लूना जेल में बंद थी और मन ही मन यही सोच रही थी कि आखिर वो बार-बार ब्लैंक क्यों हो जाती है। उसके हाथ में काग़ज़ का जो तोता था, अचानक से गायब हो गया। लूना और भी ज़्यादा हैरान होकर सोचने लगी कि आखिर वो कौन होगा?

लूना:"मेरी ज़िंदगी में अब हर तरफ़ से सवाल ही सवाल आ खड़े हुए हैं... समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूं?"

लूना मन ही मन सोच रही थी कि तारा उसके सामने दोबारा आई। लूना ने हैरानी से पूछा, "क्या हुआ, तारा तुम फिर आ गई, तुम्हें पता चला क्या कि वो मैसेज..."

तारा:"शशश !!... उस बारे में अभी बात मत करो लूना... मैं तो यहां दोबारा तुम्हें कुछ समझाने आई हूं।"

इतना कहने के बाद तारा ने लूना के पास आकर धीरे से कहा,

तारा:"मैं तुम्हें यहीं कहूंगी कि तुम ख़ुद को शांत करने की कोशिश करो और खुद को ज़्यादा मुसीबत में मत डालो। एल्डर्स तुमसे बहुत नाराज़ हैं। मैं तुम्हें इस तरह नहीं देख सकती लूना..."

लूना:"मुझे पता है कि मैं सही थी और अब भी हूं तारा। मैं उस दरवाज़े को खोलना चाहती थी, पर अब सब खत्म हो गया है। इस वक्त मेरी क्या हालत हो गई है, मैं किसी को नहीं समझा सकती।"

आर्केडिया में जो हाल लूना का था, वही हाल टेक्नोटोपिया में ओरायन का था। इस वक्त वो विशेष कक्ष में बेचैन बैठा हुआ था।

ओरायन: "मैं इस वक्त उस मैसेज पर भरोसा करके कोड साझा नहीं कर सकता... और तो और ये ऐसा वक्त है, जब मैं किसी पर भी भरोसा नहीं कर सकता।"

ओरायन की आँखों के सामने नेमेसिस की वो डेविल स्माइल आ रही थी, जो उसने स्क्रीन पर देखा था।

तभी ओरायन को काउंसिल की बात याद आई, उसने बड़बड़ाते हुए कहा,

ओरायन:"ये काउंसिल कभी कुछ समझ नहीं पायेंगे। मैंने जो देखा है, वो सच है। मैं इसे रोकने वाला नहीं हूँ.... और मुझे क्या पता था कि नेमेसिस एक तरह का खतरनाक ए.आई. है, जो इतने सालों से किसी फोल्डर में बंद था..." "चाहे कुछ भी हो जाए... मैं अगर अब रुका तो फिर टेक्नोटोपिया के लोग मुझे गलत समझेंगे और इतिहास में मैं एक निगेटिव इंसान बन कर रह जाऊंगा..."

लूना और ओरायन, दोनों अपनी-अपनी दुनिया में बंद थे, लेकिन उनके दिल और दिमाग कहीं और थे। दोनों ही एक ऐसी कड़ी से जुड़ने वाले थे, जिसका उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था। दोनों की जिज्ञासा और विश्वास अब उन्हें एक ऐसे सफर की ओर ले जाने वाला था, जहाँ वो एक-दूसरे से जुड़ सकते थे। आर्केडिया के जेल में लूना अभी पोर्टल के बारे में सोच रही थी कि अचानक से उसका शरीर वाइब्रेट करने लगा और देखते ही देखते वो ब्लैंक हो गई। तारा ने जैसे ही ये देखा, वो हड़बड़ाते हुए चिल्लाने लगी, "लूना... नहीं...लूना इस वक्त मैं तुम्हारे पास नहीं हूं।"

मगर लूना तारा की आँखों के सामने ज़मीन पर गिर गई। तारा की चीख सुनकर वहां पर दो सैनिक हवा में उड़ते हुए आए। "क्या हो रहा है यहां... किस तरह का शोर है ये...." सैनिक ने तारा को वहां देख आगे कहा, "लड़की हमने तुम्हें कहा था ना कि वक्त से पहले बाहर आ जाना... तुम यहां क्या कर रही हो अब तक?"

"वो मेरी दोस्त बेहोश हो गई है.... मुझे उसके पास जाने दीजिए.... फिर मैं बाहर आ जाऊंगी।" कहते हुए तारा ने हाथ जोड़ लिए। दोनों सैनिकों ने लूना को देखा, वो ज़मीन पर औंधे मुंह गिरी हुई थी।

उनमें से एक सैनिक लूना के पास गया और उसे उठाने की कोशिश करने लगा, मगर लूना पूरी तरह से ब्लैंक हो चुकी थी।

"तुम्हारी दोस्त तो जवाब ही नहीं दे रही..." सैनिक ने कहा। तारा ने नाराज़गी जताते हुए कहा,

तारा:"मैंने कहा ना, उसे क्या हुआ है मैं जानती हूं। प्लीज़ मुझे उसके पास जाने दो...... सोच लो तुम लोग अगर धूमकेतु की बेटी को कुछ हुआ तो... फिर क्या होगा?"

दोनों सैनिक घबरा गए और उन्होंने जेल का दरवाज़ा खोल दिया, तारा दौड़ कर लूना के पास गई, इस बार लूना पहले की तरह ब्लैंक नहीं हुई थी बल्कि इस बार उसका शरीर भी कांप रहा था, उसका चेहरा पूरी तरह से लाल हो चुका था। "लूना... अपने होश में आओ लूना...." कहते हुए तारा चिल्ला रही थी, मगर लूना को अंदर ही अंदर ऐसा लग रहा था, जैसे उसका मन किसी और दुनिया से कनेक्ट हो रहा है।

तभी अचानक से लूना के कानों में एक लड़के की आवाज़ सुनाई पड़ी, "मैं इसे नहीं छोड़ने वाला। मुझे पता है मैंने कुछ बड़ा देखा है।" ये आवाज़ ओरायन की थी, मगर लूना इससे पूरी तरह से अनजान थी। उसने जैसे ही ओरायन की आवाज़ सुनी, वो हड़बड़ा कर उठ बैठी। अपने सामने तारा को देख, लूना ने कहा, "तारा तुम यहां मेरे पास?"

"मेरी छोड़ो और तुम बताओ कि तुम्हे क्या हुआ था?" तारा ने लूना के माथे को छूते हुए कहा।

लूना ने उस आवाज़ को याद करते हुए, चौंककर कहा, "तारा मैंने किसी को सुना। कोई बात कर रहा था... लेकिन वो यहां नहीं था।" "क्या मतलब, यहां नहीं था तो कहां था और वो कौन था?" तारा ने हैरानी से पूछा। लूना ने सोचते हुए कहा,

लूना:"वो कौन था... कहां था... मैं कुछ नहीं जानती, बस मुझे उसकी आवाज़ सुनाई दे रही थी, वो कह रहा था कि उसने कुछ बड़ा देखा है, वो उसे छोड़ने वाला नहीं है।"

इधर टेक्नोटोपिया में ओरायन उस विशेष कक्ष में बंद रह कर, पूरी तरह से इरिटेट हो चुका था।

ओरायन:"मुझे बाहर निकालो.... मुझे यहां बहुत अजीब लग रहा है... मैं कोई कैदी नहीं हूं.... तुम लोग मेरी बात सुन रहे हो?"

ओरायन सामने खड़े रोबोट गार्ड्स को देख चिल्ला रहा था, मगर उन मशीन पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।

काफ़ी देर चिल्लाने के बाद, ओरायन ने अपने ए.आई. एटलस से कहा, "बडी... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है... मैं बुरी तरह से फंस चुका हूं। तुम कुछ आइडिया दो।" मगर तभी ओरायन ने देखा कि एटलस कोई जवाब नहीं दे रहा है, ओरायन बेचैनी से एटलस का नाम लेने लगा। ओरायन को चिल्लाता देख, उसके उस विशेष कक्ष में लगे स्पीकर से आवाज़ आई, "ओरायन कुछ वक्त तक के लिए तुम्हारा ए.आई. सिस्टम को क्रैश कर दिया गया है, ताकि तुम प्रिजन में रह कर, कुछ प्लान ना बना सको। इसलिए तुम्हारा ए.आई. कोई जवाब नहीं दे रहा।"

ओरायन पूरी तरह से गुस्से से कांप उठा, उसने पैर पटकते हुए कहा, "ये क्या बकवास है.... ये गलत है, तुम लोग मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो?" "ओरायन तुम कैदी हो और तुम्हारे साथ यही होना चाहिए.... इसलिए अब शोर मचाना बंद करो.... नहीं तो अच्छा नहीं होगा...." स्पीकर से आवाज़ आई, मगर ओरायन शांत होने की बजाय और भी ज़्यादा आक्रोश में आ गया। उसने चिल्ला कर कहा, "मैं शांत नहीं बैठूंगा.... तुम लोग मेरे साथ बहुत गलत..."

ओरायन आगे कह पाता कि उसे एक इलेक्ट्रिक शॉक लगा, ओरायन झटका खा कर ज़मीन पर गिर गया।

ओरायन को अंदर से वीकनेस जैसा लगने लगा था मगर वो किसी भी क़ीमत पर हार नहीं मानने वाला था। उसने अपनी मुट्ठियां भींचते हुए कहा,

ओरायन:"अगर मैं यहां से बाहर निकला, तो मैं उस पोर्टल को पूरी तरह से खोल दूँगा। मुझे कोई नहीं रोक पायेगा।"

ओरायन को ये बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि वो जितनी भी बातें इस वक्त कर रहा है, वो सब कुछ दूसरी दुनिया में लूना सुन रही थी। इधर दूसरी तरफ़ काउंसिल ऑफ लॉजिक के सारे सदस्य कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे हुए थे। तभी डेविड ने कहना शुरु किया, "जेंटलमेन... ओरायन ने जाने अनजाने में एक बहुत ही खतरनाक ए.आई..... नेमेसिस को वापस से एक्टिवेट कर दिया है, जो कि अच्छी बात नहीं है..... और मैं चाहता हूं कि आप सब हर वक्त ओरायन पर नज़र रखें, मैंने उसके ए.आई. सिस्टम को तो क्रैश करवा दिया है लेकिन ओरायन बहुत चालाक है, वो जेल में बंद होने के बाद भी बहुत कुछ कर सकता है।"

"नो वॉरीज़ बॉस.... मैंने विशेष स्पाई रोबोट्स को चारों तरफ़ एक्टिवेट कर रखा है, ओरायन के घर से लेकर उसके लैब, और तो और उसके जितने भी दोस्त रिश्तेदार हैं, हर किसी के आस पास मेरे स्पाई रोबोट्स हैं... इस बार वो ओरायन कुछ भी करेगा तो मुझे पता चल जायेगा।" काउंसिल के एक सदस्य ने कड़क आवाज़ में कहा।

डेविड ने सारी बातें सुनने के बाद मन में कहा, "ओरायन तुम एक होनहार साइंटिस्ट थे, मगर तुमने गलत रास्ता चुन लिया..... अब तुम्हारी लाइफ आसान नहीं होने वाली..."

लूना की पूरी बात सुनने के बाद, तारा ने अपनी दोस्त को समझाते हुए कहा,

तारा: लूना मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम फिर से किसी अजीब सपने में जा रही हो... इसलिए कह रह हूँ कि तुम पहले अपने दिमाग़ को शांत करो... अगर नहीं हुआ तो मैं तुम्हारे बाबा से बात करके देखूंगी... वो एल्डर्स से...."

लूना:"नहीं तारा... बाबा से कुछ भी मत कहना.... मैं नहीं चाहती कि मेरे कारण उनको और दुःख हो.... मैंने पहले ही अपने मां बाबा को बहुत दुःख पहुंचाया है।"

लूना ने तारा को समझाते हुए कहा, तारा कुछ ही कहने वाली थी कि उसने देखा, लूना एक बार फिर से ब्लैंक हो गई है। इधर लूना को फिर से ओरायन की आवाज़ सुनाई पड़ी, "क्या ये सब तर्कहीन है, या सच में कुछ है?"

इस आवाज़ को सुनते ही लूना हड़बड़ाते हुए अपने होश में आई और तारा को देखते हुए कहा, "तारा तुमने सुना... तुम तो मेरे एकदम पास हो... क्या तुमने सुना?" "क्या सुना... किस बारे में कह रही हो लूना?" तारा ने चौंकते हुए पूछा, लूना ने उसे बताया, "वही आवाज़... जिसे मैंने अभी अभी सुना... तारा ये कोई सपना नहीं है, ये सब कुछ हकीकत है.... समझ नहीं आ रहा है कि आखिर ये सब कुछ मुझे ही क्यों सुनाई दे रहा है।"

"वही ना लूना.... ये मुसीबत कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है... पहले तुम सिर्फ़ ब्लैंक होती थी मगर अब उस आवाज़ का सुनाई देना..." तारा ने घबराते हुए कहा, वो पूरी तरह से डर गई थी।

दोनों दोस्त आपस में बातें कर रहे थे, वहीं इधर चारों एल्डर्स उसी पुराने रहस्यमय सूर्य मन्दिर के सामने आपस में बैठ कर बातें कर रहे थे। मार्को ने मंदिर को देखते हुए कहा, "हमें इस बार ख़ास ख्याल रखना होगा कि कोई भी दोबारा यहां आने ना पाए..." "कोई तो नहीं आयेगा... मगर मुझे उस लड़की लूना का डर है, वो बहुत ज़िद्दी है।" दुसरे एल्डर ने गुस्से से कहा।

तभी पीछे से आवाज़ आई, "मेरी बेटी को सजा दे देने के बाद भी आपके मन को शांति नहीं मिली सीनियर..."

एल्डर्स ने मुड़कर देखा तो सामने धूमकेतु खड़े थे, मार्को ने आगे आकर कहा, "आप गलत समझ रहे हैं और रही बात हमारी तो आप हमारी जगह रह कर सोचिए... आपको तब एहसास होगा कि हम जो कह रहे हैं, वो सही है।"

"मैं समझ रहा हूं...और इसलिए तो मैंने उस वक्त भी कुछ नहीं कहा, जब आपने मेरी लूना को सजा सुनाया... लेकिन मैं यहां आप सब को एक बात बताने आया हूं..." इतना कहने के बाद धूमकेतु ने लूना के ब्लैंक होने वाली प्रॉब्लम के बारे में बताया, जिसे सुनने के बाद चारों एल्डर्स हैरानी से एक दुसरे को देख रहे थे।

धूमकेतु ने आगे कहा, "मैं बस आपसे बस यही कहने आया था कि अगर हो सके तो मेरी बेटी को जल्द आज़ाद कर दीजिएगा।"

"आप इस तरह मत कहिए धूमकेतु जी.... लूना हमारी भी बेटी है...और उसके लिए ये सबक बहुत ज़रूरी है ताकि आगे वो दोबारा ऐसा कुछ ना करे और ना ही बाकी के लोग ऐसा कुछ करने के बारे में सोचे...." मार्को ने पूरी बात बताई, धूमकेतु ने उन्हें प्रणाम किया और अगले ही पल हवा में उड़ते हुए वहां से जाने लगे।

वो वहां से जाते कि इससे पहले ही मार्को ने कहा, "धूमकेतु जी... आप जब यहां आ ही गए हैं... तो हमारा एक काम कर दीजिए..."

"कैसा काम... मैं समझा नहीं...?" धूमकेतु ने हैरानी से पूछा,

दुसरे एल्डर ने सामने सूर्य मंदिर की ओर इशारा करते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि इस मंदिर को आप अपनी जादूई शक्तियों से एक सुरक्षा कवच में बांध दें, आप इस दुनिया के सबसे पुराने जादूगर परिवार में से एक हैं... आपका जादू आसानी से टूटेगा नहीं...."

"ठीक है...." कहते हुए धूमकेतु ने अपनी आँखें बंद की और हवा में आसन लगा कर बैठ गए, इसके बाद वो अपनी जादुई शक्तियों को जागृत करने लगे।

इधर चारों एल्डर्स को तभी एहसास हुआ कि लूना बार-बार ब्लैंक हो रही है और वो मन ही मन कुछ बड़बड़ा रही है। मार्को ने बाकी तीनों एल्डर्स से कहा, "मुझे लग रहा है कि वो लड़की कहीं कोई और जादू का इस्तेमाल नहीं कर रही..."

"अगर ऐसा है तो फिर हमें उस पर नज़र रखनी होगी। ये बात धूमकेतु जी को पता नहीं चलनी चाहिए... लूना के ऊपर हमें ही अपनी शक्तियों से नज़र रखना होगा..." तीसरे एल्डर ने कड़क आवाज़ में कहा, अगले ही पल मार्को ने कुछ सोचते हुए अपनी आँखें बंद की और थोड़ी ही देर में दो आँखें वहां प्रकट हो गई।

मार्को ने दोनों आँखों को ऑर्डर देते हुए कहा, "तुम्हें लूना की हर हरकत पर नज़र रखना है... और ध्यान रहे उसे कुछ पता नहीं चलना चाहिए।"

ऑर्डर सुनते ही वो दोनों आँखें गायब हो गई। उधर धूमकेतु जी मंदिर के चारों तरफ़ सुरक्षा कवच बनाने में लगे हुए थे।

इधर जेल के अंदर, लूना तारा को सब कुछ बता रही थी कि वो आवाज़ किस तरह की है, उसका क्या मतलब है?

इसी बीच अचानक से लूना को एक बार फिर से ओरायन की आवाज़ सुनाई पड़ी,

ओरायन:"क्या ये सब तर्कहीन है, या सच में कुछ है?"

इस बार लूना ने फ़ैसला किया कि वो इस सवाल का जवाब देगी, उसने थोड़ा झिझकते हुए कहा,

लूना:"तुम कौन हो?"

क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए 

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