गांव मे फिर से भूत का आतंक लौट आया था।। रवि की हत्या की खबर सुबह-सुबह जैसे  जंगल में आग की तरह फैल गई थी। गांव के लोग रवि की हत्या का कारण जानने के लिए बेचैन थे। कुछ ही समय में, गांव में अटकलों और अफवाहों का बाज़ार गर्म हो गया।   

 आदमी 1  

  

अन्नू और सोनू ने तो कहा था की काका का भूत अब कभी वापस इस गांव में नही आयेगा। न वो किसी गांव वालो को डराएगा। फिर ये?  

  

आदमी 2   

  

अरे भाई, आजकल तो आप इंसानों की बातों  पर भरोसा नही कर सकते, तो भला एक भूत पर कैसे भरोसा किया जाए?   

  उसकी इस बात पर सब गांव वालो ने इस बात पर हामी भरी और गांववालों को काका पर ही शक था। लोग कहने लगे थे कि रवि की हत्या काका की ही करतूत है, क्योंकि भला एक भूत अपनी फितरत कैसे छोड़ सकता है? इसी वजह से गांव में एक बार फिर से अंधविश्वास और भूतिया कहानियों ने जोर पकड़ लिया . सच्चाई कुछ और ही थी।  

  

काका आहलूवलिया   

  

पुत्तर, मैनु कसम मेरी बीवी और बच्चो की, मैंने नहीं किया खून   

 

  

सोनू और अन्नू काका को घूर रहे थे    

  

काका आहलूवलिया   

  

शराब की कसम पुत्तर, मैं झूठ बोलूँ कि अभी तुम सब पर बिजली गिर जाए !  

  

डर के मारे सोनू और अन्नू ऊपर आसमान की तरफ देखने लगते हैं   

 

 

  

पूरे गांव में काका आहलूवलिया  को लेकर लोगो में गुस्सा था। शराब के नशे में काका, कहीं गाँव में टहलनने न निकाल जाएँ, इसलिए काका आहलूवलिया  को ऐसी जगह छिपाना जरूरी था, जहां कोई उन्हें ढूंढ न सके।  

  

सोनू और अन्नू ने काका को हवेली के पुराने तहखाने में छुपाने की सोची।  वो तहखाना 100 साल पहले काका आहलूवलिया का स्टोर रूम था। शाम का समय था, हवेली की पुरानी सीढ़ियों से उतरते हुए, सोनू, अन्नू और काका ने तहखाने का दरवाज़ा खोला। सीलन और पुरानी लकड़ी की बू अभी भी हवा में घुल रही थी,   

  

  

  

सोनू  

  

देखो काका, जब तक गांव में मामला शांत नही हो जाता, तब तक तुम यही रही। हमने तुम्हारे लिए खास इंतजाम किए हैं। यहाँ तुम्हें शांति मिलेगी, और कोई तुम्हें तंग भी नहीं करेगा। और प्लीज यहाँ से बाहर मत निकलना।    

  

काका आहलूवलिया  

  

अरे पुत्तर, यही तो मेरी जन्नत है, क्या बात है! हर जगह शराब ही शराब।  

  

  

  

 

तभी काका आहलूवलिया  ने पास में रखी शराब की बोतलों में से एक बोतल उठा ली और पीने लगा।  

  

  

  

सोनू  

अच्छा अब तुम यहां आराम से रहो, इन्जॉय ।  

 

  

 दोनो तहखाने से बाहर निकल गए, दरवाजा धीरे से बंद हो गया और तहखाना अब पूरे अंधेरे में समा गया। काका को उन दोनो के जाने से कोई फर्क नही पड़ा क्योंकि अब वह  पूरी तरह से शराब में डूबा हुआ था।   

  

  

काका आहलूवलिया 

हाए ओए, स्वाद आ गया!!! दुख, सुख, खुशी सब का एक ही जवाब - शराब   

  

काका आहलूवलिया  ने फिर एक और बोतल उठाई और उसको भी पीने लगा   

  

  

  

काका आहलूवलिया   

वोह अंग्रेज क्या कहता था..? हाँ! बूराहह   

  

  

जहां एक तरफ काका तहखाने में नशे में डूबा हुआ था, वहीं दूसरी तरफ सोनू और अन्नू हवेली से बाहर आ गए थे और गांव की ओर बढ़ रहे थे। सारे गांववाले इकट्ठा होकर रवि की मौत और काका के भूत के बारे में गपशप कर रहे थे। दूर से उन्हे अन्नू और सोनू उनकी तरफ़ आते हुए दिखे, जिसके बाद गांव वालो ने सोनू और अन्नू को चारो तरफ से घेर लिया। सोनू और अन्नू  घबराए हुए नजर आ रहे थे।  

  

  

  

गांव वाला 

कहाँ है वो भूत? सच सच बात दे वरना अंजाम बुरा होगा!   

  

  

  

सोनू  

अरे भाई, शांत हो जाइए! हम तो खुद काका आहलूवलिया  को ढूंढ़ रहे है। हमें खुद नहीं पता कि वो कहाँ गए..?   

  

  

  

गांव वाला 

ऐसा हो नही सकता की तुम्हे न पता हो!तुम लोग कुछ छुपा रहे हो।  

  

  

  

अन्नू 

हम कुछ नही छुपा रहे, वैसे भी भला भूत को कोई छुपा सकता है क्या? भूत तो वैसे ही छुपा होता है।  

  

सोनू 

देखिए, अगर आप लोग भी हमारे साथ मिलकर सोचें, तो शायद हम सब मिलकर इस समस्या को हल कर सकते है।   

  

  

  

गांव वाला 

क्या करना है अब?  

  

  

  

सोनू  

मेरा मानना है की काका आहलूवलिया  ने रवि का खून नही किया, क्योंकि भला एक शराबी भूत ऐसा काम कैसे कर सकता है?   

  

  

  

गांव वाला   

भूत है, वो कुछ भी कर सकता है।  

  

  

  

सोनू  

ठीक है, एक काम करते है। इस मामले की जांच करते है, मैं और अन्नू मिलकर गांव में खोजबीन करेगे और जल्दी पता लगाएंगे की आखिर खून किसने किया?  

  

  

  

गांव वाला   

  

अगर आखिर में भी काका आहलूवलिया  ही खूनी निकला तो?  

  

  

  

सोनू  

  

तो मेरे और अन्नू की गर्दन आपकी होगी, पर उससे पहले काका को उसकी सज़ा दिल कर रहेंगे   

  

ये सुनकर गांव वालो का गुस्सा ठंडा हो गया। इसके बाद सोनू और अन्नू ने रवि की हत्या की जांच करने के लिए सुराग की तलाश शुरू कर दी। वो दोनो रवि की मौत का राज़ ढूंढने के लिए अपने अपने रस्ते  निकल गए, जिसके लिए सबसे पहले सोनू गांव में एक बूढ़े आदमी के पास गया।  

  

  

  

सोनू   

बाबा जी, क्या आपको रवि की हत्या के बारे में कुछ पता है? कोई सुराग मिला है?  

  

  

  

बुजुर्ग 

  

नहीं बेटा, हम तो यही मान रहे हैं कि काका का भूत ही इसका जिम्मेदार हैं . सच क्या है, ये तो हम भी नहीं जानते।  

  

  

  

 

इसके बाद सोनू गांव के परचून की दुकान पर पहुंचा। दुकान पर एक अधेड़ उम्र का दुकानदार खड़ा हुआ था।  

  

  

  

सोनू  

  

भैया, नमस्ते। क्या तुमने पिछले दिनों रवि को देखा था? या कुछ अजीब बात हुई थी?  

  

  

  

दुकानदार   

  

नही, रवि को तो मैंने नहीं देखा, . हाँ, कुछ दिन पहले एक अजीब औरत को देखा था।   

  

  

  

सोनू 

  

अजीब औरत? कहाँ देखी आपने?  

  

  

  

दुकानदार  

  

वो 3 दिन पहले जब मैं दुकान बंद कर रहा था, तब उसे देखा था। रात का टाइम था . ठीक से उसका चेहरा नहीं देख पाया। बस इतना याद है कि उसने कटे-फटे कपड़े पहने हुए थे और उसके बाल पूरे चेहरे पर बिखरे हुए थे।  

  

  

  

सोनू  

  

तुम्हें कुछ और याद है? कोई और बात, जैसे उसकी आवाज़ या चलने का तरीका?  

  

  

  

दुकानदार   

  

सही से तो नहीं देखा, . जब वो गुज़री तो गजरे की खुशबू आ रही थी।  

  

  

  

सोनू 

  

गजरे की खुशबू? गजरा तो हमारे गाँव में कोई नहीं पहनता। इसका मतलब, वो औरत इस गाँव की नहीं थी। शायद रवि की हत्या के पीछे का राज इस औरत से जुड़ा है।  

  

  

दुकानदार 

  

और हां, वो औरत तालाब की तरफ जा रही थी  

  

  

सोनू की आँखों में ये बात सुनकर अब एक नई उम्मीद की झलक थी। दूसरी तरफ, गांव के चौपाल पर सारे गांववाले इकट्ठा थे। लोग गुस्से में और चिंतित दिख रहे थे। सब आपस में रवि की मौत और काका आहलूवलिया के भूत पर गुस्सा हो रहे थे! वहां पर अन्नू भी खड़ा था।  

  

रामू   

  

काका आहलूवलिया  को ही जिम्मेदार ठहराना सही है! सबको पता है कि उसने ही रवि की जान ली है।  

  

अन्नू  

  

पर आपको ये कैसे पता है कि काका आहलूवलिया  ही दोषी है? क्या कोई सुराग मिला?  

  

 रामू  

  

सुराग क्या जी, सबको पता ही है कि इस गांव में एक ही भूत रहता है और वो है काका आहलूवलिया ।   

  

  

  

अन्नू  

 यार आप यह बताओ, रवि को आखिरी बार किसके साथ देखा गया था।  

  

  

  

औरत 

उस दिन उससे प्रियंका मिली थी।  

  

  

  

अन्नू  

प्रियंका, रवि की दोस्त थी?  

  

  

  

औरत   

हां दोनो के घरों पर भी पता था सबको..  

  

 

  

अन्नू वहां से सीधा प्रियंका के घर के लिए निकल गया। अन्नू ने  दरवाजे पर दस्तक दी और प्रियंका ने दरवाज़ा खोला।  

  

  

  

प्रियंका  

  

अन्नू, तुम यहाँ? क्या चाहिए?  

  

  

  

अन्नू

  

प्रियंका, मुझे रवि की मौत के बारे में पूछताछ करनी है। क्या तुम मुझे उस दिन की घटनाओं के बारे में बता सकती हो?  

  

  

  

प्रियंका  

  

रवि की मौत के बारे में तुम्हें जानने का क्या हक है? तुम और तुम्हारी पूछताछ… तुम जाकर सबसे पहले, काका के भूत को लेकर आओ।   

  

  

  

अन्नू  

  

मुझे नहीं पता वह कहाँ है? वैसे प्रियंका, मेरे पास कुछ सवाल है? क्या तुम मुझे बताओगी कि उस दिन तुम्हारी रवि से मुलाकात कैसी थी?  

  

  

  

प्रियंका 

  

हमारी बड़ी नॉर्मल बातचीत हुई थी। ये भी कोई गुनाह है क्या?  

  

  

  

अन्नू  

  

गुनाह तो नही, फिर भी, मुझे लगता है कि तुम्हारे पास कुछ ऐसी बात है, जो तुम बताना नही चाहती।  

  

  

  

प्रियंका

  

मेरे पास तुम्हे बताने के लिए इसके अलावा और कुछ नही है।  

  

  

  

  

  

अन्नू  

  

वैसे वो मिलने क्यों आया था तुमसे? दोस्त था ना वो? उसके मरने पर तुम रो भी नही रही?  

  

  

  

प्रियंका  

  

तुम यहां से जाओ अब..  

  

  

  

अन्नू को प्रियंका पर शक होने लगा था। अन्नू वहां से तालाब के किनारे पहुंचा। ये वही जगह थी जहाँ रवि की लाश मिली थी। अन्नू की आँखें गहराई से तालाब की ओर देख रही हैं।  

  

  

  

अन्नू   

  

ये तालाब कुछ छुपा रहा है। शायद मुझे यहां कोई सुराग मिले।  

   

  

अन्नू ने तालाब के किनारे पर जाँच की और अचानक उसकी नजर एक पुराने तावीज़ पर पड़ी।  

  

  

  

अन्नू  

  

ये तावीज़…! ये तो बिल्कुल वैसा तावीज़… है जैसा हवेली के पास पेड़ पर लगा था। क्या इस तावीज़ का रवि की मौत से कोई कनेक्शन है?   

  

  

आन्नू सुराग इकट्ठा करने के लिए वहाँ  से चला जाता है,  वही दूसरी तरफ सोनू अपने घर के एक कमरे में बैठा था, जहाँ वो कुछ नोट्स और एक पुरानी डायरी चेक कर रहा था। कमरे की दीवारों पर गांव की तस्वीरें और नोट्स लगे थे।  

  

  

  

सोनू   

  

उस दुकानदार ने कहा कि उसे औरत से गजरे की खुशबू आ रही थी... इसका मतलब ये तो पक्का है की वो औरत गाँव की नहीं थी। उसने बोला था वो तालाब की तरफ जा रही थी, तालाब के पास तो रवि की लाश मिली थी, यानी की रवि की हत्या और उस औरत के बीच आपस में कोई कनेक्शन जरूर है। बस अब मुझे पता करना होगा कि इस गजरे और तालाब का रवि की मौत से क्या कनेक्शन था।  

 

  

सोनू भी इसका पता लगाने के लिए अब तालाब पहुंचा, तालाब का माहौल अंधेरा भरा और खामोश था। सोनू धीरे-धीरे तालाब की ओर बढ़ रहा था, उसके हाथ में एक टॉर्च थी। तालाब के किनारे पहुंचा और ध्यान से देखने लगा, उसे वहाँ की मिट्टी में कुछ फूल के टुकड़े दिखे।  

  

सोनू  

  

गजरे की खुशबू यहाँ भी आ रही है! इसका मतलब उस औरत का इस तालाब से कुछ तो कनेक्शन है। पक्की बात है! अब मुझे इस रहस्य को सुलझाना ही होगा।  

 

  

सोनू और अन्नू दोनों को ही उस तालाब से अलग अलग जगह पर सुराग मिले।    

  

क्या सोनू और अन्नू मिलकर रवि की मौत का राज़ सुलझा पाएंगे? क्या दोनो को प्रियंका के बारे में सच पता चल पाएगा? ये सब जानने के लिए पढ़िए  अगला एपिसोड। 

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