुए कहने लगी, “प्राची मैम ! क्या इस गरीब लड़की को आप जानती हैं?” 

दूसरी स्टाफ बोली, “इसके पास तो कपड़े खरीदने तक के पैसे नहीं हैं, फिर भी यहाँ शॉपिंग करने आई है? कहीं सिर्फ ए.सी. की हवा खाने तो नहीं आई?” 

व्योला चुप रही। वह इस बात का जवाब नहीं देना चाहती थी। क्योंकि उसे पता था इसका कोई मतलब नहीं होने वाला है। वो जाने लगी। 

तभी प्राची की नज़र व्योला के हाथ में पकड़े हुए ब्लैक कार्ड पर पड़ी।

"ये... ये क्या है?" प्राची ने हैरानी से पूछा।

विशाल भी कार्ड को देखकर चौंक गया। वह जानता था कि ये कोई साधारण कार्ड नहीं था। 

"ये तो... ब्लैक कार्ड है," विशाल ने धीमे से कहा।

प्राची की आँखें चौड़ी हो गईं। उसने कहा, "व्योला! ये कार्ड तुम्हारे पास कैसे आया?"

व्योला ने कार्ड को अपने पर्स में रख लिया। और गुस्से से कहा, "इससे तुम्हें क्या मतलब?"

"हाँ, लेकिन..." 

प्राची अभी भी shock में थी, "तुम्हारे पास ब्लैक कार्ड कैसे हो सकता है? ये तो सिर्फ़ अमीर लोगों के पास होता है! कहीं तुमने इसे किसी से चुराया तो नहीं न?"

क्या होगा आगे? क्या करेगी अब व्योला? कैसे खुद को innocent prove करेगी? जानने के लिए बने रहिये मेरे यानी @मनचली के साथ 

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