जिन नोवेल्स को काव्या पूरा नहीं पढ़ पाती थी, उनको दोबारा से पढ़ना शुरू कर दिया था।  किताबों के पन्ने पलटते हुए काव्या अपने दिमाग को बार बार समझा रही थी, कि वो बिल्कुल भी उस माइन्ड्सेट में नहीं जाएगी जहां वो पिछले heart break में गई थी। कितनी मुश्किल से उसने खुद को उस phase से बाहर निकाला था। 

हालांकि बार बार रह रह कर उसके दिमाग में आर्यन का नाम, उसके साथ बिताए वो पल दिमाग में आने लग जाते थे और फिर उन पलों की याद आते ही वो तुरंत अपने कमरे में टहलने लग जाती। जब टहलते टहलते थक जाती तो खिड़की के पास जा कर बैठ जाती। आसमान में बादलों की अलग अलग तरह की designs को निहारने लग जाती। ये सारी कोशिशें मन को बहलाने के लिए कर रही थीं। काव्या ने ठान लिया था कि वो अब एक आँसू नहीं बहाएगी। 

जैसे ही कमरे में काव्या की मॉम उसको देखने आतीं, काव्या अचानक से गाने गुनगुनाने लगती, ये दिखाने के लिए कि उसे अब कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था और वो पूरी तरह ठीक थी। काव्य की मॉम, उसे यूं गुनगुनाते देखकर, कमरे से बड़बड़ाते हुए निकाल जातीं

काव्या की मॉम:  “सिर पर चोट लगने से लड़की लगता है पागल हो चुकी है।”

काव्या को अच्छे से याद था कि उसके मोहल्ले में पहले एक लड़की थी जिसको सब लोग पागल बुलाते थे। वो 18 साल की  थी और रोज अपने बाल में गजरा, आँखों में काजल लगा कर बाहर चबूतरे पर बैठ जाती थी। कहते थे कि उसने छुपके से किसी लड़के से शादी कर ली थी और फिर वो लड़का अचानक से गायब हो गया। तब से वो लड़की रोज सज सँवर कर चबूतरे में बैठ कर उस लड़के का इंतजार करती थी। घरवाले उसको खूब मारते थे, रोज कहीं कहीं न उसके शरीर में मार के निशान पड़े दिखते थे। कुछ टाइम बाद कुछ लोगों ने उसको राधा या मीरा मानना शुरू कर दिया था और उसे उसके हाल में छोड़ दिया था। पर कुछ लोग ऐसे भी थे जो उसे पागल बुलाते थे। 

काव्या जब भी उसको देखती थी उसे उस पर तरस आता था। उसके  मन में बस यही सवाल आता था कि कोई कैसे ऐसे इंसान के लिए, जो धोखा दे कर चला गया हो , अपनी ज़िंदगी को उसका इंतज़ार करते करते काट सकता था? क्या उस लड़की की खुद की  पहचान ढूँढने की कोई चाह नहीं थी? क्या उसे लाइफ में कुछ भी करने के लिए कोई पैशन नहीं था? काव्या डरती थी कि ज़िंदगी के किसी भी पड़ाव में उसका हाल उस लड़की जैसा न हो जाए। 

आज जब उसकी मॉम ने उसको भी पागल बुलाया तो उसके दिमाग में उस लड़की का चेहरा आ गया था। एक समय के बाद वो लड़की मोहल्ले से कैसे गायब हो गई किसी को नहीं पता। कुछ लोगों का कहना था उसने खुद खुशी कर ली थी और कुछ लोग कहते थे वो फिर से किसी के साथ भाग गई थी और इस बार उसको भगाने वाला उसको छोड़कर नहीं गया। इसलिए वो उसी के साथ रहने लग गई थी। 

काव्या को दोनों ही बातें sad लगती थीं। और वो अपनी लाइफ में कभी इस तरह की ending नहीं चाहती थीं। 

काव्या खिड़की के पास बैठी ये सब सोच रही थी, एक किताब हाथ में थी,  जिसे वह कई बार पढ़ने की कोशिश में लगी थी। कुछ देर बाद चिढ़ कर उसने किताब को एक तरफ फेंक दिया और हेडफोन में लाउड म्यूजिक लगाकर रूम में नाचना शुरू कर दिया था। बाहर से देखने पर कोई भी उसे पागल कह सकता था। 

वहीं आर्यन हाथ में फोन लिए काव्या की पिक्चर को देखे जा रहा था। हालांकि उसके पास काव्या की ज़्यादा पिक्चर नहीं थी। पर एक बार उसने चुपके से काव्या की फोटो ली थी जब वो हॉल में फैले सामान को देखते हुए मुंह बना कर कुछ देर तक खड़ी रही थी।

तभी उसके पास निकिता का कॉल आया। एक गहरी सांस लेते हुए उसने कॉल उठाया तो निकिता ने मुद्दे पर आते हुए सीधे ही आर्यन से सवाल कर लिया।

निकिता: “तुम दोनों के बीच क्या चल रहा है, आर्यन? काव्या ने बताया you cheated her। मुझे नहीं पता इस बात में क्या सच है और क्या कंफ्यूजन? But dude! मुझे नहीं लगता तू ऐसा कुछ कर सकता है। तो ये सब माजरा क्या है?

आर्यन चुपचाप सुनता रहा। उसने बस इतना कहा,

आर्यन:  “मैं अभी चीजें एक्सप्लेन नहीं कर सकता। But हां, कुछ मेरी तरफ से भी गलती है और कुछ गलतफहमी भी।”

निकिता ने आर्यन को समझाते हुए कहा,

निकिता: “तो तुझे ही उसे सॉल्व करना पड़ेगा। बात कर काव्या से, ऐसे कैसे तू यूं ही उसे जाने दे सकता है!”

आर्यन पूरी तरह थक चुका था। उसने दिमाग में उसने इतनी बार काव्या से बात कर ली थी कि वो अभी किसी को भी कुछ भी समझाने की हालत में नहीं था। उसने थकी सी आवाज़ में कहा,

आर्यन:  “ I tried, लेकिन काव्या मुझसे बात करना तो दूर मेरी तरफ देखना भी नहीं चाहती। मैने कोशिश की। पर मैं अभी खुद थक चुका हूं। मुझे समझ नहीं आ रहा मैं कैसे इन सब चीज़ से डील करूं। जिसको जो सोचना है वो वो सोचे। अभी के लिए i just need break!”

इसके बाद निकिता आर्यन को ज़्यादा फोर्स नहीं कर पाई। उसने बस आर्यन से इतना कहा, 

निकिता: “ओके! मैने कॉल इसलिए भी किया था क्योंकि काव्या ने मुझसे कहा था कि मैं तुझको ये बता दूं कि तुझे वो फ्लैट खाली करना होगा। और तेरे पास इसके लिए उसने एक हफ्ते का टाइम दिया है..!”

निकिता बात को पूरी करने जाती इससे पहले ही आर्यन ने कहा, 

आर्यन: “मैं आज ही खाली कर दूंगा। मुझे नहीं लगता मैं बिना काव्या के उस स्पेस में एक हफ्ता और भी रुक पाऊंगा। थैंक्स निकिता! काव्या को कह देना, वो चिंता न करे। मैं आज ही निकल रहा हूं।”

निकिता आर्यन की बात सुनकर शॉक्ड हो गई थी पर उसने आगे कुछ कहा नहीं। और आर्यन ने भी कॉल कट कर दी थी। उसने अपने आप को संभाला और सब सामान को पैक करना शुरू कर दिया था।

उधर निकिता ने भी आर्यन से हुई बात काव्या को बताई तो काव्या भी शॉक्ड हो गई थी। काव्या को रोना आने लगा था ये सोचकर कि आर्यन ने उसको छोड़ने में समय भी नहीं लिया। जैसे वो शायद पहले से इस चीज के लिए तैयार था। 

कुछ देर बाद काव्या ने भी अपने social media pages से स्टोरी डाल दी। “Need a flatmate” और ब्रैकेट में लिख दिया था “only गर्ल्स!”।

स्टोरी डालने के बाद काव्या रूम से निकल कर वॉक करने निकल रही थी। तभी उसकी मॉम जो एक जासूस की तरह काव्या पर नजर बनाए हुई थीं, उसको रोकते हुए पूछा, 

काव्या की मॉम: “कहां जा रही है?”

काव्या ने कान से इयरप्लग निकाल कर कहा, 

काव्या: “बाहर! वॉक करने!”

इस बात पर काव्या की मॉम ने ऐसा रिएक्शन दिया जैसे काव्या ने न जाने कौन सी बेवकूफी भरी बात बोल दी थी। उन्होंने हाथों को कमर पर रखते हुए कहा,

काव्या की मॉम:  “पागल हो गई है क्या, बाहर तो बारिश हो रही है! कैसे जायेगी?”

काव्या ने ध्यान ही नहीं दिया था कि बाहर बारिश होने लगी थी। वो वापिस अपने कमरे में आकर बिस्तर पर पड़ गई। कान में गाने बज रहे थे, और काव्या के दिमाग में आर्यन के साथ बिताए सारे पल रिवाइंड पर चल रहे थे। कैसे बारिश में उन्होंने बदनाम चाय की चुस्की ली थी। कैसे उसने आर्यन के लिए पहली बार स्पेशल डिनर बनाया था। 

काव्या पिछली उन सारी मेमोरीज को याद कर रही थी। तभी नोटिसिफिकेशन आने पर उसका फोन बजा। काव्या ने देखा तो उसकी स्टोरी पर कई लड़कों ने मैसेज भेज रखा था। उसका सिर चकरा गया था ये देख कर कि क्या लड़कों को ब्रैकेट में बड़ा बड़ा लिखा only girls नज़र नहीं आ रहा? 

कई सारे मैसेज में एक मैसेज उसे अपने ऑफिस के दोस्त, आशीष का भी दिखा। पर आशीष तो पहले से ही अपनी फैमिली के साथ रह रहा था। ये सवाल उसने जब आशीष से किया। तो आशीष का रिप्लाई आया। 

आशीष: “वो तो तुम भी रह रही हो।”

काव्या को धीरे से हंसी आई। उसने आशीष से पूछा

काव्या:, “क्यों तुझे मम्मी पापा के साथ अच्छा नहीं लग रहा?”

आशीष का मैसेज आया कि वो काव्या से inspire हो कर घर से बाहर रहना चाहता था। उसे समझ आ गया था कि खुद को एक्सप्लोर करने के लिए घर से बाहर निकलना जरूरी था। पर काव्या ने only girls वाले पार्ट को circle बनाकर और mention करते हुए आशीष को screenshot भेजा।

आशीष का रिप्लाई आया। 

आशीष: “I will not hit on you! I am not interested in you!”

काव्या जानती थी कि आशीष और उनके बीच कोई भी रोमांटिक रिलेशनशिप नहीं था और न ही उसके होने की possibility थी। पर आशीष के साथ रहना सही होगा? आशीष और काव्या की vibe match होती थी ये सोच कर उसने आशीष को yes बोल दिया। पर yes बोलते ही काव्या का मन भारी सा हो गया। 

क्या सच में आर्यन और वो अलग हो जायेंगे? क्या इतनी जल्दी उनका bond टूट जायेगा? फिर काव्या को लगा ये सारे ख्याल एक डर से आ रहे थे क्योंकि वो आर्यन को छोड़ने से डर रही थी। पर कभी न कभी ये होना ही था। एक हफ्ते बाद आर्यन जाता या अभी। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। अच्छा हुआ, आर्यन के character के बारे में उसे शुरू में ही पता चल गया। 

ये सब सोच कर काव्या अपने मन को तसल्ली दे रही थी। आशीष उसे खुशी के मारे, हैप्पी emoji भेजा जा रहा था। काव्या ने साफ साफ शब्दों में पर उसे बता दिया था कि वो साफ सफाई से compromise नहीं करेगी। आशीष सारी शर्त मानने के लिए ready था।

काव्या को एक राहत सी भी मिली थी, अब उसे फ्लैटमेट ढूंढने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। शायद पहले आर्यन के साथ रहने का डिसीजन उसके लिए सही नहीं था। ऐसा सोचते हुए जैसे अचानक उसके शरीर में एनर्जी आ गई थी। 

काव्या ने खुद से कहा, “i think, I am fine now!”

अपनी इसी एनर्जी के साथ वो अपने कमरे से बाहर निकली। उसने देखा उसकी मॉम किचन में डिनर की तैयारी कर रही थी। पापा बिस्तर पर लेटे टीवी देख रहे थे। चंचल हमेशा में तरह घर पर नहीं थी। 

काव्या अपनी मॉम को ये दिखाने के लिए वो बिलकुल ठीक थी, एनर्जी के साथ किचन में गई। काव्या की मॉम ने उसे ऐसे देखा जैसे अचानक से काव्या के किचन में कदम रखने से उनको ज़ोर का झटका लगा हो।

काव्या ने जोश के साथ पूछा,

काव्या:  “मम्मा, मैं कोई help करूं?”

काव्या की मॉम ने तिरछी नज़र से काव्या की तरफ देखा और फिर कुछ देर बाद चुप रहने के बाद बोली।

काव्या की मॉम: “एक काम कर, सलाद के लिए खीरा, टमाटर काट दे!”

काव्या चेहरे पर स्माइल करती हुई फ्रिज की तरफ गई। पर उसे कहीं भी सब्जियां नहीं दिख रही थी। तभी वो अचानक बोली, 

काव्या: “आर्यन! कहां रखा है?”

उसके मुंह से आर्यन जैसे ही निकला। काव्या की मॉम ने पीछे मुड़कर उसको ऐसे देखा जैसे उनका शक सही निकल गया था। काव्या जो खुद को पूरी तरह सही दिखाने की कोशिश कर रही थी, असल में अंदर से आर्यन की वजह से डिस्टर्बेड थी। 

काव्या को भी जैसे realised हुआ कि उसने अपने मुंह से आर्यन बोला, उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा था। उसने पीछे खड़ी मॉम को समझाते हुए कहा,

काव्या:  “सॉरी! वो रहते रहते आदत हो जाती है। तो मुंह से निकल गया। क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो?”

काव्या की मॉम काव्या को एक अपराधी की तरह देखे जा रही थी। कुछ देर बाद उन्होंने अचानक से आ कर काव्या को हग कर लिया। काव्या को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि अचानक से मॉम ऐसे करने वाली थीं। उनके हग करते ही, काव्या का गला भर गया था। आंसू आंखों से निकलने वाले थे पर वो उन्हें रोक रही थी। वो बिलकुल भी रोना नहीं चाहती थी। 

काव्या की मॉम ने उसके गाल पर प्यार करते हुए कहा,

काव्या की मॉम:  “जा, अपने कमरे में रेस्ट कर! जब खाना बन जायेगा तो बुला लूंगी।”

काव्या का मन किया कि वो अपनी मॉम से लिपट कर जी भर के रो ले। पर उसने खुद को ऐसा करने से रोक लिया था। वो नहीं चाहती थी कि इस नाजुक से मोमेंट के बाद उनकी मॉम फिर से उससे शादी करने की रट लगाने लग जाएं। अपने पेरेंट्स को अच्छी तरह जानती थी, प्यार करने तो वो आते हैं, पर अपने साथ वो शर्तें भी लाते हैं जिन पर वो अपने बच्चों को चलवाना चाहें।

काव्या किचन से वापिस अपने कमरे में आ कर लेट गई थी। पर उसके मन में एक ही सवाल था आखिर आर्यन आज के आज ही फ्लैट छोड़कर कहां जायेगा?

उधर आर्यन ने अपना सामान बांध लिया था। वो तैयार था, उस जगह को छोड़ने के लिए जहां कुछ दिन उसने और काव्या ने साथ बिताए थे। आर्यन ने फ्लैट के हर एक कोने को ध्यान से देखा। फिर वो काव्या के रूम में गया, जहां उसकी अलमारी में एक किंडर जाय का टॉय, जोकि एक जिराफ था, रखा हुआ था। उसने वो टॉय उठा लिया और काव्या की याद के लिए अपने पास रख कर वहां से निकलने की तैयारी करने लगा। 

उसके पास काफी सारा सामान था। आर्यन ने सारा सामन मूवर्स एंड पैकर्स की मदद से विवेक और निकिता के फ्लैट भिजवा दिया था। निकिता और विवेक फिलहाल अपने घर पर नहीं थे, वो vacation मनाने के लिए जगह जगह ट्रैवल कर रहे थे। उन लोगों से पूछ कर आर्यन ने कुछ दिन के लिए उनके घर रहने का डिसाइड किया था। 

आर्यन जब उनके घर पहुंचा तो काफी रात हो चुकी थी। पूरा घर खाली पड़ा था। इतना थकने के बाद, वो सीधा बिस्तर पर जा कर जब लेटा तो कुछ देर तक बिस्तर पर ही इधर उधर करवट बदलता रहा। उधर काव्या भी चाह कर भी सो नहीं पा रही थी। 

कुछ देर बाद दोनों ही अपने अपने घर की बालकनी में बैठ कर चांद देखने बैठ गए। और दोनों चांद को देखते हुए एक ही गाना सुन रहे थे, “कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है…”
 

क्या मोड़ लेगी आर्यन और काव्या की कहानी? क्या काव्या और आर्यन दोबारा मिलेंगे? क्या आर्यन काव्या की गलतफहमी कभी दूर कर पाएगा?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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