लूना ने जैसे ही उस आवाज़ को सुन कर अपना सवाल पूछा, उसने महसूस किया कि वो आवाज़ आनी अचानक से बंद हो गई है। उसे समझ नहीं आया कि आखिर ये हुआ क्या, लूना ने दोबारा पूछा,
लूना:"मेरी आवाज़ सुन पा रहे हो... बताओ तुम कौन हो?"
तारा लूना को इस तरह बड़बड़ाते हुए देख कर बुरी तरह से परेशान हो चुकी थी। उसने ख़ुद से कहा, "कहीं लूना इन सब चीजों के कारण पागल तो नहीं हो रही है.... नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए..." इतना कहते ही तारा ने लूना को झकझोरते हुए कहा, "लूना क्या वो आवाज़ अब भी तुम्हें सुनाई दे रही है?"
लूना ने तारा को देखते हुए, दृढ़ता से जवाब दे कर कहा,
लूना:"हाँ, और मुझे यकीन है कि वो असली है। मैं यहाँ और नहीं रुक सकती, तारा... तुम समझ रही हो न... ये सब हमारी सोच से परे है और बहुत गहरा रहस्य है, इन सब का...."
लूना की बात तारा ने समझते हुए कहा, "मैं समझ रही हूं लेकिन लूना, अगर एल्डर्स को पता चला तो?" लूना इस वक्त एल्डर्स का नाम तक नहीं सुनना चाहती थी, उसने तारा की बात को काटते हुए कहा,
लूना:"वो सब मैं नहीं जानती... मुझे बस इतना पता है कि मैं बाहर निकलने का रास्ता ढूँढ चुकी हूँ।"
इधर दूसरी तरफ़ टेक्नोटोपिया में ओरायन अपने विशेष कक्ष में अचानक से बहुत ही शांत होकर बैठ गया था और मन ही मन कुछ कैल्कुलेशन्स कर रहा था। तभी सामने से आवाज़ आई, "इस तरह भूखे प्यासे कब तक बैठा रहेगा..." ओरायन ने सामने देखा, नोवा चलता हुआ आ रहा था। ओरायन के पास नोवा ने आकर कहा,
नोवा:"बहुत मुश्किल से परमिशन मिली है ओरायन.... ये ले मैं तेरे लिए कुछ खाने के लिए लेकर आया हूं।"
इतना कहने के साथ नोवा ने एक डिजिटल बॉक्स ओरायन की तरफ़ बढ़ाया, ओरायन ने जैसे ही उस पर अपना फिंगरप्रिंट डाला, उसने देखा एक एप्पल और कुछ बॉयल्ड वेजिटेबल्स उसमें हैं। "तू भी वही बोरिंग खाना ले आया...." झल्लाते हुए, ओरायन ने कहा। नोवा उसके सामने बैठते हुए बोला, "काउंसिल अब और सख्ती से तुझ पर नजर रख रही है। तुझे कुछ भी करना है, तो अब ही मौका है.... इसके बाद शायद तुझे मौका ना मिले..."
"हां जानता हूँ.... और मैं उस पोर्टल तक पहुँचने का तरीका जानता हूँ। मैं यहाँ और रुकने वाला नहीं हूँ।" इतना कहने के बाद ओरायन ने कहा,
ओरायन:"लेकिन ये सब तब होगा जब मेरा बडी एटलस मेरे साथ होगा... उसका पूरा सिस्टम क्रैश हो चुका है.... मुझे लगा था तू कोई सॉल्यूशन लेकर आया होगा..."
नोवा ने एप्पल की तरफ़ इशारा करते हुए कहा, "लाया तो हूँ... तू ही नहीं देख पा रहा..." ओरायन ने जैसे ही एप्पल को हाथ में लिया, उसे कुछ गड़बड़ लगा, उसने तभी देखा एप्पल के बीचों बीच एक होल है, जिसमें ग्रीन चिप लगा हुआ था। "इस चिप से तो मेरे ए.आई. एटलस का पूरा सिस्टम रिफ्रेश हो जाएगा और वो पूरी तरह से ठीक हो जायेगा।" मन में कहते हुए ओरायन ने अपने जिगरी दोस्त नोवा को थम्स अप दिखाया। नोवा ने तपाक से पूछा, "तो अब क्या करने वाला है तू?" "सिर्फ़ मैं नहीं... तुझे भी कुछ करना होगा?" कहते हुए ओरायन ने आंख मारी।
लूना और ओरायन अब अपनी दुनिया से भागने की तैयारी कर रहे थे। उनके दिल में बस एक ही लक्ष्य था—उस पोर्टल तक पहुँचना, जहाँ उनकी सच्चाई छिपी थी।
इधर आर्केडिया के जेल में, लूना के सामने बैठी तारा ने पूछा, "लूना तुम जो सोच रही हो, उसमें बहुत खतरा है.... हर बार हमने जब भी ऐसा कोई कदम उठाया है... उसका परिणाम बुरा ही हुआ है।"
तारा का डर देख कर, लूना ने उसे समझाते हुए कहा, "मगर इस बार हम नहीं पकड़े जाएँगे.... तारा इस बार मुझे उस दरवाज़े तक पहुँचना ही है..."
इतना कहने के बाद लूना ने आंखों में जुनून लाते हुए कहा,
लूना:"क्योंकि इस बार या तो आर या पार.... और मैं तुमसे वादा करती हूं, अगर इस बार मैं कामयाब नहीं हो पाई तो तुम जैसा कहोगी, मैं वैसा ही करूंगी।"
तारा:"ठीक है लूना... मुझे तुम पर विश्वास है... अब बताओ करना क्या है?"
तारा ने जैसे ही ये पूछा, लूना तारा को उस जेल के कमरे के कोने में ले गई, दोनों पर्दे के पीछे चले गए। तारा समझ नहीं पा रही थी कि आखिर लूना करने क्या वाली है?
तभी लूना ने जादूगर क्रोनोस का वो जादुई लॉकेट निकाला, जिसे उन्होंने लूना को अपने घर पर दिया था। इसके बाद लूना तारा को पूरा प्लान बताने लगी।
थोड़ी ही देर में उस जादुई लॉकेट की मदद से, लूना ने तारा का रुप ले लिया और जेल के बाहर आ गई। इधर असली तारा बिस्तर पर तकियों के बीच मुंह छिपा कर सो गई। लूना जो कि तारा का रुप लेकर बाहर आई थी, उसने बाहर खड़े सैनिक से कहा, "आपका धन्यवाद, जो आपने मेरी बात सुनी और मुझे लूना के पास जाने दिया..."
"हां... हां अब जाओ यहाँ से.. और हां ये बात एल्डर्स तक नहीं जानी चाहिए... वरना...." सैनिक ने तारा को वॉर्न किया, जो कि असल में लूना थी। लूना बाहर जाने के बाद जेल के मुख्य दरवाज़े के पीछे छुप गई और अंधेरा होने का इंतज़ार करने लगी। इधर जेल के अंदर, असली तारा अचानक से रोने लगी, उसकी आवाज़ सुन सारे सैनिक हड़बड़ा कर उसके पास आए, उन्होंने जैसे ही जेल के अंदर तारा को देखा, वो हैरान हो गए।
"ए!!.... लड़की तुम तो कुछ घंटे पहले बाहर चली गई थी ना..." एक सैनिक ने पूछा, जिसे लूना ने तारा के रूप में धन्यवाद कहा था। तारा ने रोने का नाटक करते हुए कहा, "नहीं... मेरे साथ बहुत गलत हुआ है... मेरी दोस्त ने मुझे धोखा दिया है..." "लड़की रोना बंद करो और बताओ आखिर ये क्या माजरा है, लूना कहाँ है?" सैनिक ने दांत पीसते हुए पूछा।
तारा ने सिसकते हुए कहा,
तारा:"थोड़ी देर पहले जो तारा बाहर गई, वो असल में लूना थी... उसने मुझे यहाँ बेहोश कर दिया और खुद मेरा रूप लेकर भाग गई... मुझे बाहर निकालो.... मेरे साथ धोखा हुआ है..."
सारे सैनिक अब एक दुसरे को देखने लगे। तभी एक सैनिक ने कहा, "इस जेल के अंदर तो किसी का जादू नहीं चलता तो फिर ये हुआ कैसे?" "वो मैं नहीं जानती... मुझे बाहर निकालो..." तारा ने कहा ही था कि एक सैनिक ने उसे डांटते हुए कहा, "चुप... एकदम चुप... तुम दोनों सहेली हो... ज़रूर तुम उससे मिली होगी..."
कहते हुए वो सैनिक तारा की ओर बढ़ने लगा, तारा बुरी तरह से घबरा गई। सैनिक उसे छूने ही वाला था कि अचानक से चारों तरफ़ घुप अंधेरा हो गया। "ये क्या हुआ अब... जल्दी से बत्ती जलाओ... कहीं ये लड़की भाग न जाए..." हेड सैनिक ने चिल्लाते हुए कहा। तभी जेल के अंदर गए सैनिक ने जवाब दिया, "चिन्ता मत कीजिए... मैंने लड़की को पकड़ रखा है...."
सारे लोग अंधेरे में यहां वहां एक दूसरे से टकरा रहे थे। पूरे जेल के अंदर हड़कंप मच चुका था, जितने भर में वो जेल बना हुआ था, वहां सब कुछ आम दुनिया जैसा था, उस जगह पर जादू जैसा कुछ नहीं था, मगर लूना के पास क्रोनोस का जादूई लॉकेट था, इस कारण से उस पर जादू काम कर गया था।
वहां खड़े सैनिक ने तुरंत अपनी जेब से एक डब्बा निकला जिसका आकार एक पतली बोतल के सामान था उसका ढक्कन खोलते ही उसमें से छोटे जुगनू जैसे कई सारे कीड़े निकले जिन्होंने धीरे-धीरे उस काल कोठरी को फिर से रोशन कर दिया। जब तक रोशनी आयी तारा वहां से जा चुकी थी और सामने जो सैनिक खड़ा था, वो एक दुसरे सैनिक को पकड़े हुए था।
"गधों... वो लड़की भाग गई... जल्दी से उन्हें ढूंढो... नहीं तो एल्डर्स हमारी जान ले लेंगे..." हेड सैनिक ने गर्जते हुए कहा, अगले ही पल सारे सैनिक चारों तरफ़ फैलने लगे, ताकि लूना और तारा को पकड़ सकें।
इधर दूसरी तरफ़ टेक्नोटोपिया में ओरायन ने अपने ए.आई. सिस्टम एटलस को वापस से ठीक कर लिया था और नोवा ने मौका रहते ही, उस पूरे प्रिज़न और उसके सिक्योरिटी सिस्टम का ब्लू प्रिंट ओरायन को दे दिया था। नोवा उस प्रिज़न से बाहर आ चुका था, वहीं उसके बाहर आते ही ओरायन ने एटलस से कहा,
ओरायन:"बडी..... मैंने यहाँ के पूरे सिस्टम का डेटा.... इंसरट कर दिया है... तुम्हें बस अब एक काम करना है.…... सामने दो रोबोट गार्ड्स खड़े हैं... क्या तुम उनके सिस्टम में जाकर, उन्हें कुछ देर के लिए न्यूट्रल कर सकते हो।"
एटलस:"हां बॉस... हो जाएगा...जस्ट वेट एण्ड वाच..."
कहते हुए एटलस सीधा दोनों रोबोट्स के सिस्टम के अंदर घुस गया और कुछ ही मिनट में दोनों रोबोट गार्ड्स, अपनी ड्यूटी करने के बजाय, एक दुसरे के साथ बैठ कर बातें करने में लग गए। मौक़ा देखते ही, ओरायन ने अपने प्रिज़न का सिक्योरिटी लॉक हैक किया और बाहर आ गया। उसने देखा, चारों तरफ़ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, ओरायन ने सीधा एटलस के ज़रिए, नोवा के ए.आई. के पास मैसेज भिजवाया।
नोवा जो कि पहले से ही तैयार बैठा हुआ था, उसने पूरे प्रिज़न के सीसीटीवी को हैक कर लिया, अब फुटेज में सिर्फ़ ग्लिच दिखाई दे रहा था। "ओरायन ये मौका दोबारा नहीं मिलेगा..." इतना कहने के साथ ही बचते बचाते, जैसे ही ओरायन बाहर निकला, अचानक से चारों तरफ़ सायरन बजने लगा।
ओरायन कुछ समझ पाता कि एटलस ने कहा, "बॉस.... जल्दी यहां से निकलो... डेंजर..." ओरायन सामने की तरफ़ भागने की सोच ही रहा था कि उसे 4-5 रोबोट गार्ड्स आते हुए दिखाई दिए। ओरायन उनको चकमा देने के लिए दूसरी तरफ़ भागने लगा। अचानक से वहां फायरिंग होने लगी। जैसे तैसे करके, ओरायन वहां से बाहर निकला, सामने नोवा फ्लाइंग बाईक लेकर खड़ा था। "चल बैठ, नहीं तो पकड़े जाएंगे!" कहते हुए नोवा ने बाइक स्टार्ट की और ओरायन के बैठते ही, वो तेज़ रफ़्तार से बाइक हवा में दौड़ाने लगा।
कुछ दूर आगे जाने के बाद, ओरायन और नोवा को ढेर सारे हेलीकोप्टर्स दिखाई पड़े, नोवा ने परेशान होते हुए कहा, "ओरायन अब हम फंस चुके हैं...." "मैं जानता हूँ.... हमें कहाँ जाना है, तू बस बाइक कंट्रोल करते हुए स्पीड से भगा...." ओरायन ने कुछ सोचते हुए कहा। नोवा ओरायन के दिए डायरेक्शन के अनुसार बाइक भगाने लगा। थोड़ी ही देर में काउंसिल के गार्ड्स भी चारों तरफ़ फैलने लगे, ओरायन को पकड़ने के लिए।
इधर दूसरी तरफ़ आर्केडिया में लूना एक झाड़ी के पास छुपी हुई थी कि सामने से तारा दौड़ती हुई आई। तारा ने लूना को कहा, "लूना मैंने सभी को चकमा दे दिया है... अब बताओ... कहां जाना है?"
"वहीं उसी पोर्टल के पास..... उसी के लिए तो मैंने इतना सब किया है..." लूना ने कहा ही था कि अचानक से उसकी नज़र ऊपर की ओर गई, उसे एक पल के लिए लगा वहां कुछ है।
"क्या हुआ लूना... क्या देख रही हो?" तारा ने लूना को खोया हुआ देख पूछा, लूना ने तभी तारा के कान के पास आकर कहा, "तारा... मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि कोई हम पर नज़र बनाए हुए है... वहां ऊपर मैंने अभी कुछ देखा..."
तारा और भी ज़्यादा सावधान हो गई, उसने लूना से कहा, "अगर ऐसा है तो फिर हमें गुप्त सुरंग से उस अनोखे दरवाज़े के पास पहुंचना होगा...."
अगले ही पल तारा और लूना वहां से आगे बढ़ी, कुछ दूर आगे जाने के बाद, उन्होंने देखा दो आँखें उनका पीछा कर रही हैं। लूना कुछ समझ पाती कि तारा ने चिल्लाते हुए कहा, "लूना... एल्डर्स को सब पता चल गया है.... ये उन्हीं का जादूई जासूस है... जल्दी भागो यहाँ से...."
दोनों अपनी जगह से हिले ही थे कि तभी अचानक से उन्हें सामने से कई सारे सैनिक गुस्से में आते हुए दिखे। लूना संभल पाती इससे पहले ही कि एक उड़ती हुई रस्सी आई और लूना के पैरों से लिपट गई।
लूना:"तारा... इस रस्सी को हटाओ... मैं भाग नहीं पा रही हूं... वो सैनिक भी पास आ रहे हैं... हम पकड़े जाएंगे...."
लूना ने चिल्लाते हुए कहा, मगर उसे भी समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे? तभी लूना ने क्रोनोस का दिया जादुई लॉकेट इस्तेमाल किया और वो एक खरगोश बन गई। खरगोश बनते ही लूना रस्सी से आज़ाद हो गई और जंगल की तरफ़ भागने लगी। तारा भी अपनी जादूई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ रही थी।
लूना और तारा जंगल की तरफ दौड़ रही थी और दूसरी तरफ ओरायन और नोवा टेक्नोटोपिया के सीक्रेट रास्तों से होते हुए ओरायन के अपार्टमेंट तक पहुँचने की कोशिश कर रहे थे, जहां पर ओरायन दोबारा उस पोर्टल को खोल सके। इस वक्त दोनों का लक्ष्य एक ही था, पोर्टल तक कैसे भी करके पहुंचना।
इधर टेक्नोटोपिया में बहुत कोशिश करने के बाद, ओरायन और नोवा आखिरकार ओरायन के अपार्टमेंट पहुंच गए। दोनों जैसे ही कमरे के अंदर गए, उन्होंने देखा कि सामने बड़ी सी स्क्रीन पर ग्लिच दिख रहा है। ओरायन को यह कुछ ठीक नहीं लगा, उसका घर तो अब तक सील हो जाना चाहिए था पर यहाँ कोई गार्ड नहीं था ये देख कर उसे अजीब लगा।
तभी उन दोनों के कानों में आवाज़ आई, "ओरायन... हमने तुम्हें चारों तरफ़ से घेर लिया है.... ख़ुद को हमारे हवाले कर दो..."
नोवा ने जैसे ही खिड़की का पर्दा हटा कर देखा, तो चौंक गया। सामने सारे गार्ड्स, काउंसिल के लोग फ्लाइंग व्हीकल में ओरायन के अपार्टमेंट के बाहर खड़े थे।
"ओरायन हम अब गए काम से...." नोवा ने माथे से पसीना पोंछते हुए कहा।
मगर ओरायन ने उसकी बात को इग्नोर कर दिया और पोर्टल को खोलने की कोशिश में लग गया।
ठीक उसी वक्त दोबारा काउंसिल के गार्ड की आवाज़ आई, "अगर एक मिनट के अंदर तुम हमारे सामने नहीं आए तो हम बालकानी का मिरर तोड़ते हुए अंदर आ जायेंगे..."
इधर ओरायन ने सब कुछ सेट करने के बाद, जैसे ही ग्रीन बटन दबाया, उसकी स्क्रीन पर वो पोर्टल दोबारा खुलने लगा।
इधर आर्केडिया में लूना और तारा भी एल्डर्स और बाकी सैनिकों से बचते हुए उस बरगद के पेड़ तक पहुंच गए थे, जहां पर वो पोर्टल था। लूना ने देखा, उस पोर्टल से रौशनी आना शुरू हो गई है। धीरे-धीरे वो पोर्टल अपने आप खुलने लगा।
लूना पूरी तरह से एक्साइटेड हो गई। उसे इस तरह देख तारा ने कहा, "हमारी दुनिया की सबसे बड़ी गलती हो सकती है ये.. लूना..."
"अब मुझे परवाह नहीं तारा..." कहते हुए लूना पोर्टल के सामने खड़ी हो गई, धीरे-धीरे पोर्टल से हवा आनी शुरू हुई और लूना को अंदर खींचने लगी।
तारा ने देखा एल्डर्स क़रीब आ चुके हैं।
वहीं लूना जैसे ही पोर्टल के अंदर गई, उसने अपने सामने पहली बार ओरायन को देखा।
ओरायन ने भी जैसे ही लूना को देखा, वो हैरानी से बोला, "हू आर यू??"
क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए
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