ओरायन ने स्क्रीन की तरफ़ देखते हुए पूछा,
ओरायन: “कौन हो तुम….”
मेरा नाम…नेमेसिस है….टेक्नोटोपिया का सबसे स्मार्ट ए.आई…. आज तुमने मुझे एक्टिवेट करके खुश कर दिया ओरायन….” स्क्रीन से उस ए.आई. की आवाज़ आई, नोवा और ओरायन समझ गए कि बात अब बहुत बढ़ गई है।
तभी एटलस ने कहा,
एटलस: “बॉस…. ये बहुत खतरनाक ए.आई है…. सालों पहले इसे डीएक्टिवेट कर दिया था क्योंकि ये टेक्नोटोपिया पर खतरे बन गया था…आपने अनजाने में इसे दोबारा एक्टिवेट कर दिया है…”
ओरायन के पैरों तले ज़मीन खिसक गई थी। उसने नेमेसिस से कहा, “तुम्हें मैंने एक मकसद के लिए एक्टिवेट किया है….” ……“जानता हूं…तुम जिस पोर्टल को खोलना चाहते हो…वो मेरे कंट्रोल में ही है…एक मिनट रुको….” कहते हुए नेमेसिस ने अपना कमाल दिखाया, स्क्रीन से तेज़ रोशनी निकलने लगी और वो पोर्टल एक बार फिर से खुल गया। ओरायन और नोवा को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था।
तभी ओरायन पोर्टल के एकदम करीब आ गया, उसने देखा पोर्टल के उस पार, उसे कई सारी खूबसूरत चीज़ें दिखाई दे रही हैं, उसे बड़े-बड़े पहाड़, झरने, रंग-बिरंगे पेड़-पौधे दिख रहे थे, जिसे देख ओरायन हैरान होकर बोला,
ओरायन: "क्या ये सच है.... ऐसा कैसे हो सकता है...ये कौन सी दुनिया है?"
ओरायन पोर्टल के अंदर घुसने ही वाला था कि अचानक से वो पोर्टल फिर से बंद हो गया, और पूरे लैब की लाइट्स चालू-बंद होने लगी, वहां का माहौल बदल गया। इधर आर्केडिया में लूना और तारा उस पुराने रहस्यमय सूर्य मंदिर के अंदर जाकर, तहखाने की ओर बढ़ रहे थे। लूना को यही लग रहा था कि किसी को नहीं पता चलेगा, वो लोग छुप कर यहां पर आए हैं। "लूना जो करना है, जल्दी करो... हमारे पास वक्त बहुत कम है...हम बहुत बड़े खतरे में पड़ जाएंगे...." तारा ने लूना को चेतावनी देते हुए कहा।
कुछ कदम आगे जाने के बाद, उसे सामने तीन कमरे दिखाईं पड़े, लूना ने कागज़ में देखा, उसमें ये नहीं लिखा था कि उसे पोर्टल का राज़ कौन से कमरे में मिलेगा, लूना ने तभी क्रीना से पूछा,
लूना: "तुम्हें कोई आइडिया है... मुझे ये तीनों कमरे एक जैसे लग रहे हैं?"
"लूना ये आपका सफ़र है... मैं चाह कर भी इसमें कोई मदद नहीं कर सकती।" क्रीना ने जवाब दिया, जिसके तुरंत बाद लूना ने अपने उस छोटे शीशे को अंदर रखा और सामने बीच वाले कमरे की ओर बढ़ने लगी। लूना ने कमरे का दरवाज़ा जैसे ही छुआ, अचानक से तहखाने में रखा सारा सामान हिलने लगा। "लूना... भागो यहां से... नहीं तो हम तहखाने में दब जाएंगे...." तारा ने चिल्लाते हुए कहा। मगर लूना अब वापस नहीं लौट सकती थी।
वो अभी कुछ करती कि अचानक से एक बड़ा सा पत्थर ऊपर से टूट कर गिरा, तारा ये देखते ही चिल्लाई, "लूना....." इधर दूसरी तरफ़ ठीक उसी वक्त चारों एलडर्स में सबसे बड़े, जिनका नाम मार्को था, उन्हें अजीब सा आभास हुआ। "नहीं... ऐसा नहीं होना चाहिए था....ये बहुत गलत हुआ?" कहते हुए मार्को हड़बड़ाते हुए अपनी कुर्सी से उठ बैठे, उनकी आवाज़ सुनते ही बगल कमरे से बाकी तीनों एलडर्स ने आकर पूछा, "मार्को क्या हुआ... आप इतने घबराए हुए क्यों हैं?"
"उस रहस्यमय सूर्य मंदिर का दरवाज़ा सालों बाद खोला गया है...." मार्को ने आक्रोश में कहा, जिसके बाद बाकी के एलडर्स भी गुस्से से कांपने लगे। अगले ही पल उन्होंने अपनी अपनी जादूई लाठी उठाई और उसे हवा में गोल गोल घुमाने लगे। देखते ही देखते उस कमरे में एक लाल रंग का ऊर्जा निकलने लगा, वो चारों उसी ऊर्जा में गायब हो गए।
इधर दूसरी तरफ़ सूर्य मंदिर के तहखाने में, तारा ने जब देखा कि लूना के ऊपर बड़ा सा पत्थर गिरने वाला है, उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी। मगर तभी उसे जब कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी तो तारा ने अपनी आँखें खोली, उसने देखा सामने लूना के चारों तरफ़ एक पीले रंग का ऊर्जा कवच आ गया था, जिसके कारण लूना बिल्कुल सही सलामत थी।
लूना: "थैंक यू क्रीना तुम्हारा.... अगर तुम नहीं होती तो आज मैं ज़िंदा ना बच पाती..."
कहते हुए लूना दोबारा उन तीनों कमरों को देखने लगी। तभी लूना ने देखा कि उन तीनों कमरों में से एक के ऊपर सूर्य के आकार का डिज़ाइन बना हुआ था।
लूना: "इस कमरे के दरवाज़े के ऊपर इस डिज़ाइन के होने का मतलब है कि यही वो कमरा है... मुझे इसी के अंदर जाना होगा..."
कहते हुए लूना आगे बढ़ी और उसने दरवाज़े पर हाथ रखा। कमरे का दरवाज़ा खुलने ही वाला था कि तभी पीछे से एक भारी आवाज़ आई, "लूना तुम्हारी ये मजाल.....हमने तुम्हें चेतावनी दी थी! तुमने हमारे नियमों की अवहेलना की है।" लूना चौंकते हुए पीछे हट गई, उसने देखा सामने चारों एलडर्स खड़े हैं। एलडर्स को देखते ही तारा का पूरा शरीर कांपने लगा, उसने लूना के पास जाकर कहा, "लूना... अब हम फंस चुके हैं...अब क्या करें?"
एक तरफ़ तारा और लूना फंस चुकी थी तो वहीं दूसरी तरफ़ टेक्नोटोपिया में अचानक से चारों तरफ़ इमरजेंसी सायरन बजने लगा। उसके कमरे में रोबोट गार्ड्स आ धमके।
"भाई ये क्या हो रहा है...ये क्या कर दिया तूने?" नोवा ने चौंकते हुए पूछा, ओरायन ख़ुद कुछ समझ पाता कि उससे पहले ही केबिन में आवाज़ आई, "वो मैं बताता हूं कि तुम्हारे दोस्त ने क्या किया है?"
ओरायन और नोवा ने जैसे ही दरवाज़े की ओर देखा, सामने काउंसिल ऑफ लॉजिक का डायरेक्टर डेविड खड़ा था, उसके पीछे और भी मेंबर्स थे। ओरायन पूरी तरह से हक्का-बक्का रह गया, उसे अपने सामने अपनी मौत नज़र आने लगी थी।
"सर ऐक्चुअली...आई कैन एक्सप्लेन.... पहले आप मेरी बात सुन...." ओरायन कह ही रहा था कि डेविड ने उसकी बात काटते हुए कहा, "ओरायन, हमने तुम्हें वार्न किया था... तुमने हमारे आदेश का उल्लंघन किया है!"
डेविड के इतना कहते ही, अचानक से कंप्यूटर स्क्रीन से नेमेसिस की आवाज़ आई, “हैलो!!...डेविड…स्वागत नहीं करोगे…” डेविड इस आवाज़ को पहचानते ही कांप उठा, उसने चिल्ला कर कहा, “नहीं…ये नहीं हो सकता…नेमेसिस एक्टिवेट नहीं हो सकता।”
“ये हो चुका है डेविड…” कहते हुए नेमेसिस स्क्रीन से गायब हो गया।
ओरायन के पास अब और कोई रास्ता नहीं बचा था, सिवाय उन्हें समझाने के। उसने अपनी तरफ़ से कोशिश करते हुए कहा,
ओरायन: "सर... मैं आपको एक्सप्लेन करता….”
"जस्ट शट अप... तुम्हें अंदाज़ा भी है तुमने क्या किया है…और हम तुम्हें बच्चे दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें तुम अपनी फिक्शनल स्टोरी में उलझा दोगे...." ओरायन के हेड ने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा। वो नेमेसिस को एक्टिवेट होते देख, आग बबूला हो गए थे। तभी कुछ लोग ओरायन के केबिन के अंदर आकर सब कुछ अपने हाथ में लेने लगे। नोवा भी पूरी तरह से घबरा चुका था, उसने जब अपनी आँखों के सामने ये सब देखा, तो बोल पड़ा, "ना जाने अब क्या होगा?"
लूना और ओरायन, दोनों ने अपने-अपने तरीके से सच का पीछा किया था, लेकिन अब उनकी दुनिया उनके खिलाफ हो गई थी, दोनों ही अपनी-अपनी दुनिया में बुरी तरह से फंस चुके थे।
इधर आर्केडिया के सूर्य मंदिर के तहखाने के अंदर, लूना और तारा के सामने चारों एलडर्स गुस्से में खड़े थे। लूना अपनी बात कहने ही वाली थी कि मार्को ने कड़क आवाज़ में कहा, "हमने तुम्हें आर्केडिया की परंपराओं से दूर रहने को कहा था... और हमने ये भी कहा था कि तुम जिस चीज़ के पीछे पागल हो चुकी हो, वो तुम्हारा भ्रम है और कुछ नहीं...... लूना तुमने हमारा विश्वास तोड़ा है!"
लूना जानती थी कि उसे कैसे भी जवाब देना ही होगा, उसने ख़ुद को हिम्मत देने के बाद कहा,
लूना: "मेरा यकीन कीजिए....मैंने कुछ देखा है...कुछ ऐसा, जो आज तक आर्केडिया के लोगों ने नहीं देखा है....अगर आप मुझे इसे समझाने का मौका दें, तो आर्केडिया को कुछ बड़ा मिल सकता है।"
लूना की बात पर तारा ने भी उसका साथ देते हुए कहा,
तारा: "हां...लूना सही कह रही है.... अगर आप..."
"तारा इस लूना के साथ रहकर तुम्हारा भी दिमाग कमजोर हो गया है...." इतना कहने के बाद दूसरे एल्डर ब्रावो ने दांत भींचते हुए कहा, "लूना अब बस बहुत हुआ....तुम्हें नियमों को तोड़ने की सजा मिलेगी..."
"सजा तो मिलेगी... मगर यहाँ नहीं.... कहीं और..." मार्को ने एक कुटिल मुस्कान के साथ कहा, वो चाहते थे कि लूना दोबारा ऐसी कोई गलती न करे।
लूना और तारा सोचने लग गए कि आख़िर एलडर्स के कहने का मतलब क्या था? थोड़ी ही देर बाद, चारों एलडर्स लूना और तारा को शहर के चौराहे पर लेकर आए, जहां अक्सर कोई भी फ़ैसला सुनाया जाता था। इस वक्त पूरा शहर उस जगह पर जमा था, लूना के मां-बाबा सिर झुकाए खड़े थे।
लूना की आँखों में आंसू देख कर उसकी मां ने अपने पति से कहा, "आप कुछ कहते क्यों नहीं... इन लोगों ने हमारी बेटी को मुजरिम के जैसे खड़ा कर दिया है।" "तुम्हारी बेटी ने काम ही वैसा किया है..." धूमकेतु ने अपना गुस्सा दबाते हुए कहा, उनको मार्को ने अपने जादू के जरिए सब कुछ बता दिया था।
तभी मार्को ने सभी को देखते हुए कहना शुरु किया, "आज यहां एक बार फिर से न्याय होगा.... और आने वाली पीढ़ी को पता चलेगा कि जब भी आर्केडिया में नियम को तोड़ा जाएगा... उस गुनाहगार को सजा मिलेगी...." मार्को आगे कहने ही वाले थे कि लूना ने हाथ जोड़ते हुए कहा, "नियम मैंने तोड़े हैं, तो सजा मुझे मिलनी चाहिए ना कि मेरी दोस्त तारा को।"
सभी एलडर्स को लूना की बात सही लगी, मार्को ने आगे ऐलान करते हुए कहा, "आज बल्की इसी वक्त से लूना को कुछ महीनों तक जेल में रखा जाएगा... ताकि इसके दिमाग़ की खुराफात शांत हो सके, जब हमें लगेगा कि अब लूना ठीक हो गई है, तब उसे बाहर निकाल दिया जाएगा।"
ये सुनते ही लूना की मां रोने लगी, तारा भी सिसकने लगी, मगर लूना वहीं अचानक से ब्लैंक हो गई। तारा ने जैसे ही ये देखा, वो उसके पास जाकर झकझोरते हुए बोली, "लूना.... नहीं लूना... अपने होश में आओ..."
तभी अचानक से लूना अपने होश में आई। उसने अपने सामने अपनी मां को देखा, उसे एहसास हुआ कि उसके बाबा वहां नहीं हैं।
"मां बाबा कहां हैं?" लूना ने पूछा, उसकी मां ने सामने की तरफ़ इशारा किया, धूमकेतु जी दूर चुप चाप सिर झुकाए खड़े थे।
लूना की मां ने नम आँखों से कहा, "क्यों लूना... तुमने ऐसा क्यों किया?"
लूना:
"माँ... काश मैं आपको समझा पाती... इस वक्त मैं चाहूं तो भी आप कुछ नहीं समझ पाएंगी...."
लूना ने कुछ सोचते हुए कहा। तभी वहां पर एल्डर्स के सिपाही आए, उन्होंने एक जादूई रस्सी से लूना का हाथ बांध दिया और उसे जेल ले जाने लगे। इधर दूसरी तरफ़ टेक्नोटोपिया में ओरायन का सारा सामान काउंसिल ऑफ लॉजिक के सदस्यों ने जब्त कर लिया था। ओरायन ने अपने डिजिटल सिक्के देकर, जिस गुप्त कोड को खरीदा था, वो भी उसके हाथ से जा चुका था।
डेविड ने ओरायन को घूरते हुए कहा, "तुमने टेक्नोटोपिया की प्रणाली के खिलाफ काम किया है। ओरायन तुम्हें अंदाज़ा भी नहीं है नेमेसिस की ताकतों का... वैसे... वो कोड कहां है ओरायन?"
ओरायन समझ गया था कि वो गुप्त कोड ही नेमेसिस को नियंत्रित करता था, ओरायन ने बहाना बनाते हुए कहा,
ओरायन:"वो मेरे ए.आई. सिस्टम एटलस के पास है... मगर ना जाने एटलस को क्या हुआ... उसमें कुछ गड़बड़ी आ गई है..."
एटलस ने ये सब सुन लिया था और ओरायन का इशारा समझ, वो जान बूझकर अजीब अजीब आवाज़ें निकालने लगा था, कभी एंबुलेंस तो कभी इंजन मोटर की। डेविड ने गुस्से से कहा, "ठीक है…आज नहीं तो कल वो कोड मिल ही जायेगा…मगर तुमने जो किया है, उसका तुम्हें भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।"
ओरायन जो कि पहले से ही झल्लाया हुआ था, उसने गुस्से में आकर कहा,
ओरायन: "मैंने सिर्फ सच को खोजने की कोशिश की है! आप लोग तर्क को सच के ऊपर रख रहे हैं, लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है... मैं रुकने वाला नहीं हूं। आप लोग चाहें कुछ भी कर लें।"
ओरायन का जुनून देख, सारे लोग हंसने लगे। डेविड ने ओरायन का मजाक उड़ाते हुए कहा, "तुमने अपनी दुनिया की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है और रही बात तुम्हारी...तो तुम आज़ाद रहोगे ही नहीं, तो आगे क्या ही कर लोगे?" तुम्हारा क्या मतलब है, क्या करने वाले हैं आप मेरे साथ?" ओरायन ने हैरानी से चिल्लाते हुए पूछा।
तभी डेविड ने ओरायन को घूरते हुए कहा, "वही जो एक अपराधी के साथ किया जाता है...." इतना कहने के बाद डेविड ने अगले ही पल रोबोट पुलिस को बुलाते हुए कहा, "इसे विशेष कक्ष में बंद कर दो... तब इसके अकल ठिकाने आयेगी।"
ओरायन चिल्लाता रहा, मगर उसकी किसी ने एक ना सुनी, नोवा भी साइड में डर से चुप चाप खड़ा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे? उसकी आँखों के सामने ओरायन को विशेष कक्ष की तरफ़ ले जाया गया, जो टेक्नोटोपिया का ख़ास कारागार था।
लूना और ओरायन दोनों ही अपनी अपनी दुनिया में जेल के अंदर बंद हो गए थे। दो दिन बीत चुका था मगर दोनों ही अपने मन में यही सोच रहे थे कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
लूना जेल के अंदर बैठी हुई थी कि तभी अचानक से उसके सामने एक कागज़ का तोता उड़ते हुए आया। लूना उस काग़ज़ के तोते को देख हैरान हो गई। उसे लगा कोई उसके साथ मजाक कर रहा है। उसने उस तोते को किनारे फेंक दिया।
तभी उसकी नज़र सामने जेल के बाहर खड़ी तारा पर पड़ी, जो उससे मिलने आई थी।
लूना:"तारा... कैसी हो तुम... और मेरे मां बाबा कैसे हैं?"
लूना ने भावुक होते हुए पूछा। तारा लूना के पास आई, तारा ने लूना का हाथ पकड़ते हुए कहा, "दोनों ठीक ही हैं... मगर कहीं ना कहीं वो तुम्हें याद करते हैं। मैं भी तुम्हें बहुत याद करती हूं यार..."
लूना:"कोई बात नहीं तारा... ये लोग मुझे कब तक बंद करके रखेंगे... मैं जब भी बाहर आऊंगी... उस अनोखे दरवाज़े को खोल कर रहूंगी..."
लूना ने कहा ही था कि तारा ने उसे शांत कराते हुए कहा,
तारा: "शशश !!!!!.... धीरे बोल...और जो काग़ज़ का तोता मैंने तुम्हारे पास भेजा था... उसे देखो... तुम्हें सब कुछ समझ आ जायेगा... अभी मैं चलती हूं।"
कहते हुए तारा वहां से जाने लगी। अगले ही पल लूना ने उस कागज़ से बने तोते को देखा, उसके पंख पर लिखा था, "तुम अकेली नहीं हो। तुम्हारी मदद के लिए कोई आ रहा है।"
इसे देखते ही लूना की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं।
इधर दूसरी तरफ़ टेक्नोटोपिया के विशेष कक्ष में नोवा भी ओरायन से मिलने आया था। ओरायन अब भी गुस्से में था, वो किसी से बात नहीं करना चाहता था। उसने नोवा से कहा,
ओरायन:"भाई तू चला जा... मुझे तुझसे कोई बात नहीं करनी है... जब मुझे कारागार में लाया जा रहा था, तूने कुछ कहा तक नहीं..."
नोवा:"हां क्यूंकि मैं जानता था कि मेरे कहने से कुछ नहीं होगा.... और अगर मैं उस वक्त कुछ कहता या करता.... तो आज मैं तेरे लिए जो संदेश लेकर आया हूं, वो कौन लाता...."
नोवा ने मुस्कुराते हुए कहा, ओरायन को कुछ समझ नहीं आया, उसने हैरानी से पूछा, "क्या मतलब, कौन सा संदेश?" नोवा ने अपना फोन निकाला और ओरायन को स्क्रीन दिखाया, जिसमें लिखा था, “अगर यहां से बाहर निकलना है तो कोड दे दो… मैं तुम्हें बाहर भी निकाल दूंगा और पोर्टल के उस पार भी भेज दूंगा…” लूना और ओरायन दोनों को ही इस तरह का संदेश भेजा गया था, मगर सबसे बड़ा सवाल बना हुआ था कि आख़िर वो था कौन, जिसने दोनों को संदेश भिजवाया था? जानने के लिए पढ़ते रहिए
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