रेणुका ने अब तक तीन लड़कियों पर अपनी सास वाली नज़र डाली लेकिन उनमें से कोई भी उसकी परफेक्ट बहू बनने के लेवल वन तक भी नहीं पहुंची। पार्लर से घर आने के बाद उसने सोचा कि उसे कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे खूब सारी मछलियाँ जाल में फंस जाएँ क्योंकि अभी तक वो एक एक मछली पर फोकस कर रही थी और बात बिगड़ रही थी। ज़्यादा मछलियाँ होंगी तो कोई तो जाल में फंस ही जाएगी। आसान भाषा में, उसने एक ग्रांड पार्टी organize करने का सोचा। जिसमें वो शहर की सभी single, सुशील और सुंदरता की मूरत लड़कियों को invite करेगी और वैभव से direct ही मिलवा देगी।

रेणुका इस plan को execute करने के लिए उतावली हुई जा रही थी। उस ने सोचा कि यह पार्टी न केवल वैभव के लिए अच्छी partner ढूँढने में काम करेगी बल्कि society में रेणुका साहनी के रुतबे का exhibition हो जाएगा।  

एक तरफ रेणुका वैभव की शादी जल्दी से जल्दी करवाने के लिए जी जान से लग गयी और दूसरी तरफ वैभव भोजपुर में घूमते हुए अपनी ही दुनिया में खोया हुआ था।

थोड़ी देर घूमने के बाद, वैभव चाय की टपरी पर बैठ गया और चाय पीते हुए Elsie के बारे में सोचने लगा। Elsie की मुस्कराहट, उसकी आंखें, उसकी बातें - सब कुछ वैभव के दिमाग में घूम रहा था।

वैभव ने सोचा कि वह Elsie को भूलने के लिए भोजपुर आया था, लेकिन लगता है कि Elsie की यादें उसका पीछा कभी नहीं छोड़ेंगी। वह अपने आप को समझाने की कोशिश कर रहा था कि Elsie के बारे में सोचना बेकार है, लेकिन उसका दिल समझने को तैयार ही नहीं था। जब हम किसी से प्यार करते हैं तो हम उसे सिर्फ अपना दिल ही नहीं देते बल्कि अपनी सोच पर भी उसका नाम लिख देते हैं। शायद इसीलिए कहते हैं कि सच्चा प्यार भुलाये नहीं भूलता है।

भोजपुर में कुछ समय बिताने के बाद, वैभव सैर सपाटा घूमने के लिए निकल गया। सैर सपाटा में अक्सर couples आते हैं पर वैभव भी कहां अकेले आया था। वो भी तो Elsie को अपने साथ अपने दिल में लेकर आया था।

वो couples को देख कर सोचने लगा काश Elsie उसके साथ होती तो ये मोमेंट और भी ज़्यादा बेहतरीन बन जाता।

वैभव( मन में)  – Elsie, काश मैं तुमसे एक बार फिर मिल पाता!

इधर वैभव अपने ख्यालों में खोया हुआ था और दूसरी तरफ रेणुका कल की ग्रैंड पार्टी का सोचकर परेशान थी। वैभव को तो अंदाज़ा भी नहीं था कि उसकी गैर हाजरी में रेणुका ने उसे घोड़ी चढ़वाने के खतरनाक तरीके ढूंढ लिए थे।

रेणुका ने सबसे पहले अपने डिटेक्टिव को फोन लगा दिया और कहा,

रेणुका- “मेरी लिस्ट तो देखी है न तुमने? बस, उसी के हिसाब से शहर की top 20 लड़कियों के अड्रेस पता लगवाओ जिन्हें मैं अपनी ग्रांड पार्टी में इन्वाइट करूंगी। ध्यान रहे, मैं compromise बिल्कुल नहीं करूंगी, सिर्फ deserving लड़कियां ही बुलानी हैं मुझे, समझे?”

रेणुका ने डिटेक्टिव को पहले ही अपनी लिस्ट दे रखी थी, जिसमें वैभव के लिए सही लड़की के गुणों का चिट्ठा था। उसकी माँ को टक्कर देने वाली दूसरी कोई शायद ही इस दुनिया में होगी। इतनी planning plotting तो आजकल tv serials में भी नहीं होती जितनी ये कर लेती है।

डिटेक्टिव भी रेणुका के आगे नतमस्तक हो चुका था। वो बोला, "रेणुका जी, मैं आपकी लिस्ट के आधार पर उन लड़कियों के एड्रेस जल्द से जल्द निकलवाता हूँ। थोड़ा समय लगेगा, लेकिन काम जल्द ही हो जाएगा। आप भरोसा रखिए, मैं आपके मिशन को फेल नहीं होने दूंगा चाहे जो हो जाए।“

रेणुका- "हाँ, फेल होने के लिए पैसे नहीं देती हूँ मैं। इस बार सब पता कर के ही आना मेरे पास। अब मैं रखती हूँ, बहुत काम करने हैं, भोपाल देखता रह जाएगा रेणुका साहनी की ग्रांड पार्टी को।“

रेणुका ने डिटेक्टिव से बात करने के बाद लट्टू काका को आवाज़ लगायी। लट्टू काका तुरंत वहां आ गए और उसने उन्हें पार्टी की तैयारी करने की पूरी जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा,

रेणुका –"लट्टू काका, मैं एक पार्टी organize करने वाली हूँ जो अपने गार्डन में होगी। तो आपकी ज़िम्मेदारी है कि सजावट बेहतर से बेहतरीन होनी चाहिए। मुझे कहीं भी कोई कमी नहीं चाहिए। हाँ, catering वाले से भी बात कर लीजिए और बेस्ट से बेस्ट dishes menu में रखवाईए। वो rr caterers से बात मत करिएगा, उसकी chili पनीर कहीं से भी chilli नहीं होती और न ही icecream ठंडी देता है।

लट्टू काका ने रेणुका की बातें सुनी और नोट कर लिया। रेणुका ने घर के किसी भी सदस्य को इस पार्टी के पीछे का असली मकसद नहीं बताया था। उसने सभी को बस ये बताया था कि ये पार्टी वैभव के घर लौटने के लिए हो रही है, ताकि वह अपने परिवार और दोस्तों से मिल सके।

रेणुका अपने असली मकसद के बारे में वैभव को पता नहीं चलने देना चाहती थी। वह जानती थी कि अगर वैभव को इस बात का अंदाज़ा भी हुआ तो वह रेणुका से कभी बात नहीं करेगा और पार्टी में मुंह भी नहीं दिखाएगा। इसलिए रेणुका ने बहुत  होशियारी के साथ इस बात को बस अपने तक ही रखा।

वह ये भी जानती थी कि दीवारों के कान होते हैं, इसलिए उसने इस बारे में अम्मा तक को नहीं बताया।  अम्मा को भी रेणुका ने पार्टी की तैयारी में शामिल कर लिया था। रेणुका ने अम्मा को मेहमानों के लिए gifts final करने का काम दे दिया, जिससे अम्मा भी बिज़ी हो गयीं।

इसके बाद, रेणुका ने अपने सभी खास दोस्तों और family members को पार्टी के लिए personally calls किए। वह चाहती थी कि पार्टी बहुत  ही grand और यादगार हो।

रेणुका चाहती थी कि पार्टी में सभी लोग अपने परिवार के साथ आएं और एक अच्छा समय बिताएं। हालांकि उसका असली मकसद तो लड़कियां और उनके परिवार से एक साथ मिलने का था। घर पर भी किसी को रेणुका के इरादों के बारे में शक नहीं हुआ। अम्मा को लग रहा था कि चलो इसी बहाने शायद माँ बेटे के बीच मिठास बढ़ेगी लेकिन उन्हें क्या पता कि ये मिठास भरी पार्टी नहीं बल्कि विस्फोटक पार्टी होने वाली है।

दूसरी तरफ वैभव घूमने के बाद उसी चाय की टपरी पर चला गया, जहां वह अक्सर जाता था। उसने अपनी चाय पी और आज उसने चाय वाले दादू से पूछ ही लिया,

वैभव –  “दादू, आपने उस लड़की को आखिरी बार कब देखा था?”

दादू की थोड़ी उम्र हो चुकी थी, उन्हें एक बार में तो समझ नहीं आया, लेकिन वैभव ने जब उसकी तस्वीर अपने फोन में उन्हें दिखाई तो दादू ने ना में अपना सिर हिला दिया और कहा, “बेटा, आखिरी बार शायद मैंने तुम्हारे साथ ही इसे देखा था, उसके बाद कभी नहीं देखा।"

दादू का जवाब सुनकर वैभव की आंखें नम हो गईं। वह हर बार एक आखिरी उम्मीद के सहारे ही उस चाय की टपरी पर जाता था कि शायद एक दिन अचानक वो फिर से Elsie से मिल पाएगा, पर दादू की बात ने आज उससे उसकी वो उम्मीद भी छीन ली।

इसके बाद वैभव अपने आप को समझाने की कोशिश करता रहा कि Elsie को भूलना ही अच्छा है, लेकिन उसके दिल में अभी भी Elsie के लिए प्यार था। इसलिए वैभव ने अपना चाय का कप बिना पिए वहीं छोड़ दिया और अपने घर के लिए निकल गया।

घर पहुंचते ही वैभव ने देखा कि पूरा घर ऐसे सजा था मानो किसी की शादी हो। चारों तरफ सभी कामवाले ज़ोरों शोरों से तैयारी में लगे हुए हैं। वैभव को एक पल के लिए शक हुआ कि कहीं उसकी माँ इस बार सीधा लड़की घर ही तो नहीं ले आई पंडित जी के साथ, उसकी शादी करवाने के लिए? वो फौरन अपनी माँ को ढूँढने लगा और जैसे ही वो उसे मिली, वैभव ने एक सांस में ही सवाल दाग दिया।

वैभव(हांफते huye) –  "मां, ये क्या हो रहा है? इतनी सजावट क्यों हो रही है?अब आपने क्या किया है?"

रेणुका पहले समझ नहीं पायी फिर मुस्कुराते हुए बोली,

रेणुका- "अरे, वैभव, तुम्हारे लिए कल एक वेलकम पार्टी organize कर रही हूं। तुम इतने दिनों बाद घर आए हो, तो मैंने सोचा, इस बहाने तुम सब से मिल भी लोगे और मेरी फ्रेंड्स तो पागल हुई पड़ी हैं तुमसे मिलने के लिए। तो बेटा कल खुद को फ्री ही रखना।"

वैभव को यह पार्टी idea कुछ खास जमा नहीं लेकिन रेणुका की खुशी को देखकर वह मना भी नहीं कर सका। वह सोच रहा था कि यह पार्टी कितनी अजीब होगी, जहां वो centre of attraction होगा और सबके साथ झूठ मूठ का hi hello करना पड़ेगा। आधे से ज़्यादा लोगों को तो वो पहचानता भी नहीं होगा और अगर पहचान गया तो भी नाम नहीं याद होगा। वैभव ने एक गहरी सांस ली और रेणुका को खुश करने के लिए मुस्कुरा दिया।

रेणुका ने वैभव को भी काम पर लगा दिया था। घर के अंदर की सजावट का काम वैभव को मिला और उसे बाकी सबके काम पर भी नज़र रखने को कहा गया। वैभव खुश होने की acting अच्छी कर रहा था लेकिन उसके मन में इस पार्टी को लेकर दुविधा भी थी।

वैभव –"मैं मदद करूंगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह पार्टी मेरे लिए बहुत  ज्यादा weird हो जाएगी मां।

रेणुका (मुस्कराते हुए ) –"अरे, नहीं वैभव। यह तुम्हारे लिए ही है। तुम्हारे दोस्त और परिवार के लोग आएंगे। इस बहाने तुम भी सबसे मिल लोगे। तुम्हें पता भी नहीं कि सब तुमको कितना मिस करते हैं नहीं मिलोगे उनसे तो सबको लगेगा की रेणुका का बेटा विदेश जा कर बर्बाद हो गया।"

माँ ने emotional अत्याचार किया और बेटा उसमें बुरी तरह फंस भी गया। वहीं वैभव के मन में कहीं न कहीं डर भी था कि रेणुका के दिमाग में कोई खुराफात न चल रही हो। वैभव अपनी मां को बहुत  अच्छे से जानता था कि वो इतनी आसानी से उसके लिए बहू  ढूंढने का मिशन बंद नहीं करेगी।

वैभव –  "मां, क्या यह पार्टी वाकई मेरे लिए है? या आप मुझसे कुछ छुपा रही हैं?"

रेणुका (मुस्कराते हुए) – "नहीं, वैभव। यह पार्टी सिर्फ तुम्हारे लिए है। अपनी माँ पर थोड़ा स तो भरोसा रख। तेरे पापा यहाँ होते तो मैं उनकी कसम भी खा लेती अपना सच साबित करने के लिए, लेकिन... (crying)"

वैभव को रेणुका की बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था, लेकिन माँ को रोता देख उसका मन पिघल गया।

क्या होगा जब वैभव को पता चलेगा रेणुका की पार्टी का असली मकसद? क्या वैभव रेणुका को बता पाएगा कि वो Elsie से प्यार करता है?


जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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