“आपको कुछ भी उल्टा–सीधा सोचने की जरूरत नहीं है मां।” मेल्विन ने कहा, “रेबेका मेरी दोस्त है। उसने पहली बार कोई ड्रामा डायरेक्ट किया है। अपने शो का इनविटेशन देने के लिए उसने मुझे कॉल किया था। आज शाम 7 बजे मुझे शिवाजी मंडल ऑडिटोरियम जाना है।”
*दोस्त है तो अच्छा है। कहीं ऐसे–वैसे चक्कर में मत पड़ जाना।” मेल्विन की मां ने समझाते हुए कहा, “यूं भी तुम्हारी दोस्ती की उम्र अब खत्म हो चुकी है मेल्विन! इस उम्र में नए रिश्ते बनाओगे तो उसके साथ कई समस्याएं भी आएंगी।”
“आप बेफिक्र रहिए मां! ऐसा कुछ भी नहीं होगा।” मेल्विन ने कहा और फिर अपने बेड से उठकर खड़ा हो गया।
“जल्दी से फ्रेश हो जाओ, मैं नाश्ता लगती हूं।” इतना कहकर मेल्विन की मां नाश्ता तैयार करने के लिए किचेन की ओर चली गई।
उस दिन मेल्विन ने अपनी मां को टाल तो दिया था लेकिन वो समझ चुका था कि उसके लिए रेबेका से दोस्ती कितनी बड़ी समस्या बन सकती है। वो रेबेका के साथ जितना टाइम स्पेंड करता उतना ही उससे जुड़ जाता। उसके अंदर एक अजीब सी सरसराहट दौड़ने लगती।
शाम को ठीक 8 बजे मेल्विन शिवाजी मंडल ऑडिटोरियम पहुंचा। उसने रेबेका को कॉल लगाया।
“हां मेल्विन, क्या तुम आ गए?” रेबेका ने फोन पर पूछा।
“एंट्री गेट पर खड़ा हूं रेबेका!” मेल्विन ने बताया, “क्या शो शुरू हो चुका है?”
“बस शुरू ही होने वाला है। जल्दी से आ जाओ। शो के बाद मैं तुम्हें मिलूंगी।”
रेबेका ने जब ये कहा तो तुम मेल्विन ने अपना पास दिखा कर ऑडिटोरियम में प्रवेश किया।
ऑडिटोरियम में अच्छी–खासी भीड़ थी। मेल्विन का अंदाजा था कि उसमें से ज्यादातर फ्री पासेस से आए हुए हैं।
मेल्विन की सीट सबसे आगे थी। वो अपनी सीट पर जाकर बैठ गया।
पूरे शो के दौरान मेल्विन की आंखें रेबेका को ढूंढती रही। एक बार रेबेका की हल्की सी झलक मेल्विन को मिली लेकिन उन दोनों की नजर न मिल सकीं।
शो खत्म होने के बाद रेबेका मेल्विन से मिलने के लिए उसके सीट के पास आई।
“हाय मेल्विन!” रेबेका ने उसे देखते ही कहा, “कैसा लगा हमारा शो?”
“हाय रेबेका!” मेल्विन ने जवाब दिया, “शो तो वाकई बहुत शानदार था। पिछला शो भी मैंने देखा था। वो काम भी बहुत बढ़िया किया था तुमने। कलाकारों को क्या बढ़िया रिहर्सल कराया था तुमने।”
“तुम मुझे ताना मार रहे हो मेल्विन?* रेबेका ने मुस्कुराते हुए पूछा।
“अरे नहीं, मैं तुम्हें ताने नहीं मार रहा हूं। सच में उस दिन कलाकारों ने बहुत अच्छा अभिनय किया था। मैं उनकी तारीफ कर रहा हूं।” मेल्विन ने कहा।
“ओके, थैंक्यू सो मच!” रेबेका ने खुश होते हुए कहा, “आओ मैं तुम्हें अपने काम करने की जगह दिखाती हूं।”
रेबेका मेल्विन को लेकर स्टेज के ऊपर चली गई।
“यहां मैं आ चुका हूं।” मेल्विन ने कहा, “रसल और माइकल से मैंने यही पूछताछ की थी।”
“हां, ये कहानी उन दोनों ने मुझे बताई थी।” रेबेका ने कहा।
उसने मेल्विन को वहां काम करने के बारे में सबकुछ बताया। मेल्विन भी उसकी आवाज में खोया हुआ चुपचाप सुनता गया।
“तुम स्कूल और ड्रामा एक साथ कैसे मैनेज कर लेती हो?” मेल्विन ने पूछा।
“दोनों की टाइमिंग बहुत अलग–अलग है। इसलिए टाइमिंग की कोई दिक्कत नहीं होती।” रेबेका ने कहा, “ये काम मैं उतना ही करती हूं जितना स्कूल के बाद मुझे टाइम मिल जाता है। कोई जोर–जबरदस्ती नहीं।”
“हम ऑफिस वाले ऑफिस में ही इतना थक जाते हैं कि और कुछ एक्स्ट्रा करने की ताकत नहीं बचती।” मेल्विन ने कहा, “आर्टिस्ट होने के बावजूद हमारा दिमाग किसी और के कहने के हिसाब से सोचता है।”
“आर्टिस्ट होना एक वरदान है। मुझे लगता है तुम में इतनी काबिलियत है कि तुम अपना काम खुद कर सकते हो। अभी भी देर नहीं हुआ। तुम्हारे स्केच बोलते हैं। वो अपील करते हैं सोसाइटी से। कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण के बायोग्राफी मैंने पढ़ी है। उन्हें अपना मुकाम तभी मिला जब उन्होंने अपना काम अपने हाथ में ले लिया। तुम्हें इस एंगल से सोचना शुरू करना चाहिए।”
“मैं तुम्हारी बात समझ रहा हूं रेबेका!” मेल्विन ने कहा जब वे दोनों चलते हुए ऑडिटोरियम के बाहर आ रहे थे, “लेकिन अभी अगर मैं अपना खुद का काम शुरू करूंगा तो अपनी जरूरतें पूरा नहीं कर पाऊंगा। जब मुझे ये कदम उठाना चाहिए था तब मैं अपनी पहचान के लिए भटक रहा था।”
“जरूरतें पूरी होंगी, लेकिन वो कहते हैं न कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है।” रेबेका ने कहा, “तुम आगे बढ़ो, रास्ता अपने आप मिलता जाएगा।”
मेल्विन रेबेका के ऐसा कहने का मतलब नहीं समझ पा रहा था। उसे लगा जैसे रेबेका उसका साथ देने की बात कर रही थी। उसके दिमाग में न जाने क्या आया कि उसने रेबेका से पूछ लिया, “क्या तुम मेरा साथ दोगी? तुम मेरे लिए लकी चार्म हो। तुम्हारे आने से मेरी कई मुसीबतें यूं ही टल गईं।”
“मेल्विन, क्या तुम मुझे प्रपोज कर रहे हो?” रेबेका ने पूछा। उसके चेहरे पर सीरियस भाव थे।
“नहीं, मैं ऐसा कुछ नहीं कर रहा हूं।” मेल्विन ने कहा, “मेरे कहने का ये मतलब नहीं था।”
“मेल्विन, मुझे घर जाना है! बाद में बात करें।” रेबेका ने कहा और फिर मेल्विन को वहीं छोड़कर आगे बढ़ गई।
मेल्विन चुपचाप उसे जाता देखता रह गया। उसे समझ में नहीं आया कि क्या उसने सचमुच रेबेका को गलती से ही सही प्रपोज कर दिया है।
मेल्विन के चेहरे पर उदासी छा गई थी। उसका दिल चीख–चीखकर रोने को हो रहा था।
मेल्विन वहां से घर वापस आ गया।
“कैसा रहा शो मेल्विन?” मेल्विन की मां ने उसके घर आते ही पूछा।
“मां, मुझे एक कप चाय मिलेगी!” मेल्विन ने शर्ट के बटन खोलते हुए कहा, “मन बहुत बेचैन है?”
मेल्विन का चेहरा लाल था। उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो गहरे डिप्रेशन में हो।
“मेल्विन, क्या हुआ है? कोई बात हो गई है क्या?” उसकी मां ने पूछा।
“मां, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई!” मेल्विन ने कहा, “चाय पिलाओ, फिर बताता हूं। अभी कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है।”
मेल्विन को बेचैन देखकर उसकी मां से फटाफट उसके लिए चाय बनाया। इतनी देर तक मेल्विन आराम कुर्सी पर बैठा रेबेका के बारे के सोच रहा था।
“मैंने प्रपोज नहीं किया है रेबेका को! उसने मुझे मोटिवेट किया इसलिए मैने पूछा कि ऐसा करने में क्या वो मेरा साथ देगी। इसे प्रपोज नहीं कहते।”
“ये लो मेल्विन, चाय पियो!” मेल्विन की मां ने चाय का कप मेल्विन को थमाते हुए कहा, “ज्यादा सोचो मत। तुम ज्यादा परेशान होते हो तो मैं जान जाती हूं कि जो भी हुआ है उसमें तुम्हारी गलती नहीं है। आराम से चाय पियो फिर बताओ कि क्या हुआ।”
मेल्विन की मां ने जब ये कहा तो मेल्विन सोचने लगा, आखिर वो मां को क्या जवाब देगा। रेबेका के बारे में अगर वो बताएगा तो मां उसका कभी सपोर्ट नहीं करेगी।
मेल्विन ने एक–एक सिप लेकर चाय खत्म की। तब तक उसने अपने आपको पूरी तरह संभाल लिया था। उसक दिमाग में मां को सुनाने के लिए एक कहानी भी तैयार हो चुकी थी।
“आज का शो बहुत ट्रैजेडिक था मां!” मेल्विन ने बताना शुरू किया, “एक खूबसूरत रिश्ता सिर्फ गलतफहमी की वजह से टूट गया। दोस्ती को प्यार समझ लेने की गलतफहमी। अगर उस गलतमहमी से बचने के लिए लड़का और लड़की आपस में बातचीत कर लेते तो वो रिश्ता कभी नहीं टूटता। मां, अगर हमारे बीच कोई गलतफहमी हो जाएगी तो क्या तुम मुझसे इस बारे में डिस्कस किए बिना ही मुझसे नाराज होकर दूर चली जाओगी। या फिर मुझे समझने की कोशिश करोगी?”
“कोई मां अपने बेटे से रिश्ता कैसे तोड़ सकती है मेल्विन?” मेल्विन की मां ने पूछा, “रिश्ते भरोसे पर टीके होते हैं। जितना मजबूत भरोसा उतना मजबूत रिश्ता। आखिर इस तरह के शो और ड्रामा बनाए ही इसलिए जाते हैं ताकि कभी भी एक गलतफहमी की वजह से कोई रिश्ता न टूटे। तुम इतने इमोशनल कब से हो गए मेल्विन! इतना नहीं सोचते। इसलिए ही कहते हैं हमें नए रिश्ते में जुड़ते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि हमारे ख्यालात कितने मिलते–जुलते हैं। जितनी हमारी सोच एक–दूसरे से मेल खाएगी, उतना लंबा और मजबूत रिश्ता बनता है। मैंने डिनर तैयार कर दिया है, चलकर खा लो।”
“नहीं मां, अभी मैंने चाय पी इसलिए कुछ देर बाद मैं खाना खाऊंगा।” मेल्विन ने कहा। अपनी मां से बात करने के बाद उसका मन कुछ हल्का हुआ था।
अगले दिन सोमवार था। रोजाना की तरह आज भी मेल्विन 6 बजे की लोकल ट्रेन पकड़ने के लिए मीरा रोड रेलवे स्टेशन पहुंच चुका था। उसके दिमाग में अब भी कल की घटना ही घूम रही थी।
आज ट्रेन जब प्लेटफार्म पर आकर लग गई तब भी मेल्विन अपने ख्यालों में ही खोया रहा।
तब पीटर ने ट्रेन की खिड़की से आवाज देते हुए उसे बुलाया, “हे मेल्विन, क्या आज तुम्हें ऑफिस नहीं जाना?”
पीटर की आवाज सुनकर मेल्विन अपने ख्यालों से बाहर आ गया।
जब तक मेल्विन को होश आता तब तक ट्रेन की सीटी बज चुकी थी। इससे पहले कि ट्रेन आगे निकल जाती, मेल्विन दौड़कर उसमें चढ़ गया।
“क्या बात है मेल्विन, आज कहां खो थे तुम?” पीटर ने पूछा, “क्या आज भी ऑफिस जाने इरादा नहीं है तुम्हारा?
“नहीं, ऐसी बात नहीं है पीटर।!” मेल्विन ने कहा। वो अब भी कहीं खोया हुआ था।
“आज तुम फिर परेशान दिखाई दे रहे हो मेल्विन!” डॉक्टर ओझा ने कहा, “सब ठीक तो है। मैं पिछले कई दिनों से तुम्हें किसी न किसी परेशानी में उलझा हुआ देख रहा हूं। अब क्या नई बात हो गई है?”
“कल मुझसे एक बहुत बड़ी है गलती हो गई डॉक्टर साहब।, मेल्विन ने बताते हुए कहा, “कल मैं शिवाजी मंडल ऑडिटोरियम गया था। रेबेका ने मुझे अपने शो के लिए इनवाइट किया था। शो के बाद रेबेका ने मुझे सजेस्ट किया कि मुझे अपना खुद का काम करना चाहिए। मुझ में इतनी काबिलियत है कि मैं अपना काम जमा सकता हूं।”
“हां, तो इसमें इतना परेशान होने वाली कौन सी बात है?” इस बार राम स्वरूप जी ने पूछा, “मेरा भी यही मानना है कि तुम्हें अपना खुद का काम शुरू करना चाहिए।”
“प्रॉब्लम इस बात में नहीं है राम स्वरूप जी। इस बात के जवाब में मैंने रेबेका से बस इतना कह दिया कि क्या वो मेरा इसमें साथ देगी? क्योंकि मैं खुद का काम शुरू करने से पहले बेहद घबराने लगता हूं। जिस तरह रेबेका ने मुझे अपना काम करने का सजेशन दिया था मुझे लगा शायद उसका साथ पाकर मैं इस बार अपना काम शुरू कर दूंगा।”
“लेकिन तुम्हारे इस सवाल का मतलब रेबेका ने प्रपोज करने से जोड़ दिया होगा।” लक्ष्मण ने कहा तो सब उसे घूरकर देखने लगे।
“लक्ष्मण, तुम अपना बकवास बंद करोगे। पीटर ने गुस्से में कहा, “अगर आज तुमने कुछ उल्टा–सीधा कहा तो मैं तुम्हारा मुंह तोड़ दूंगा।”
“लक्ष्मण, ये कोई मौका है इस तरह की बात करने का?” डॉक्टर ओझा ने भी कहा, “देख नहीं रहे हो मेल्विन कितना परेशान है।”
“नहीं डॉक्टर साहब! तुम भी शांत रहो पीटर! लक्ष्मण कुछ भी गलत नहीं कह रहा है।” मेल्विन ने कहा तो सब उसे हैरानी से देखने लगे, “रेबेका को दरअसल ऐसा ही लगा है। उसे लगता है कि मैंने उसे प्रपोज किया है। मैं उसे समझा नहीं पाया कि एक्चुअली में मैं उससे क्या कहना चाहता हूं।”
“ये तो हद ही हो गई मेल्विन!” डॉक्टर ओझा ने कहा, “वो तुम्हें अपना दोस्त मानती है और फिर साथ मांगने के नाम पर उसे प्रपोज करना कहती है। भला उस तरह कोई प्रपोज करता है क्या?”
“ये सिर्फ एक गलतफहमी है।” लक्ष्मण ने फिर कहा, “अगर मेरी बात कोई सुनना चाहता है तो मैं कुछ कहूं?”
किसी ने कुछ नहीं कहा तो मेल्विन ही बोल पड़ा, “कहो लक्ष्मण, तुम क्या कहना चाहते हो?”
रेबेका से मिलकर इस बारे में साफ-साफ बात कर लो। वो अपने पिछले ब्रेकअप से हर चीज जोड़कर देख रही है। तुम्हें उसे इस बात का एहसास दिलाना होगा कि तुम उनसे अलग हो। तुम्हारे रेबेका को समझते हो और उसे दुख पहुंचाने का कोई भी काम नहीं करोगे। रेबेका को जब एक इसका यकीन हो जाएगा तब उसके मन में उलटे–सीधे ख्याल नहीं आएंगे।”
पीटर और डॉक्टर ओझा लक्ष्मण की बात चुपचाप सुन रहे थे। उन दोनों में से कोई भी लक्ष्मण की बात पर यकीन नहीं करना चाह रहा था। तब मेल्विन ने लक्ष्मण से कहा, “तुम शायद ठीक कह रहे हो लक्ष्मण। रेबेका को समझने की जरूरत है। किसी भी गलतफहमी के पनपने से पहले ही बातचीत कर लेनी बहुत जरूरी है। मैं आज ही रेबेकांस इस बारे में फिर से बात करूंगा। मुझे यकीन है कि सब कुछ क्लियर हो जाएगा।”
मेल्विन ने जब ये कहा तो पीटर और राम स्वरूप जी उसे घबराई हुई नजरों से देखने लगे। डॉक्टर ओझा को तो जैसे लक्ष्मण की बात मंजूर ही नहीं थी।
क्या मेल्विन और रेबेका के बीच फिर से बातचीत नॉर्मल हो पाएगी? क्या मेल्विन अपने कहने का मतलब रेबेका को समझा पाएगा? क्या उन दोनों के बीच प्यार का सिलसिला चल पड़ेगा? क्या रेबेका को मेल्विन से प्यार होगा?
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