प्रियंका जब से तालाब से वापिस आई थी, तब से ही वह काफ़ी बदली-बदली नज़र आ रही थी। सुबह से ही वह न तो अपने घर में किसी से बात कर रही थी, न ही रवि के कॉल या मैसेज का कोई जवाब दे रही थी। बस चुपचाप बैठकर दीवार को देख रही थी। प्रियंका के घर में इस वज़ह से अजीब-सी शांति का माहौल था, 

  

प्रियंका   

काका आहलूवालिया मैं तुझे नहीं छोड़ूंगी, तू बस अपने आखिरी दिन गिनने शुरू कर दे 

   

जहाँ एक तरफ़ गाँव के लोगों को इस चुड़ैल के आतंक के बारे में बिल्कुल भनक नहीं थी, वही दूसरी तरफ़ काका आहलूवालिया के डर से साधुपुल का सबसे पुराना शराब का ठेका बंद हो गया था, गाँव में लोगों ने शराब पीना बिल्कुल बंद कर दिया था। चखने की तरफ़ नज़र जाती तो मर्द रो पढ़ते थे जैसे किसी पुरानी माशूक को याद कर रहे हों। 

कुछ दिन तो गाँव में ऐसा मातम छाया मानो कोई ज़िंदगी से टाटा-बाय बाय हो गया हो। मर्दों के पास बात करने को कुछ नहीं था, मिलते भी थे तो आधा घंटा बस चुप बैठ कर वापिस चले जाते थे, आख़िर ओपन-अप होने के लिए सब को 2-2 पेग लगते थे, अब वह पेग ज़िंदगी से गायब हो गए थे। मर्दों के एंटरटेनमेंट का इकलौता साधन अब खतम हो चुका था। 

फिर धीरे-धीरे शाम के समय में गाँव का चौराहा भीड़-भाड़ से भरने लगा। वहाँ पर गाँव के आदमी इकट्ठा होकर शराब की पुरानी आदतों और काका आहलूवालिया के भूत के बारे में चर्चा कर रहे थे। 

  

रामू 

यार अब जाकर पता चला की सूफी इंसान की लाइफ कितनी बेकार होती है। जब से शराब पीनी बंद की है, तब से शाम से रात कैसे होती है, पता चलती है। वरना पहले शाम के बाद सीधा सुबह होती थी 

  

मुकेश 

ठीक कह रहा है भाई। अब तो न ही कोई उमंग है, न ही कोई तरंग है। ज़िंदगी हमारी झंड है॥ 

  

 

गीता देवी जो रामू की बीवी थी, वह कुछ दूर खड़े होकर उनकी ये सब बाते सुन रही थी 

  

  

गीता 

अरे, जब से मर्दों ने शराब पीना बंद की है, तबसे अब घर में हमेशा शांति का माहौल रहता है। अब हर हफ्ते मैं अपने पति के साथ, मेले में जाती हूँ। सुमित्रा तुझे पता है, ये अब मुझे और चिंटू को सिनेमा दिखाने ले जाते है। हर रात अब शराब की वज़ह से होने वाली लड़ाई भी नहीं होती, बल्कि रात में... अब हम दोनों सो ही नहीं पाते। ही ही 

  

सुमित्रा 

दीदी, फूल ऐश हो रही है,। वैसे शराब तो बुरी ही थी। जब से ये बंद हुई है तबसे हम सबके घर में हर कोई खुश है। 

गीता 

हाँ काका आहलूवालिया तो हम औरतों के लिए सच्ची में भगवान का रूप निकला॥। 

  

सुमित्रा 

मैं तो काका के भूत के लिए मंदिर में 11 रूपय का प्रसाद चढ़ाऊँगी। बस ऐसे ही इन सबको शराब से दूर रहे। 

  

जहाँ एक तरफ़ गाँव की औरते ख़ुशी थी। वही दूसरी तरफ़ गाँव में पहाड़ी कुत्ता आधी रात में नशेड़ियों की तरह घूम रहा था। वह भौंकते हुए भी अजीब-सा भौंक रहा था, 

 

चलते चलते वह पहाड़ी कुत्ता एक खंभे के पास खड़े होकर मूतने लगा। तभी उस पहाड़ी कुत्ते में से काका आहलूवालिया की आत्मा बाहर आ गई और वह ज़मीन पर ही बैठ गया, वहीं पहाड़ी कुत्ता डरकर वहाँ से भाग गया। 

  

काका आहलूवालिया 

ये कुत्ते की तरह मूतने का मज़ा ही अलग है, टांग उठाओ और जहाँ चाहो वहाँ हल्के हो जाओ। वहीं इंसान बनकर मूूतने के लिए साला झाड़ियाँ या वॉशरूम देखना पड़ता है। एक तो साला पूरा गाँव कुत्ता बनकर सूंघ लिया, वह अंग्रेज़ी शराब कही नहीं मिली। यार ये शराब भी क्या चीज है, साली मरने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ती। घरबार बीवी बच्चे सब पीछा छोड़ देते है, . ये ही इक कुत्ते की तरह वफादार है। जो कभी पीछा नहीं छोड़ती है। 

  

 

जिसके बाद काका आहलूवालिया की नज़र बगल में दीवार पर लगे एक पोस्टर पर गई, जिसपर लिखा था कि "शराब पीना मना है, नहीं तो भूत उठाकर ले जाएगा" 

  

काका आहलूवालिया 

ये भूत कौन होता है, इतना प्यार नाम है मेरा। काका आहलूवालिया, वह लिखो, 

 

दूसरी तरफ़ रात के अंधेरे में, सोनू और अन्नू पूरे गाँव में काका को ही ढूँढ रहे थे, तभी उन्हें काका का भूत बैठा दिखा। जिसका आधा मुंह जला हुआ था और आधे मुंह पर सफेद दाढ़ी पर कीड़े पड़े हुए थे। उसकी आंखे दोनों लाल हो रखी थी, उसके नाखून बड़े-बड़े और गंदे थे। उसके दांत भी पीले और काले हो रखे थे। 

  

सोनू 

अबे अन्नू डर मत, मेरे प्लान पर भरोसा रख, वह कुछ नहीं करेगा। वैसे भी नशे में आदमी औरतों के लिए खतरनाक होता है, आदमियों के लिए नही। 

  

  

अन्नू 

हाँ तेरा तो चाचा लगता है न, जो तुझे सब पता है कि कुछ नहीं करेगा, भाई मैं कह रहा हूँ अभी भी मौका है। भाग चलते है यहाँ से। एक बार अगर उसके पास चले गए, तो हमे शराब में सोडा की तरह मिलाकर पी जाएगा। 

  

सोनू 

अबे इतना डरता क्यों है, वह हमारा कुछ नहीं करेगा, फ़िल्मे नहीं देखी तूने, भूत से जितना डरो, वह उतना ही डराता है। इसलिए डर मत। वैसे भी हमारा इससे दोस्ती करना बहुत ज़रूरी है, एक तीर से दो निशाने लग जाएगे। 

  

अन्नू 

एक तीर से दो निशाने? कैसे? 

  

सोनू 

देख, एक तो पूरे गाँव को इससे छुटकारा मिल जाएगा और गाँव के लोग भी हमारी तारीफ करेगे, दूसरा ये हमारे रेस्टोरेंट  के लिए एक अच्छा शो पीस बन जाएगा। जिसे देखने के लिए लोग आयेंगे। हमारी तो लॉटरी ही लग जाएगी अन्नू, सोच बड़ा सोच। 

  

अन्नू 

भाई तेरे बड़ा-बड़ा सोचने के चक्कर में, मैं एक दिन छोटे से लोटे में हरिद्वार पहुँच जाऊंगा। पहले मेरे बाप के नाम पर बैंक लोन ले लिया, फिर अब कह रहा है भूत से दोस्ती करनी है। सीधा-सीधा बोल दे ना, की भाई चल सुसाइड कर लेते है। ऐसे भयानक मौत से तो वह ही अच्छा होगा। 

  

  

सोनू 

बी पॉजिटिव अन्नू 

  

अन्नू 

पॉजिटिव होने के चक्कर में, इन्सेन्सिटिव बातें कर रहा है तू 

  

 

जिसपर सोनू ने अन्नू को थप्पड़ मारा और उसकी तरफ़ गुस्से से देखने लगा। 

  

अन्नू 

क्यों मारा? 

  

सोनू 

ये तेरे गंदे जोक के लिए। अच्छा सुन, बस एक बात याद रखियो?

  

अन्नू 

क्या बात? 

  

सोनू 

काका आहलूवालिया का भूत हमें डराने की कोशिश करेगा, तुझे डरना नहीं है 

  

अन्नू 

अबे यार ये कैसी बात कर रहा है तू? 

  

सोनू 

भूतनाथ याद है अमिताभ बच्चन वाली? 

  

  

अन्नू 

हाँ हाँ, जिसमे शाहरुख खान भी होता है। बढ़िया फ़िल्म थी यार। 

  

सोनू 

हाँ वही वाली, उसमे भी वह बच्चा अमिताभ बच्चन के भूत से डरता नहीं है। हम भी वही करेंगे, हमें अगर भूत को अपना दोस्त बनाना है तो यही फॉर्मूला अपनाना पड़ेगा। 

  

  

अन्नू 

ये काम तो करेगा न? 

  

सोनू 

हाँ तू भरोसा रख मुझ पर, ज़रूर करेगा। 

  

 

ये बोलकर दोनों काका आहलूवालिया के पास पहुँचे। काका आहलूवालिया नशे में, वही सड़क पर लेटा-लेटा खर्राटे ले रहा था, ये देखकर सोनू ने अपने हाथ में व्हिस्की की बोतल का ढक्कन खोला और उसके बगल में बैठ गया। एकदम से काका आहलूवालिया की नींद शराब की स्मेल से खुल गई और वह जागकर बैठ गया और सोनू के हाथ की तरफ़ नाक ले जाकर सूंघने लगा और तभी सोनू ने बोतल पीछे कर ली, 

  

सोनू 

हैलो! 

  

 

सोनू 

देखो मेरी पैन्ट कभी भी गीली हो सकती है, इससे पहले आपसे कुछ बात करनी थी 

  

 

काका आहलूवलिया सोनू की तरफ़ घूर कर चिल्लाता है 

 

  

सोनू 

सॉरी सॉरी, काका यह शराब आपके लिए ही लाए है। आपको पहले मेरा एक काम करना होगा। 

  

 

ये सुनकर एकदम से काका आहलूवालिया गुस्से से उठा और उसे घूरने लगा। 

  

काका का भूत 

काम करना होगा? तू मेन्नु समझ की रिया है? अभी बताता हूँ तुम दोनों को...  

  

 

ये बोलकर वह दोनों को डराने की कोशिश करने लगा। कभी हवा में उड़ता, कभी गायब हो कर फिर सामने या जाता, . उन दोनों के चेहरे पर कोई डर नहीं दिखा। काका आहलूवालिया ने फिर से कोशिश की। इस बार भी दोनों में से कोई नहीं डरा। काका अब उन दोनों को घूर रहा था, काले नुकीले दांत उनकी तरफ़ बढ़ रहे थे, वैसे तो अन्नू की टांगे नीचे से कंपकंपा रही थी। मुंह पर उसके जरा-सा भी डर नहीं था। 

  

अन्नू 

भाई, ये सफ़र बस इतना ही था। मेरी भैंस शीला और रवीना को बोल देना, उनका अन्नू उनका दूध निकालने अब नहीं आएगा। अलविदा मेरे भाई। 

  

 

ये बोलकर अन्नू ने डरते हुए शराब की बोतल से अपना मुंह छुपा लिया और आंखे बंद कर ली, तभी काका आहलूवालिया उसके पास आया और उसके हाथ से वह शराब की बोतल ले ली और वह बोतल लेकर हवा में उड़ गया, सोनु और अन्नू ने देखा की काका आहलूवालिया हवा में झूलते हुए, उस शराब की बोतल को एक सांस में गटक गया और फिर बोतल को नीचे फैंककर वहाँ से गायब हो गया, अन्नू ने आँख खोली और ख़ुद को ज़िंदा देख, उसने सोनू को गले लगा लिया॥ 

अन्नू 

भाई, मैं बच गया, मैं बच गया।  

 

वहीं सोनु आसमान की तरफ़ काका आहलूवालिया को ढूँढने लगा और बोला 

सोनू 

अन्नू शायद वह गाना इनके लिए ही बना है। 

अन्नू 

कौन-सा गाना? 

  

  

सोनू 

आज कल पाँव ज़मीन पर नहीं पड़ते मेरे, अरे . ये काका आहलूवालिया गया कहाँ? 

  

अन्नू 

अरे वह जाए जहन्नुम मे, तुझे अभी भी काका आहलूवालिया की पड़ी है, हमारी वह बोतल रेस्टोरेंट में सबसे महंगी वाली थी। दोस्ती के नाम पर वह चूना लगा गया हमें। 

  

सोनू 

अन्नू, काका से दोस्ती करना बहुत ज़रूरी है। नहीं तो हमारा रेस्टोरेंट बंद हो जाएगा। उसे ढूँढ चल। 

  

 

क्या वह दोनों काका के भूत को ढूँढ पाएंगे? क्या सोनु और अन्नू अब काका आहलूवालिया से दोस्ती कैसे करेंगे, क्या काका आहलूवालिया सोनू की इस चाल में फंस जाएगा और आख़िर उस चुड़ैल का काका आहलूवालिया से क्या रिश्ता है? ये जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड।  

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