तालाब के किनारे पर हल्की धुंध छाई हुई थी। प्रियंक काले कपड़े पहने हुए तालाब के किनारे खड़ी थी। उसकी आँखों में अजीब-सी खामोशी थी। तभी पीछे से उसका दोस्त रवि भी वहाँ आ गया। रवि काली शर्ट और सफेद पैंट में आया हुआ था, उसकी आँखों में चमक और चेहरे पर प्यार की फीलिंग थी। वह प्रियंका के सामने खड़ा था, उसने प्रियंका का हाथ अपने हाथ में लिया
प्रियंका
रवि... आज हमारी मुलाकात काफ़ी स्पेशल है
रवि
हाँ प्रियंका, मैंने तुम्हे पिछले कुछ दिनों में कितने कॉल मेसेज किए, तुमने एक का भी रिप्लाई नहीं दिया। खैर छोड़ो, तुमने जो मेरे लिए किया है, उसकी कोई क़ीमत नहीं है। मैं तुम्हे ये बताना चाहता था कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
वो ये बोलकर प्रियंका को गले लगा लिया, एकदम से प्रियंका का चेहरा बदल गया, उसकी आँखों में एक अजीब-सी चमक थी।
प्रियंका
रवि, मैं अब उस प्रियंका की तरह नहीं हूँ जिसे तुम जानते थे।
रवि
क्या हुआ? तुम ठीक तो हो?
रवि ये बोलकर अचानक से पीछे हो गया। . प्रियंका ने एक बार फिर से अपनी वैसी ही प्यारी-सी मुस्कान बनाई और रवि की ओर देखा
प्रियंका
मैं पूरी तरह ठीक हूँ, रवि।
प्रियंका के चेहरे पर एक अजीब-सी चमक आ गई थी। उसकी आँखों में नीले रंग की लाइट चमकने लगी थी।
रवि
प्रियंका, तुम आज बहुत अलग लग रही हो। तुम्हारे चेहरे पर...
प्रियंका
रवि, अब तुम भी मेरी दुनिया का हिस्सा बनने वाले हो। मैं तुम्हे... ख़ुद में मिला लूंगी।
अंधेरे में प्रियंका और रवि के बीच की दूरियाँ कम हो रही थी। तालाब का पानी तेजी से हिल रहा था। हवा में एक अजीब-सी ठंडक और खामोशी फैल रहा थी।
प्रियंका
रवि, मेरे पास भी तुम्हारे लिए एक तोहफा है।
प्रियंका अपने हाथ में एक पुराना ताबीज दिखाने लगी, जो उसकी उँगली में चमक रहा था, ये वही ताबीज था, जो सोनू ने हवेली की सफ़ाई करते हुए पेड़ से उतारा था।
प्रियंका
इस ताबीज में ऐसी ताकत छुपी है, जो हमें हमेशा के लिए एक-दूसरे के करीब रखेगी।
रवि प्रियंका से डर रहा था, प्रियंका उसे अपने वश में करती जा रही हो
रवि
प्रियंका... ये क्या हो रहा है?
प्रियंका
रवि, तुम्हे इस प्यार की क़ीमत चुकानी होगी।
प्रियंका ने अचानक से एक धारदार चाकू निकाल लिया। जिसे देखकर रवि डर गया
रवि
प्रियंका, प्लीज ये मत करो। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
प्रियंका
मुझे प्यार से सख्त नफ़रत है, एक बार करके देख चुकी हूँ। 100 साल पहले किया था, तब धोखा ही मिला था।
प्रियंका ने चाकू को रवि के पेट में घुसेड़ दिया। रवि चिल्ला उठा
रवि
आ आ आ
प्रियंका ने चाकू को रवि के पेट से बाहर खींचा। रवि का खून तालाब के पानी में गिरने लगा और उसकी आँखें धीरे-धीरे बंद होने लगी। प्रियंका रवि को घूरे जा रही थी।
वही दूसरी तरफ़
सोनु और अन्नू काका आहलूवालिया को ढूँढ रहे थे, तभी उन्हे रवि की चीख सुनाई दी, जिसे सुनकर वह दोनों डर गए और दोनों एक दूसरे की तरफ़ देखने लग गए।
अन्नू
ये किसकी आवाज़ है?
सोनू
चल देखकर आते है
तभी पीछे से काका आहलूवालिया की आवाज़ आई।
काका आहलूवालिया
ओए और शराब चाहिए, अभी
सोनु
हमे आपसे एक ज़रूरी बात करनी है।
काका आहलूवालिया
पहले बोतल दो, फिर बात होगी।
सोनू ने काका की तरफ़ एक और बोतल बढ़ाई, काका ने उसके हाथ से वह बोतल लेकर गट-गट पी ली,
सोनू
हमने ही आपके खंडहर में वह रेस्टोरेंट खोला है, मैं सोनू और ये अन्नू मेरा दोस्त।
इसपर काका आहलूवालिया शराब ख़त्म करके गुस्से में बोतल नीचे ज़मीन पर फेंकते है।
काका आहलूवालिया
अच्छा तुम ही हो वह दोनो, तुम्हे मैं आज ज़िंदा नहीं छोडूंगा। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे हवेली पर अपना कब्जा करने की।
ये बोलकर काका आहलूवालिया सोनू की तरफ़ गुस्से से देखता है . सोनू घबराता नहीं है॥
काका आहलूवालिया
ये क्या बकवास शराब लेकर आए थे, इसने तो उल्टा मेरी पावर को कमजोर कर दिया। काका आहलूवालिया ऐसी सस्ती दारू नहीं पीता॥
सोनु
तो कौन-सी दारू पीते हो?
काका आहलूवालिया
वह लास्ट टाइम वाली लेकर आओ, वह बिल्कुल वैसी ही दारू थी। जैसी मैं पहले पीता था।
अन्नू
. वह तो बहुत महंगी आती है, हमारे पास भी एक ही थी बस। सोचा था रेस्टोरेंट खोलने की ख़ुशी मेँ पीएंगे, उससे पहले ही वह ख़त्म हो गई.
काका आहलूवालिया
हम्म
सोनू
अच्छा ठीक है , पहले अब हमारी बात तो सुन लो।
काका आहलूवालिया
तुम्हे पता भी है मैं कौन हूँ, आज तक तुमसे पहले कितने ही लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की थी। मैने किसी को ऐसा नहीं करने दिया, मैं 2 दिन नशे में चूर क्या था। तुमने मेरे घर का पूरा मेकओवर ही कर दिया
सोनू
आपको तो हमारा शुक्रिया अदा करना चाहिए, हमने आपका घर का मेकओवर करके उसको बैठने लायक बना दिया, वरना वहाँ पर तो पहले जानवर रहते थे, अब इंसान रहते है।
काका आहलूवालिया
तुम होते कौन हो ये करने वाले, वह मेरी जगह है। मैने पिछले 100 साल से उसको संभाल के रखा हुआ है, तुम्हे पता है आज़ादी से पहले मेरी हवेली अंग्रेज तक मांगने आए थे, मैने उन्हे तक अपनी हवेली नहीं दी और तुम कल के आए बच्चे मुझसे मेरी हवेली छीनकर ले गए।
सोनू
आपको गलतफहमी हुई है
हम आपकी हवेली छीनने नहीं बल्कि आपको तो इन्वाइट करने आए है
काका आहलूवालिया
मुझे इन्वाइट करने?
सोनू
हाँ इन्वाइट करने, क्योंकि हम चाहते है कि आप अपनी हवेली में रहो और शराब पीयो और मौज करो। जैसे आप पहले करते थे, जब आप ज़िंदा थे।
काका आहलूवालिया
तुम कह रहे हो की मैं अपनी हवेली में आकर रहूँ, ये कैसी बकवास बात है। मुझे अपनी हवेली में रहने के लिए किसी की परमिशन की ज़रूरत नही। मैं जब चाहूँ तब रह सकता हूँ,।
सोनू
हाँ आप ठीक ही कह रहे है, मैं... कौन होता हूँ आपको रोकने वाला? . मैने सुना है कि आपको शराब बहुत पसंद थी?
काका आहलूवालिया
हाँ, . तुझे कैसे पता?
अन्नू
जिस तरह से आप बोतल पर बोतल गटक रहे हो, ऐसे दूध के शौकीन तो नहीं लग रहे।
काका आहलूवालिया
ओएए
अन्नू
सॉरी सॉरी
काका आहलूवालिया
वो मैं मरने से पहले बहुत पीता था॥।
अन्नू
मरने के बाद कौन-सा कम पीते हो?
काका आहलूवालिया
ओएए
सोनू
अच्छा, मैं आपके लिए हर दिन एक शराब की बोतल लेकर आऊंगा।
काका आहलूवालिया
पक्का, वही वाली न? तेरी बड़ी मेहरबानी होगी
सोनू
हाँ, मंगवा तो दूंगा, एक दिक्कत है।
काका आहलूवालिया
क्या दिक्कत है?
सोनू
वह शराब यहाँ की नहीं है, अंग्रेजों के ज़माने की थी और बहुत महंगी शराब थी, मैने उसका प्राइस पूछा, उतने पैसे मेरे पास तो है नही।
काका आहलूवालिया
कोई बात नहीं, मेरे पास बहुत सारे पैसे है...
अन्नू
आपके पास कहाँ होगे अब, आप तो मर गए ना?
काका आहलूवालिया
हाँ, मेरे सारे पैसे तो मेरे परिवार के लोगों ने आपस में बांट लिए और मुझे यहाँ अकेला भटकने के लिए छोड़ दिया। मुझे लगता है वह अंग्रेज़ी शराब पीना मेरे नसीब में ही नहीं है।
सोनू
एक आइडिया है?
काका आहलूवालिया
क्या आइडिया
सोनू
अगर आप हमारे रेस्टोरेंट चलाने में हमारी मदद करो तो हम आपको वह अंग्रेज़ी शराब की लाइफटाइम सप्लाई मंगवा कर पिला सकते है।
काका आहलूवालिया
कैसी मदद ?
सोनू
आप हमारे रेस्टोरेंट को चलाने में हमारी मदद करो और गाँव वालों को तंग करना छोड़ दो, सिर्फ़ और सिर्फ़ हवेली में रहो और फिर आपकी वह इंपोर्टेड दारू की लाइफटाइम सप्लाई की गारंटी हमारी, बताओ? है मंजूर?
जहाँ एक तरफ़ सोनु और अन्नू, काका आहलूवालिया से अपने फायदे के लिए दोस्ती करना चाहते थे। वहीं दूसरी तरफ़ प्रियंका तालाब के पास बैठी थी। सोनू और अन्नू रवि की चीख भूल चुके थे, उनका सारा फोकस काका पर था
शाम का समय हो रहा था। आसमान पर बादल छाने लगे थे और हल्की-हल्की हवा चल रही थी। तालाब के चारों ओर सन्नाटा पसरा था। पानी में हल्की लहरें उठ रही थीं, जो चाँद की रोशनी में चमक रही थीं।
प्रियंका चाकू को कसकर पकड़े हुए पानी के पास झुकी। उसके हाथ खून से सने हुए थे और उसकी सांसें तेज चल रही थीं। उसने चाकू को पानी में डुबोया और उसे धोने लगी। खून के लाल धब्बे तालाब के पानी में घुलने लगे। पीछे, रवि की लाश तालाब में धीरे-धीरे गहराई में जा रही थी।
प्रियंका ने अपने चेहरे को पानी में देखा। उसकी आँखें लाल थीं, बाल बिखरे हुए थे और होंठों पर एक अजीब-सी मुस्कान थी। वह धीरे-धीरे गुनगुनाने लगी।
प्रियंका
सजना है मुझे, सजना के लिए...
उसकी आवाज़ हवा के साथ दूर तक गूँज रही थी। गाना गुनगुनाते हुए उसने चाकू को पानी में फेंक दिया। चाकू तालाब में डूबता चला गया। फिर वह धीरे-से उठी और तालाब के किनारे रखी पुरानी लकड़ी की बेंच पर जाकर बैठ गई। वह सिर झुकाकर घुटनों पर हाथ टिकाए बैठी थी, जैसे ख़ुद से लड़ रही हो।
कुछ समय बीता। हवा अचानक और ठंडी हो गई। पास के पेड़ों की पत्तियाँ सरसराने लगीं। तभी दूर से आवाज़ें सुनाई दीं।
प्रियंका के मम्मी-पापा
प्रियंका! प्रियंका! तुम कहाँ हो?
उनकी आवाज़ सुनकर प्रियंका ने धीरे-से सिर उठाया, . उसकी आँखों में कोई पहचान नहीं थी।
उसके पापा ने प्रियंका को बेंच पर बैठे देखा। वह दौड़कर उसके पास आए। उन्होंने उसके कंधे पर हाथ रखा और हल्के से उसे झकझोरा।
पापा
प्रियंका! क्या हुआ तुम्हें? तुम यहाँ इस वक़्त क्या कर रही हो?
प्रियंका ने उनकी तरफ़ देखा, उसकी आँखें अब नॉर्मल हो गई थी, , जैसे वह उन्हें पहचानने की कोशिश कर रही हो।
प्रियंका
मैं यहाँ... कैसे?
उसके पापा परेशान होकर उसकी माँ की तरफ़ देखने लगे। तभी उसकी माँ ने उसका माथा छुआ। प्रियंका का शरीर आग की तरह तप रहा था।
माँ
तुम्हें तेज बुखार है, प्रियंका! चलो, घर चलते हैं।
प्रियंका चुपचाप खड़ी हो गई। उसके मम्मी-पापा ने उसे सहारा दिया और धीरे-धीरे घर की ओर ले जाने लगे। प्रियंका के क़दम लड़खड़ा रहे थे। वह बार-बार पीछे मुड़कर तालाब की तरफ़ देख रही थी।
जैसे ही वह लोग तालाब से दूर जाने लगे, तालाब के पानी में कुछ हलचल हुई। एक सिहरन भरी हवा पूरे इलाके में फैल गई। तालाब के काले पानी में धीरे-धीरे रवि की लाश ऊपर आने लगी। उसका चेहरा पानी से बाहर निकला, आँखें खुली हुई थीं।
तालाब के पास खड़े पुराने पेड़ की पत्तियाँ अचानक से हिलने लगीं, जैसे किसी अजनबी ताकत ने उन्हें छू दिया हो। हवा में एक फुसफुसाहट गूँज उठी। दूर जाते हुए प्रियंका के मम्मी-पापा को उस आवाज़ का एहसास हुआ। उन्होंने पलटकर तालाब की तरफ़ देखा, . उन्हें कुछ भी साफ़ नज़र नहीं आया।
तालाब अब शांत था, जैसे वहाँ कुछ हुआ ही नहीं हो। पानी की सतह पर रवि की लाश धीरे-धीरे तैर रही थी, उसकी आँखें आसमान को घूर रही थीं।
तालाब की गहराइयों में कोई रहस्य छिपा था। कोई ऐसा राज़, जो शायद प्रियंका की कहानी के साथ गहरा जुड़ा हुआ था। . वह राज़ क्या था, ये पता लगाना अभी बाक़ी था...
आखिर अब आगे क्या होगा। सोनू, अन्नू, काका आहलूवलिया और चुड़ैल, मामला सीरियस होता जा रहा है?
पढ़िए अगला एपिसोड।
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