व्योला ने शादी के लिए “हाँ” तो कह दिया था लेकिन अभी भी वो नाखुश लग रही थी जिसे देखकर शान्विक को अच्छा नहीं लगा उसने कहा, “ मुझसे शादी कर लो! मैं तुमसे वादा करता हूँ की तुम अपने इस फैसले पर रिग्रेट नहीं करोगी। मुझसे जो होगा मैं वो सब करूँगा तुम्हरे लिए। आज से तुम्हारे सारे दुःख मेरे और मेरा सब कुछ तुम्हरा।”
यह सुनते ही व्योला की दिल की धड़कने बढ़ गयी उसने उसे देखा। तो शान्विक ने आगे बढ़ कर उसके सर पर किस कर लिया। जिससे व्योला ने शर्मा कर अपना सर निचे कर लिया। शान्विक का यह gesture उसके दिल को छू गया। उसे अपने पापा की याद आ गयी वो भी हमेशा उनका बहुत ही अच्छे से ख्याल रहते थे।
व्योला ने मन में कहा….
“तेरे वादों पे ऐतबार कर लिया है मैंने,
अब इस रिश्ते को अपनी रूह से थाम लिया है मैंने।
हाँ... मैं तैयार हूँ तुम्हारे साथ चलने को,
हर मोड़, हर राह, हर मंज़िल पर तुम्हारा होने को।”
शान्विक का फ़ोन बजा, उसने कॉल पिक किया और कहा, “हैल्लो! ”
“बॉस ! आज शाम को आपको एक पार्टी में जाना है।”
शान्विक ने कहा, “ ठीक है।”
और फिर उसने व्योला को देखा। उसने कहा, “शाम को हमे एक पार्टी में जाना है तुम उसके लिए रेडी रहना शाम को 6 बजे मैं तुम्हे पिक करने आ जाउंगा।”
व्योला ने घबराकर कहा, "Party? मैं... मैं party में नहीं जाती।"
शान्विक के ने उसे रोकते हुए कहा, “तुम चिंता मत करो एक छोटी सी ही पार्टी है। तुम्हे बस मेरे साथ चलना है।”
व्योला ने कहा, “ठीक हैं।”
*******
कुछ देर बाद…
हॉस्पिटल के बाहर,
एक बड़ी सी luxurious गाड़ी आ कर रुकी। ड्राइवर कार से बाहर निकला, कार के पीछे चला गया, दरवाजा खोलकर वह और सम्मानपूर्वक पीछे हट गए।
उसमे बैठी व्योना ने अपना बैग उठाया और कार से बाहर निकली, और कार के अंदर बैठे शान्विक से हाथ हिलाकर “बाय” किया और कहा, " “ठीक हैं! अब मैं चलती हूँ और आप ध्यान से जाइएगा।"
ये कहते ही वो मुड़ी और अंदर जाने लगी।
वहीँ उसकी बात सुनकर शान्विक को अच्छा नहीं लगा उसने पूछा, “ तुमसे ये किसने कहा की मैं कंपनी जाऊंगा?”
शान्विक बिना कुछ बोले ही गाड़ी से निकला, अपने कफ़लिंक को बटन किया और धीरे-धीरे से उसकी तरफ जाने लगा।
यह सुनकर व्योला हैरान हो गयी उसने कहा, “मैंने देखा था तुम्हारे डेस्क पर बहुत सी फाइल्स रखी थी। तुम्हे बहुत से काम करने होंगे। तुम….”
इससे पहले वो कुछ और कह पाती शान्विक उसके पास आया और उसने उसे अपनी बाहों में खींच लिया
उसकी गर्म और मोहक सांसों से घिरी हुई व्योला को शान्विक के गर्म हाथों ने कमर से पकड़ लिया, जिसे महसूस कर व्योला का चेहरा शर्म से लाल हो गया था ।
व्योला ने उसे अपने से दूर करने के लिए उसे धक्का दिया तो उसने उसे कोल्ड आवाज़ में कहते हुए सुना, "व्योला, मैं सच में चाहता हूँ कि तुम मुझसे शादी करो। और अब जब हम शादी करने वाले हैं, तो मुझे तुम्हारे परिवार से भी मिलना चाहिए।"
यह सुन कर वह कुछ सेकंड के लिए उसकी बाहों में जम गई, व्योला को उसे खुद से दूर नहीं धकेलना चाहिए। व्योला ने भी यही ठीक समझा तो उस ने कहा , “ठीक है।”
जिसे देख कर शान्विक ने संतुष्टि में मुस्कुराते हुए कहा "चलो, मैं अपनी होने वाली पत्नी के पिता से मिलना चाहता हूँ"
जब उसने उसे "अपनी पत्नी के पिता" कहते सूना, तो व्योला फिर से हैरान हो गई. जिसे उसने ignore कर दिया और उसे हॉस्पिटल के अंदर ले गया।
जब वो एलिवेटर के पास पहुंचे तभी व्योला ने उसकी स्लीव्स खींची और रुक गई, फिर उसने कहा, "एक मिनट रुको, मुझे कुछ कहना है।”
उसने अपना सिर नीचे किया व्योला को देखने के लिए और पूछा, "क्या?"
कुछ सोचते हुए व्योला अपने लिप को बाईट करने लगी। कुछ देर चुप रही उसे समझ ही नहीं आ रहा था की वो अपनी बात कैसे कहे। थोड़ी देर बाद उसने हिम्मत कर उसने उससे request करते हुए कहा, "क्या हम अपनी शादी के बारे में पापा को बाद में बताये?"
बोलने के तुरंत बाद, उसने महसूस किया कि उस आदमी के चारों ओर हवा का दबाव कम हो गया था। तो उसने आगे कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं की और न ही उसकी ओर देखने की जुर्रत की।
उस आदमी का सुंदर चेहरा अब डार्क हो गया, उसने कहा, "तुम्हारा मतलब है, तुम हमारी शादी को सीक्रेट रखना चाहती हो?"
वह शान्विक ग्रेवाल था, उसे पहले कभी इस तरह से ट्रीट नहीं किया गया था।
उसने सोचा, “इसकी जगह कोई और लड़की होती तो वो इसे दुनिया के सामने annouce करने के लिए एक पैर में खड़ी होती। लेकिन ये मुझे चुप रहने के लिए कह रही है। क्या ये दुसरो को उनके रिश्ते के बारे में नहीं बताना चाहती थी? लेकिन क्यों? या फिर, पता चल जाएगा तो लोग क्या कहेंगे ये सोच रही हैं? या फिर वह अभी भी अपने EX fiance से प्यार करती हैं?”
यह सोचते हुए, शान्विक उदास हो गया, और उसकी आँखें इतनी ठंडी हो गयी थी कि बर्फ की एक परत जमने वाली थी। व्योला ने जब उसकी आँखों का सामना किया तो वह डर कर अवाक रह गई।
उसने कहा, "व्योला!"
उस आदमी की पतली उँगलियों ने उसके चहरे को छुआ, उसकी आँखें ठंडी और तीखी थीं और उसने अपनी कोल्ड और मैग्नेटिक आवाज में कहा, "तुम मेरी हो। और मेरा तुम्हें तलाक देने का कोई इरादा नहीं है, न अभी, न कभी।"
उसकी उंगलियाँ थोड़ी कस गईं, उसकी आवाज़ में एक रौब था। उसने आगे कहा, "तुम्हारे मन में मेरे अलावा कोई और नहीं होना चाहिए, क्या तुम सुन रही हो?"
व्योला डर गयी थी उसने हिम्मत कर उसे समझाते हुए कहा, "पापा की तबियत अभी ठीक नहीं है और जब मैं उन्हें हमारी शादी के बारे में बताउंगी तब उनका रिएक्शन कैसा होगा मुझे नहीं पता हैं बस इसलिए …. "
यह सुनकर शान्विक का एक्सप्रेसशन थोड़ा नार्मल हो गया उसने आगे कुछ नहीं कहा और दोनों वार्ड की ओर बढ़ गए। वार्ड के बाहर दो constable खड़े थे। उन्होंने जब शान्विक को आते देखा तो वो हैरान हो गए। फिर धीरे से उन्होंने ग्रीट किया।
वही व्योला रूम के अंदर आने से थोड़ा हिचकिचा रही थी, लेकिन शान्विक ने पहले ही हाथ बढ़ा कर दरवाजा खोल दिया था, जिससे वह सीधे अंदर आ गई।
राजेंद्र बेड पर लेटे हुए थे। आवाज सुन कर उन्होंने ऊपर देखा। अपनी बेटी के साथ एक लड़के को देख कर उनकी आँखें चौड़ी हो गईं। एक लंबे, सुंदर और attractive आदमी जिसने व्योला को कमर से पकड़ रखा था।
उन्होंने कहा, “आप….!”
"बेटा यह तुम्हरे साथ.....?”
"पापा, यह…”
इससे पहले की व्योला कुछ कहती, शान्विक ने कहा, “मैं आपका होने वाला दामाद हूँ.”
यह सुनकर कैसे रियेक्ट करेंगे व्योला के पापा यह उस ने इमेजिन भी नहीं किया था।
राजेन्द जी ने हैरानी से कहा, “क्या …?”
राजेंद्र जी की आँखें हैरानी से फैली हुई थीं। उन्होंने अपनी बेटी व्योला को देखा, फिर शान्विक को। कुछ देर का सन्नाटा छाया रहा।
"दामाद?" राजेंद्र जी ने धीमी आवाज में दोहराया। उनके चेहरे पर confusion और चिंता दोनों साफ दिखाई दे रही थी। उन्होंने सोचा, “मेरे लिए व्योला ने क्या कुछ नहीं किया। तुम तक पहुंचना आसान नहीं हुआ होगा उसके लिए….!”
राजेन्द जी खुद एक businessman थे इसलिए वो शान्विक के बारे में पहले से ही जानते थे। हालाकिं वो कभी मिले नहीं थे लेकिन वो भी शान्विक के capability से वाकिफ थे।
वहीँ व्योला का दिल जोर से धड़क रहा था। वह अपने पापा के रिएक्शन से घबरा गई थी। उसने शान्विक की तरफ देखा तो वह बिल्कुल शांत खड़ा था, जैसे उसे पूरा भरोसा हो कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।
शान्विक ने आगे बढ़कर राजेंद्र जी के पैर छुए, और कहा, " मैं यहाँ अचानक आया हूँ इसलिए आपके लिए कोई गिफ्ट नहीं ला पाया।”
राजेन्द जी ने कहा, “कोई बात नहीं बेटा। तुम मुझसे मिलने आये मेरे लिए इतना ही काफी हैं।”
व्योला ने पूछा, “अब आपकी तबियत कैसी हैं? आपको कुछ चाहिए? मैं लेकर आती हूँ. ”
राजेन्द जी ने कहा, “व्योला बेटा क्या तुम मेरे लिए कुछ फ्रूट्स ले आओगी?”
शान्विक अपने बॉडी गॉर्ड को भेजने वाला था लेकिन जब उसने नोटिस किया की राजेन्द जी जानबूझकर व्योला को बाहर भेज रहे हैं तब उसने कुछ नहीं कहा और चुपचाप वही बैठ गया।
व्योला ने कहा, “जी पापा ! मैं अभी लेकर आती हूँ।”
ये कहकर वो चली गयी।
राजेन्द जी सोच ही रहे थे की वह अपनी बात the great शान्विक के सामने कैसे रखे तभी शान्विक ने कहा, “आप क्या कहना चाहते है? कहिये।”
राजेन्द ने कहा, “आप ग्रेवाल फैमिली के सबसे बड़े बेटे हैं न?”
शान्विक ने कहा, “ जी हां! आपने सही पहचाना।”
राजेन्द ने कहा, “तुम्हे हमारी हेल्प करने के लिए मनाने के लिए व्योला ने बहुत कुछ किया होगा।”
यह सुनते ही शान्विक को उस रात जो भी हुआ वो सब याद आ गया।
उसने कहा, “indeed!”
राजेन्द जी ने कहा, “तुम अगर व्योला को सच में पसंद करते हो तो हमेशा उसका ख्याल रखना और उसका साथ कभी मत छोड़ना।”
शान्विक ने कहा, “आप चिंता मत करिये ! मैं उसे कभी नहीं छोडूंगा और हमेशा उसके साथ रहूँगा।”
राजेन्द जी ने पूछा, “क्या तुम सच में व्योला से प्यार करते हो?”
“अगर नहीं तो तुम उससे दूर रहो। क्यूंकि वो आलरेडी बहुत सफर कर रही।”
यह सुनकर शान्विक ने कहा, “ मैं आपका concern समझ सकता हूँ। मैं तो नहीं जानता की मैं उससे प्यार करता हूँ या नहीं लेकिन ये मैं यकीन से कह सकता हूँ की मैं उसके बिना नहीं रह सकता। और न ही मैं उसे छोड़ सकता हूँ। जब मैं उसके साथ रहता हूँ तो मुझे सुकून मिलता हैं।”
राजेन्द जी ने कहा, “मैं समझ गया। और मुझे यकीन हैं की तुम मेरी बेटी को हमेशा खुश रखोगे।”
यह सुनकर शान्विक ने अपना सर हिलाया। कुछ देर के लिए दोनों चुप हो गए।
शान्विक ने कहा, “मैंने आपके केस की स्टडी की हैं। सारे सबूत आपके खिलाफ है।”
राजेन्द जी ने कहा, “मैं जानता हूँ। तुम्हे मेरी हेल्प करने की कोई जरुरत नहीं हैं। मैंने ही उस लेडी को मारा हैं।”
तभी शान्विक ने पूछा, “लेकिन आपने ऐसा क्यों किया ?”
राजेंद्र जी ने कोई जवाब नहीं दिया। शान्विक भी समझ गया था की वो इस बारे में बात नहीं करना चाहते इसलिए उसने भी आगे कुछ नहीं पूछा।
कुछ देर बाद.....
व्योला ने रूम का दरवाजा खोला और अंदर आयी तब उसने देखा की दोनों normally बात कर रहे थे तो उसने राहत की सांस ली। उसे लगा कि सब कुछ ठीक हो गया है।
व्योला ने कहा, “मैं आ गयी पापा! मैं आपके लिए ये सर्व कर देती हूँ।”
फिर एक orange निकलकर उसे पिल करने लगी।
तभी शान्विक का फोन बजा। उसने caller ID देखकर कहा, " i need to take this call."
वो वहां से दूर जाते हुए अपना फोन उठाया, "हाँ बोलो,"
उसने व्योला की तरफ देखा जो अपने पापा से बात कर रही थी। और उन्हें orange खिला रही थी।
थोड़ी देर बात कर वो वापस आया और कहा, “office में मुझे कुछ अर्जेंट काम आ गया हैं! मुझे अभी ऑफिस जाना होगा। अब मैं चलता हूँ। आप rest करिए।"
शान्विक ने फिर व्योला को देखा कहा, "व्योला, आज शाम हमें एक party में जाना है। तुम ready रहना।"
व्योला ने कहा, “ठीक हैं।”
शान्विक जाने लगा तो व्योला ने कहा, "मैं आपको बाहर तक छोड़ देती हूँ?"
"नहीं, तुम यही रहो। मैं शाम को आऊंगा," शान्विक ने कहा और चला गया।
शान्विक के जाने के बाद राजेंद्र जी ने व्योला को पास बुलाया। फिर उसका हाथ पकड़ कर बोले, "बेटा, शान्विक बहुत अच्छा लड़का हैं वो हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहेगा।
व्योला ने कहा, "हाँ पापा, शान्विक बहुत अच्छे हैं वो मेरा बहुत ख्याल रखते हैं।”
राजेंद्र जी ने व्योला से कहा, “वो विशाल जैसा नहीं है, उससे बेटर हैं तुम उसके साथ खुश रहोगी।”
जिसे सुनकर व्योला ने हां में अपना सर हिलाया और कहा, “हां!”
अब वो अपने और शान्विक के बारे में बता कर उन्हें परेशान नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने कुछ नहीं कहा।
राजेंद्र जी ने आगे कहा, “लेकिन फिर भी तुम्हें कभी कोई problem हो तो तुम अपनी आंटी के पास जा सकती हो। समझ गई न?"
व्योला ने मुस्कुराते हुए कहा, “आप ज्यादा मत सोचिये। अभी आपकी तबियत ठीक नहीं हैं और रेस्ट की जरुरत हैं।”
ये कहते हुए उसने अपने पापा को बेड पर अच्छे से लिटाया और शान्विक के बारे में सोचने लगी।
*****
वहीँ जब दोनों बात कर रहे थे तब शैव ने उनकी बाते सुन ली थी। जो वहा राजेन्द जी को चेक करने के लिए आया था।
उसने शान्विक को मैसेज किया, “क्या तुम दोनों सच में शादी करने वाले हो?”
क्या होगा इस कहानी में आगे जानने के लिए बने रहिये मेरे यानि @मनचली के साथ।
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