सोनू बाथरूम के उस शीशे को देख रहा था, जिसपर वह मैसेज लिखा था।
"पुत्तर, अगर अपनी भलाई चाहता है तो इस हवेली को छोड़कर यहाँ से चला जा, वरना तुझे चखने की तरह चबा जाऊंगा।" ये पढ़कर सोनू चिल्लाता हुआ बाथरूम से बाहर भाग गया... वही दूसरी तरफ़ इन सबसे बेख़बर, रेस्टोरेंट में अन्नू कुर्सी पर नशे में सो रहा था, उसे सोनू के चिल्लाने पर भी कोई फरक नहीं पढ़ा।
कुछ देर बाद गाँव में सफ़ाई करने वाला सुनील उसके पास आया और अन्नू को ज़ोर-ज़ोर से हिला कर उठाने लगा,
सुनील
भैया! भैया!
अन्नू अचानक से उठा, आँख खुलते ही सुनील का चेहरा दिखा जो उसके चहरे से सिर्फ़ 2 सेन्टमीटर दूर था
अन्नू
क्या है? थोड़ा दूर हो!
सुनील
भैया बहुत दिनों से कुछ काम नहीं मिला, आप कहो तो रेस्टोरेंट के बाहर झाड़ू मार दूँ। जो पैसा बने दे देना॥।
अन्नू
चल एक काम कर, वह रेस्टोरेंट के सामने पेड़ों के पास गंदगी जमा है। तू उसे हटा दे। 300 रुपए दे दूंगा।
सुनील
ठीक है भैया।
अन्नू फिर से सो गया और सुनील उस पेड़ के पास जाकर झाड़ू से सफ़ाई करने लगा, जहाँ उसे नीचे 4-5 तावीज़ पड़े हुए दिखे। सुनील ने वह सारे तावीज़ हाथ में उठाए और उन्हे खोलने की कोशिश करने लगा, तभी उन तावीज़ों में से बहुत सारी लाइट निकली और आसपास फैल गई। ये देखकर सुनील डर गया और ज़ोर से चिल्लाया। उसके चिल्लाने से अन्नू फिर से उठा गया
सुनील
आ आ आ!
अन्नू
तू पागल है क्या? कभी हिलाता है कभी चिल्लाता है?
सुनील उसकी तरफ़ थोड़ी देर देखता है, झाड़ू वहीं फेंकता है और वह से भाग जाता है
अन्नू
इसका भी पेच ढीला ही है
जहाँ एक तरफ़ सोनू का पहली बार काका आहलूवालिया के भूत से सामना हुआ था, वही दूसरी तरफ़ साधुपुल गाँव में एक फेमस तालाब था, जो हमेशा से कपल्स का अड्डा रहा था, आज भी गाँव के तालाब के पास रवि और प्रियंका भी अपने प्यार भरे पल बिता रहे थे। जहाँ पर प्रियंका की हंसी तालाब के पानी में गूंज रही थी और रवि उसे देख कर मुस्कुरा रहा था। . उन्हें नहीं पता था कि उनकी खुशियों का ये पल जल्द ही एक डरावनी कहानी में बदलने वाला था। सूरज ढलते ही, तालाब के आसपास एक अजीब-सी ठंडक छा गई। तभी प्रियंका ने अपनी पीठ पर एक हल्की-सी सिहरन महसूस की, उसने इसे नजरअंदाज कर दिया। अचानक, तालाब के पास के अंधेरे कोनों से एक अजीब-सी परछाई उभरी। ये परछाई धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रही थी। रवि ने देखा कि वह एक औरत की परछाई थी। जिसकी आंखें चमकदार थी, उस औरत के कपड़े पुराने और फटे हुए थे, बाल बिखरे हुए थे और उसकी स्किन पर बहुत सारी झुर्रियों थी।
प्रियंका
रवि, ये कौन है?
चुड़ैल (नूर)
तुम दोनों इतने खुश क्यों हो, तुम्हे पता नहीं तालाब के पास ऐसे हंसना मना है?
प्रियंका
रवि, हमें यहाँ से जाना चाहिए। ये जगह ठीक नहीं लग रही।
रवि
डरो मत, शायद ये कोई पागल औरत है। हम इसे इग्नोर करना चाहिए। उसकी तरफ़ ध्यान मत दो।
तभी उस औरत ने अपनी डरावनी हंसी से उनका डर और बढ़ा दिया। औरत ने एक क़दम और बढ़ाया और अचानक उसकी आंखें चमकने लगीं, जैसे उसकी आंखों में आग जल रही हो। एकदम से प्रियंका की आंखों में डर साफ़ नज़र आने लगा, एक तेज़ हवा का झोंका आया और औरत की परछाई पल भर में बदल गई। वह औरत अब एक चुड़ैल बन गई थी, उसकी आंखें लाल हो गई थीं और शक्ल पूरी तरह से डरावनी हो गई थी। तभी चुड़ैल ने एक भयानक चीख मारी, जिसकी आवाज़ से दोनों ने अपने कान बंद कर लिए और दोनों डर कर नीचे ज़मीन पर बैठ गए।
चुड़ैल
तुम्हारे पास और समय नहीं है। अब मैं तुम्हारी सारी खुशियों को छीन लूंगी, जैसे उसने मेरी खुशियाँ एक पल में मुझसे छीन ली थी।
अचानक, चुड़ैल ने एक जादुई इशारा किया और प्रियंका के शरीर पर एक अजीब-सी रोशनी चमकने लगी। तभी रवि ने देखा कि प्रियंका की आंखें अचानक हरी हो गईं, जैसे उसमें कोई और ही आत्मा घुस गई हो। रवि ने प्रियंका को पकड़ने की कोशिश की, चुड़ैल ने अपना हाथ बढ़ाया और एक भयानक चीख के साथ प्रियंका के शरीर में समा गई। रवि की आँखें खुली की खुली रह गईं, उसे समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? अचानक से प्रियंका बेहोश हो गई थी। रवि ने इधर उधर देखा पर वोह चुड़ैल कही नहीं थी। थोड़ी देर बाद प्रियंका को होश आया
रवि
प्रियंका तुम ठीक तो हो?
प्रियंका ने बस हाँ में सर हिला दिया तभी रवि ने प्रियंका को ज़ोर से गले लगा लिया
रवि
मैं तो डर ही गया था। मुझे लगा तुम्हे कुछ हो गया।
एकदम से प्रियंका की आखें हरी हो गई और उसके चेहरे पर वह डरावनी मुस्कान आ गई।
जहाँ एक तरफ़ गाँव में काका आहलूवालिया का भूत आतंक मचा रहा था। वही दूसरी तरफ़ सोनू और अन्नू के बीच रिश्ते में भी एक नया मोड़ आ रहा था, दोनों ही रेस्टोरेंट में होने वाली घटनाओं से परेशान रहने लगें थे। अन्नू को जब हैंगओवर खतम हुआ तो सोनू ने बाथरूम वाली घटना उसे बताई, अन्नू की आँखें मेंडक की तरह बड़ी हो गई, अब उसकी भी हल्की-हल्की फटने लगी थी
अन्नू
सोनू, मुझे लगता है कि हमें इस समस्या का कुछ करना होगा। रेस्टोरेंट में हो रही घटनाएँ काफ़ी अबनॉर्मल हैं। अब तो मुझे भी लगता है कि जो-जो बाते रमेश अंकल ने बोली थी, वह सब सच है।
सोनू
तुझे सही लगता है, अन्नू। अब स्टाफ भी इस रेस्टोरेंट में काम नहीं करना चाहता। सबने मुझे साफ़ साफ मना कर दिया है। अन्नू अगर हमें अपना रेस्टोरेंट बचाना है तो कुछ करना पड़ेगा।
दोनों अपने-अपने घर जाते हैं और शाम को फिर मिलते हैं
अन्नू
हाँ, भाई मैंने काका के भूत के बारे में कुछ-कुछ पता लगाया है। आज सुबह मैं रमेश अंकल के पास गया था और उन्हें ये सारी बाते बताई। जिसपर उन्होंने मुझे एक आदमी का पता बताया जिसके पास काका आहलूवालिया को लेकर इन्फोर्मेशन होगी।
सोनू
कौन आदमी है? कहाँ मिलेगा?
अन्नू
वह बगल वाले गाँव किलोरी में रहता है। हमें वही चलकर पता लगाना चाहिए।
ये बोलकर दोनों वहाँ से उठकर सीधा किलोरी गाँव की तरफ़ रवाना हो गए, जहाँ पर पहुँचकर उन्होंने सबसे पहले उस आदमी का घर ढूँढा। जो 70 साल का एक बूढ़ा आदमी था और अपने कमरे में बुढ़ापे की बीमारी की वज़ह से लेटा था
सोनू
काकाजी नमस्ते, मैं सोनू और ये अन्नू, हम काका आहलूवालिया के बारे में बात करने आए, आप जानते हो उन्हे?
आदमी
हैं?
अन्नू
काका आनहलूवलिया के बारे में आप जानते हैं?
आदमी
हैं, काका आहलूवलिया? हा, हाँ, मेरे पिताजी जानते थे उनको।
अन्नू
कैसे जानते थे?
आदमी
हैं
अन्नू
कैसे जानते थे?
आदमी
धीरे बोल गधे और ध्यान से सुन
मेरे पिताजी के दोस्त थे काका आहलूवालिया, अंग्रेजो के ज़माने में भी शिमला में काफ़ी नाम था उनका। आज से करीब 100 साल पहले उधर हाईवे के पास उनकी हवेली थी, जो मुगलों के ज़माने की हवेली थी। जब अंग्रेजो ने भारत पर राज करना शुरू किया, उस समय काका आहलूवालिया की हवेली की चर्चा दिल्ली तक थी। तब अंग्रेजो ने काका आहलूवालिया से मुंह मांगी रक़म पर हवेली देने को कहा था। क्योंकि अंग्रेज गर्मियों में दिल्ली की गर्मी से बचने के लिए शिमला आकर रहते थे। काका आहलूवालिया ने उन्हें साफ़ साफ मना कर दिया। काका बड़ा खुद्दार इंसान था, किसी से नहीं डरता था, . एक ही बुरी आदत थी, जिसकी वज़ह से उनका पूरा परिवार और पूरी जायदाद सब तबाह हो गई.।
सोनू
क्या आदत?
आदमी
अंग्रेज़ी शराब पीने की बुरी आदत। काका आहलूवालिया मेरे पिताजी के साथ, पूरे-पूरे दिन बस वही एक शराब पीते रहते थे। कहते थे की अंग्रेजो के भारत आने का एक ही फायदा हुआ की वह अपने साथ ये वाली शराब ले आए। . कुछ समय मेरे पिताजी ने उनके साथ शराब पीना बंद कर दिया। जिसके बाद वह कोठे पर जाकर पीने लगे और एक दिन पता चला की उनका शराब के नशे में एक्सीडेंट हो गया और उनकी मौत हो गई।
अन्नू
इसके अलावा कुछ और पता है आपको?
आदमी
नहीं बेटा, मुझे और कुछ नहीं पता। बस इतना पता है कि काका आहलूवालिया एक नंबर का शराबी था।
सोनू
इसका मतलब की वह शराब पीने वालों से नफ़रत नहीं करता बल्कि वह ख़ुद एक शराबी था। आपको उनके भूत के बारे में कुछ पता है?
आदमी
इस सब के बारे में मुझे नहीं पता, मुझे जितना पता था, वह मैने बता दिया। अब निकलो दोनों यहाँ से!
रास्ते में जाते-जाते वह दोनो, काका आहलूवालिया के भूत की ही बात कर रहे थे।
सोनू
तो यह शराबी भूत आख़िर हमारे रेस्टोरेंट में क्या कर रहा है?
अन्नू
मुझे लगता है, उसको अपनी हवेली वापिस चाहिए?
सोनू
इस जन्म में तो उसे ये हवेली मिलने से रही। क्यों न हम एक काम करे?
अन्नू
क्या काम? कैसा काम?
सोनू
हम उसको अपना दोस्त बना लेते है।
अन्नू
तू पागल है? तेरा दिमाग़ हिल तो नहीं गया, तू भूत को अपना दोस्त बनाएगा।
सोनू
अरे सुन तो सही भाई, तुझे वह कहावत याद है? जो हमें स्कूल में हिन्दी टीचर ने बताई थी।
अन्नू
कौनसी कहावत?
सोनू
जब सईयाँ भाए कोतवाल तो डर काहे का
अन्नू
मतलब?
सोनू
मतलब जब भूत को ही हम अपना दोस्त बना लेंगे तो फिर भूत से डर किस बात का॥ फिर हमारा रेस्टोरेंट भी अच्छे से चलेगा और हमें वह परेशान भी नहीं करेगा।
अन्नू
लगता है तेरी अभी तक उतरी नहीं है, भूत से दोस्ती? आज कुछ फूंक कर घर से निकला था क्या?
सोनू
सुन तो भाई, इसके लिए मेरे पास एक प्लान है...
आखिर सोनू का काका आहलूवालिया से दोस्ती करने का प्लान क्या है? और क्या यह प्लान कामयाब होगा? और वह चुड़ैल कहाँ से टपक गई? ये सब जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड
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