आरव के इलाज के लिए लोगों ने भर - भर कर पैसे दिए थे। पर जब उन्हें पता चला कि आरव के इलाज का सारा खर्च सरकार उठा रही है तो वो अपना पैसा वापिस मांगने लगे। अब उन्हें तब तक चैन नहीं मिलने वाला था, जब तक वो अपना पैसा वपिस नहीं ले लेते। इसलिए सरकार ने सर्कुलर जारी किया, कि वो एक लिंक बनायेंगें और जिन्होंने भी पैसा दिया था, वे अपने पेमेंट नंबर के साथ पेमेंट डेट एंड टाइम उसमें सबमिट कर दें, एक पेमेंट नंबर के लिए एक लिंक ही जेनेरेट होगा जिसे समय रहते प्रोसेस कर लें।
सरकार ने ये सर्कुलर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया, लेकिन कुछ लोगों ने इसे रिपोस्ट किया और कुछ ने नहीं, तो नतीजा ये निकला कि ये पोस्ट सभी के पास नहीं पहुंची और सभी लोगों ने पैसे वापिस के लिए पेमेंट नंबर सबमिट नहीं किया। ऐसे में पीएमओ में काम करने वाले कुछ सीनियर ऑफिसर्स ने बचे हुए पेमेंट नंबर को प्रोसेस कर शैल कंपनियों के और बोगस बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करा दिया। ऐसा कर उन्होंने केवल 2 घंटे में 32 करोड़ रुपयों की हेरा - फेरी कर ली।
केवल पीएमओ के अफसर ही नहीं, रोड कंस्ट्रक्शन वालों को जब पता चला कि उनके अकाउंट से ये ट्रांसक्शन हो रही है तो उनके अफसर ने रातों - रात एक कंपनी बना कर उसे टेंडर देकर 22 करोड़ रूपये के पेमेंट प्रोसेस करवा दी, ताकि किसी को पता ही ना चले।
ऐसे ही करप्शन के खिलाफ तो आरव खड़ा था, वो ऐसे ही करप्शन को रोकना चाहता था, जिसमें जनता का पैसा, केवल कुछ लोगों की जेब में जा रहा था, जो पावर में थे और उस पावर का यूज कर अपने घर को भर रहे थे।
इधर नीना को समझ ही नहीं आ रहा था कि क्लार्क की किस्मत इतनी अच्छी कैसे हो सकती है? जिसके लिए नीना ने इतनी मेहनत से प्लान बनाया था, क्लार्क ने पहले तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उस प्लान की धज्जियां उड़ा कर रख दी, फिर पेमेंट का शोर्ट लिंक बना कर उसे अपने एप के इनस्टॉल पेज से कनेक्ट कर कनेक्ट मी को फिर से नंबर वन सोशल मीडिया बना दिया।
नीना बहुत सोच रही थी, पर उसे कोई ऐसा प्लान नहीं मिल रहा था, जिससे वो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वेव को भी ज्यादा से ज्यादा लोगों डाउनलोड करवा पाए, वो लोगों की सिम्पैथी तो ले चुकी थी, पर उससे केवल उसके फॉलोवर ही बढे थे, उसे अपने सोशल मीडिया को नंबर वन बनाना था। तो अब उसके पास केवल एक ही उपाय बचा था, वो था विक्टिम कार्ड।
नीना ने बहुत सोचा और एक बढ़िया प्लान बनाया। उसने कुछ टेम्परी जेनरेटेड मेल से अपने आपको धमकी भरे मेल भेजे, फिर उसने उन सभी मेल का एक - एक कर स्क्रीन शॉट लिया और एक वीडियो बना कर पोस्ट कर दिया, उस पोस्ट में नीना ने कहा कि -
नीना - मैं ये बात आप सभी को बताना तो नहीं चाहती थी, पर अब ये मेल बहुत ज्यादा बढ़ गए है। कुछ लोग है जो नहीं चाहते कि मैं आरव का साथ दूँ, उन्होंने मेल पर कहा है कि अगर मैं फिर आरव से मिलने हॉस्पिटल गयी तो वो मुझे मार देंगें।
ऐसा कहते हुए नीना, वीडियो में जोर - जोर से रोने लगी। और फिर वीडियो बंद कर दिया। दरअसल नीना का प्लान ये वीडियो बनाना नहीं था, बल्कि वीडियो बनाने के बाद कल हॉस्पिटल के सामने अपनी गाडी को बम से उड़वाना था। जी हाँ, नीना का प्लान ये था कि पहले लोगों की भावनाओं से जुड़ा जाये फिर अपने आप पर हमला करवा कर उनके गुस्से को बढ़ाया जाये, फिर विक्टिम कार्ड को प्ले कर वेव को नंबर वन सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनाया जाये।
अगले दिन नीना ने टॉप न्यूज़ चैनल्स के एंकर को एक - एक गाड़ी गिफ्ट कर दी, और उन्हें केवल एक फेवर देने के लिए कहा। वो ये था कि जब भी वे नीना का नाम ले तो उससे पहले वेव की सीईओ जरूर लगाएं।
सब कुछ नीना के प्लान से चल रहा था। नीना अगले दिन हॉस्पिटल पहुंची। और जैसे ही वो हॉस्पिटल से बाहर निकली, अचानक से उसकी गाड़ी में रखा बम फट गया, नीना को कुछ भी नहीं हुआ। पर सभी न्यूज़ चैनल्स को मसाला मिल गया। आरव की साथी और वेव की सीईओ नीना को जान से मारने की कोशिश की गयी - सारे न्यूज़ चैनल्स में इसी से जुडी ख़बरें चल रही थी। कुछ रिपोर्टर्स बार - बार ये सवाल उठा रहे थे कि जब नीना ने कल पोस्ट किया था कि उनकी जान को खतरा है तो उन्हें पुलिस सुरक्षा क्यों नहीं दी गयी? आखिर पुलिस इतनी निकम्मी कैसे हो गयी?
इन सभी बातों का पुलिस से कोई लेना - देना नहीं था, पर लोगों का गुस्सा पुलिस पर उतरा और सोशल मीडिया पर #पुलिसमुर्दाबाद ट्रेंड करने लगा। न्यूज़ चैनल्स की टीआरपी बढ़ती ही जा रहे थी, ऐसे में उन्होंने लाइव शो में जनता से राय लेने की सोची और लोग खुलकर पुलिस पर आरोप लगाने लगे। लोग आरव के हमलावरों को पकड़ने में हुई देरी के कारण पहले से ही नाराज थे, अब नीना की कार के विस्फोट ने आग में घी का काम किया, लोग बुरी तरह भड़क गए। लोग कहकर बोल रहे थे कि सरकार और पुलिस जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही हैं। लोगों के बीच अफवाहें फैल रही थीं कि इस हमले में सरकार और पुलिस की मिलीभगत है।
नीना की कार पे हमले के बाद नीना को बचाने के लिए पुलिस तुरंत हॉस्पिटल के अंदर ले गयी। जैसे ही लोगों को पता चला वो हॉस्पिटल पहुँचने लगे। हॉस्पिटल के बाहर भीड़ बढ़ती जा रही थी। पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई थी, लेकिन लोग शांत नहीं हो रहे थे।
नीना को लोगों और मीडिया से बचाते हुए पुलिस उसे उसके घर तक छोड़ कर आयी, क्योंकि पुलिस को इस बात कर डर था कि कहीं नीना मीडिया के सामने जाये और उस पर आरव की तरह हमला ना हो जाये। इसलिए वो उसे घर तक छोड़ कर आयी और घर के बाहर कुछ पुलिस वाले भी तैनात कर दिए थे। घर आने के बाद नीना बड़ी खुश नजर आ रही थी, उसे लगा था कि बार - बार वेव का नाम आरव के साथ जुड़ने से लोग वेव को इनस्टॉल कर लेंगें। पर नीना को वो रिजल्ट नहीं मिला, जिसकी उसे उम्मीद थी। केवल ३ लाख और कुछ लोगों ने ही वेव को इनस्टॉल किया था, और ये नंबर बहुत कम था।
दूसरी ओर श्रेया हॉस्पिटल के बाहर चाय की दुकान पर बैठी हुई थी। अचानक से कुछ लड़कों के ग्रुप को साईकिल चलाते देख, उसकी आँखों के सामने आरव के कॉलेज की घटना घूमने लगी। इस बात को सालो बीत चुके थे, पर श्रेया को ऐसा लग रहा था, जैसे कल की ही बात हो।
कॉलेज में सभी की पार्किंग बंटी हुई थी। कार वाले स्टूडेंट्स के लिए अलग, और बाइक और साइकिल वाले स्टूडेंट्स के लिए अलग। पर कार वालों की पार्किंग बाइक और साइकिल वालों की पार्किंग से बड़ी थी। वैसे कॉलेज में साइकिल से आने वाले लोग ज्यादा थे, इसलिए पार्किंग में बहुत बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में सबने कार वालों की पार्किंग में साइकिल पार्क करने की सोची, पर कार वालों ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि साइकिल वाले कहीं भी पार्क कर देते हैं ऐसे में जब कार को ले जाना होता है तो उसे निकालने में दिक्कत आती है।
आरव भी साइकिल से कॉलेज जाता था, ऐसे में उसे भी पार्किंग की दिक्कत होती थी, तो उसने कार वालों से बात करने की सोची, पर कार वालों ने साफ़ मना कर दिया। उन्होंने तो आरव की बात भी नहीं सुनी। ऐसे में आरव ने सभी साइकिल वालों को एक साथ जोड़ा और देखते ही देखते कॉलेज में दो गुट बन गए, एक साइकिल वालों का और एक कार वालों का।
आरव ने हर तरह से समझा कर देख लिया पर कोई हल नहीं निकला।
आरव - एक बार इस बात को इस तरह से भी सोचिये, कि हम सब स्टूडेंट्स है, हमें एक दूसरे की जरुरत पड़ती ही है, बिना एक दूसरे का साथ दिए हम कभी आगे नहीं बढ़ सकते। हम एक काम कर सकते हैं, पहले की सारी जगह कार के लिए छोड़ देंगें, उसके बाद साइकिल लगा देंगे। देखिये पिछले हफ्ते में दो साइकिल चोरी हो गयी है। अगर हम सब लड़ते रहे तो और भी साइकिल चोरी हो सकती है।
आरव ने अपनी बात सभी के सामने रखी, पर कार वाले किसी भी कीमत पर मानने के लिए तैयार ही नहीं थे। वैसे कार वाले गुट में सभी मान भी गए थे, पर एक लड़का था रोहन वो हर बात को सिरे से नकार रहा था, वो सभी में सबसे ज्यादा पैसे वाला भी था, इसलिए सभी उसकी बात को मान भी रहे थे। तब आरव ने रोहन को एक सबक सिखाने की सोची। उसने एक प्लान बनाया और उस प्लान के लिए कुछ भरोसे के दोस्तों को साथ मिला लिया।
अगले दिन कॉलेज में प्रोजेक्ट सबमिट करना था, कुछ लड़कों ने सुबह - सुबह जल्दी जाकर रोहन जिस रास्ते से आता था, उस रास्ते में बड़े - बड़े पत्थर रख दिए। साथ ही एक पेड़ बीच रास्ते में डाल दिया। जिससे उस रास्ते में जाम लग गया। रोहन कॉलेज के लिए उसी टाइम पर निकला पर वो रास्ते में फंस गया। उसे आज प्रोजेक्ट किसी भी कीमत पर सबमिट करना था। तभी आरव अपनी साइकिल लेकर रोहन की गाडी के पास पहुंच गया।
आरव - रोहन, आज कॉलेज नहीं जा रहे क्या? आज तो प्रोजेक्ट सबमिट करना है।
रोहन समझ गया था कि आरव उसका मजाक उड़ा रहा है, इसलिए उसने ध्यान नहीं दिया, पर आरव ने रोहन को साइकिल पर चलने के लिए कहा। प्रोजेक्ट टाइम से सबमिट करने के लिए रोहन ने हां कह दी और वो दोनों एक ही साइकिल पर कॉलेज पहुँच गए। दोनों के बीच कॉलेज पहुँचने तक खूब बातचीत हुई। और उसका नतीजा ये निकला कि अगले दिन रोहन ने कुछ शर्तों के साथ, साइकिल वालों को कार पार्किंग में साइकिल खड़े करने के लिए हां कह दी।
तभी श्रेया के मोबाइल में एक नोटिफिकेशन आया। उसकी आवाज से उसका ध्यान टूटा, उसने जैसे ही नोटिफिकेशन ओपन किया, उसके पैरों तले जमीन खिसक गयी। दरअसल एक पोस्ट वायरल हो रही थी, जिसमें बताया गया था कि आरव की साथी नीना कपूर की किसी ने हत्या कर दी है। उसने इस पोस्ट की सच्चाई को जानने के लिए जैसे ही न्यूज़ चैनल ओपन किया, वो दंग रह गयी, न्यूज़ में एक एंकर बोल रहा था, हमें अभी अभी पता चला है कि आरव की साथी और वेव की सीईओ मिस नीना कपूर की मौत हो चुकी है, ये खबर सच है या नहीं, ये तो हम नहीं बता सकते, पर जब हमने पुलिस से इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कोई भी जवाव देने से मना कर दिया।
दूसरे न्यूज़ चैनल में बता रहे थे कि कल नीना की कार में जो बम ब्लास्ट हुआ था, शायद उसी कारण उनकी मौत हो चुकी है, पर हम अभी इस खबर की पुष्टि नहीं कर सकते। न्यूज चैनल्स ने अफवाहों का बाजार गर्म कर दिया था।
क्या नीना कपूर वास्तव में मर चुकी थी, या ये केवल एक अफवाह ही थी?
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