एक तरफ़ जहाँ सोनू अभी भी गजरे का राज सुलझा रहा था, वही दूसरी तरफ़ अन्नू तावीज़ को लेकर सीधा प्रियंका के घर पहुँच गया। जहाँ पर वह फिर से दरवाज़ा खटखटा रहा था और थोड़ी देर बाद प्रियंका ने दरवाज़ा खोला। 

  

प्रियंका 

अब क्या चाहिए तुम्हे? 

  

अन्नू 

प्रियंका, मुझे तुमसे तावीज़ के बारे में जानना था। क्या तुम मुझे बता सकती हो कि इसका रवि की मौत से क्या सम्बंध है? 

    

प्रियंका 

ये तावीज़ ... ये मेरा है, शायद तालाब के पास उस दिन गिर गया होगा। इससे रवि की मौत का कोई लेना देना नहीं है। 

  

अन्नू 

अगर इस तावीज़ का नहीं है तो तुम्हारा तो लेना देना है? बताओ या फिर तुम्हें डर है कि कुछ राज़ खुल जाएगा? 

  

प्रियंका 

तुम्हें क्या लगता है? तुम एक अकेले इंसान हो, जिसे मुझपर शक है। तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। 

  

अन्नू 

प्रियंका, मुझे अब पक्का यक़ीन हो गया है कि तुम कुछ छुपा रही हो। 

  

  

प्रियंका 

तुम्हें जो करना है करो। अन्नू, सच को समझना इतना आसान नहीं होता। 

  

  

अन्नू वहाँ से चला गया, प्रियंका अपने कमरे में चली गई, जहाँ वह दीवार के सामने बैठी थी॥ 

  

प्रियंका  

अगर अन्नू और सोनू ने अब सच जान लिया तो? मुझे अपने क़दम फूंक-फूंक कर उठाने होंगे। 

  

 

प्रियंका ने तावीज़ को अपनी उँगलियों में कसकर पकड़ लिया। उसका चेहरा अभी भी पूरी तरह से टेंशन में था। 

  

प्रियंका 

सच्चाई कभी सामने नहीं आएगी। अन्नू और सोनू तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगे। काका, आख़िर कब तक छुपेगा मुझसे? 

  

प्रियंका के चेहरे पर एक ख़ौफ़नाक मुस्कान थी। 

प्रियंका के अंदर नूर नाम की चुड़ैल थी, जो काका से बदल लेना चाहती थी। 

वही दूसरी और सोनू काका आहलूवलिया  के पास तहखाने में बैठा था और कुछ सोच रहा था। काका आहलूवलिया  ने पूछा 

  

काका आहलूवलिया 

क्या बात है पुत्तर? 

  

सोनू 

एक सवाल है जिसका मुझे जवाब नहीं मिल रहा? 

 

रवि की जिस दिन हत्या हुई थी, उससे कुछ दिन पहले ही गाँव में एक अजीब औरत घूम रही थी, जिसने बालो में गजरे के फूल लगाए हुए थे। हमारे पूरे गाँव में ऐसी कोई औरत नहीं है, जो गजरा लगाती हो? 

  

काका आहलूवलिया 

पुत्तर गजरे की खुशबू? इस गाँव में? 

  

  

सोनू 

क्यों आपको कुछ पता है क्या काका इस बारे में? 

  

काका आहलूवलिया 

पुत्तर गजरा तो कोठे पर औरते इस्तेमाल करती थी। 

  

  

सोनू 

कोठे पर? मतलब वैसी वाली जगह? 

  

काका आहलूवलिया 

पुत्तर हाँ, वैसी वाली जगह। मैं जब ज़िंदा था, तब मैंने अपनी ज़िन्दगी ख़ूब अय्याशियाँ की थी। उस समय कोठे पर नाचने वाली लड़कियाँ गजरा पहनती थी। 100 साल पहले भी क्या दिन होते थे। अच्छी ज़िन्दगी थी, फिर मेरी मौत हो गई। 

  

सोनू 

वैसे आपकी मौत कैसे हुई थी? 

  

काका आहलूवलिया 

तब मैं बहुत हरामी इंसान था। मैने बहुत से लोगों के साथ बुरा किया था। शायद उसकी ही सजा भगवान ने मुझे दी और मेरी कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। 

  

  

सोनू 

पक्का वैसे ही हुई थी? 

  

काका आहलूवलिया 

क्या मतलब? 

  

  

सोनू 

मेरा मतलब, आपको पीने के बाद कुछ याद रहता नही। थोड़ा ज़ोर डालो दिमाग़ पर। 

  

काका आहलूवलिया  को एकदम से कुछ याद आया और वह एकदम से सहम गया। 

  

काका आहलूवलिया 

नही पुत्तर ये सब झूठ है, ये सच नहीं हो सकता। मैंने जानबूझ कर नहीं किया, मैं ऐसा कभी नहीं कर सकता था 

  

सोनू 

क्या हुआ काका, क्या नहीं कर सकते थे? 

  

आखिर काका आहलूवलिया  को ऐसी कौन-सी बात याद आ गई थी, जिसको सोचकर काका आहलूवलिया  घबरा गया। अपने अतीत को याद करते हुए एक कोने मैं जा कर बैठ गए।  

  

 

काका आहलूवलिया  की हवेली, 1930 में साधुपुल गाँव की ऊंचाइयों पर बसी एक सुंदर-सी हवेली थी, जो ब्रिटिश राज के दौरान एक अमीर परिवार की पहचान थी। हवेली के चारों ओर हरे-भरे बाग-बगीचे और बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ थीं। 

काका आहलूवलिया , जिनका पूरा नाम चंद्रसेन आहलूवलिया  था, अंग्रेजों के ज़माने में भी एक शक्तिशाली और अमीर इंसान थे। शिमला के इस इलाके में उनकी काफ़ी तूती बोलती थी। उनका नाम पूरे शिमला में गूंजता था-उनका बिजनेस एंपायर, उनकी हवेली की सुंदरता और इन सबसे बढ़कर उनकी शराब की लत। शराब की लत नेे काका को अपने बिजनस, अपने परिवार सब से दूर कर दिया था। 

ये सब कुछ उनके जीवन का हिस्सा था और उन्होंने इसे ही अपनी पहचान बना लिया था। हवेली के विशाल और खूबसूरत कमरों में शराब की बोतलों का ढेर लगा हुआ था। शराब का नशा उनके रोज़ के रूटीन का हिस्सा बन चुका था। सुबह से शाम तक, वह अपने कमरे में पड़े रहते, शराब पीते और ख़ुद को बाहरी दुनिया से अलग रखते। हवेली का हर कोना उनकी शराब की बदबू से भरा हुआ था। उनकी शराब की आदतों के चलते, हवेली का माहौल भी बदल गया था। काका आहलूवलिया  की पत्नी, परमजीत कौरो उनकी इस आदत से काफ़ी परेशान रहती थी। ऐसे में एक तवायफ, जिसका नाम नूर था, हवेली की एक और कहानी थी। 

नूर एक सुंदर तवायफ थी, जिसने कई साल पहले शिमला के एक बड़े फेमस कोठे में काम करना शुरू किया था। उसकी खूबसूरती और कला ने कई इंडियंस के साथ-साथ अंग्रेज़ी अफसरों को अपने ऊपर लट्टू करवा लिया था।  वह ख़ुद काका आहलूवलिया  पर लट्टू थी। नूर का काका आहलूवलिया से पहला मिलन एक इत्तेफाक ही था। 

एक शाम, जब काका आहलूवलिया  अपनी शराब की तलाश में कोठे पर पहुँचे, जहाँ नूर से उनकी नज़रे मिली। फिर धीरे-धीरे, उनका मिलना-जुलना बढ़ने लगा और दोनों के बीच एक अनकहा रिश्ता बन गया। नूर को काका आहलूवलिया की अमीरियत और दमदार पर्सनैलिटी ने अपनी और खींच लिया था, जबकि काका आहलूवलिया  को नूर की सुंदरता और कला ने अपनी ओर खींचा था। काका आहलूवलिया  और नूर के बीच समय के साथ प्यार बढ़ने लगा। उनकी दुनिया अलग-अलग थी। 

नूर ने धीरे-धीरे काका आहलूवलिया  की शराब की आदतों को स्वीकार कर लिया था, वह भी जानती थी कि इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं था। कुछ समय बाद काका ने नूर के कोठे पर जाना छोड़ दिया। नूर काका का हर रोज़ इंतज़ार करती। नूर से प्यार और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच काका फंस चुके थे और इसी कारण हर वक़्त चिड़चिड़े रहते थे। अब शराब से उनकी पक्की दोस्ती हो चुकी थी। इसलिए 

एक दिन, नूर ने ख़ुद काका आहलूवलिया  की हवेली जाने का फ़ैसला किया। नूर के हवेली में आने से काका आहलूवलिया  की ज़िन्दगी में एक नया मोड़ आने वाला था। जब नूर हवेली में घुसी तो उसकी आंखे हवेली को देखकर बड़ी हो गई। जिसके बाद नूर काका को ढूँढते-ढूँढते हवेली के एक बड़े कमरे में पहुँची, जिसमें एक सुंदर-सी शराब की अलमारी और लम्बा सोफा रखा था। कमरे की दीवारों पर पुरानी तस्वीरें और कुछ महंगे पर्दे लगे थे। काका आहलूवलिया  नवाबी ढंग से सोफे पर लेटे थे। शराब की बोतल उनके पास रखी थी। 

  

नूर 

आप अब भी यहीं पड़े हैं? कई दिनों से यही हाल है आपका। क्या आपको ख़ुद की कोई चिंता नहीं है? 

  

  

काका आहलूवलिया 

ओह, नूर, क्या तुम्हें भी मेरे साथ इस पागलपन में शामिल होना है? 

  

  

नूर 

आप कैसी बहकी-बहकी बाते कर रहे हो। वैसे भी बात पागलपन की नहीं है, बात आपकी है। मुझे आपसे कुछ ज़रूरी बातें करनी है। 

  

काका आहलूवलिया 

अरे, मैं जानता हूँ तुम्हें क्या कहना है। यही न की तुम्हे मेरे बारे में सब कुछ बुरा लगता है। फिर भी, तुम मेरी ज़िन्दगी में हो आख़िर क्यों? 

  

नूर 

क्या आप सचमुच नहीं जानते? मुझे आपके बारे में सब कुछ पता है। आपका परिवार, आपकी ज़िम्मेदारीयाँ... सब कुछ। . मैं फिर भी तुमसे उतना ही प्यार करती हूँ। 

  

काका आहलूवलिया 

ओह, तो तुम मुझ पर तरस खाओगी? मेरे ऊपर एहसान करोगी। तुम मुझे जानती भी हो, मैं कौन हूँ? 

  

नूर 

जानती हूँ, . जब आपके मेरे बारे में सब कुछ पता था, तब भी मैने आपसे प्यार लिया? और आज आपके पास सब कुछ है, तो फिर भी आप शराब की बोतल से कौन का ग़म भूलाते हो? 

सुनिए, ये सब ख़त्म कर दीजिए। आप जानते हैं कि आपकी ये आदत कितनी खतरनाक है। आपकी उम्र अभी इन पलो को सही से जीने की है, न कि ख़ुद को तबाह करने की। 

  

काका आहलूवलिया 

तुम्हें क्या लगता है, मैं कुछ नहीं समझता? ये मेरी ज़िंदगी है, मुझे इसमें क्या करना है, मुझे पता है। 

  

नूर 

 मैं आपको ये नहीं करने दे सकती। प्लीज मेरी बात मानें। जब आप नशे में होते हैं, तो आप अपनी दुनिया को भूल जाते हैं। आपके बिना मैं कैसे जीऊँगी? मैं आपको खोना नहीं चाहती। 

  

काका आहलूवलिया 

नूर, तुम बहुत समझदार हो। तुम ख़ुद का देख लो आज से तुम्हें मेरी ज़िंदगी में दखल देने का कोई हक़ नहीं है। 

  

  

नूर 

मुझे हक़ है 

  

 

तभी नूर ने ये बोलते हुए काका आहलूवलिया  के हाथ से शराब की बोतल को लेने की कोशिश करने लगी। काका आहलूवलिया  का गुस्सा भड़क गया। अचानक, काका आहलूवलिया  ने उसको पीछे धक्का दे दिया और उसका सर जाकर पीछे पड़े दीवार के कोने पर लगा और नूर बेहोश हो गई और उसके सर से तेज़ी से खून बहने लगा। तभी काका आहलूवलिया  नूर की ओर दौड़ते हुए गए और उसका सर अपनी गोद में ले लिया 

  

  

काका आहलूवलिया 

नूर, तुम ठीक हो? 

  

नूर 

काका। क्यों किया ये? 

  

  

काका आहलूवलिया 

मुझे माफ़ कर दो! मैं तुम्हे धक्का नहीं देना चाहता था। मुझे माफ़ कर दो 

  

नूर  

... मैं... आपको... कभी भी... माफ़ नहीं करूँगी। 

  

काका आहलूवलिया 

नूर, तुम ठीक हो? होश में आओ, मैं तुम्हें अभी अस्पताल लेकर चलता हूँ। आंखे खोलकर रखना। मुझे माफ़ कर दो 

  

नूर 

... मैं... आपको... कभी भी... माफ़ नहीं करूँगी। एक दिन ऐसे ही शराब आपको मारेगी। 

  

 

ये बोलते ही नूर की आंखें बंद हो गई और काका आहलूवलिया  उसकी लाश के पास बैठकर रोने लगे। 

  

क्या अब नूर काका से अपनी मौत का बदला ले पाएगी? आख़िर और क्या रिश्ता था नूर और काका के बीच? ये जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड 

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