वो तीनो लड़के सुनील की हंसने की आवाज़ से डर गए और इधर उधर भागने लगे। 

तभी सुनील दुबारा उनके सामने आ गया और उसने उन तीनों लड़कों को अपनी शक्ति से हवा में उठा दिया 

  

सुनील 

ओए पुत्तर, शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाते। हाहाहहहहह 

  

 

फिर सुनील ने अपनी शक्ति से, तीनों की मुंडी पकड़कर मोड़ दी और उन्हें वहीं ज़मीन पर फैंक दिया। इसके बाद सुनील ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा। सुनील ने कार में जाकर देखा, . उसे कार में कोई शराब नहीं मिली। इसलिए उस भूत ने निराश होकर सुनील की बॉडी छोड़ दी और वह वहाँ से गायब हो गया। जब सुनील को होश आया तो उसने देखा की उसके पास तीन लड़कों की लाश खून से लथपथ पड़ी थी, सुनील ये देखकर डर गया और वहाँ से भाग गया। जहाँ एक तरफ़ सुनील अब भूत के चुंगल से आजाद था, वही दूसरी तरफ़ आखिरकार सोनू का सपना पूरा होने वाला था, अब सोनू का वह रेस्टोरेंट पूरी तरह से तैयार हो गया था। जिसके लिए शाम को सोनू और अन्नू ने रेस्टोरेंट की ओपनिंग करने की सोची और उसके लिए उन्होंने पूरे गाँव में मिठाई बांटी और सबको रेस्टोरेंट की ओपनिंग के लिए आने का इन्विटेशन भी दिया। शाम का समय हो गया था, पूरा साधुपुल गाँव सोनू और अन्नू के रेस्टोरेंट में था। रेस्टोरेंट में कही पर भी पैर रखने तक की जगह नहीं थी, पिंकी भी आज रेस्टोरेंट में अपने पापा के साथ आई हुई थी, वही सोनू के पापा टोनी भी ख़ुशी खुशी घूम रहे थे। सब पार्टी एंजॉय कर रहे थे, पूरे गाँव में बहुत दिनो बाद जाकर जैसे खुशियाँ लौट आई थी। तभी रेस्टोरेंट की लाइट भाग गई और आवाज़ आई। 

  

भूत 

ओए पुत्तर.........मैनू इन्वाइट नी कित्ता 

  

 

ये सुनकर पूरे रेस्टोरेंट  में हड़बड़ी मच गई, सब डर के मारे इधर उधर भागने लगे। एकदम से रेस्टोरेंट की लाइट वापिस आ गई और सब रुक गए और सबने देखा की जहाँ से आवाज़ आ रही थी, वहाँ कोई नहीं था। . गाँव के लोगों में एक बूढ़े इंसान ने उस भूत की आवाज़ पहचान ली। 

  

बूढ़ा आदमी  

ये तो काका आहलूवालिया की आवाज़ है। 

  

  

सोनू 

कौन काका आहलूवालिया ? 

  

  

बूढ़ा आदमी 

काका आहलूवालिया एक भूत था। जो आज से 40 साल पहले भी इस गाँव में आया था। अभी जिस जगह पर तुम्हारा रेस्टोरेंट है, उस जगह पर एक बड़ी हवेली हुआ करती थी . इस हवेली को पिछले 40 सालो से कोई नहीं देखता था, इसलिए ये हवेली धीरे-धीरे खंडहर बन गईं और बाद ये हवेली जिनकी थी, वह भी इंडिया से बाहर शिफ्ट हो गए। तब से लेकर आज तक ये जगह खाली है। मगर आज से 40 साल पहले ये पुरानी हवेली फिर से खबरों में आई थी। इस जगह से रात में अजीब आवाज़े आती थीं इसलिए गाँव के लोगों ने डरके इस तरफ़ आना ही बंद कर दिया था। एक पूर्णिमा वाली रात को गाँव के कुछ 4-5 नौजवान क्युरीऑसिटी के मारे खंडहर पहुँच गए। रात के अंधेरे में, रमेश और उसके साथियों ने धीरे-धीरे हवेली के अंदर क़दम रखा। हवेली के अंदर गहरी चुप्पी थी और केवल उनकी सांसों की आवाज़ सुनाई दे रही थी। अचानक, दीवार पर टंगी एक कटी हुई पुरानी बड़ी-सी ब्रिटिश आदमी की पेंटिंग अपनी जगह से गिर पड़ी और उसके पीछे एक अजीब-सा दरवाज़ा था, जिसपर बहुत सारे ताबीज और बड़े-बड़े ताले लगे हुए थे। उन सब लड़को ने मिलकर दरवाजे से वह सारे ताबीज हटाए और बगल में पड़े पत्थरो से वह दरवाजे पर लगा ताला खोल दिया। जिसके पीछे उन्हें एक पुराना तहखाना मिला। तहखाने में पहुँचते ही, उन्होंने देखा कि वहाँ एक अंग्रेजो के ज़माने की पुरानी बड़ी-सी शराब की बोतल रखी हुई थी, जिसमे से हरे रंग की लाइट चमक रही थी। जिसे रमेश ने उठाया और उसे देखने लगा, उस बोतल पर एक चिट्ठी चिपकी हुई थी जिसपर लिखा था कि इस बोतल में एक पुराना भूत बंद है, जिस भूत का नाम "काका आहलूवालिया" है और अगर ये भूत इस शराब की बोतल से आजाद हो गया तो पूरा गाँव कब्रिस्तान बन गया जाएगा। रमेश ने उसे मज़ाक समझकर जैसे ही उस बोतल का ढक्कन पकड़ा, उसे एकदम से करंट लगा और बोतल नीचे गिर गई। एकदम से ज़ोर से यही आवाज़ आई, जिसे सुनकर वह सारे लड़के वापिस बाहर की ओर भाग गए और फिर उन्होंने क़सम खाई की वह इस बात का ज़िक्र किसी से नहीं करेंगे। अब काका आहलूवालिया की आवाज़ सुनकर लग रहा है कि जैसे किसी ने वह शराब की बोतल से काका आहलूवालिया का भूत आजाद कर दिया है। 

  

  

सोनू 

ये क्या बकवास है, आपको झूठ बोलने के लिए यही जगह मिली है। ये सब झूठ है। 

  

बूढ़ा आदमी .  

बेटा ये झूठ नहीं है। 

  

सोनू 

आप ऐसे कैसे कह सकते हो की ये सच है? आप थे क्या वहाँ पर? 

  

  

बूढ़ा आदमी   

हाँ बेटा मैं था, क्योंकि मेरा ही नाम रमेश है। 

  

 

ये सुनकर बाक़ी सब गाँव वाले डर गए। जिसके बाद रेस्टोरेंट को लेकर अन्नू चिंता में आ गया, उसे लगा अगर ये सब बात वाकई में सच्ची निकली तो उनके लिए बहुत बड़े खतरे की बात हो जाएगी। उनका रेस्टोरेंट चलने से पहले ही बंद हो जाएगा और वह कभी भी बैंक का लोन नहीं चुका पाएंगे। जैसे तैसे रात निकली, अगले शाम को सोनू और अन्नू ने अपना रेस्टोरेंट फिर से खोला। आज उनके रेस्टोरेंट का पहला दिन था। आज का दिन उनके लिए अग्निपरीक्षा थी। जिसे लेकर दोनों ही काफ़ी नर्वस थे। . धीरे-धीरे रेस्टोरेंट में लोग आने लगे और रेस्टोरेंट फ़ुल हो गया, जिसे देख सोनू और अन्नू को यक़ीन नहीं हो रहा था की॥उन्हें लग रहा था कि जैसे ये कोई सपना है . ये एक असलियत थी। उनके ठीक सामने थोड़ी दूर पर उसी सरदार का रेस्टोरेंट था, जिसके पास ये दोनों काम करते थे . आज उसके भी सारे कस्टमर्स उनके ही रेस्टोरेंट में आ रहे थे। पूरा रेस्टोरेंट खचाखच भरा था। उन्हें नहीं पता था कि उनकी ये ख़ुशी ज़्यादा देर तक नहीं टिकने वाली। एकदम से वहाँ कुछ अजीब घटनाएँ होने लगी थीं। कुछ कस्टमर्स को बार के पीछे से अजीब आवाज़ें सुनाई देने लग गई और कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने कुछ अजीब डरावनी-सी परछाइयाँ देखी हैं। कुछ लोग इस बात की भी शिकायत कर रहे थे की उनकी ड्रिंक ग्लास से अपने आप गायब हो रही है। तभी अचानक, किचन से अजीब आवाजें आने लगीं। चम्मच-छलनी एक दूसरे से टकराने लगे और कुकर के ढक्कन अपने आप उछलने लगे। ये सब की आवाजे सुनकर कस्टमर्स और डर गए। तभी सोनू ने जैसे ही देखा कि रेस्टोरेंट में भीड़ कम हो रही है और सब लोग डर से भाग रहे हैं, उसने एकदम से लोगों का ध्यान उस तरफ़ से हटाने के लिए एक काम किया। वह एकदम से कस्टमर्स के बीच में दौड़ते हुए गया और चिल्लाने लगा। 

  

सोनू 

ध्यान दें, ध्यान दें! हमारे रेस्टोरेंट में कुछ अजीब हो रहा है, . चिंता की कोई बात नहीं है। हम यहाँ हर समस्या का हल करने के लिए तैयार हैं! 

  

 

सोनू ने टेबल पर पड़ी सफेद चादर को अपने चारो तरफ़ एक भूतिया चादर की तरह लपेट लिया और चारो तरफ़ भूत की तरह भागने लगा और लोगों के सामने अजीब-सी आवाज़ निकालने लगा। ये देखकर कस्टमर्स को लगा कि ये सब सोनू का ही काम है। जिसके बाद अन्नू ने बात संभालते हुए कहा एकदम से अपनी पॉकेट से फ़ोन निकाला और उसपर सोशल मीडिया पर प्रोमोशन के लिए सोनू की वीडियो शूट करने लगा 

  

  

अन्नू 

देखिए आज हमारे रेस्टोरेंट  का पहला दिन है और आज हमारे रेस्टोरेंट  में भूत आया है। हमारा रेस्टोरेंट आपको दारू और खाने के साथ फ्री में भूत वाली फीलिंग भी देता है, जैसा की आपको पता है पूरे गाँव में और आसपास भूत की चर्चा हो रही है इसलिए हमने भी डिसाइड किया है कि हम भी अपने कस्टमर्स को एंटरटेन करने के लिए भूत बनक हंसाएंगे। 

  

 

ये सुनकर आसपास के सारे कस्टमर्स हंसने लगे, उन्हें लगा की ये सब प्रैंक था। इसके बाद सोनू ने उसी भूतिया चादर को लपेटकर मुन्नी बदनाम गाने पर एक छोटा-सा डांस किया, जिसे देखकर वहाँ पर बैठे सभी लोग हंसने लगे और उनका डर गायब हो गया। किसी ने मज़ाक किया। 

  

कस्टमर

देखो, हमारा भूत झंडू बाम लगाकर नाच रहा है!   

  

 

धीरे धीरे बाक़ी कस्टमर्स भी सोनू के साथ आकर नाचने लगे। सोनू को लगा कि मामला अब शांत हो गया। मामला अभी भी शांत नहीं हुआ था। रात में रेस्टोरेंट बंद करते समय एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने सोनू को भी चौंका दिया। रात को सोनू ने रेस्टोरेंट चलने की ख़ुशी में जमकर शराब पी ली, जिसकी वज़ह से उसे टॉयलेट जाने की अर्जन्सी फ़ील हुई। उनके रेस्टोरेंट में टॉयलेट बाहर वाले एरिया में बना हुआ था। सोनू नशे में झूलता हुआ बाथरूम गया, जहाँ उसने अपना काम किया और हाथ धोने के लिए वॉशबेसिन के सामने खड़ा हो गया। . जैसे ही उसने नल खोलकर पानी बहाया और हाथों को धोने लगा, तभी एकदम से पूरे वॉशरूम में शराब की महक फैल गई. ऐसा लगा मानो किसी ने 10-12 बोतले शराब की खोल दी हो और अचानक एक अजीब, धुंधली आवाज़ उसके कानों में पड़ी। 

  

भूत 

ओये पुत्तर, मेरा पेग कित्थे है? 

  

 

ये सुनकर सोनू एकदम से चौंक गया और तभी उसने देखा कि वॉशबेसिन के सामने लगे मिरर में एक अजीब-सी परछाई दिख रही थी। एक बूढ़ा आदमी, जिसकी उम्र करीब 65 के आस-पास थी, शीशे के सामने खड़ा था। उसकी स्किन पर लाल धब्बे थे और उसकी आँखें गायब थीं, उसका आधा चेहरा जला हुआ था और आंखो की जगह केवल गहरे काले गड्ढे थे। उसके चेहरे पर एक भयानक-सी स्माइल थी जो बहुत ही डरावनी लग रही थी। ये देखकर सोनू का दिल एकदम से तेजी से धड़कने लगा। वह डर के मारे कांपने लगा और बिना सोचे-समझे चीख पड़ा– 

  

सोनू 

  भूत 

   

एकदम से बाथरूम के मिरर पर बहुत सारी धुंध जम गई, जिसपर एक दम से एक डरवाना मैसेज दिखने लगा। 

  

  

सोनू 

ये क्या है? मिरर पर ये... ये किसने लिखा? 

  

तभी मिरर पर एकदम से लिखा हुआ मैसेज तेजी से क्लियर होने लगा, जो इतना डरावना था कि उसे देखकर सोनू भी चिल्ला पड़ा। 

आखिर मिरर पर ऐसा क्या लिखा था और काका आहलूवालिया का भूत चाहता क्या था और सोनू और अन्नू मिलकर अब इस भूत से कैसे निपटेंगे। आगे क्या होगा ये जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड। 

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