लोकल ट्रेन मलाड पहुंच चुकी थी। ट्रेन के मलाड पहुंचते ही मेल्विन के दिल की धड़कने भी बढ़ गई थीं।
“अब तुम्हें इतना घबराने नहीं चाहिए मेल्विन?” पीटर ने धीरे से मेल्विन के कान में कहा, “अब जबकि तुमने लक्ष्मण से सलाह लेनी शुरू कर ही दी है तो फिर जलते हुए आग में हाथ देना भी सीख जाओ। बस मैं तुमसे इतना ही कहूंगा कि जो भी करना उसके लिए आगे जाकर दिल में पछतावा मत रखना।”
“मैं इस बात को लेकर नहीं डर रहा हूं पीटर कि कही दाव उल्टा न पड़ जाए।” मेल्विन ने कहा, “लक्ष्मण ने जो सलाह दिया है वो बिल्कुल सही है। आखिर गलतफहमी दूर करने का एकमात्र तरीका तो बातचीत ही होती है न। कल मां से मेरी डिस्कशन हुई थी। उन्होंने भी मुझे यही करने की सलाह दी है। रिश्ते में यकीन होना बेहद जरूरी है। मैं रेबेका का वो यकीन चाहता हूं।”
“क्या कहा तुमने? क्या तुमने मिस रेबेका के बारे में अपनी मां को बता दिया है?” पीटर ने हैरान होते हुए पूछा।
“नहीं, रेबिका के बारे में तो नहीं बताया लेकिन मैंने इनडायरेक्टली उनसे इस बारे में पूछ लिया था।” मेल्विन ने बताया, “अब देखते हैं कि आगे क्या होता है। मैं इस बोझ के साथ नहीं चल सकता कि रेबेका किसी गलतफहमी की वजह से मुझसे दूर रहने लगे।”
“मेल्विन, मैं तुमसे एक बात कहूं अगर तुम बुरा न मानो तो?” पीटर ने डरते हुए मेल्विन से पूछा।
“अब अपने दोस्तों की बातें बुरा मानने लगूंगा तो कहां जाऊंगा मैं।” मेल्विन ने मुस्कुराते हुए कहा, “कहो, क्या करना चाहते हो?”
“तुम रेबेका से दोस्ती करने की जगह कहीं उससे प्यार तो नहीं करने लगे हो?” पीटर ने पूछा। उसके शब्दों में डर था, “मैं तुम्हें याद दिला दूं, तुम्हारा मकसद रेबेका के दिल में जगह बनाना नहीं है। तुमने ही कहा था कि तुम उससे सिर्फ दोस्ती करना चाहते हो। अगर प्यार जैसा कोई मामला है तो पहले से क्लियर रहना। नहीं तो बाद में दिल टूटना और डिप्रेशन झेलना यही सब होता है। बी क्लियर। क्लियर नहीं रहोगे तो गलतफहमियां ऐसे ही आती रहेंगी।”
“प्यार! मुझे नहीं पता पीटर। मुझे बस इतना मालूम है कि मैं रेबेका को नाराज नहीं देख सकता। और ये नाराजगी तो गलतफहमी से आई है। इससे बुरा और क्या हो सकता है। प्यार क्या होता है ये तो मुझे मालूम ही नहीं है। मुझे बस इतना मालूम है कि वो मुझे अच्छी लगती है और मैं उससे दोस्ती रखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि वो खुश रहे। उसे करीब देखना चाहता हूं, बातें करना चाहता हूं, उसकी बातें सुनना चाहता हूं।”
“ये बार-बार जो तुम चाहना शब्द का इस्तेमाल कर रहे हो उसी को तो प्यार कहते हैं मेल्विन। मैं भी अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में बिल्कुल यही ख्याल रखता हूं। मैं उससे प्यार ही तो करता हूं।”
पीटर, मेरे दिमाग में उल्टी सीधी बातें मत डालो। इस वजह से ही रेबेका मेरे बारे में कुछ भी सोचने लगती है। कल मैंने उसे सीधा सा साथ क्या मांग लिया था उसने तो मुझ पर इतना बड़ा शक ही कर लिया। अभी हमें मिले हुए हैं कितना दिन हुआ है। इतनी जल्दी होने वाली चीज को मैं प्यार नहीं कह सकता।” मेल्विन ने कहा फिर पीटर से पूछने लगा, “और ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है कौन? वो तुम्हें अपना बॉयफ्रेंड मानती भी है या फिर तुमने ही उसे अपने दिल में बैठा रखा है?”
“मेल्विन, अब तुम मुझे हर्ट कर रहे हो! मेरी गर्लफ्रेंड का अस्तित्व है। जैसे ही मैं जान जाऊंगा कि वो भी मुझसे प्यार करती है या नहीं, सबसे पहले तुम्हें उससे मिलवाऊंगा।”
“चलो उस दिन का भी मुझे इंतजार रहेगा।” मेल्विन ने कहा, “फिर तुमसे सलाह लूंगा कि ये प्यार क्या होता है और कैसे पता चलता है कि प्यार ही है? मुझे तो रेबेका के बारे में कुछ भी क्लियर दिखाई नहीं देता।”
“तुम्हारे केस में, ये सिर्फ प्यार नहीं है मेल्विन! ये पहली नजर का प्यार है। क्या ये सच नहीं है कि तुमने जब रेबेका को देखा भी नहीं था तब से तुम उससे प्यार करने लगे हो? यकीन न हो तो हमारे कंपार्टमेंट के किसी भी साथी से ये बात पूछ लो। सब जानते हैं कि तुम पहले दिन से रेबेका से प्यार कर रहे हो। क्या तुम ये बात नहीं जानते। मैं मान ही नहीं सकता।”
“मैंने कहा न, मुझे नहीं मालूम। मुझे सिर्फ इतना मालूम है कि मुझे रेबेका का साथ चाहिए। अब इस साथ का मतलब क्या है ये भी मै रेबेका से ही जानना चाहता हूं।”
अभी मेल्विन ने इतना कहा ही था कि कंपार्टमेंट में रेबेका दिखाई दी। उसके साथ दो लड़कियां और भी थी जिसमें एक तो डायना ही थी।
पीटर ने डायना को देखते ही उसे इशारे में हाय कहा। जवाब में डायना ने भी मुस्कुराते हुए उसके हाय का जवाब दिया। उन दोनों को आपस में हाय करते हुए आसपास के सभी लोगों ने देखा था। जो मुस्कुराहट डायना के चेहरे पर भी मेल्विन ने सोचा उसे देखकर रेबेका के चेहरे पर ये मुस्कुराहट कब आएगी।
“तुम सोचते रहो कि तुम्हारे और रेबेका के बीच क्या चल रहा है मेल्विन। मैं तुम्हें दिखाता हूं कि प्यार कैसे करते हैं।” पीटर ने कहा और फिर चलते हुए डायना के पास जाकर खड़ा हो गया।
“तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है ये कहानी ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगी पीटर।” मेल्विन ने अपने आप से कहा, “डायना को ये जो तुम उल्लू बना रहे हो, देखना जल्दी ही वो तुम्हें आड़े हाथों लगी।”
“सीखो पीटर से कुछ मेल्विन।” तभी राम स्वरूप जी ने कहा, “वो सिर्फ रेबेका से तुम्हारी दोस्ती करना चाहता था और खुद देखो कहां तक पहुंच गया। देखना तुम दोनों से पहले इन दोनों की दोस्ती आगे तक जाएगी।”
“पीटर को मैं अच्छी तरीके से जानता हूं रामस्वरूप जी। इसका काम ही है नई लड़कियों से दोस्ती करना। आज डायना की बारी है कल कोई और होगी। उसे बस मौका चाहिए होता है। मैं जानता हूं कि उसकी सोच गलत नहीं है लेकिन तरीका तो वो गलत ही अपनाता है।”
“किसी के दिल में जगह बनाने के लिए अपना तरीका भी थोड़ा–बहुत गलत करना पड़ता है मेल्विन।” इस बार डॉक्टर ओझा ने समझाते हुए कहा, “सीधे-सादे लोगों को न तो साथी मिलता है और न ही प्यार।”
लक्ष्मण अब तक उनकी बातें चुपचाप सुन रहा था। तब मेल्विन ने उससे पूछा, “तुम्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना लक्ष्मण?”
“मैं तुम्हें इस बारे में कोई भी सलाह नहीं दे सकता मेल्विन। अगर मैं इस बारे में तुम्हें सलाह देने लगा तो फिर सब यही कहेंगे कि मैं तुम्हें बरगला रहा हूं। बाकी कम शब्दों में मैं इतना ही कहूंगा कि डॉक्टर ओझा और पिताजी की बातों में भी सच्चाई है। अब ये तुम्हें समझना है कि किस हद तक प्यार में गलत काम किया जाता है।”
“अब यहां खड़े-खड़े सोचने में ही वक्त जाया करोगे मेल्विन तो सांताक्रुज रेलवे स्टेशन भी आ जाएगा और तुम रेबेका से कोई बात भी नहीं कर पाओगे। उसके बगल की सीट खाली है। मैं तो कहता हूं कि वहीं जाकर तुम बैठ जाओ।” डॉक्टर ओझा ने कहा।
“वो सीट खाली नहीं है।” मेल्विन ने घबराए हुए कहा, “अभी-अभी एक लड़की वहां से उठकर वॉशरूम की तरफ गई है। आप मुझे आज मरवाना चाहते हैं क्या?”
“ठीक है, वहां जाकर बैठो मत लेकिन उसके पास जाकर खड़े होकर बात करने की तो कोशिश करो।” लक्ष्मण ने सलाह दिया।
“देख रहे हैं डॉक्टर साहब! शर्त अपने जीती है लेकिन लक्ष्मण अभी भी मेल्विन को सलाह दे रहा है।” रामस्वरूप जी ने मुस्कुराते हुए कहा तो लक्ष्मण चुप हो गया।
“तुम्हारे पिताजी मजाक कर रहे हैं लक्ष्मण। आज तुम वैसे अच्छी सलाह दे रहे हो।” डॉक्टर ओझा ने कहा।
“मैं हमेशा अपनी ओर से अच्छी सलाह देने की ही कोशिश करता हूं डॉक्टर साहब। वो तो मेरी इमेज लोगों ने खराब कर रखी है। अब देखिए अगर आज मेल्विन की बात बन गई तो आप भी ये बात मानेंगे।” लक्ष्मण ने कहा।
दूसरी ओर मेल्विन रेबेका के पास जाकर खड़ा हो गया था।
“हाय रेबेका!” मेल्विन ने उसके पास जाते ही कहा।
“हाय मेल्विन!” रेबेका ने भी बस मेल्विन के हाय का जवाब दिया। फिर वो अपनी दूसरी फ्रेंड के साथ बात करने में लग गई। मेल्विन चुपचाप खड़ा रहा। वहीं पर पीटर भी खड़ा होकर डायना से बातें कर रहा था। मेल्विन का काम अब उन दोनों की बातों की ओर चला गया था।
“कल तुम क्या कर रही हो डायना?” पीटर ने डायना से पूछा।
“मेरा कल का रूटीन भी ऐसा ही होने वाला है।” डायना ने कहा, “वैसे तुम्हारा कल का क्या प्लान है?”
“कल मैं अपनी गर्लफ्रेंड को डेट पर ले जा रहा हूं।” पीटर ने कहा, “मैंने तुम्हें बताया था न कि मुझे नहीं मालूम कि वो मुझसे प्यार करती है या नहीं। तो बस यही जाने का मैंने एक तरीका अपनाने की कोशिश की है।”
“ओह, बहुत अच्छे। चलो, तुम कुछ तो आगे बढ़ रहे हो। डेट से वापस लौटने के बाद बताना कैसा एक्सपीरियंस रहा तुम्हारा।” डायना ने कहा।
“जरूर, मैं सबसे पहले तुम्हें ही अपना एक्सपीरियंस शेयर करूंगा।” पीटर ने कहा, “लेकिन मैं चाहता था कि तुम भी मेरे साथ आओ। तुम कल करीब से मुझे देखकर ये समझ पाओगी कि मैं सही जा रहा हूं या नहीं। फिर बाद में मुझे भी समझा सकती हो। तुम्हें तो बढ़िया एक्सपीरियंस है। तुम मुझे अच्छा सजेशन दे सकती हो।”
“प्यार के मामले में दूसरे के सजेशन से बचना चाहिए पीटर। इसमें हमेशा अपने दिमाग के हिसाब से चलना चाहिए। हर केस अलग होता है इसलिए हर केस को अलग तरीके से ही सॉल्व किया जाता है। हो सकता है मैं तुम्हें जो सजेशन दूं वो तुम्हारे लिए फिट न बैठे। और फिर ये अच्छा भी नहीं लगेगा कि तुम किसी को डेट कर रहे हो और मैं तुम दोनों को छुप कर देखूं।”
“नहीं–नहीं, मैं तुम्हें छुप कर देखने के लिए नहीं कह रहा हूं डायना। मैं तुम्हें मेरे साथ आने को कह रहा हूं। अगर तुम मेरे साथ आओगी तो मेरी गर्लफ्रेंड को जलन होगी। वो जलन मैं उसकी आंखों में देखना चाहता हूं। उसकी जलन से ही मैं ये जान पाऊंगा कि वो मुझसे प्यार करती है या नहीं।” पीटर ने कहा तो डायना ने अपनी आंखें बड़ी करते हुए उसे घूरकर देखा।
“आर यू सीरियस पीटर? तुम मुझसे मजाक को नहीं कर रहे हो?” डायना ने पूछा, “तुम अपनी गर्लफ्रेंड को डेट कर रहे होगे और मैं तुम दोनों के बीच बैठकर सुनूंगी। इससे तुम्हारी गर्लफ्रेंड नाराज होकर तुम्हे हमेशा के लिए छोड़कर चली जाएगी।”
“चली जाए। मुझे फर्क नहीं पड़ेगा। कम से कम मैं ये तो जान जाऊंगा कि उसके दिल में मेरे लिए प्यार है या नहीं।”
“या तो तुम पागल हो गए हो या फिर मेरे साथ सच में मजाक कर रहे हो।”
“यह क्या कोई मजाक की टॉपिक है डायना? मैं तुमसे सीरियस बातें कर रहा हूं। तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की अगर मेरे डेट पर आए तो बदसूरत दिखने वाले लड़के की भी बात बन जाएगी। मैं समझता हूं एक दोस्त के नाते तुम मेरी इतनी मदद तो कर सकती हो।”
“कल कितने बजे की डेट है तुम्हारी?” डायना ने आखिरकार पीटर से पूछा।
“कल ऑफिस खत्म होने के तुरंत बाद। शाम को 6 बजे अंधेरी ईस्ट में। वहां एक कैफे है जिसका एड्रेस मैं तुम्हें दे दूंगा।”
मेल्विन, जो उन दोनों के पास ही खड़ा उनकी बातें सुन रहा था, ये सुनकर जैसे चकरा गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि पीटर ने इतनी चालाक लड़की को अपने डेट पर आने के लिए मना लिया था।
“थैंक यू सो मच डायना! तुमने मेरी बहुत बड़ी मदद कर दी है। देखना कल सब कुछ क्लियर हो जाएगा।” पीटर ने खुश होते हुए कहा।
“मुझे भी तुम्हारी गर्लफ्रेंड को देखने की बहुत इच्छा है पीटर! जरा मैं भी तो देखूं कि वो कौन लड़की है जिससे तुम प्यार कर बैठे हो।”
“जरूर–जरूर, मैं तुम्हें उससे कल मिलवाऊंगा। मेरी पसंद तुम देखोगी तो मुझे कुछ और भी सजेशन दे पाओगी। खासकर मेरी पसंद के बारे में अपनी सजेशन।”
“चलो अब सांताक्रुज रेलवे स्टेशन आने वाला है। मैं कल शाम 6 बजे तुमसे अंधेरी में मिलूंगी। मेरा नंबर तो है ना तुम्हारे पास? डायना ने पूछा।
“हां–हां, वो तो मैंने पहले ही दिन ले लिया था। मैंने तुम्हारा नंबर सेव कर लिया है। अंधेरी पहुंचते ही मुझे कॉल कर लेना।” पीटर ने खुश होते हुए कहा।
इतना कहकर डायना और रेबेका अपनी जगह से उठकर खड़े हो गई। ट्रेन के रुकते हुए दोनों नीचे उतर गई।
जिस जगह से रेबेका उठी थी वहीं पर एक लिफाफा बंद लेटर पड़ा हुआ था। मेल्विन की नजर उस लेटर पर पड़ गई।
आखिर वो लेटर रेबेका ने किसके लिए लिखा था? क्या इसमें उसने अपने दिल की बात मेल्विन को लिखी थी? क्या मेल्विन वो लेटर खोलकर पड़ेगा? क्या पीटर की सचमुच कोई गर्लफ्रेंड है या फिर वो डायना को अपने प्यार में फसाने के लिए यह सब कुछ कर रहा है?
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